Ram Mandir Dhwajarohan 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ''आज अयोध्या नगरी सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष बिंदु की साक्षी बन रही है। सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियों की वेदना विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। आज संपूर्ण भारत और विश्व राममय है और हर राम भक्त के हृदय में अपार अलौकिक आनंद है।''
00:00प्रधान मंतरी नरेंदर मोदी ने राम मंदिर पर ध्वजा फैराने का वीडियो शेर करते हुए एक्स पर लिखा आयोध्या के पावन धाम में श्री राम जन्म भूमी मंदिर में ध्वजा रोहन समारों का हिस्सा बनना मेरे लिया अत्यंत भाव विबोर करने वाला अनुभ
00:30से समर्दी का पत प्रदर्शक हो और ये ध्वज विक्सित भारत की उर्जा बनकर इसी रूप से सदा आरोहित रहे भगवान श्री राम से यही कामना है जैजै सिया राम
00:40बदादेगी राजपाल आनंदी वेन पटेल मुखे मंत्री योग यादेतनाथ और RSS प्रमुक मोहन भागवत की उपस्तिती में बटन दबाकर 18 फीट की लंबी और 9 फीट की चोड़ाई वाली ध्वजा फेराने के बाद प्रदान मंत्री जैसे ही मंज पर आये दीरगह से �
01:10जलती रहेंगे लाल आप भी देखिए पेमोदी का ये फुल वीडियो कि जब हम अपनी पहचान बुलते हैं तो हम स्वयम को खो देते हैं और जब पहचान लौडती है तो राश्च्र का आत्म विश्वाद भी लौट आता है और इसलिए मैं कहता हूं देश को आगे बढ�
01:40अपनी विरासत पर गर्व के साथ साथ एक और बाद भी महत्वपुण है और वो है गुलामी की मानसिक्ता से पूरी तरह मुक्ती आज से
01:53एक सो नब्वे साल पहले एक सो नब्वे साल पहले साल 1835 में 1835 में मैकाले नाम के एक अंग्रेज ने भारत को अपनी जड़ों से उखाडने के बीज बोये थे
02:17मैकाले ने भारत में मानसिक्ता गुलामी की नीव रखी थी
02:24दस साल बार यानि 2035 में उस अपवित्र घटना को 200 वर्थ पूरे हो रहे हैं
02:40कुछ दिन पहले मैंने कारकम में आग्रह किया था कि हमें आने वाले दस वर्थों तक उस दस वर्थों का लक्ष लेकर चलना है
02:53कि भारत को गुलामी की मानसिक्ता से मुक्त करके रहेंगे
03:00साथियों सबसे बड़ा दुर्भागिये यह है कि मैंकाले ने जो कुछ सोचा था
03:11उसका प्रभाव कहीं व्यापक हुआ हमें आजादी मिली लेकिन हीन भावना से मुक्ती नहीं मिली
03:22हमारे हाँ एक विकार आ गया कि विदेश की हर चीज हर व्यवस्ता अच्छी है और जो हमारी अपनी
03:34चीजें हैं उनमें खोट ही खोट है साथियों कि गुलामी की यही मानसिक्ता है जिसने लगातार यह स्थापित किया
03:47हमने विदेश हों से लोगतंत्र लिया कहा गया कि हमारा समिधान भी विदेश से प्रेलित है जब कि सच यह है कि भारत लोगतंत्र की जननी है
04:05कि मजरब डेमक्रसी है लोगतंत्र हमारे डियने में है साथ योगर आप तमिल नारू जाएंगे तो तमिल नारू के उत्तर हिस्से में उत्तीर मेरूर गाव है
04:23वहाँ जारों वर्ष पहले का एक शिलालेख है उसमें बताया गया है कि उस कालखंड में भी कैसे लोगतंत्रिक तरीके से शासन व्यवस्ता चलती थी लोग कैसे सरकार चुनते थे
04:41कि लेकिन हमारे यहां तो मैगना कार्टा की प्रसंसा क्या ही चलन रहा हमारे हां भगवान बसमन्ना उनके अनुभव मंठपा की जानकारी भी सिमित रखी गई अनुभव मंठपा यानि जहां सामाजिक धार्मी को आर्थिक विशों पर सार्वजनीक बहाश होती थी
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