दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद सोशल मीडिया पर मदरसों और इस्लाम को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही थीं—कुछ सही, लेकिन ज़्यादातर अफवाहें और गलतफहमियाँ। यही वजह थी कि वन इंडिया हिंदी की टीम हज़रत निज़ामुद्दीन के जामिया इस्लामिया इशातुल इस्लाम मदरसे में पहुँची।
हमने मौलाना मोहम्मद अहमद से सीधे पूछा—क्या मदरसों में जिहाद की गलत परिभाषा सिखाई जाती है? क्या इस्लाम में फिदायीन हमले का कोई ज़िक्र है? और क्या इन संस्थानों पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई वाकई किसी खतरे की ओर इशारा करती है?
हमने बच्चों से भी बात की—वे क्या सीख रहे हैं, उनका भविष्य क्या है, और आज के माहौल को वे किस नज़र से देखते हैं।
यह ग्राउंड रिपोर्ट ‘Sahi Pakde Hain’ शो की एक Exclusive Investigation है, जहाँ कैमरे ने सब कुछ ज्यों का त्यों कैद किया। देखिए—सोशल मीडिया की बातें कितनी सच और कितनी सिर्फ हवा हैं।
After the recent Delhi car blast, a wave of misinformation and hate-filled posts targeting Islam and madrassas began circulating on social media. To verify the claims and understand the reality on the ground, OneIndia Hindi visited the Jamia Islamia Ishatul Islam madrasa in Hazrat Nizamuddin.
We spoke directly with Maulana Mohammad Ahmad— Does the madrasa promote radical ideas? What does Islam truly say about Jihad? Is there any reference to suicide attacks in the religion? And why are investigative agencies increasing scrutiny of madrasas after the blast?
We also talked to the students—what they are learning, what dreams they hold, and how they view the current atmosphere.
This is an Exclusive Investigation from our show ‘Sahi Pakde Hain’, where our camera captured the truth inside the madrasa. Watch the full report to understand what’s real—and what’s just social media noise.
00:00ये कला मज्जित का पता पूछना किदर है वो एक मदर्साभी है न बहां पर एक
00:07असलाम वालेकूं रहतुलाई वाबरकातू नमस्कार
00:14मैंने सोचा कि जब दिल्ली में बंबिलास्ट हुआ तो तमाम बातें इसलाम को लेकर होने लगी
00:23सोचल मीडिया पर तंज कसे जाने लगे मैंने का मैं उसके हल में जाऊंगा और फिर मेरी मुलाकात हुई फोन पर एक मदर्से के
00:31मुझे बुलाया सोसल मीडिया इनिवर्स्टी चल लगी न उसकी कार्ट चाहिए थी जिहाद सिखाए जाता है तो जिहाद के मायने लोगी समझ में क्या रहे हैं और इसलाम में जिहाद के असल ही मायने क्या देखियो जिहाद जो है जिहाद हम समझी नहीं पा रहे तुरान क
01:01मुलाना क्या संदेश देते हैं आपने कहा के बंब लगा लिया और बाहत तरूर मिल जाए नहीं सुनिए बाहत तरूर भी छोड़ दिये मदर सी के अंदर जो सिकाया जाता है इंसान
01:11इंसान कैसे बन जा ये सिकाया जो बनना चाहता है कि इस देश में उने मुक्ष गवलते हैं ऐसा है
01:19मुक्ष बरावन नचीत दुकान क मुका नोक्री का मुका सब मिलता है ना
01:23कि आपको लगता हूँ कहते हैं हमें कुछ कमजोरी मैसूस हो रही है
01:26कोई कोई बनना चाहता है फोजी आप मैसे तब फोजी बनने के वाद तो बड़ा खतरा भी रहता पाकिस्तान तो तो हमेंगा घगड़ी बता रहता है यह सब चोटी बाते हैं बढ़ जाओगे चलिए लाइए मैं मदर्से के कुछ बच्चों के मन की बात भी आपके साब ला�
01:56हजरत निजामुद्दीन दरगा के पास यह गलिये तो बहुत चोड़ी हैं लेकर आने वालों का ताता ऐसा लगता है कि आपको यह चोटी लगने लगती है कोई भी मौकव यह भीड मिलेगी मैंने सोचा कि जब दिल्ली में बंबिलास्ट हुआ तो तमाम बातें इसलाम को �
02:26मैंने रुक किया इस इस जो है दरगा के पास और फिर मेरी मुलाकात हुई फोन पर एक मदर्से के मौलाना साथ सुनों मुझे बुलाया है देखता हूं मुझे क्या-क्या जानकारी मिलती है दिमाग को कहां का बत्ती जलती है और सोसल मीडिया के लोग कहां का मुझे जबा�
02:56यहां मुझे पता लगा यह मदर्सा है और यहां पर अब मैं बात करूंगा लोगों से इसका नाम जो है बो मैं आपको बताता हूं मैंने नोट भी कर लिया था पूछा था किसी से कौन सा मदर्सा यहां पर है तो मदर्से का नाम है जामिया इशात अल इसलाम यह मैंने बाह
03:26जो को मुद्ध करें तो कुंसे कुंसे साथ बहुत खूशी हैं आप शेचाइब कर दो सिदेख सलाम अने को चाहिए अच्छलम अलेकूं
03:52लुए पूरे रहते हैं सबस्ताइब ठीज़ सब रहते हैं जोड़े बच्छों के अलग हैं
04:21बड़ों बच्चों को सिस्टम हेलागी हैं
04:23अंदर से तो काफी विशाल है
04:25यह यह
04:26700-700 साल पुरानी मस्जीद है
04:29यह फिरोशाय तो अगलत बाश्या ने
04:30इस मस्जीद को बनाया था
04:31और माशाला इसमे एडेन में
04:347000 के करीब से भी ज़ादा आदमी
04:36माशाला नमाज पढ़ लेते हैं
04:38छट पर और मस्जीद के अंदर और अतराफ में
04:40इतनी बड़ी मस्जीद है माशाला
04:41700-700 साल पुरानी माशाला मस्जीद है
04:44और मुझे तो सबसादे खुशी है
04:46आप तश्रीव लाएं यहाँ पर
04:47बहुत दिनों से आपसे गुफ्तकू चले थी बात चले थी क्या आएंगे याँगे आएंगे
04:51आज लाने मौका दिया चली आए यह बैठते हैं बहुत अच्छा
04:55तो जैसा कि मेरा इरादा था कि आज मैंने मन बनाया था कि
04:58आज मैं किसी मदर्से में जाऊँगा
05:00अब मदर्सा आज की तारीक में बड़ा चर्चा का केंडर है तो मुझे मौका मिल गया यह मदर्सा है जामिया इशातुल इसलाम और मेरे साथ है यहां के केर्टेकर कैदू या फिर अपने आपको खिद्मतगार बोलते हैं खादिम ही है इनका नाम है मौलाना मोहमद अहमर मेर
05:30इंग्लिस के टीचर है और मेरे सामने वी एक क्लास लगी हुए वह आप केमरे बनी देख सेके पीछे की तरह बहां पर जो कुरान से सम्मंदित जो दीनी तालीम हो दी जा रही तो दोनों तरह की तालीम हैं मिलती है आप सोचते हो कि मदर्से के अंदर बस केवल दीनी ताली
06:00है जानते हूं कि मदर्से में क्या होता है लेकिन आज मैं जो आख के सामने आया हूं कि देश के हालात ऐसे हैं मैं हिंदू हूं आप मुसलिम हो तो दोनों के बीच में सोसल मीडिया पर जंग चल रही है कि मदर्से से ये निकल लिए आया लोग निकल लिए डिल्ली में कु�
06:30पहले शबंदे decks माधर से माइन के माने की मदर्सा हुअ मैं इसको समझता हूं इसको और स्कूल मदर्सा तो यह आपने मुदू है9 20
06:44मेरे जानकरी पहली यह है मैं तो जानता हूं दुनी राने होती है
06:54और दुनियाबी तालीम हैं। दीनी तालीम्में जैसे क्वरता हैं तो क्या हिएँ सिखाया जाता है?
07:02यहां पर हम जो सिखाते हैं बच्चों को, वो कुरान करीम सिखाते हैं, नूरानी काइदा, जो कुरान सीखने के लिए एक जुज है, जिससे बच्चा जैसे इंगलिश सीखता है तो A for Apple, A, B, C, D सीखता है, जैसे हिंदी सीखता है, तो आखा का इस तरीगे से सीखता है, ऐसी
07:32नूरानी काइदा, यह नूरानी काइदा, यह नूरानी काइदा, एक मुक्तसर सा, एक छोटा सा, एक वो है, जिसमें Alphabet, जैसे मिसाल के तौर पे, जो मिला के लिखना है, जैसे तो एक तो है रामचरित मानस हमारे हैं, वो अबदी में लिखी हुई है, अब वो संस्कित में
08:02जरूरी है, छोड़ जैसे A, A, B, C, D, फिर उसको बच्चा मिलाना सीखता है, पढ़ना सीखता है, यह तो कुरान पढ़ना हो गई, यह समझ में आ गई, पूरा कंठस्ट भी याद भी कर लेंगे उसको, और वो कैसे पढ़नी है, यह भी आप लोग सिखाते हैं, हाँ, बिल
08:32इसको पढ़ने हैं, उसका अर्थ समझ में आया है, और समझ में दिमाख में उसका मतलब ही भी आरहा है, बिल्कुल बिल्कुल, ऐसे ही है, अच्छा, यहां ते मैंने तीछे देख लिए, अंग्लिस तालीम तो आप पढ़ाई हो, उस अर्भी आपने पढ़ा दी, बिल्कु
09:02हमारे ये इंग्लिश में
09:04सीखते हैं
09:06कुरान करीम को भी इंग्लिश में सीखते हैं
09:08ताके हम जो कुरान है
09:10वो ये सिखाता है
09:12कि तुम गलत नहीं करो तुम चोरी नहीं करो
09:14तुम जिना नहीं करो तुम शराब नहीं पियो
09:16तुम बड़ों का अदब करो
09:17ये कुरान सिखाता है, तुम छोटों के साथ शवकत का हाथ रखो, शवकत से पेशा हो, आप बदकलामी नहीं करो, कुरान ये सिखाता है, कि तुम अपनी आखों को हाया में रखो, कुरान ये सिखाता है, कि तुम अपनी आखों को हाया में रखो, कुरान ये सिखाता है, कुर
09:47सिस्की के अलावा चीज हुआते ही जैसे बहुत से
09:55इसलामिक रिवाज होते हैंками यह आप कि किस निशा कराना कासे जाता है या किसी का इंतिकाल भी
10:11होता है तो उस समय भी हाँ हमारे हाँ देखिए आपने बहुत अच्छा सवाल किया हमारे हाँ जो कुरान जो है अल्हम्दिल्ला वो पूरा मुकम्मल दीन है हम उसको पूरा कर लेगा वो कर लेगा सब आ जागा कैसे जनाजा अलग सिकाने जरू है यही मैं समझा जा जा लिए
10:41कुरान में आ गया उसको अलग से मुझे पूशने जरू होते नहीं है अगर कुरान पढ़ लिया तो बच्छे का जम के समय क्या होना है उसके बाद साइध खतना होता है बहां भी हाँ सारे चेप्टर उसके बाद निकाह में क्या और बीच में तौमां है तलाख है या इत की
11:11है और आलागी कुछ लोग होते हैं सोसल मीडिया का जमाना है जैन जी हमारे धरम में ही बहुत जादा है सोसल मीडिया पर हिंदूस्तान हुआ है सभी धर्मों के उवाओ कि संक्रा जाद है अगर उनके दिमाख में मैं ऐसा सोचता हूं धीरे धीरे सोसल मीडिया से गलत ची�
11:41तो बहु हैं तो उसक्षा होती है तो इसियम को क्या है उसमे एक बड़ी चीज आती
12:11आपना के पाँ जाने रहे हैं जो बच्चे अबी इसलाम में है लेकिन मदरसा आ ही नहीं रहे रहे
12:39तो अपने मौलाना के पास जानी रहे, हवाहवाई, इधर उधर सिच्छा आप, इंग्रिश के स्कूलों पढ़के धरम से दूर, तो वो समझी नहीं पा रहे हैं, भाया, जब हम गुरू के पास जाएंगे, जब हम पंडित के पास जाएंगे, जब अपने, अपने, अपने, �
13:09अगर हम जद्वजद करेंगे, हम हमें एक कामयाव इनसान बन रहे हैं,
13:14हमें एक डॉक्टर बननाए, एक इंजिनियर बननाए, एक वकील बनननाए, तो हमें उसकी कोशिश करनी है, जद्वजद करनी है,
13:20संघर्ष यैस बिल्कुसरी कहा आपने संघर्ष करना है महनत करनी है जिद्द जहद करनी है हमें डौक्टर बनने के लिए हमें अएसा नियही बारी में बारी में बारेके हमें बन्हारी узभे बड़ाइगे सीखनी पड़ें की
13:35पहली किला, दूसरी, दस्वी, बार भी फिर आगे तरीके से जिद्धु जहद कोशिश करना, महनत करना, ये जिद्धु जहद है।
13:43अपना जो मुकाम हासिल करना है, उसके लिए महनत करना।
13:47उसमें आप गलत रास्ता मत सोच लिए तो गलत चीजों करना है।
13:51क्योंकि हर चीज के दो पक्ष होते हैं, अगर आप जिहाद अच्छी चीजों के लिए कर रहे हैं, तो इसलाम में वही जिहाद है।
14:01यानि कोशिश करना, महनत करना, ये है।
14:05क्योंकि मदरसे में बहुत सारे बच्चे हैं, आप ये पूरा निजामुत दिन लाते हैं।
14:23पूरे दुनिया के अंदर हम जाते हैं, आते हैं, कभी हमने नहीं देखा आपसमें के भाईचारगी में कोई खराबी हो, नहीं है।
14:29मैं तो ये समझता हूँ, अगर मैं ठीक हूँ, सब ठीक है, सारे जहां ठीक है।
14:33हम सब लोग रहते हैं, हमारी कंपनी में बहुत साइए लोग, हम लोग इस तरही बाती नहीं होती है।
14:37लेकिन क्या होता है कि जब ये घटना होती है।
14:40अब देखिए भी क्या था।
14:42अब ये घटना होगए कि ये अल्फला अनिवरस्टी से जो थे और उसके बाद में उन्होंने एक खुद को उडा लिया।
14:49ये बड़ी इंपॉर्टन बात है।
14:51और क्या इसलाम कहीं पे इस तरह का जो खुद को उडानेने जैसी बात की तरफ किसी भी कुरान के किसी भी आयत में कहीं भी लिखा है कि भई खुद को उडा लो।
15:08ये मैं कहता हूँ कि इसलाम का इससे कोई तालुक नहीं है।
15:29अगर किसी इसलाम का दिमाग खराब है, उसका कोई उलाज रहीं है।
15:33और हम कहते हैं कि अगर कोई इनसान गलत करता है उसको रोका जाए हर तरीके से रोका जाए यहां तक कि हमारे इसलाम के अंदर कहते हैं कि अगर तुम्हारे अंदर ताकत है तो तुम कोई बुराई कर रहा है तो उसको समझाओ उसको बताओ बेटा यह चोरी करना गलत है यह ग
16:03मचता हूँ कि इस्站 स्लाम जो है इसलाम को ईस्पा आए कर आंक अगर बैकर कोई इस local
16:19ओक नहीं कोई सोसल मिडिया उसके बाद यह दोक्तर बने और र्तर
16:31तो सवाल यह कि कही ना कही अगर मुसलिम आप देखो गए तो इतने पड़े लिखे लोगी तो दूसरी अंड कर गहर मुसलिम है तो थोड़ा नजर उनकी थोड़ी थीकी सी नहीं मैसूस होगी इसके लिए उनके बारे में क्या खोगा जो डॉक्टर बनके भी यह कर गए दे�
17:01आज वो एंसानियत से हटके कोई काम करते हैं तो मैं तो बस यह कहूंगा का उनको बारेम मैं समझता हूं को च्छ़गा benefits को इस तरीके के हरकत को नहीं करेगा지
17:25मौनाना साफ़ अगर मैं डो वाते मैं आसे नहीं पूछ बादो यह अन करेगा तो लोग कहेंगे
17:28तो लोग कहेंगे मैंने पूछा नहीं अच्छा वो इसलिए है कि जो मैं देख रहा हूं मैं इसलिए आया हूं उस काट मैं इसको चलाओंगा तो लोगों को इससे पता चेहना चाहिए कि लिजामुदीन जगे जैसी जगह पर इस बड़े मदरसे में इतना बड़ा मदरसा ब�
17:58बूले बोलते हैं नंबर एक बोलते हैं कि भाई यह जो सोसाइट बंबो बुथा बंग जो बंदा था जिसने आतमत्य करी और खुड़ पर उड़ा लिया इतने लोग मार दिया तो कहते हैं यह तो बहत्तर हूर वाला एक बड़ा सुनते हो आप सब जगे क्या ऐसा कुछ है
18:28पहले मैं आपको यह बता दूँ आपने कहा के बंब लगा लिया और बहत तरहूर भी छोड़ दिये पहले बंब लगा लिया और मैं जाके फ़ला जगा फोड़ दूँ मिसाल के दोर्वे इसलाम खुदखुशी को हराम कहता है क्या कहता है अगर आप सुनी तो मेरे आयत अ�
18:58हराम है और कहा तक हराम है अल्ल यह जो इनसान की बोड़ी है यह ए भाल अगर मैं ना जायज इसको करूँ इसको काटूं यह भी हमारे हराम है क्योंकि यह हमारी जो बोड़ी है हमार बांत
19:20पूछा सकते आप बंफोड़के हम वहां फोड़ दें और यह करें संदेज दे सकते हैं, इसलाम करोंसे कोई तालुक नहीं है.
19:28आफमहत्या हराम है, नाजाइज है इस तरह को होसाइड बंबर की तूप में बनाना बंब के साथ भी नहीं.
19:34कौन सा वंबर बोलते हैं उसे जो जो करते हैं क्या बोलते हैं से
19:40इसलाल आपमें जो आपमते हैंậ।
19:44मैं कहता हूँ कि सब हराम हैं।
19:47हमारे इसलाम के अंदर
19:48यहां टके अपने जिस्मको भी
19:50तकलीब नहीं पहुंचा सकते हैें।
19:52हमारे इसलाम के अंदर
19:54श्यव 20 ठीजियों का श॥कूए जुन सबको नियुक में।
19:57हमारे हैं भाई का हुकुक है, बहन का हुकुक है, बीवियों का हुकुक है, हमारे हैं इसलाम के अंदर भावियों का हुकुक है
20:04और हर एक का बड़ों का सबका हुकुक बताया है
20:08कि इसलाम ने बड़ों का अदब बताया है
20:10एहतराम बताया है इस्दत बताया है
20:12इक्राम बताया है
20:13ये तो खुदकुशी का कैसे इसलाम इजासत देदेगा
20:16मुझे बताया है
20:17तो चहीं से कहीं तर खुद तप खुशी है
20:18तो सही से मैं समझता हू यहा तक
20:20सही से इस्लाम समझने की जरु attracting
20:23हमारे पास आए
20:24लभी किसी को भी कोई घलत सह्मी है
20:27वहाँ हमारे पास महमान बने
20:30हमारे हिंदू भाई आएं
20:31इस श्थ भाई आएं
20:31बाई आएं सिख बाई आएं सब आएं मुस्लिम भी आएं गैर मुस्लिम भी आएं सब आएं और और इन्शालला हमारे महमार बने हमें बड़ी खुश हुएगी क्योंकि मदरसे के अंदर गलत बाते नहीं सिखाए जाती मदरसे के अंदर दीन इसलाम को सिखाए जाता है जो म�
21:01तो आपके नजदीक में जो भी बहतर मदर्सा हो या जानकार हो इसलाम के उनके पास बैठीए समय बहतीत करिए
21:09समझे कि मुझे कहीं से ऐसा मैसेज आया है जो प्रेडित करें को कि ये जो जो जाते हैं नहीं तो इनके दिमाग में भर रहा है मौलाना साफ बना इतना बड़ा अपनी जिंद्गी अपना पूरे परवार को मुसीबतना परवार बदा दिया और एक तरीक देखा जाए तो बा
21:39है देखिए हम तो कहते हैं कि जो इसके अंदर मुलविज है उसको पकड़ा जाए उसको सज़दी जाए और सक से सक कारवाई करी जाए इससे किसी भी मज़ब से ऐसे इंसानों से कोई तालब नहीं जाए चाहे दीनि-इसलाम हो चाहे हिंदू मजभ हो चाहे इसाई मजभ हो
22:09आते हूए है हां और और जगह भी जाते है सब जगह जाते हैं अजमार इसान के बहुत बड़ी संक्याम वा लोग आते हैं क्यो आते हैं यह आपनी कभी आते हैं जो वहां मदफून हैं जो ब्जुरु satisfy का था थे हम大
22:39मैं अहां mirtha मैं बिदा राहू आफ को पूरी जिन्गी उनको उनकी जिन्दगी जो आज़रत निजाम-u-dinn-a रहंत-Ala Óhmatic
22:47उनकी जिसंदगी उठाकी दे उन्हें क्या किया उनके क्या काम थे उनके कारों में क्या थे
22:53आज उनके कारणा में वो दुनिया से चले गए 800-700 साल हो गए उनको फिर भी हिंदू मख़ब के लोग भी इसाई मख़ब के लोग ये तमाम मझाइब के लोग आ रहे हैं क्यों आ रहे हैं
23:02अन्हों ने बोके को खाना खिलाया उन्हों नंगो कप्ड़ा पहनाया उन्होंने हर बुराइस रोक आच्चाई की तरफ उनको दावद दी उन्होंने कहा कि बेटे फिल्ट है पूरी जिन्देगी उन्होंने अपनी वक्फ कर दी यहासरत निजा मिजदिदीनAY वलिया रहमत �
23:32तो यहां आपके ठहरनेक भी विवस्ता है, आप ऐसे बच्चों को जो साधन ही ने, उनको सिक्चा भी रह रहा है, यहां पे खाना भी विवस्ता रहने, खाने करना, तो कहीं न कहीं आपके पास देश का काफी हद तक मिजाद समझ में आता है, जी, जी, जी, कि कि वहा हो का, �
24:02सब मिलाके, 140 कोड़ों में, इतने 30 कोड़ों मालो, कि इतने सारे मुस्लिम भाई, जब हम लोग सब साथ में हैं, तो इसको हम सब को जो है, साथ में तो चलना ही है, चलना, चलना, तो क्या, जो मुस्लिम आते हैं उन्हें लगता है, कि इस देश में उन्हें मौके कम मिलते है
24:32हम यहीं पैदा हुए हैं ही मदफून होएंगे यहीं दफण हो जाएंगे और हम जितनी महबट हम अपने हिंदुस्तान से करते हैं क्योंकि अल्ला के रसोल स्लिगारीजिम के आधीस भी है कि जिस वतन में रहते हो उस वतन से महबबद करो हमारे लिए सबसे आजीज हमारे लि
25:02तो उसके लिए लड़ने का तरीका क्या होना चाहिए देखिए इसके लिए अंदोलन हो सकता है बस आंदोलन ही हbew कानूनी तरीका हो सकता है। मिदार कोई हमारे साथ गलत करता है
25:32हमारे मुल्क के अंदर अमनों पैदा हो जाए, हमारे मुल्क के अंदर सुकून हो जाए, हमारे मुल्क के अंदर एजुकेशन आ जाए, हमारे बच्चे तालीम याफ्ता हो जाए, हम सिर्फ कोशिश कर सकते हैं, जितनी हमें कोशिश कर सकते हैं, यह नहीं है कि हम बं लें और �
26:02हमें किताबों से महबबब, हमें उसकूल की तालीमी जो किताबें ने से महबबब ने चाहिए ना कि हमें इदर उधर पढ़ना चाहिए
26:14मैं तो आज कि अवाम से कहूंगा,
26:15हिंदु हों मुसल्मानों मेरे भाई बच्चे,
26:18जितने भी हमारे दोस्त अवब इसको देख रहे हैं,
26:20हम कहते हैं कि,
26:22हमारे हिंदु भाई हो,
26:23सिंख भाई हो,
26:24मैं खुद ये कहता हूं,
26:26चितना हो सके,
26:27एल्म हासिल करो,
26:28तालीम हासिल करो, अच्छे अच्छे डॉक्टर बनो, इंजिनियर बनो, वकील बनो, और देश का नाम उचा करो, और देश हमारा आगे बढ़ रहा है, ऐसे वक्त में दुनिया की बहुत सी ताकते हैं, हमें लडाने के, लडा करके, बड़े आसानी से रात कर सकती हैं, इस मु
26:58हम सब देंगे, मिलकर देंगे, और क्योंकि हमारा सब का बराबर मुल्क है, और बराबर जिम्मेदारी है, अगर जान देने की बात आएगे, पराबरी से होंगे, यह जज़वा हम लोगों के रहना जरूरी है, कोई पहले नहीं है, कोई बाद नहीं है, आपको पहले जान द
27:28और बन जाए तो भगवान न करें ऐसी नौवत आए मैं तो कहता हूं कि हमें जाने देनी पड़े लेकिन अगर अगर देश के लिए ऐसी नौवत आएगी तो वो सहीधी होगी यह सहीधी नहीं होगी कि आप निर्दोसों की जान लेने के लिए खुद पर बम लगा के उड़ा
27:58यह जो यह बाते थी आपने महलाना साथ की सुनी मौमब अथार्म साहथ की ऐसे नहीं आप किसी मिली मदरसे में जाएंगे तो आपको अगर आपगर इसलाम से तालुक रखते हैं युवां हैं और आपको समय नहीं मिला है समझने का अपने दीन को अपने भरम को तो आप सो�
28:28आपको दरा रहा है आपको उक्सार रहा है तो उनसे पूछिए कि मुझे बता रहा है इसलाम यह होता है तो आप समझ पाऊगे और यह जगह ऐसी है अगर आपको लगता कि चलो पर मैं किसी बड़ी जगह पर जा के समझ लूँ तो आप ट्रेन से बस से भर के आईए बैठी ए
28:58जाले हैं इनको इसी तरीके से जबाब दिया जा सकता है और यह जबाब हमें मजबूत रखेगा घ्यान लिए जगड़ा हमको दुनिया में सिर्फ नीचा दिखाएगा और एकता हमारी बढ़ती तरक्की को भी रहा हमाँ चौती अर्थ ववस्ता हो गए है अर्थ ववस्ता
29:28कर दूं कि मदर्से में धार्मिक सिच्छा दी जाती है खराब बात नहीं है धार्मिक उनके जो तरीके हैं जैसे हमारे हिंदू में होते हैं वो सब सीजे कुरान शरीप के जरीए आप समझ सकते हैं जैसे हमारे हमान लिए वो सब सीखना जिरूर कैसे चलेगा दरम नहीं सी�
29:58बताओंगा उनके मन का मन में क्या चलता है कैसे वो चलते कैसे अपने जीवन के बारे में क्या सपने है उनके जैसा कि मैंने आपसे कहा था कि मैं मदरसों के बच्चों के मन में क्या चलता है क्या है सबका तुम्हें इस मदरसे का बता सकता हूं यहां पर डेल सो से ज्यादा ब
30:28आपके रनने वाले हो?
30:57और आप भी रही रहे हो यहां पर कैसी मन में आता तो थोड़े बड़े भी हो गए हो कितनी एज है आपकी पंदरा साल है तो मन में क्या आता है क्या बनने की इच्छा है
31:09अभी तो मैं हीज़ कर रहा हूं आगे इंशाल्ला बहतरी ना आलिम बनुगा फिर उसके बाद मेरा सपनाय डॉक्टर बनने का डॉक्टर बनुगे इलाज करोगे लोगों का तो त्यारी है पूरी इंशाल्ला बताया जाता है कैसे बनुगे डॉक्टर कहा क्या करिक्षा दो क
31:39कि अर्भी पढ़ते होगे जुकि आपको बताया आप मुझा सामने कि अर्भी तो जरूरी है चुकि वो प्रांशरीफ को पढ़ने के लिए और हिंदी-ंग्लिस जी हिंदी-ंग्लिस ठीक ठाक आने लगी जी आपको दो माइक आराम से पकड़ो एसे करके पत्रकार भी बन सक
32:09बनने हो एक सकति क्यों वह ऑसे खुँशकर बने हो हा दी दे चलता तो किया खारों गापार Prime करूंगा कुछ आता था मन में देख देखो
32:33क्या मढ़ा होती होंगी कि आ हम लोग कुछ बने कुछ करें तो क्या मन में आता है जी आता है
32:56फौजी बनने की बियाती," किसी को बनुए, आलिक में बना, तो बनोंगे 텁 को कोई बनना की लिए टो जमके बन
33:06तो खुल करें, तो भूल टो ही जिम करते हो सबस्क्राइब, रिखना पड़े में और भी आप पालतर दिश्चंछा रखना पड़ाू
33:12जिम करते हो झाले पकड़ पकड़ए तो ने पर सुच नई इस तो पान अच्छा रखना पड़े हैं तो ऑगी कोई जे पान मसाला यह सम लदूत नहीं लगी
33:29पाकिस्तान होता रहता है चोटी बाते बढ़ जाओगे चलिए लाइए तो बच्चों के मन की बाते हैं अभी तो स्टार्ट है चुकी मदर्से में हर तरह के बच्चे हैं
33:50तालीम स्टार्ट हुई है कुछ की थोड़ी जादा भी हो गई है तो बेसिक तालीम ले रहे हैं जैसे जैसे आगे बढ़ेंगे इनके अलगला सपनों में भी पंक लगेंगे बढ़ेंगे उम्मीद है कि आप लोग जो सोचा है करें डॉक्तर बनो पाजी बनो देश की सेवा क
34:20अलिम में क्या क्या सीखते तो आलिम बने के लिए यह किसी को
34:43फ्रस्ता साइब करता है यह नघा क्रूंटी में पूरा डरे सेखके सी,
34:52यह बड़ी करी है सब्रोप्ली क्लियर रोटी जह कहांद रि만 खातें वाइन हानों पूरे यह रोटी पूरा सेफटि का इंतिजा में कीचले चैंग का
35:07सबसे बड़ी चीजे ना तालीम अगर आप दे रहे हैं बड़ा करिये एक शवाब का काम
35:35बिलकुल मेरा तो मानने यह है कि जिस तरीके से बच्चे पहने से पढ़ते हैं खुराग भी अच्छी मिलेगी तो सहत अच्छी होगी मन भी अच्छा होगा तालीम भी अच्छी होगी तो हमने हर वो सवाल किया जो हमें जरूरी लगा क्योंकि देश में सबसे बड़ी चीज ह
36:05उसकी काट चाहिए थी उस काट के लिए मैंने मौलाना अजी से बहुत सारे सवाल किये जवाब मिले आपने सुने बच्चों के मन की खायश भी सुनी कोई डॉक्टर बनना चाहता है कोई बैगानिक तो कोई फोजी और क्या क्या चलना वो आपने सुना आपका इस पूरे ज
36:35कि आपको सही से इसलाम को जानना चाहिए लोगों को इन सब पर आप कमेंट कर सकते हैं सुलाल इस वीडियों को देखने के लिए बहुत बहुत धनवाद नमस्कार
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