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संसद में 'वंदे मातरम' के नारे को लेकर आई सदन की एडवाइजरी के बाद बवाल बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल राज्यसभा सचिवालय ने 24 नवंबर को जारी बुलेटिन में सदन में 'वंदे मातरम', 'भारत माता की जय' जैसे किसी तरह के नारे नहीं लगाए जाने की सलाह दी थी। लेकिन विपक्ष को इस बुलेटिन पर आपत्ति है। विपक्ष की मानें तो 'वंदे मातरम और भारत माता' की जय जैसे नारे देशभक्ति के प्रतीक हैं और इन पर रोक लगाना गलत है। विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है।   

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Transcript
00:00ुपक्ष इस मुद्धे पर
00:29बीजेपी पर हमलावर है
00:59सदन में जब हमार प्रधार मंत्री जी नरंदर मोदी जी जब प्रवेश करते हैं तो वो कोई राजितिक मंच नहीं है वो संसद है
01:07मोदी मोदी इस प्रकार के जो चीजे आती है तो मैं समाता हूँ कि अगर उसके गरीमा के विप्रीत अगर ये उनके कृत है
01:16मोदी जी को कहना चाहूँगा उनके पूरी टीम को कहना चाहूँगा
01:20मोदी जी कभी बिरोध भी ने के प्रतिकार भी ने किया है मैं समाता हूँ आत्मुग्ध आत्मरसनसा वाली बाते आती है
01:26जहां तक बंदे मातरम की बात है ये हमारे निश्चित रूप से हमारे ना किवल सुत्ता संग्राम के वक्त भी है
01:35बची जे हमारे लिए बहुत गौरों को विशारा है लेकिन किस वक्त पे किन चीजों को क्या करने चाहिए
01:40no need to move,
01:43we have to keep this.
01:46That one who dominated the countries
01:49with the British soldiers
01:52and their fighting for independence,
01:56that one who was given a couple of Britishers
01:58and they were told that
02:02the other one called the Patriotism
02:03which only articles
02:04from the other state
02:05that your government and the other
02:06cannot call it as a part of one.
02:08foreign
02:24foreign
02:26foreign
02:36foreign
02:38रास्ट्य गीत वंदे मातरम के प्रती प्रेंजातना हास्यस्पद है क्योंकि इतिहास ने उन्होंने ही इसे कमजोर किया था
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