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  • 47 minutes ago
समुद्र में एक बार फिर भारत की ताकत में इजाफा हुआ है. भारतीय नौसेना के बेड़े में स्वदेश निर्मित एंटी-सबमरीन जहाज आईएनएस 'माहे' को शामिल कर लिया गया. नौसेना के मुंबई डॉकयार्ड में इसे कमीशन किया गया.  माहे  उथले पानी में चलने में सक्षम है.ये पश्चिमी समुद्र तट पर साइलेंट हंटर के तौर पर काम करेगा. पनडुब्बियों का पता लगाने, तटीय गश्त में इसका इस्तेमाल होगा. इसे देश के महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है.इस मौके पर आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि सेना की ताकत तालमेल से होती है, ऑपरेशन सिंदूर इसका एक सही उदाहरण है. समुद्र की गहराई से लेकर सबसे ऊँची सीमा तक एक साथ मिलकर काम करने की देश की क्षमता ही सुरक्षा प्रभाव को तय करेगीINS माहे का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में हुआ है. इसका डिजाइन और कंस्ट्रक्शन आत्मनिर्भर भारत का सबसे ताजा उदाहरण है.

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00:00foreign
00:30भारतीय तट पे खड़ा हुआ है आयाँनेस माहे के हम अगर वैशिश्टे देखे तो इसका वजन है 1150 तन और इसकी स्पीड सक्षमता 25 नौटीकल माइल्स है
00:41As well as the global environment in far off lands
01:00where the efforts of army can play both a supplementary and a complementary role
01:06in soft and hard diplomacy which I refer to as smart diplomats
01:11The Indian Army and Indian Navy have always stood shoulder to shoulder
01:15for HADR missions across the globe or even the amphibious operations
01:19INS Mahe का निर्माण कोचीन शिप्याड में हुआ है
01:23इसका डिजाइन और कंस्ट्रक्शन आत्म निर्भर भारत का सबसे ताजा उदाहर है
01:28Mahe की जो क्षमता है वो पूरी तरह से नए तंत्रदान से विकसित होनी के वज़े से
01:33ये जो नौल सेना को अभी इस वज़े से बहुत सारी और उपलब्दी मिल सकती है
01:39ऐसे अधिकारियों का कहना है
01:41वीडियो जर्नालिस्ट अनिल निर्माण
01:43इनके साथ मैं प्रतिग्या ETV भारत मुंबई
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