In 'Games Of Karma: Sangeet', a classical music teacher's wife endures his cruel romantic perversions. When karma strikes, leaving the husband paralyzed, his wife seeks revenge by engaging in affairs with strangers right in his presence, turning the tables on his torment.
00:22I'm glad कि हमारी सोच से इतना बड़ा परिवर्तन हो
00:26तो चलिए नेक्स स्टोरी सल लेते हैं
00:28अभी भूजन का समय हो गया है
00:30लेकिन अभी तो सिर्फ छे बजे हैं
00:34फ्लोरा जी सूरे ढलने के पहले अगर भूजन किया जाए
00:37तो स्वास्त के लिए बहुत अच्छा होता है
00:39आईए भूजन करते
00:56आईए बहुत अच्छा खाना था
01:15पाव सर बहुत अच्छा खाना था मज़ा गया
01:25नो फ्लोरा फ्लोरा यू शुट नॉट ड्रिंक वाटर इमिडिटली आफ्टर थे फूट
01:33खाने के साथ पानी पीते हैं भोगी और खाने के बाद पानी पीते हैं योगी
01:40खाने के कम से कम एक घंटे बाद पानी पीना चाहिए इससे स्वास्त अच्छा रहता है
01:46बाव पिताजी आप अपने स्वास्त का कितना ध्यान रखते हैं सिर्फ आमी क्यों हम सबको अपने स्वास्त का ध्यान रखना चाहिए
01:52प्रेश करता आपने आपसे बुद्धा है ये बुद्धा ही क्यों हर किसी को अपने आपसे प्यार होना चाहिए
02:05अरे स्वस्त खाओगे तभी तो स्वस्त जीोगे हैं नहीं सर मेरे कहने का मतलब वो नी था मतलब
02:12कि अभुरु एक टूरी सुने हाँ क्यों नहीं जोंति प्रबंध कर जी चलिए
02:19हमारी पांचवी कहानी का शीरशक है शंगी
02:25मौधी नहीं
02:33मौधी मैं सच बोल रही हुए किसी से बात नहीं करोगे
02:40मैं किसी की तरफ नहीं देखूगी पराय मर्द से बात करती है
03:10किसी की तरफ नहीं देखूगी पराय मर्द से बात करती है
03:40पुलिस स्टेशन हमारी शादी को छे साल हो चुके हैं पहले एक दू साल सब कुछ ठीक था
03:51फिर फिर उनकी नौकरी जूट गई उन्होंने दारुपी ना शुरू कर दिया
03:58कब मेरे मोहन जी इंसान से हैवान बन गए मुझे पता ही नहीं चला
04:02मैं किसी आदमी की तरफ देख भी लू तो वो मझे चानवरू की तरफ पेटना शुरू कर देते हैं
04:09मैं मुझे आपके बोड़ी के मार्क्स देखने होंगे उनकी पिच्छस क्लिक करनी होगी फॉर एविडेंस फिर आपको हॉस्पिटल ले जाए जाएगा वहां पे आपका मेडिकल होगा
04:30मैं मैं आपके हजबन के डुमेस्टिक वाइलन्स को रोकने के लिए एविडेंस प्लीज प्लीज
04:39मैं बॉड़ी में और कई मार्क है
05:00यह जानवार है क्या कैसे अपनी पत्नी को ऐसे मार सकता है
05:16तुम प्यार डिजाव करती हो
05:26मार्ने
05:56प्यूब
06:26झाल झाल
06:56मोहन जी, मैं ही रोज रोज के नाटक से परेशान हो चुकी हूँ
07:08अरे पगली, इसी में तो असलिए मजा आता है
07:14रोज रोज कोई सूखी बिंडी खा सकता है क्या
07:17नहीं ना, उसी तरह से रोज रोज नए किर्दार बनकर
07:23अपनी धर्म पत्ने के साथ संभोग करने में अलग आनंद की प्राप्ती होती है
07:53आज हम राग भैरव सिखेंगे
08:13इसका ठाठ भैरव ही है और उसकी उत्पत्ती भैरव से ही हुई है
08:18अरे भावी मैं लेता हूँ ना, दीजे
08:23भावी ये क्या हुआ आपके होटों के पास
08:28वोकल घुसल खाने में गिर गई थी
08:34मौहन जी, मैं कमला की गारोकर आओ
08:43हाँ, हो आओ
08:44राग भैरव का वादी स्वर है धैवत और समवादित स्वर है रिशव
08:51समय प्राथा काल
08:53कभी ये किरदार, कभी वो किरदार
09:00जी, शुरू शुरू में सब अच्छा लगता था ये
09:05लेकिन अब रोज रोज
09:09अपने ही पती के साथ संभू करो वो भी
09:12वो भी ये सोच कर कि वो कोई और है
09:16कोई और मर्दिया, कोई और किरदार
09:19तेरी बाते सुन करना, मुझे तो कुछ-कुछ हो रहा है
09:22अच्छा सासद बता
09:24मज़ा तो आता ही होगा ना
09:27चुपका है
09:29मुझे खेन आने लगी है
09:32कमला, मैं अपने पती से प्यार करना चाहती हूँ
09:36है पागल, करती तो अपने पती कहीं साथ है ना
09:40लेकिन ये गिनोना केल मुझे
09:42मुझे बिलकुल सबजबे नहीं आता ही है
09:44सुझाता है तू ना आप
09:46चल चोड़
09:48तू नहीं समझेगे
09:50गजब की मधम जी
10:02आपके अजबन डिया के घर पे?
10:05वो सर मेले थे कह रहे थे कि
10:08लीकेज बहोता है नीचे
10:10नमस्तव अबजी पार सल आय था आपका
10:14परामा मगू
10:16ऑभाश साम मेले थे
10:17कह रहे थे कि
10:18कि अपने भावे के ना
10:20शरीर के सारे बाल
10:22साफ कराओ
10:24शटा शटा
10:26हाई
10:28बुद आफ्टनून
10:30पेशन कौन है?
10:32जी मैं
10:34गहरी सांस लो
10:36फिर गहरी सांस लो
10:42महां जी है मुझे
10:44मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता
10:46जीवन में कोई भी कारे करो
10:52शिद्दत से करो
10:54दो बारा शुरू करते
10:58आप
11:00आप
11:04यह
11:06गहरी सांस लो
11:08फिर गहरी सांस
11:10लो
11:12लो
11:14फिर गहरी सांस
11:16हर कारय में जब तक तुम अनन्द क्या नूभूती नहीं करोगे ना
11:27तब तक उस कारय को करने में तुम्हारा मन नहीं नहीं
11:32धियान आए मिलन को
11:42रोज लगाऊं आस बीत गई रुते सावन भादो
12:02मोरे बुजे ना भ्यास
12:18आना सजन बन ठन तोरी दुलहन तोसे रंगा के मन
12:35चाहे तोरा दरसन आना सजन बन ठन तोरी दुलहन तोसे रंगा के मन
12:47चाहे तोरा दरसन बोरे सजन लगी तोसे लगन
12:55हुआ मन वामगन मैं बावरी मैं बावरी
13:01बावरी मैं बावरी
13:16हुआ हुआ हुआ है
13:46बने मोरी सातन पिया तोरे कारन
13:52औरे सजन जले मोरा सावन
13:57करू कौन जातन मैं माब री मैं
14:02महां जी महां जी मैं मां अनने वाली हूँ
14:05है है है है है है है इसी बात पर मुझ में ठाने करोगे है है है आपका दिमाग हराब है आप इंसान है या जानवर मैं माँ बने वाली हूं और आप इसकी इतनी सी भी खुशी नहीं आपको
14:30कि अपकी दिमाग में हर वक्त संभोग संभोग संभोग बस यहीं चलता रहता है कभी जाक्टर कभी प्लंबर कभी यह कभी वो मुझी में तंग आचुकियों इन सब चीजों से मुझी यह बिल्कुल पसंद नहीं है आप संभोग के प्रती पागल और बीमार आदमी है
14:55हाले रंडी किया हुआ अचुक्षक रहिए मुमिठा नहीं करोगी है
15:25मैं बाबरी मैं बाबरी
15:30कैसी जलना कुहलावे लेतना जागे मोरे ना लना
15:40मैं बाबरी मैं बाबरी
15:43आज तोरी जो गना मोरी राते बैरना
15:51डासे बन के नागन में बारी है बारी
15:57मोहन जी का पागलपन बढ़ता ही जा रहा है कमला
16:03संभोग की प्रती में ने इतना पागल कभी किसी इंसान को नहीं देखा
16:07उनकी इसी हैवानियत की वज़े से मैं
16:12मैं आज तक माह नहीं बन पाई
16:16इश्वा ने जब भी मेरी कोग बढ़ने चाही तब
16:23वहाजी ने उसे मुसल कर रख दिया चिंता मत कर सुझाता भगवान ने चाहा तो सब ठीक हो जाएगा
16:32कब ठीक होगा
16:39कंचन बदन मुर्जावे योवन नाहीं होवे मिलन मैं बाबरी मैं बाबरी
16:53बनके के रन आज अमोरे यांगन नाहीं भावे बेरन मैं बाबरी मैं बाबरी
17:07कटन है असंभाव नहीं बाबरी कैसे वाप मैं चुआ आप नहीं कोशिश कर रहा हूँ आप मुझे आज मिले यो इतने दिनों के बाद बहुत संदर देख रहे हांआप
17:24हुआ हुआ हुआ हुआ है तुम्हें कलाकार और कलाकार का सबसे पहला धरम होता है कि वो दूसरों के दुख को समझे
17:54हुआ हुआ हुआ हुआ है थोफ।
18:14हुआ हुआ है
18:17मुझे आजादी चाहिए
18:47आज दमालक करदार बनकर संभोग करेंगे तुझे मजाएगा
19:01मत तयारो कराता हूँ
19:03देरे ना ना देरे ना
19:06पीया पीया मुर्ट पीया पीया थूरी भावरी
19:14पिया पिया मुरे पिया पिया तोई भाबूरी
19:24अरे पिया बाबूरी
19:33ओरे पिया पाबूरी
19:41मौरे पियाद बाबरे
20:06वेल, एक्सपाइड वैगरा काने से इनकी बॉड़ी परलाइज हो गई है
20:09एक्चुली ये प्रोड़क्ट्स बाहर के होते हैं
20:12और इनके साइड इफेक्ट्स भी बहुत जयदा होते हैं
20:14लेट सी, लेगलर बॉड़ी मसाज और फीजो थेरेपी करनी होगी
20:17लेकिन दॉक्टर, ये ठेक अब तक हो जाएंगे
20:21कुछ कहा नहीं जा सकता
20:24प्लीज टेक कियो रफिर हस्बेंट
20:26मैं चलता
20:28मैं सिलेंडर, मैंड़ा पार्सल, घुरुजी की दविहत वैसी है नहीं
20:52है सुझाता, मोहन जी कैसे है?
20:58आना सजन, बन ठन तोरे दुलहन, तो सरंगा के मन, चाहे तोरा धरसन
21:23होरे सजन, लागी तो से लगन, हुआ मन वा मगन, मैं बाबरी, मैं बाबरी
21:33तरसे न या न चल मोरा बदन, नहीं आवे सावन, मैं बाबरी, मैं बाबरी
21:47तरसे न या न चल मोरा बदन, नहीं आवे सावन, मैं बाबरी, मैं बाबरी
22:01तोरी छोबन, खिल जावे योबन, आज होवे मिलन, मैं बाबरी, मैं बाबरी
22:14ओ, मोरे साजन, नाचे मोरा ये मन, बनू तोरी दुलखन, मैं बाबरी, मैं बाबरी
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