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  • 6 hours ago
जातिगत आधार: पिछड़े, अतिपिछडे का गणित जीत का फार्मूला
औरंगाबाद में महागठबंधन की गांठ है। सभी छह सीटों पर महागठबंधन का दबदबा है। जातिगत समीकरण साधने के फार्मूला यहां कारगर है। एनडीए अब यहां मोदी फेक्टर की ताकत लगाने में जुटी है। मंगलवार को औरंगाबाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी ने सभा कर ऊर्जा झौंकी है और 7 नवंबर को एनडीए की ताकत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा होगी। यहां दूसरे चरण में 11 नवंबर को चुनाव होंगे।
औरंगाबाद में कांग्रेस के प्रत्याशी आनंद शंकरसिंह दो बार के विधायक है, इस बार हैट्रिक की उम्मीद में है । भाजपा की ओर से त्रिविक्रम नारायणसिंह को मैदान में उतारा है। कांग्रेस उन्हें पैराशूट प्रत्याशी बता रही है तो भाजपा इसके कांग्रेस की छटपटाहट करार दे रही है। यहां मेडिकल कॉलेज की मांग सबसे बलवती है। ट्रैफिक की समस्या दक्षिण बिहार में लगभग सब जगह परेशान किए हुए है। रोजगार के लिए पलायन की पड़ा रास्ते में दोमुहान, अमसर, गम्हरिया, घरेरिया, डोभी, शेरघाटी,मदनपुर में जहां रुके सुनने को मिली।
जातिगत फेक्ट कर रहा है काम
औरंगाबाद में ऋतुराजसिंह बताते है कि यहां जातिगत फेक्ट पूरे इलाके में काम कर रहा है। महागठबंधन को पिछड़े, अति पिछड़े और अतिपिछड़े, अल्पसंख्यक वोटों के साथ ही राजपूत बाहुल्य इलाके का समर्थन मिल रहा है। एनडीए के लिए इन जातिगत वोटों को साधना मुश्किल हो रहा है। एनडीए ने छह में से दो सीट पर, दो पर जदयू, एक पर हम, एक पर लोजपा आर को सीट दी है। वहीं महागठबंधन ने कांग्रेस को दो व राजद को चार जगह पर प्रत्याशी उतारे हैं। प्रत्याशियों का यह पूरा गणित भी जातिगत आधार पर है।
पांवों में जूते नहीं, स्कूल की ड्रेस ही है
औरंगाबाद जाने के रास्ते में अमस गांव के पास में प्राइमरी स्कूल के बच्चे स्कूल जा रहे थे। ये नंगे पांव ही हाइवे से निकल रहे थे। बच्चों ने बताया जूते है ही नहीं तो क्या पहनें? स्कूल यूनिफार्म सरकार देती है, जो इनके लिए बड़ी मदद है। सरकारी स्कूल में मिलने वाला खाने से खुश है। गरीबी की कहानी को पूरा करते हुए आगे सूगी गांव में सरिता और कविता दो महिलाओं ने बताया कि रोजगार नहीं होने से कमर टूटी हुई है। यहां बच्चे नाले में से मच्छी लेकर आ रहे थे, उन्हें दिखाते हुए कहती है मच्छी खाकर गुजारा करना पड़ता है। 350 रुपए दिहाड़ी मिलती है,वो भी रोज कहां पड़ी। वो कहती है वोट में सब आते हैं, गरियाते हैं.पर वोट खत्म होने के बाद कोई खबर नहीं लेता है। रोजगार मिल जाए तो सभी समस्या का समधान हो।
वोटर मुखर और खुला
दक्षिण बिहार में वोटर बड़ा मुखर और खुला है। बात करने में न महिला को झिझक है न बड़े बुजुर्ग को। राहुल गांधी की सभा में आकर जो जहां बैठ गया,वहां बैठ गया। सुरक्षाकर्मी भी यहां पब्लिक को ज्यादा परेशान नहीं करते हैं। नेताओं की बात को सुना और पब्लिक फिर रवाना हो गई। हैलीकाॅफ्टर देखने की लालसा नजर आई। महिला-पुरुष दोनों ही बराबर संख्या में सभा में आए।

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00:00This is the truth of the people who are living in the world,
00:04and this is not a hidden person.
00:07And we, the Arab people,
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00:15what we know about all the things that we are all about,
00:20and all the people who are living in the world,
00:22and all the people who are living in the world,
00:25and all the people who are living in the world.

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