एकतरफ जहां स्कूल और क्लासेज बच्चों का इंतजार करतीं हैं. पंजाब के बठिंडा का ये एक ऐसा स्कूल है. जो खुद बच्चों के पास पहुंच जाता हैं. ये मोबाइल स्कूल झुग्गी- झोपड़ी के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहा है.ये स्कूल रिटार्रड रेलवे इंजीनियर केके गर्ग चलाते हैं.गर्ग को इस स्कूल का आइडिया 2006 में आया .जब वो नौकरी पर जाते थे. इन गरीब बच्चों को देखते थे. जो स्कूल नहीं जाना चाहते थे. तो इन्होंने स्कूल को ही इन बच्चों के पास पहुंचा दिया. 17 सालों में 700 बच्चे इस स्कूल में पढ़ाई कर चुके हैं.इस स्कूल में श्वेता पिछले चार साल से पढ़ा रही हैं.वो बताती है कि शुरुआत में थोड़ी मुश्किल आई. लेकिन समझाने के बाद मां बाप अपने बच्चो को पढ़ने के लिए इस स्कूल में भेजने लगे.यहां के लोगों का कहना है कि इस तरह के और स्कूल होने चाहिए. सरकार को भी मदद इस तरह के स्कूल खोलने में मदद करनी चाहिए.
Be the first to comment