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  • 8 minutes ago
भिलाई में प्राचीन वाद्य यंत्रों का केंद्र कुहूकी है.जो लोक वाद्य यंत्रों के संग्राहक रिखी क्षत्रिय का प्राइवेट म्यूजियम है.

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Transcript
00:00ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
00:30ॐ ॐ ॐ
01:00ये तो थी कुहुकी के नाम रखने की पीछे की कहाने
01:16रिखी शत्रिये की वाद्यंत्रों के संग्रह में एक और भी अनोखी चीज है
01:22जिसे लोग भोगल ढोल के नाम से जानते हैं
01:25इस भोगल ढोल की खासियत ये है कि इसे बजाने के लिए एक नहीं दो लोगों की जरुरत होती है
01:31रिखी शत्रिये ने जिस धरोहर को बचाने का काम
02:01किया है उसके लिए त्याग और समर्पन की जरुरत है
02:04कुहुकी और भोगल ढोल ना सिर्फ आदिवासी काल की उसकला को प्रदर्शित करते हैं
02:10बलकि ये भी बताते हैं कि आदिवासियों की रगों में संगीत और साज का नाता कितना पुराना है
02:17भिलाई से अतुल कुमार, ETV भारत
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