ज्येष्ठा नक्षत्र — वैदिक ज्योतिष का अठारहवां नक्षत्र ✨ यह नक्षत्र सम्मान, शक्ति, नेतृत्व और संरक्षण का प्रतीक है। इसका स्वामी बुध और देवता इंद्र देव हैं — जो बुद्धिमत्ता, वीरता और प्रतिष्ठा प्रदान करते हैं।
🌟 प्रतीक: कुण्डल (earring) — जो श्रेष्ठता, जिम्मेदारी और मान-सम्मान का द्योतक है।
👉 व्यक्तित्व: तेज बुद्धि, रहस्यमयी आकर्षण, आत्मसम्मान, नेतृत्व क्षमता और दूसरों की रक्षा करने वाला स्वभाव
👉 करियर: प्रशासन, सेना, राजनीति, प्रबंधन, मीडिया, सुरक्षा और खुफिया विभाग में सफलता
👉 रिश्ते: वफादार और रक्षक स्वभाव, लेकिन कभी-कभी अधिकारप्रियता या कठोर वाणी से दूरी पैदा हो सकती है
👉 स्वास्थ्य: भुजाएँ, हाथ और रक्त संचार तंत्र प्रभावित हो सकते हैं
✨ उपाय: इंद्र देव की उपासना, बुध मंत्र जप, ध्यान, अनुशासन और बड़ों का सम्मान व विनम्रता अपनाना शुभ है
इस वीडियो में विस्तार से जानिए: • Jyeshtha Nakshatra का अर्थ और महत्व • व्यक्तित्व, करियर, स्वास्थ्य व रिश्तों पर प्रभाव • वैदिक उपायों से जीवन में संतुलन कैसे लाएँ
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