शतभिषा नक्षत्र – वैदिक ज्योतिष का चौबीसवाँ नक्षत्र 🔮 यह नक्षत्र केवल 24वाँ नहीं है, बल्कि यह गहन अनुसंधान, चिकित्सा और आत्म-खोज की शक्ति का प्रतीक है। शतभिषा जातक रहस्यों को उजागर करने और सत्य की गहराई तक पहुँचने की अद्भुत क्षमता रखते हैं।
इस वीडियो में जानें Shatabhisha Nakshatra का संपूर्ण विश्लेषण:
ग्रह और देवता: इसका स्वामी ग्रह राहु (Rahu) और देवता वरुण (Varuna) हैं, जो जल, चिकित्सा और ब्रह्मांडीय नियम के प्रतीक हैं।
प्रतीक: इसका प्रतीक सौ औषधियों का घेरा (Healing Circle) है, जो संरक्षण और उपचार की शक्ति को दर्शाता है।
स्वभाव और व्यक्तित्व: ये जातक गहन विचारशील, रहस्यप्रिय, शोधपरक और आध्यात्मिक झुकाव वाले होते हैं। इनकी एकांतप्रिय प्रकृति इन्हें अनूठा बनाती है।
करियर और सफलता: चिकित्सा, शोध, ज्योतिष, विज्ञान, तकनीक, मनोविज्ञान और सामाजिक सुधार जैसे गहन क्षेत्रों में इन्हें सफलता मिलती है।
स्वास्थ्य प्रभाव: यह नक्षत्र तंत्रिका तंत्र, रोग प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
🔮 संतुलन के लिए उपाय: इस नक्षत्र के नकारात्मक प्रभावों को संतुलित करने के लिए:
राहु शांति उपाय और वरुण देव की उपासना करें।
ध्यान-साधना, जल दान और सामाजिक कार्यों में संलग्न हों।
गहरे नीले या काले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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