ब्लैक होल एक ऐसा खगोलीय पिंड है जो इतना घना होता है कि इसकी ग्रेविटी सब कुछ खींच लेती है, यहाँ तक कि रोशनी भी। सोचिए, एक तारे की मौत के बाद वो कैसे एक ब्लैक होल में बदल जाता है। जब वो अपने जीवन के अंत में पहुंचता है, तो वो अपनी ही ग्रेविटी के कारण खुद को समेट लेता है।
ब्लैक होल के चारों ओर एक सीमा होती है, जिसे इवेंट होराइजन कहते हैं। अगर आप इस सीमा के पार चले गए, तो वापसी का कोई रास्ता नहीं। ये एक तरह का एकतरफा दरवाजा है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारे ब्रह्मांड में लाखों ब्लैक होल हैं, लेकिन अभी तक हम सिर्फ कुछ ही देख पाए हैं। और हाँ, ये सिर्फ विज्ञान की कहानी नहीं है, बल्कि ये हमारे ब्रह्मांड के रहस्यों में से एक है। तो अगली बार जब आप रात के आसमान में तारे देखें, तो सोचिए, कहीं वहाँ एक ब्लैक होल तो नहीं है, जो सब कुछ खींच रहा है!
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