00:309.9.25 को उत्रा खंटर जद जयनती वर्स मना रहा है।
00:34इस मौगे पर ATV भारत ने पहाड से पॉलिटिकल पलायन पर खास रिपोर्ट तयार की है।
00:38इस रिपोर्ट में हम आपको पहाड पलायन और पॉलिटिक्स कैसे एक दूसरे से जुड़े हैं ये बताएंगे।
00:42आईए सबसे पहले इन 25 सालों में पहाड से पलायन करने वाले दिगज देताओं की एक लिस्ट पर नजार डालते हैं।
01:02इस लिस्ट में आगला नंबर रमेश पोक्रियाल निशंक का है।
01:32आई देखिए, पलायन का मुद्दा जो आपने उठाया है बिलकुल सही है और जाइज है।
01:38जिस तरह से हम पलायन करने जा रहे हैं, चाहे वो नेता हो, चाहे वो यूवा हो, खुल मुला करके ये उट्राकंड के हित के लिए ठीक नहीं है।
01:49मैंने कहा है पहले कि दुर्वाग्या है कि हम सभी लोग मिलकुल सहर की और भाग रहे हैं।
01:57पहाडों की चिंता हम नहीं करेंगे तो कौन करेंगा।
02:00इसलिए मैं अपने आप में भी इस बात को मैसुच कर रहा हूँ कि मैंने भी अपने आपको प्लाइन किया है।
02:08मैं मूल निवासी तीहरी गड़वाल का रहने वाला हूँ और किन्तु मेरी एक मजबूरी थी राजितिक बेगती हूँ।
02:15इसलिए मेरी सीट वहां पर बाकैदा आरक्षित नहीं हो पाई। वो सामान्य हुई। इसलिए मैंने इन संगठत से निविदन किया कि मुझे अस्ताफित किया जा। इसलिए मैं भी इजब सीट में से अब तेरा दून से पिधाय हूँ।
02:28वहीं कॉंग्रेश निता गणेश गोद्याल पॉलिटिकल पलायन को समिकरोन और सहुलितों से जोडते हैं। आप भी सुनिये उन्होंने क्या कहा।
02:58प्रास्तों को अपने जिंदगी का मकसद समझते हैं। और आज भी उनी लोगों के साथ संगर्षत हैं। ऐसे भी लोग है। वहराल इसका इक दूसरा पक्स भी है कि हमारे पहाडों से अधिकांस लोग नीचे सहरों की तरफ आकर बसके हैं। आबादी का एक बड़ा पृत
03:28अपनी सहज्ता, राजनितिक सहज्ता और आसान को देखते हुए लोग नीचे आ रहे हैं। अब बड़े नेता होगा है। वहता है कि उनको आसानी से जगह मिल जाती है तो उनको ज्यादा आसान होता है। नए लोग जो संगर्ष कर रहे होते हैं। उनको यह नही है कि उनक
03:58उत्राखंड रजट जैन्ति वर्ट्स के मौके पर नेताओं के पहार से पलायन की कहानी इसलिए जरूरी हो जाती है
04:03क्योंकि यही नेता पलायन को रोकने के लिए बड़े बड़े दावे करते हैं
04:06मगर जब खुद पर बात आती है तो यह नेता सेफ एक्जिट ले लेते हैं
04:10ETV भारत के लिए देरदून से नवीन उन्याल की रिपोर्ट
Be the first to comment