Siwan Tezaab Kand: सिवान के बहुचर्चित तेजाब कांड की यह कहानी आपको अंदर तक झकझोर देगी। कैसे बाहुबली शहाबुद्दीन ने चंदा बाबू के तीन बेटों का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया। उनमें से दो बेटों को तेजाब से नहलाकर बेरहमी से मार डाला गया और उनके शवों को नमक लगाकर फेंक दिया गया। यह सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि एक परिवार के साथ हुई उस क्रूरता की दास्तान है, जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप उठेगी। वीडियो में चंदा बाबू का एकमात्र जीवित बचा बेटा नीतीश राज, इस पूरे खौफनाक मंजर को अपनी जुबानी बयां कर रहा है। तीसरा बेटा जैसे-तैसे बच निकला था, लेकिन बाद में शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने उसे भी गोली मार दी। चंदा बाबू और उनका पूरा परिवार इस दर्दनाक घटना का शिकार हो गया, और अब सिर्फ नीतीश राज ही इस भयावह सच का गवाह है। इस वीडियो में सुनिए उस बचे हुए बेटे की पूरी दर्दनाक कहानी।
This video narrates the horrific Siwan Acid Attack case where a powerful figure, Shahabuddin, abducted three sons of Chanda Babu. Two of them were brutally killed with acid, and their bodies were disposed of with salt. The sole surviving son, Nitish Raj, recounts the complete tragic story, revealing the extent of the violence and the devastating impact on his family.
Bihar Chunav: शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को मिला टिकट, किस पार्टी से, कौन सी सीट से लड़ेंगे चुनाव? :: https://hindi.oneindia.com/news/bihar/bihar-elections-shahabuddins-son-osama-shahab-has-been-given-a-ticket-1408937.html?ref=DMDesc
शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा ने मां हिना संग थामा RJD का हाथ, लालू यादव-तेजस्वी का मिला साथ :: https://hindi.oneindia.com/news/bihar/shahabuddin-son-osama-and-his-mother-joins-rjd-1137971.html?ref=DMDesc
Siwan Lok Sabha Seat: दांव पर RJD की शाख, हिना शहाब के निर्दलीय ताल ठोकने से बदल गया सियासी समीकरण! :: https://hindi.oneindia.com/news/bihar/siwan-lok-sabha-seat-hina-shahab-spoil-the-political-game-of-rjd-awadh-bihari-chaudhary-news-1011767.html?ref=DMDesc
00:00एक भाई ग्रिस जो है उनको उठा लिया गया और दूसरे भाई जो गलापट्टी में एक दुकान है वहां से एक भाई को उठा लिया गया और तिस्रे भाई जो राजी रोसन भी आ थे हैं उनको सामको लबग पाच्ची या चार बेज कास्टा सिगारी से वहां देवी कॉले
00:30और नबर डाल के बोले नटपना को ठेक देविया नंबर जो आया था वो मुहमद साबधिन साहब का ही नंबर था अच्छा उनके ही नंबर से फोन आया था लाजीविया के साथ उनकी गवाई होनी थी 19 जून 24 को और 16 जून 24 को उनको नंगोली मर्ग आत्या पर देग गई �
01:00नमस्कार मेरिचा और आप देखना शुरू कर चुके हैं वन इंडिया हिंदी अभी हम जिस जगह पर मौजूद हैं वो सिवान विदान साबाचेतर सिवान सदर का अस्पटाल रोड है और हमारे पीछे कैमरा बसन बिल्डिंग है बिल्डिंग दिखाए बिल्डिंग पर अ
01:30कांड की सूत्रधार रही है बिल्डिंग वो सारा कांड यहीं से शुरू हुआ था यहीं है चंदा बाबू के बेटों की और चंदा बाबू की वो दुकान जहां पर उस तकारिन उस वक्त के शहाबुदिन जो जिन से पूरा शहर खौफ खाता था उनके जो लोग थे जो उ
02:00पीछे आई और इसी दुकान के लिए पुरा फसाद खड़ा हुआ और अंततह तेजाब कांड जैसा जगहन अपराध सिवान की पावन भूमी पर घटा यहीं वो जगह है यहीं वो दुकान है और चंदा बाबू का परिवार आज किस हाल में है एक शोट अप्डेट में दे
02:30और तब तक नहलाया गया जब तक उनकी हडियां गल नहीं गई हडियां गलने के बाद उनमें नमक डाल के बोरे में भरके पेंक दिया गया कुछ लोग कहते हैं कि कुछ लोग कहते हैं कि कुटों के आगे फेंक दिया गया सब कुछ जानेंगे आगे तो दो बेटों का यह �
03:00जो दिव्यांग है और वो जीवित है और उसे भी बड़ी बात जो अभी आज के दिन पर वो सिवान में ही मौजूद है और जो हमारे पीछे बिल्डिंग दिखाई दे रही है आसपास के लोगों से हमने पता किया वो अभी इसी बिल्डिंग में रह भी रहे हैं तो जो तेज
03:30तुनिया में अपराद की घिंती में उसके उपर उस अपरात को इस हत्याकान को गिना जाता है
03:36अब बहुत सारी दुकाने हैं और मेरे लेफ साइड में अभी हाँ पर एक मेडिकल स्टोर है दिखाएए यही वो मेडिकल स्टोर की शॉप थी आई एक बार शॉप को भी करीब से दिखाते हैं जो फिलहाल बंध है एलेक्शन की वज़े से लेकिन यही वो शॉप है यही पर �
04:06जो अभी आज मौजूद है और यही वो दुकान है आप एक बार याद कीजिए वो दौर आप याद कीजिए वो घटना जो पूरे देश में अगर बात की जाती है तो वो रूप कपा देती है वो घटना यही है वो दुकान जहां पर यही वो जगह होगा आप याद कीजि�
04:36के गुंडे यहां पर पहुचे होंगे, वसूली, फिरोती, क्या हुई थी, क्यों वह घटना हुई थी, आज बहुत आपने मेडिया में बहुत सुना होगा, कथाएं बहुत सुनी होंगी, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है, वो आज हम उनके चौथे बेटे से आपको सुनाने वाल
05:06बेटों के हूक में तडपती रोती बलखती मा वह भी इस दुनिया से चल बसी, यह है वो जखे, यह है वो बिल्डिंग, यही है वो दुकाने, और यही है वो जखे जहां सब कुछ हुआ, जो सारी घटनाएं हुई, आए कोशिश करते हैं, कि हमें यह जो स्टिक है, स्टिक
05:36ना उनके पिता हैं, ना उनकी माँ हैं, और उनके भायों के साथ जबुआ, वो आप सुनी चुके हैं, और अभी सुनेंगे बहुत अच्छे से, आईए, आईए अंदर देखते हैं, और अंदर आते के साथ मेरी जो सबसे पहली नजर पड़ी है, आप कैमरमान इसको दिखा
06:06मैं बता सकती हूं कि ये चंदा बावु हैं, ये उनकी पत्नी हैं, आप विज्वल्स अच्छे से दिखाईए, और ये वो तीन बेटे हैं, जो बली चड़ा दिये गए, जो तेजाब कांड की बाते होती हैं, ये वो परिवार है, जिसने वो युग जहला, वो दर्द जहला
06:36हम, और पता करते करते पते चला, आप हैं परिवार में तो हमको जानके बहुत खुशी हुई, कि कोई है अभी इस परिवार का, आपका नाम क्या है, नितिश राज, तो नितिश जी आप पिता जी का नाम क्या है, आपके, शे चंद किस्वर परसाद उफ चंदा बाबु, ज
07:06सुरक्षागाट में बिले हुए है, दिखाई है इनको, तो अभी इस सरकार में आपको सुरक्षा भी दिगई है, जी, दोयार चार से इस सुरक्षा में दिया गया था, लेकि दोयार 14 में जो है, छे महिने के लिए अटाया था, उस ही में राजीव बहाई के साथ हुआ तो �
07:36और यह कहां पर हुई थी दिए भी कॉलेज मोड़ पर सिवान का एक सबसे भीड भाड़ वाला सबसे प्रसिद्व चो रहा है तो वह क्या कर रहे थे कहीं आ रहे जा रहे थे कैसे उनको गोली मार दी कुछ वह मां को पर लाइसिस मार दिया था दिसंबर में तो उसके पहले व
08:06कोई करने वाला है नहीं तो वो कहें कि हम नहीं तो हम सीवान में ही अपने काम कर ले रहा है तो जन्वारी से ही काम शुरू कर दिया है उसके बास से 24 माई 24 को उनकी साधी हुई और उसी दर्मियान उनका पेसी भी था 19 जून 24 को और यह चीज उसमें एक एलेक्शन भी हु�
08:36और पापा भी मांगने किये थे कि हमको अच्छा कमोहिया कराया जाए जाए और उसी दर्मियान भाहिया को दून 24 को गोली मार दी गए मैं मैं शाधी हुई थी 24 मैं 24 और एक महीने बाद लगभग 18 दिन बाद 18 दिन बाद तो आप अभी तो आप कहानी की शुरूवात है चं
09:06जाधी के 18 दिन बाद उनकी निर्मम हत्या कर दी गई थी एक चौराहे पर देवी मोर है सिवान का बहुत तसद्ध है तो यह तो हुई अब नितिश की नितिश जी उनकी हत्या की क्यों की गई आपके बड़े भाई की क्योंकि वह गवाई का प्रेसर था चरो तरब से गवा
09:36फैसा लेलो लेकिं काम से कम तुम गवाही मत दो अच्छा वह ही है का मैंद अप्र जब भाई की सब को परिवार में अस्तब्यास हो गया तो हम लोगों को पैसे को एथी में अवा जो उनके सामने तेजाब से जलाकर मारा गया था दोनो भाई को प्रह उनको एसा मेंद्या �
10:06तो आपके भाई को गोली मरवाने में किसका हाथ था कुछ नाम पता चला था नाम क्या पापा तो नाम भी दिये थे हैं इसमें बीच में उसामा साहब का उसामा जो शाबुदिन के बेटे हैं और अब दगुनात पुर्वधान सबसे उसमें आज तक क्या हुआ कुछ हम लोग
10:36पता ने दब गया यह फिर क्या हुआ पापर गवाई बदा अपने जो केस दर्द कराए थे उसमें नाम दिये गया था लेकिन पुलीस उसमें क्या क्या ने क्यों आज तक पता नहीं चलिए यह तो दर्द की तीसरी कहानी थी जो यह कहानी शुरुआत कैसे ही थी चंद्रा �
11:06बेले दूकान लिए उद्हार कोने पे दुकान थी यह तो उसमें जैसे हम लोग कवले जैनल श्रुट किराना का दुकान था तो भाइए के मोबाईल पे फोन आया था तो मेरे आर्मी जा रहे हैं दोलाद कुल पैर दे दू किसका पहना था पोन किसका आया था यह नहीं माल
11:36कि पापा नहीं है पापा को लाएंगे तो बात कर लिए अहां पे 25 आदमि पहुच गये थे उसके स्यां मार पर比如ने के
11:47दरमें उसके से आते ही पापा जो जो कहेते हम तो वही जांते हैं हम तो यहां पर उस समय isn't
11:54पापा और भाईया के बीच में लब दो साल के बाद मुलाकात हुई उस समय चार में यहां पर आते हैं लूट पर सुरू हो गई कौन यहां का बॉस हो गया है ऐसे तमाम तरह के बाते होने लगी थी और उसके बास से फिर नहीं हुआ तो उसके बास से एक भाई ग्रीस राज �
12:24में दुकान है वहां से भाई को उठा लिया गया और तीसरे भाई जो राजी प्रोशन भिया थे हैं उनको सामको लबग पाच्ची या चार बिजे क्या प्रतापूर जो उनका घर होता था था वहां पे ले जाको उन्हों
12:54तीजाब से लाग मार दिया और नमक डाल के बोरे में दपना के फेग दिया गया तीजाब से नहलाया जी मर गए वह उनकी हडिया गली उनको काटा गया और नमक डाल के बोरे में फेग दिया गया यह भाईया सब देखे थी यह सब चीज अच्छा और बड़े भिया तो यह
13:24मां भी दर्ट के मारे हट गई हम भी गोरखफुत चल गएर जीडी कर चले गए पापा थे नहीं वह पत्ट ना तहीं है और हम लोग को दू साल बाद लबबब मुलकात हुई आपस में सब पूसी को उसके बास
13:43हुआ है पापा बताए कि ऐसे बात हुआ है घर में और हमको तो कुछ पता नहीं है कि तुम लो का ओ पिर आप बच गये परिवार में अपने शुरू में बताया पिता जी का देहांत कब वा और कैसे
14:13द्यक्ता उज्व यह सपटर कि
14:24ठथे प्तना रेफरमाई लिए हैं उनकी बिमारी का पता नहीं लग पाया तो
14:39बाद में जब पता लग पाय तो मैं मालुम हो क्यों को कैंसर जैसी बिमारी होगी है तो उस दरमाएं हम लोगों में मंगल बबाद से देवता तुल्ड हैं जो उनसे फरियाद किया तो फरियाद करने के दरमाएं उनसे का कि ठीक है घबराइए नहीं आप आईए यहां पर हम �
15:09वह बहुत जंगल राज का दौर कहा जाता है सिवान का आपकी कहानी तो मुझे लगता है कि पूरे बिहार में जो भी जंगल राज के दर्मियान घटनाए हुए उसमें सबसे दर्दनाक ही एक कहानी है तो जब यह सब कुछ हो गया बहुत मुश्किल से परिवार आप लोग मि
15:39दर्शकों को बता दे कि मंगल पंडे फिलाल सिवान विधान सभा से प्रत्याशी के तौर पर खड़े है तो सब कुछ हो गया आपके पिताश्री का दिहान कब हो है किस साल में 16 दिसमबर 2020 को 2020 को यानि जो लौक डाउन वाला पहला लौक डाउन वाला साल और आपकी स्थित
16:09सब्सक्राइब दिखाइए इनकी स्थिति जो पिता लड़ते रहे गए कानून से अपराद से लड़ते लड़ते पिता चले गए माँ चली गई और एक जो व्यक्ति बचा है इस परिवार में नितीश जी हैं जो आज हमारे सामने हैं और बात कर रहे हैं हिम्मत उटा रहे हैं
16:39हमने पूरी जान ली आपकी जब आपके पिता श्री चले गए आपकी घर में भी कोई है हम है वाइफ है बच्चे तो अभी डर लगता है आपको कि कहीं कुछ कोई दर तो देखे जब तक आदमी रहेगा तब तक डर आएगा क्योंकि आप मीडिया से बात कर रहे हैं तो अ�
17:09कोई कब तक बचे जब बात बिल्कुल सही है फिलाल आपके पास स्कॉर्ड भी हैं जो बदद कर रहे हैं आपके बाल बच्चे भी है जी बेटी है सब्सक्राइब तो परिवार में अभी एक लोते आप हैं और यही दुकान वुकान का जो आप जो नीचे है उसे किराय रहा
17:39अक्सर मंच पर दिखते थे उनकी कहानी सबको एलेक्शन के वक्त बताई जाती थी लेकिन सिर्फ वो कहानी तक ही थी मदद अभी मंगल पांडे आपकी मदद कर रहे हैं चलिए एक पॉजिटिव एंगल है इनके अलावा किसी ने मदद की कि ने इसके अलावा कि तो आखरी
18:09यह थी तहरे किरुदा रहूं ने होना पड़ी हम लोग आए हैं तो हमें पता चला किơ हैं
18:38अभी हैं यहां पर मुझे पता चला जब कि आप अभी हैं तो आप हैं तो इस बात की खुशी हुई लेकिन वो दर्द वो सब पूरा दुनिया सहम जाता है वो ऐसी घटना है तो हमने तो सोचा कि आप हैं तो आप आपका जो भी हाल चाल है वो दिखाना चाहिए दुनिया को �
19:08परिवार के साथ ऐसी घटनाए हुई आप ऐसा होता है इंसान हार जाता है कि अब मैं ठक गया हूं अब यहां से मेरा मन नहीं आगे बढ़ने का आप
19:38अपने कैसे अपने आपको स्टेबल रखा है अब तक अदमी हार यह लेकिन अदमी के होता है कि अंदर से मनोबल टूटनने चाहिए लेकिन पापा के भाईया के नाड़ने के बास से मतरब समयजे कि सारा मनोबल टूट जाते हैं फिर हम लोगने चार्ट सल कुछ नहीं किया
20:08फिर बात में इस You ड़ान पिकरी जैसे टृटत करने में हैं कि अटेया हुए अपने लेका में इस जैसे भी में और वह चाहिए शाइंडें वहाँ थिंआ बैटर च्रही और यह जाएंगी फिर बाद
20:38तो आप समझे कि जो परिवार जो सर्वाइवर है एसिड कांड का सिवान के सिट कांड का तेजाब कांड का उनकी एक कहानी थी और आप समझे कि
20:59आज हम 2025 में खड़े हैं जहां पर 20 साल पहले की मतलब 20 साल हो गई इस गटना को 20 साल से नितिश कुमार की सरकार है कानून में व्यवस्था सही है बढ़ियां है क्राइम कंट्रोल भी है सिवान भी बहतर हो चुका है पहले से लेकिन लोगों के जहन में जो इस बिल्डिंग से �
21:29स्तिति देख रहे हैं इसके बावजूद लोग डरते हैं कि सबको अपना जान लगता है कि आज भी कुछ हो सकता है यह स्तिति आज भी बनी हुई है बहुत सोटने का विशा है सरकार को देखना होगा कि जो हुआ सो हुआ लोगों को भी समझना चाहिए कि जो हुआ सो हुआ
21:59किया जाता है लेकिन क्या करें कि चुनाव ही ऐसा दौर है जब सरकार बदलने का वक्त आता है तो लोगों को याद दिलाना पड़ता है कि किस सरकार में यह सब हुआ था इस वज़े से लोग यह बाते करते हैं बार-बार और जिस पर बीत्ती है वही जानता है जो जहला है वह
22:29चला कि उनके साथ भी 2014 में ऐसा हुआ जब राज्य में भी यही सरकार थी अच्छा थोड़े दिन के लिए बीच में महागडबंदन के सरकार बनी तो आप देख रहे हैं कि
22:51लेकिन जब राजद और राजद गट बंधन हुआ निटीश भाबु भले ही मुख्य मंत्री थे लेकिन जो क्राइम था जो गट बंधन था उसने अपना रूप वापस दिखा दिया और उसी छे महीन एक साल के दर्मियान जो चंदा बाबु के बचे हुए बेटे थे जो शार
23:21यह थी निटीश भाबु की कहानी और निटीश भाबु की दर्दनाक कहानी हमें आज भी याद दिलाती है कि सिवान किस दौर से निकल कर खड़ा है लेकिन फिर भी एक जो उसका डर है वो आप सुन रहे हैं इनकी ही जुबानी हम यही कामना करेंगे कि आप स्वस्त रहें �
23:51बिलकुल रहेगा क्यों नहीं रहेगा और हम लोग को यही चाहेंगे यही कामना रहेगी और ध्यान रखिए स्वास्त का परिवार का फिर आएंगे तो जरूर मिलेंगे आपसे बात करके बहुत अच्छा लगा इनके हिम्मत को सलाम इनके जज़बे को सलाम मैं रिचा और �
Be the first to comment