00:00कहानी हैं आलू प्याच की बारिस, एक बार की बात हैं, एक छोटे से गाउ में लोग बहुत परिसान थे, कई दिनों से आस्मान में बादल तो थे, मगर बारिस का नामो निसान नहीं था, उस गाउ में खेत सुक चुके थे, किसान मायूस थे, गाउ बालो को दुखी देखकर
00:30बाते सुनकर गाउं वाले सब मंदिर में जुट गए और पूजा पाथ हुआ धोल नगारे बजे दो तिन दिनों से पूजा हवन चल रहा था तभी आस्मान में बिजली चमकी और कुछ बादल चाने लगया पहले तो हलकी हलकी बुंदे गिरने लगी लोग हसी खुशी में न
01:00अरे ये क्या है अस्मान से पानी के साथ साथ आलू और प्याज भी गिर रहे हैं किसी के सीर पर प्याज गिरा किसी के सीर पर आलू गिरा कोई आलू जमा करने लगा कोई प्याज जमा करने लगा भुके प्यासे बच्चे खुशी से चिलाने लगे आलू प्याज गिर रहे ह
01:30तोकरी लेकर बाहर निकल आई
01:31उसी टाइम एक लेडिस ने बोली
01:34आज तो पकोडों की बरसात होगी
01:36दूसरी लेडिस बोली
01:38बस आप टमाटर की बारिज भी हो जाए तो चटनी बन जाए
01:42लेकिन तभी गाओं के चतूर लालू ने कहा
01:46भाई जल्दे से आलू प्याच एकटा कर लो
01:50भगवान नराज हो तो कद्दू बरसाने लगेंगे
01:54सब लोग ठिटकारी मार कर हसने लगे
01:57हाहाहा सब हसने लगे और जटपट सबजियां बनाने लगे
02:01उस दिन गाओं में सच में दावत हुई
02:04आलू प्याच की सबजी सबने बनाए आलू के पराठे प्याच के पकोड़े और सब लोग मिलकर उस दिन बड़े मजे से खाया और सबों के पेट भर गया
02:16सबने मिलकर भगवान को धन्यवाद दिया काफी दिनों से उन्होंने भर पेट खाना नहीं खाया था