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✨ Dhanishta Nakshatra – Rhythm, Prosperity & Abundance
धनिष्ठा नक्षत्र मंगल और अष्ट वसु देवताओं की ऊर्जा से भरा हुआ है, जो धन, दान, संगीत, नेतृत्व और जीवन की सक्रिय लय का प्रतिनिधित्व करता है।
इसका प्रतीक ढोल है — जो cosmic rhythm और celebration का संकेत है।

इस वीडियो में जानें:
✔ धनिष्ठा जातक का व्यक्तित्व और स्वभाव
✔ सामाजिक लोकप्रियता और नेतृत्व गुण
✔ करियर में सफलता — संगीत, मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, फाइनेंस
✔ स्वास्थ्य प्रभाव — रक्तचाप, पिंडली, हृदय
✔ रिश्तों में ऊर्जा और चुनौतियाँ
✔ मंगल और अष्ट वसु से जुड़े उपाय

🕉 उपाय: मंगल मंत्र जप, वसु देव पूजा, संगीत साधना और लाल/रजत/तांबे के रंग।

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Transcript
00:00धनिष्ठा नक्षत्र वैदिक जोतिश का तेस्वा नक्षत्र है।
00:04इसका स्वामी मंगल और इसके दिवता अश्ट वसु हैं।
00:09जो भौतिक समरिध्धी, संगीत और सामुहिक उर्जा के प्रतीक हैं।
00:14इसका प्रतीक ढोल अवाद्य यंत्र है, जो लय, ताल मेल और सामुहिक शक्ती को दर्शाता है।
00:22इस नक्षत्र के जातक पूर्जावान, सहसी, सामाजिक और नेत्रित्वक शमता से युग्ठ होते हैं।
00:29करियर में ये जातक संगीत, कला, खेल, सेना, इंजिनियरिंग, प्रबंधन और सामाजिक कारियों में सफलता प्राप करते हैं।
00:40यह नक्षत्र रक्ट संचार, रिदय और कान को प्रभावित करता है।
00:45रिष्टों में ये जातक मित्रवत और सहयोगी होते हैं।
00:49परंतु कभी-कभी अत्यधिक महत्वा कामशा या आत्म केंद्रित स्वभाव से जुनौतिया आ सकती हैं।
00:57संतुलन के लिए मंगल मंतर जब, वसु देवताओं की पूजा, संगीत साधना और लाल तामबे के रंग का प्रयोग शुभ माना जाता है।
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