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Prime Minister Narendra Modi on Tuesday hoisted a saffron flag atop the newly completed Ram Temple in Ayodhya, marking the formal end of its construction. The triangular flag bears a radiant Sun symbolising Lord Rama’s brilliance, the sacred ‘Om’, and the Kovidara tree. Calling the moment the fulfilment of a 500-year-old resolve, PM Modi said that the wounds and pain of centuries were finally healing, as the long spiritual journey reached its culmination. He added that Ayodhya was witnessing a new peak of India’s cultural consciousness, with the entire nation and world immersed in devotion to Lord Rama.
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00:00considerate, the師 of God!
00:04to offer your Energish, your thoughts, your pureness, our thoughts.
00:09in this work, I will be allied to all this.
00:13Shiavara Ram Chandraki
00:32Shiavara Ram Chandraki
00:36Jai Shia Ram
00:39Uttar Pradesh की राजपाल
00:43आनन्दि बेन पटेल
00:46राष्ट्रिय स्वेंसोग संके
00:50परम पूजनी सरसंगे चालक
00:54डॉक्तर मोहन भागवजी
00:57उत्तर प्रदेश की मुख्यमत्री
01:00योगी आधितिना जी
01:03Shri Ram जन्व भूमी तिर्थक्षेत्र ट्रस्ट के देक्ष
01:08पुज्य महंत नुत्य गोपालदास जी
01:11पुज्य संत समाच
01:15यहां पधारे सभी भक्तगण
01:18देश और दुनिया से
01:22इस एतियासिक पल के साक्षी बन रहे
01:25कोटी कोटी राम भक्त
01:28देवी और सज्जनो
01:31आज अयोध्यानगरी भारत की सांस्कृतिक जेतना के
01:39एक और उतकर्षबिंदु की साक्षी बन रही है
01:45आज संपूर्ण भारत
01:49संपूर्ण विश्व
01:52राम मया है
01:55हर राम भक्त के रदय में
02:04आद्वितिय संतोष है
02:07असीम कृतग्यता है
02:11अपार अलोकिक आनंद है
02:15सदियों के घाव भर रहे है
02:21सदियों की वेदना
02:27आज विराम पा रही है
02:31सदियों का संकल्प
02:35आज सिद्धी को प्राप्त हो रहा है
02:40आज उस यग्न की पुर्णावती है
02:47जिसकी अगनी पांसो वर्षतक प्रजवलीत रही
02:54जो यग्ना एक पल भी आस्था से डिगा नहीं
03:06एक पल भी विश्वास से तूटा नहीं
03:12आज भगवान स्री राम के गर्व ग्रू की अनंत उर्जा
03:19कि श्री राम परिवार का दिव्य प्रताप कि इस धर्म ध्वजा के रूप में
03:27इस दिव्यतम भव्यतम मंदिर में प्रतिष्ठापित हुआ है
03:35और साथियों कि इस धर्म ध्वजा के वल एक द्वजा नहीं कि यह भार्तिय सभ्यता के पुंदर जागरण का द्वजा है
03:52इसका भगवा रंग इस पर रचीत शूर्य वंस की ख्याती वर्नित होंप शब्द और अंकीत कोविदार बुरक्ष्य राम राज्य की कीर्थी को प्रतिरुपीत करता है
04:18ये द्वज संकल्प है ये द्वज सफलता है ये द्वज संगर्च से स्रजन की घाता है ये द्वज सद्यों से चले आ रहे स्वपनों का साकार स्वरूप है
04:39ये द्वज संतों की साधना और समाज की सहबागिता की सार्थक परिडिती है
04:53साथियों आने वाली सदियों और सहस्त्र सताद्यों तक ये धर्मद्वज प्रभुरायम के आदर्शों और सिध्धांतों का उद्गोश करेगा
05:09ये धर्मद्वज आहवान करेगा सत्य मेवजयते नानुतम यानी जीत सत्य की ही होती है असत्य की नहीं
05:28ये धर्मद्वज उद्गोश करेगा सत्यम एक पदम ब्रह्मत सत्य धर्मः प्रतिष्ठित है अर्थात सत्य ही ब्रह्म का स्वरूप है
05:46सत्य में ही धर्म स्थापित है ये धर्मद्वज प्रेणा बनेगा प्राण जाय पर वचन जाही हर्थात जो कहा जाए वही किया जाए
06:07ये धर्मद्वज संदेज देगा कर्म प्रधान विश्व रची राखा अर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधान ताहो ये धर्मद्वज कामना करेगा
06:26यानि भेद्वाव पीड़ा परिसानी से मुक्ती सबाज में शांती और सूखो ये धर्मद्वज हमें संकल्पित करेगा
06:48नहीं दरिद्र कोवु दुखी न दीना यानि हम ऐसा समाज बनाएं जहां गरीबी नहों कोई दूखी या लाचार नहों
07:03साथियों हमारे ग्रंथों में कहा गया है आरोपितम वजम द्रस्ट्वा ये अभिनंदलित धार्मि काहा
07:16ते अपी सर्वे पमुज्जते महा पातक कोटी भी ही यानि जो लोग किसी कारण मंदिर नहीं आ पाते हैं
07:31और दूर से मंदिर के द्वज को प्रणाम कर लेते हैं उन्हें भी उतना ही पुन्य मिल जाता है
07:40साथियों ये धर्मद्वज भी इस मंदिर के धे का प्रतीख है
07:50ये द्वज दूर से ही राम लला की जन्मभूमी के दर्शन कराएगा और यूगों यूगों तक प्रभुसी राम के आदेशों और प्रेणाओं को मानों मात्र तक पहुँचाएगा
08:12साथियों मैं संपुर्ण विश्व के करोणों राम भक्तों को कि इस अविश्मरिया क्षण की इस अद्वितिय अउसर की हार दिख्षुप कामनाय देता हूं
08:31मैं आज उन सभी भक्तों को भी प्रणाम करता हूं हर उस दानवीर का भी आभार व्यक्त करता हूं जितने राम मंदिर निर्मान के लिए अपना सहयोग दिया
08:48मैं राम मंदिर के निर्मान से जुड़े हर स्रमवीर हर कारिगर हर योजनाकार हर वास्तुकार सभी का अभिनंदन करता हूं
09:03साथियों अयोध्या वह भूमी है जहां आदर्श आचरण में बदलते हैं यही वह नगरी है जहां स्रीश्री राम ने अपना जीवन पत शुरू किया था
09:24इसी अयोध्या ने संसार को बताया कि एक व्यक्ति कैसे समाज की शक्ति से उसके संसकारों से पुर्शोत्म बनता है
09:41जब स्री राम अयोध्या से वनवास को गए तो वे युवराज राम थे लेकिन जब लोटे तो मर्यादा पुर्शोत्म बन करके आए
09:58और उनके मर्यादा पुर्शोत्म बन्ने में महर्ची वसिष्ट का ज्यान महर्ची विश्वा मित्र की दिख्षा महर्ची अगथ्ष का मारदर्शन
10:15निशाद राज की मित्रता माशबरी की ममता भक्त हर्वान का समर्पन इन सबकी अंगिनित ऐसे लोगों की महत्वपुन भुमी का रही है
10:34साथियों विक्सीत भारत बनाने के लिए भी समाज की इसी सामुहिक शक्ती की आवशक्ता है
10:44मुझे बहुत खुशी है कि राम मंदीर का दिव्य प्रांगन भारत के सामुहिक सामर्त की भी चेतना स्थली बन रहा है
10:57यहां सब्त मंदीर बने हैं यहां माता शबरी का मंदीर बना है
11:05जो जन जातिय समाज के प्रेम भाव और आतिंथ्य परंपरा की प्रतिमूर्ती है
11:14यहां निसाद राज का मंदीर बना है यह उस मित्रता का साक्षी है जो साधन नहीं साध्य को उसकी भावना को पूजती है
11:30यहां एकी स्थान पर माता अहिल्या है महर्ची बालमी की है महर्ची वसिष्ट है महर्ची विश्वा मित्र है महर्ची अगस्य है और संत तुलसिदाथ है
11:48राम लला के साथ साथ इन सभी रुश्यों के दर्संद भी यहीं पर होते हैं यहां जटायू जी और गिलहरी की मुर्थियां भी है
12:02जो बड़े संकल्पों की सिद्धी के लिए हर छोटे से छोटे प्रयास के महत्व को दिखाती है
12:11मैं आज हर देश वासी से कहूंगा कि वो जब भी राम मंदिर आएं तो सब्तम मंदिर के दर्शन भी अवश्य करें
12:24यह मंदिर हमारी आस्ता के साथ साथ मित्रता कर्तव्य और सामाजिक सद्भाव के मुल्यों को भी शक्ति देते हैं
12:38साथियों हम सब जानते हैं हमारे राम भेद से नहीं भाव से जुड़ते हैं
12:51उनके लिए व्यक्ति का कुल नहीं उसकी भक्ति महत्वकूर हैं
13:01उन्हें वहुच नहीं मुल्य प्रिय हैं उन्हें शक्ति नहीं सहयोग महान लगता है
13:12आज हम भी उसी भावना से आगे बढ़ रहे हैं
13:17पिछले ग्यारा वर्षों में महिला, दलीत, पिछडे, अती पिछडे, आदिवासी, वंचीत, किसान, स्रमीत, युवा, हर बर्ग को विकास के केंद्र में रखा गया है
13:37जब देश का हर व्यक्ति, हर वर्ग, हर खेत्र ससरक्त होगा, तब संकल्ब की सिद्धी में सब का प्रयास लगेगा
13:51और सब के प्रयास से ही
13:542047, जब देश आज़ादी के 100 साल मनाएगा, हमें 2047 तक विक्सित भारत का अंदिर माण करना ही होगा
14:09चाथियों, राम लला की प्राण प्रतिश्णा के अईतिहासी के अउसर पर
14:15मैंने राम से राष्ट के संकल्ब की चर्चा की थी, मैंने कहा था, कि हमें आने वाले एक हजाब अरसों के लिए
14:25भारत की निव मजबूत करनी है
14:29हमें याद रखना है, जो सिर्फ बरतमान का सोटते हैं, वो आने वाली पीडियों के साथ अन्याय करते हैं
14:40हमें वरतमान के साथ साथ भावी पीडियों के बारे में भी सोचना है, क्योंकि हम जब नहीं थे, ये देश तब भी था
14:54जब हम नहीं रहेंगे, ये देश तब भी रहेगा
15:00हमें जिवन्त समाज है, हमें दुर्द्रश्टी के साथ ही काम करना होगा
15:09हमें आने वाले दसकों, आने वाली सद्यों को ध्यान में रखना ही होगा
15:17हमें उनके व्यक्तित्व को समझना होगा, हमें उनके व्यहवार को आत्मसात करना होगा
15:34हमें याद रखना होगा, राम यानि आदर्श, राम यानि मर्यादा
15:44Rām yāni, jīvan ka sarvochya charitra, Rām yāni, sathya aur parākram ka sangam,
15:54divyagunay, shakr samorāmah, sathya parākramah, Rām yāni, dharm path par chalne vala vyaqtitva,
16:06Rām yāni, jantā ke sukh ko sarvopari rakhna, prajā sukhatvay chandrasya, Rām yāni, dharm aur kshama ka dhariyah,
16:26Vachudhaya, chamaagunay, Rām yāni, gijñāna aur vivekki parākastra,
16:37buddhya brhospatetulya, Rām yāni, komalta me drta, mridhu purvajabhashatay,
16:47Rām yāni, krutajyata ka sarvochya udharaan, kadhachan, nopakarena, kruti naikena tushyati,
16:58Rām yāni, sresht saṅgati ka chayyan, shila vruddhe, gjñāna vruddhe, vayovruddhe, cha sajjanay,
17:09Rām yāni, vinamrata me maha bal, viryavānna cha viryana, mahata svenavishmitah, Rām yāni, satyaka ađik saṅgkalpa,
17:23na cha anutrakatho vidwana, Rām yāni, jaguruk, anušāsit, aur nishkapat man,
17:32nistindra, apambratah, chaswadosh, pardoshabhita, sathiyo, Rām sirep ekvyakti nahi,
17:44Rām ek mull hai, ek maryada hai, ek disha hai, agar bharat ko saal 217 tāk vixit banana hai,
17:55agar samaj ko saamrthawan banana hai, toho hume apne bheater Rām ko jagana ho ga,
18:03hume apne bheater ke Rām ki pran pratištah karni ho ga ga,
18:08ar isangkalp ke liye, ág se bheater din aur kya ho saktat hai,
18:14sathiyo, 25 november ka eitihasik dhin,
18:18apnei viraasat par gharwa ka eek or adburshan leker aya hai,
18:25isti vajah hai, dharmad vajahapar ankeet,
18:29kovidar vrksh,
18:31yek kovidar vrksh,
18:33is baat ka udhaarana hai,
18:36ki jab hum,
18:38apnei jadon se kad jate hai,
18:40toho humara vajibhav,
18:45itihaske pannnou mein db jata hai,
18:48sathiyo,
18:50jab bharat,
18:51jab bharat,
18:54apnei sena ke saad,
18:57chitra kut pohunche,
19:00toho lakshmane,
19:02dure se hi,
19:05arudhah ki sena ko pahachan liya,
19:07ee kaisa huwa,
19:10iska bharan,
19:12walmiki ji nye kiya hai,
19:14ar walmiki ji ji nye kya bharan kiya hai,
19:17unhoor nye kaha hai,
19:19viraajit udgat skandham,
19:22kovidar vajah rath hai,
19:25lakshmane kehtet hai hai,
19:26rám,
19:27sámane,
19:29joh tejasvii prakash mein,
19:31vishal vrksh jasa dvaj dhikha hai dhe raha hai,
19:34vahi ayodhah ki sena ka dvaj hai,
19:39uspar,
19:40kovidar ka supchinn ankit hai,
19:44sathiyo,
19:45ád jab rám mandir ke prangar mein,
19:48kovidar,
19:50phir se prtishnit ho raha hai,
19:52kya keval,
19:55ek vrksh ki vahapas hi nahi hai,
19:58yya humari smrti ki vahapas hi hai,
20:01humari aspita ka punar jaagran hai,
20:04humari svaabhimani sabyata ka punar udgosh hai,
20:07kovidar vrksha,
20:11humi yad dhilata hai,
20:13ki jab hum aapni pahachan bulte hai,
20:16toh hum swayam ko kho dhe te hai,
20:20ar jab pahachan loodti hai,
20:23toh rastra ka átma vishwaat bhi loodt atata hai,
20:26ar isliye mein kehta houn,
20:30dhe isko áge bhajna hai,
20:33toh apni viraastat par garwak karna hooga,
20:36sathiyo,
20:38apni viraastat par garwak ke sath-sath,
20:42ek or baad bhi mahatpukur hai,
20:44ar woh hai,
20:46gulami ki maansikta se puri tarah mukti,
20:51aad se,
20:52190 saal pahle,
20:58190 saal pahle,
21:01saal 1835 mein,
21:051835 mein,
21:07mehkalye naam ke eek angrej ne,
21:10bharat ko,
21:12apni jadho se ukhhaadnye ke beij bhoeyi te,
21:17mehkalye ne,
21:19bharat mein maansik gulami ki niv rake,
21:22ki tii,
21:23dh saal pahle,
21:27yani,
21:292035 mein,
21:31ुस अपवित्र घटना को 200 वर्थ पूरे हो रहे है कुछ दिन पहले मैंने कारकम में आगरह किया था कि हमें आने वाले 10 वर्षों तक उस 10 वर्षों का लक्ष लेकर चलना है कि भारत को गुलामी की मानसिक्ता से मुक्त करके रहेंगे
22:01कि साथियों कि सबसे बड़ा दुर्भाग यह है कि महकाले ने जो कुछ सोचा था उसका प्रभाव कहीं व्यापक हुआ हमें आजादी मिली लेकिन हीन भावना से मुक्ति नहीं मिली हमारे हां एक विकार आ गया कि विदेश की हर चीज हर व्यवस्ता अच्छी है
22:31और जो हमारी अपनी चीजे हैं उनमें खोट ही खोट है
22:36साथियों गुलामी की यही मांचिक्ता है जिसने लगातार यह स्थापित किया हमने विदेशों से लोग तंत्र लिया कहा गया कि हमारा समिधान भी विदेश से प्रेलित है
22:56जब कि सच यह है कि भारत लोग तंत्र की जन्नी है
23:04मजरब डेमक्रसी है लोग तंत्र हमारे डियने में है साथ यह अगर आप तमिल नारू जाएंगे तो तमिल नारू के उत्तर हिस्से में उत्तीर मेरूर गाव है
23:22वहां जारों वर्ष पहले का एक शिला लेख है उसमें बताया गया है कि उस कालखंड में भी कैसे लोगतांत्रिक तरीके से शासन व्यवस्ता चलती थी लोग कैसे सरकार चुनते थे
23:40लेकिन हमारे हां तो मैगना कार्टा की प्रसंसा का ही चलन रहा हमारे हां भगवान बसमन्न उनके अनुभव मंत्रपा की जानकारी भी सिमित रकी गई अनुभव मंत्रपा याणि
23:57Hey I am the same I'm a Ajayi Dharmie Kalo Aarthi Višo Par
24:01you can get a
24:03just
24:04I'm
24:05and I'm the same
24:06I'm a
24:07I'm
24:08is
24:09I'm
24:11I'm
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24:14I'm
24:15a
24:16I'm
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24:20I'm
24:21I'm
24:22I'm
24:23I'm
24:23I'm
24:24I'm
24:26कि देरा डाला हुआ था अब याद करिए भारतिय नव सेना का द्वज सद्यों तक उस द्वज पर ऐसे प्रतीक
24:37बने रहे जिनका हमारी सभ्यता हमारी शक्ति हमारी विरासत से कोई सम्मध्ध नहीं था
24:46अब हमने नव सेना के द्वज से गुलामी के हर्प्रतीक को हटाया है हमने छत्रप्रती सिवाजी माहराज की विरासत को स्थापित किया है
25:00और ये सिर्फ एक डिजाइन में बढ़लाव नहीं हुआ ये मानसिक्ता बदलने का अक्षन था
25:09ये वो गोशना थी कि भानत अब अपनी शक्ती अपने प्रतिकों से परिभाजित करेगा नकि किसी और की विरासत से
25:21और साथियों यही परिवर्तन आज अयोध्या में भी दिख रहा है
25:28साथियों यह गुलामी की मानसिक्ता ही आए जितने इतने वर्सों तक रामत्वकों नकारा है
25:38बगवान राम अपने आप एक वेल्लू सिस्टिम है
25:45और्चा के राजा राम से लेकर रामेश्वरम के भक्त राम तक और शबरी के प्रभूराम से लेकर मिधिला के पाहुन राम जी तक भारत के हर घर में
26:00the
26:02the
26:04this
26:06can
26:08and
26:09that
26:11on that is how much I can do the current trip I'm talking about it's going to go
26:20back and look at that's why I'm gonna say I'm going to that time and I'm a man
26:28to go to the same way it's been a good trip and I can't see it's a good trip that I'm
26:37लिखर दो जाकर करके ऐसी ज्वाला प्रजलित होगी एसा आत्म विश्वात बढ़ेगा कि दो हजार
26:44साहतालिस टक भिक्सित भारत का सपना पुरा होने से भारत को कोई रोक नहीं पाएगा
26:51the
26:54the
26:58the
27:00the
27:05the
27:12the
27:18The other day the May of the year did not to have a good job, but the time the May of the year
27:25was the first place to have a good job. The May of the May of the year has been the
27:33ुद्धारा और विकास की धरा एक साथ बहेगी
28:03This is the artificial intelligence that we have seen in the past.
28:09We have seen the new Ajodhya and the Ajodhya.
28:17Ajodhya in the future is the airport.
28:19Ajodhya in the future is the best of the railway station.
28:22The trainers and the trainers will be connected to the rest of the country.
28:29Ajodhya will be able to get the support of the people.
28:32that has been attacked it's a good work
28:38eyes
28:40come
28:41were
28:43the
28:43good
28:50if
28:53I
28:55will
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29:00say
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29:02लोगों की आयन में आर्थिच परिवार्दा नाय है बिद्धी हुई है इसे कभी ऐो जालों के
29:11प्रिब्रता रृट्टी है कि ईयोध्या नगरी यूपी के अगर्णी शहरों से एक बन रही है साथ्यों 21 सदी का आने
29:22The first time the
29:30the
29:35the
29:36the
29:38the
29:40the
29:43the
29:45the
29:48। और वो दिन दूर नहीं जब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थववस्था भी बन जाएगा।
29:59। आने वाला समय नए अवसरों का है। नए संभावनाओं का है। और इस अहम कानखन में भी भगवान राम के विचारी अमारी प्रेणा बनेंगे।
30:12जब से राम के सामने रावन विजय जैसा विशाल लक्षता तब उन्होंने कहा था।
30:20सवरज दिरज तेही रथ चाका सत्य सील द्रज बजपता का बल विवेक दम परहित देगोरे छमा कृपा समता रजु जोरे।
30:36यानि रावन पर विजय पाने के लिए जो रथ चाहिए शौर्य और धैय उसके पहिये हैं।
30:46उसकी धजा सत्य और अच्छे आत्रण की है।
30:52बल विवेक सयम और परोपकार इस रथ के घोड़े हैं।
30:58लगाम के रूप में शमा दया और समता हैं।
31:05जो रथ को सही दिशा में रखते हैं।
31:09साथियों विख्षित भारत की यात्रा को गती देने के लिए ऐसा ही रथ चाहिए।
31:17ऐसा रथ जिसके पहिये शौर्य और धैय हो।
31:23यानि चुनोतियों से टकराने का साहस भी हो।
31:28और परिणाम आने तक द्रड़ता से डटे रहने का धैयर्य भी हो।
31:35ऐसा रथ जिसकी द्वजा सत्य और सर्वोच्य आच्रन हो।
31:41यानि नीती नियत और नई नईतिकता से समझोता कभी न हो।
31:48ऐसा रथ जिसके घोड़े बल विवेक सैयम और परुपकार हो।
31:57यानि शक्ति भी हो बुद्दी भी हो अनुशासन भी हो और दूसरों के हित का भाव भी हो।
32:06ऐसा रथ जिसकी लगाम, छमा, करुणा और संभाव हो।
32:13यानि जहां सफलता का हंकार नहीं और आसफलता में भी दूसरों के प्रति सम्मान बना रहे।
32:23और इसलिए मैं आदर पुर्वक कहता हूं ये पल कंदे से कंधा मिलाने का है।
32:33ये पल गती बढ़ाने का है, हमें वो भारत बनाना है जो राम राज्य से प्रेरित हो।
32:43और ये तभी संबव है जब स्वयम हित से पहले देश हित होगा, जब रास्त हित सरों पर रहेगा।
32:56एक बार फिर आप सभी को बहुत बहुत शुपकामनाएं देता हूं।
33:03देता हूं।
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