उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थिति चार धामों में एक बदरीनाथ धाम के कपाट शीत काल के लिए बंद हो गया. मंगलवार दोपहर 2:56 मिनट पर कपाट बंद हुआ. मंदिर को 12 क्विंटल गेंदे के फूलो से सजाया गया. जिससे इसकी सुंदरता देखते ही बनती थी. सेना के बैंड की धुन और बदरी विशाल के जयकारे से धाम गूज उठा. पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालु इस पल के गवाह बने.भगवान बदरी विशाल , भगवान उद्धव और कुबेर की मूर्ति शीतकालीन प्रवास स्थल के लिए रवाना हो गई. इन मूर्तियों को शीतकाल के दौरान जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में विराजमान किया जाएगा. जहां भक्त इनके दर्शन कर सकेंगे.बदरीनाथ धाम अलकनंदा के किनारे स्थित है. जो भगवान विष्णु को समर्पित है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 31330 मीटर है. इस मंदिर के मुख्य पुजारी केरल से आते हैं. इस बार करीब 16 लाख 60 हजार श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए.
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