00:00कहानी हैं इंद्र धनुसी जूते और नन्ना बादलू
00:03एक बार की बात है आस्मान के उपर एक छोटा सा नन्ना बादल रहता था उसका नाम था बादलू
00:11बाकी बादल बड़े बड़े ताकतवर और बरसात करने में माहिर थे
00:17लेकिन बिचारा बादलू जब भी कोशीज करता बैस टप टप दो गुंदे ही गिराती सारे बड़े बड़े बादल हसते
00:32अरे बादलू तू तो दो गुंद का बादल है बादलू उदास हो जाता है बादलू मन मन में सर्चने लगता है कास मैं भी बारिस कर पाता
00:42एक दिन बादलू रोते रोते धर्टी के काफी करीब आ गया नीचे एक गाओं था और वहाँ नन्ना बच्चा गुरिया खेल रही थी उसने जब बादलू को उदास देखा तो बोली अरे छोटे बादल तू रो क्यों रहा है बादलू ने अपना सारा दूख बता दिया उस �
01:12और गुरिया घर के अंदर दोरी और एक चम चमाता टबा लेकर आई डिद्बा खोली तो उसमें इंद्र धनूशी जूते थे ये मेरे दादा जी ने दिये थे दादा जी ने कहा था कि ये जूते शिरिप उनहीं को सक्ती देता है जिनका दिल साफ होता है इस जूते को तु
01:42ने हास कर बोली जादूई जूते पैरों की चिंता नहीं करती बादलू ने जूते चुआ और पलक जपकते ही दो छोटे से पैर बन गए
01:57और बादलू खुस होकर हावा में उदने लगे और तभी धराम धराम अचानक बादलू के अंदर से रंगे बिरंगे छीटों की बारिश होने लगी
02:13लाल निली हरी पिली और तुरे गाओं पर इंद्रधनूसी भूदे बरसने लगी
02:21और बच्चे खुस होकर चीखे इंद्रधनूसी भाली बारीश बच्चे खुशी से नाचने लगे इधर उदर दोडने लगे
02:32जहां भी भूदे गिरती वहाँ छोटे छोटे रंगे बिरंगे फूल उग जाते
02:38और किसान भी खुस, बच्चे भी खुस, पसू भी खुस, पक्से भी खुस, सारा गाओं खुशी से जूम उठा
02:47उस दिन पहली बार बादलू ने खुद पर गर्व किया
02:55बड़े बादल भी अफसार यह से बोले अरे वा ऐसा तो हम भी नहीं कर सकते
03:01बादलू मुस्कुराया क्योंकि जादू ताकत में नहीं दिल में होती है
03:07और तब से जब भी आसमान में अचानक साथ रंग की हलकी बारिस होती है
03:13बच्चे समझ जाते हैं बादलू अपने इंदर धनुसी जूते पहन कर खिलने आ रहे हैं
03:21उस दिन के बादलू आस तक कभी नराज नहीं हुए