Dharmendra: दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन हो गया है। 89 साल के धर्मेंद्र (Dharmendra Movie) ने सोमवार दोपहर अपने घर पर अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार विले पार्ले श्मशान भूमि में हुआ, जिसमें सलमान खान, संजय दत्त, अमिताभ बच्चन, आमिर खान समेत कई सेलेब्स पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के निधन को एक युग के अंत का संकेत कहा है।
00:00जब आज का सूरज धलने को है बॉली बुट का वो चमकता सितारा हमसे हमेशा के लिए जुदा हुए धर्म जिने हम ही मैन कहते थे वो शक्स जो परदे पड कभी हार न मानने वाला योधा नजर आता शोले का वीरू सत्यकाम का वो पिता
00:28चुपके चुपके का वो शरार्ती प्रेमी आज 89 साल के उम्र में इस फानी दुनिया को अलविदा कह गया
00:35मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में कई दिनों की जद्दो जहत के बाद घर लोटा तो लगा कि जैसे जिन्दगी ने एक बार फिर से उसे सांसे दे दी लेकिन आज उसने आखरी सांस ले लेगी
00:48बेटे शनी देवल ने उनका अंतिम संसकार किया और शमसान खाट पर सल्मान खान समेथ कई तमाम दोश्ट और उनके सह कलाकार शामिल हुए
00:58लेकिन इस दर्द भरी विदाई की बीच में एक पुरानी बात यादा रही है वो बात जो धर्मिंद्रे ने हस्ते हस्ते कही थी लेकिन उसके पीछे च्छिपा था एक गहरा अपसोस एक दर्द जो ने सालों तक सालता रहा और तमाम चमकीले परदे पर काम करने के वावज
01:28कीजिए 1997 की वो शाम जब 42 फिल्म पेयर एवार्ड में दिलीब कुमार और सायरा बानो धर्मिंद्र को लाइफ टाइम अचीवमेंट एवार्ड दे रहे थी तालिया घूंज रही थी कैमरे चमक रहे थी धर्मिंद्र मंच पर खड़े हैं लेकिन उनकी आखों में वो चमक �
01:58पराते हुए बोलते हैं मुझे काम करते हुए 47 साल हो चुके हैं हर साल मैं नया सूट से लवाता था मैचिंग टाइड ढूडता था इस उम्मीद में कि मुझे कोई आवार्ड मिलेगा लेकिन मुझे कभी आवार्ड नहीं मिला हसी की लहर दोड जाती है हॉल में लेकिन धर
02:28मैंने हार मान ली थी
02:30सोचा अब तो टीशर्ट और शॉट्स में ही जाऊंगा
02:33या कच्छा पहन कर ही चला जाऊंगा
02:35कौन मंच पर बुलाने वाला है
02:37सब हस पड़े
02:38लेकिन वो हसी की पीछे छिपा हुआ
02:40एक सितारे का दर्द
02:42वो दर्द जो सुपर हिट फिल्मों के पहार के बावजूद
02:45कभी उन्हें पहचान नहीं पाया
02:47धर्मेंदर का सफर तो यूँ था
02:49जो हर संघर्षील दिल को प्रीरित करता है
02:52आठ दिसंबर 1935 को
02:54पंजाब के लुध्याना के
02:56साहने वाल गाओं में जन्मी
02:57धर्म सिंग देवल ने कलरकी की
03:00नौकरी छोड़ कर मुंबई का रुक किया
03:021960 में दिल्ली का ठग नाम से डिबू किया
03:05फिर फूल और पत्थर
03:07शोले चंबल की कसम
03:09कितने ही फिल्में जिसमें उन्होंने
03:11रोमांज भर दिया
03:13एक्शन किया, हसाया, रुलाया
03:15और तारीफे खुब बटोरी
03:18तीन सो से जादा फिल्में
03:19अनगिनत हिट्स लेकिन
03:21फिल्म फियर का बस ट्रेक्टर रवार्ड
03:23एक भी नहीं
03:25वो तो बस नाम मात्र को नामांकन
03:27तक सीमें, हर साल वो सूट सिलवाते
03:29टाई चुनते, अवार्ड नाइट में
03:31तयार हो करके जाते
03:33स्पीच भी तयार कर लेते
03:35सर्फ इसलिए कि एक बिन वो ट्रॉफी
03:37उनके हाथ में चमकेगी
03:39लेकिन साल वीते गए
03:41सूट पुराने होते गए
03:42और उमीदें धुनली होती है
03:451997 में वो लाइफ टाइम अवार्ड मिला
03:48लेकिन तब तक वो हार मान चुके थे
03:50एक युद्धा ठक चुका था
03:53उसके कंधे जुक चुके थे
03:55आज जब वो हमारे बीच में नहीं
03:57तो ये बात एक बार फिर से
03:59हम सब को मारक लगती है
04:01सूचिए वो शक्स जो परदे पर कभी चुका नहीं
04:04जिन्दगे में एक छोटी से ट्रॉफिक ही
04:06कितना बेशैन रहा होगा
04:07उनके बेटे सनी, बॉबि, बेटियां, विजेता, अजीता, पतनी, हेमा
04:13सब कुछ तूटे हुए है
04:15अमिताब जैसी दोस्त जिनके साथ
04:18शोले की वो अमर जोड़ी बनी
04:20जो आज महीं पुरानी याते
04:22फिर से ताजा कर रही है
04:23धर्मिंद ने कभी शिकायत नहीं कि
04:26बस हसका टाल दिया
04:28लेकिन आज उनके जाने के बाद
04:30ये अपसोस हम सब का हो गया है
04:32वो सूट अब अलमारियों में धूल खा रहे होंगे
04:35लेकिन धर्मिंद का जादू
04:37वो तो हमेशा दिलों में चमकता रहेगा
04:40अलविदा ही मैं तुम्हारी उम्मीदें अधूरी रही
04:44लेकिन तुम्हारी विरासत हमेशा साथ रहेगी
04:47वो तो पूरी हो गई हर साल
04:49हर फिल्म और हर मुस्कान केु समय
04:52इस खबर में फिलाल इतना ही, अपडेट्स के लिए बने रहे, One India Hindi के साथ.
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