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  • 16 hours ago
बिहार में एक ऐसी जगह है, जहां 29 सालों में दहेज का कोई केस नहीं आया है. यहां दहेज लेने पर होता है सामाजिक बहिष्कार.

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00:00बिहार
00:30दहेज उत्पीडन का एक भी केस नहीं हुआ
00:32पशिम चंपारण के बगहा अनुमंडल में बसा गुभरिया थानाक्षेत्र
00:37यहाँ थारू समाज रहता है
00:39सदियों से इनकी परंपरा चली आ रही है
00:42जिसके तहट ना दहेज मांगा जाता है ना दिया जाता है
00:46अगर कोई गलती से मांग भी ले तो पूरा समाज उसे बहिश्कृत कर देता है
00:50और यही समाजिक बहिश्कार सबसे बड़ा डंड है
01:16अगर कोई मामला होता है तो आप लोग आपस में बड़े लोग मने सब समय से असुल जा देह लोग
01:44पहले थारू बाराती अपने साथ भूंजा लेकर जाते थे
01:48बेटी वाले के घर रात का खाना तक नहीं खाते थे
01:51एक लोटा थाली में शादी हो जाती थी और आज भी यही सादगी कायम है
01:57कहानी देखी अब हमनी की सब पहले के समय के बात वा
02:02कि जो हमनी साधी भी आमें बारात में जाए जाए जाए जाए तो अपन घरे से भूजा उजा लेकर जाएती जाए जाए
02:11रात में बेठिया हमनी के खाना ना किया थे अपन जाए जाए जाए जाए बहुजा ले जाए जाए जाए जाए जाए जाए
02:41। भगह के S.P.S. उशांत कुमार सरोज कहते हैं,
02:47थारू समाज की परंपराएं एक अद्रिश्य कानून की तरह काम करती है,
02:52जो पुलिस से भी ज्यादा प्रभावी है।
02:54यह बहुत एक अच्छी बात है, यह पुलिस और पब्लिक में अच्छा सम्बन्द है,
03:00जो छोटे मोटे मामले हैं, वो पंचायत अस्तर से हल हो जाता है, और थाना ने मुका नहीं मिलता है।
03:05वहां के लोग बहुत शांती पिड़े आदमी है।
03:10बुझेव के बार जाने के मुका वह लगा है।
03:12गोभरिया थाना खशेतर सिर्फ दहेज मुक्त नहीं, अपराध मुक्त भी है।
03:37ये साबित करता है कि जब समाज खुद जाग जाए, तो ना कानून की जरुवत पड़ती है ना पुलिस की।
03:43बगह से ETV भारत के लिए जितेंदर कुमार की रिपोर्ट।
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