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  • 2 days ago
Really story hindo and Muslim

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Transcript
00:00एक छोटे से गाउं में दो दोस्त रहते थे अहमद और राजो।
00:04एहमद मुसल्मान था और राजो हिंदो।
00:06मगर उनकी दोस्ती दिल से थी वो दिन भर साथ खेलते दरخت के नीचे बैठ कर अपने खलोनों से कहानिया बनाते।
00:14एक दिन एहमद के अबू ने कहा बेटा हमें लाहूर जाना है अब यहां नहीं रह सकते।
00:20राजो खामोश हो गया आँखों से आंसू बहने लगे।
00:23अगले दिन जब एहमद जाने लगा राजो दोड़ता हुआ आया और अपने हाथों में एक पुराना लकडी का ट्रक थुमा दिया।
00:30ये तुम्हारा नहीं हमारा है।
00:33सालों बाद जब दोनों बोड़े हो गए एक प्रोग्राम में अचानक मुलाकात होई।
00:38एहमद ने वही खलोना निकाला और राजो की आँखों में आंसु आ गए दूस्ती कभी मजहब नहीं देखती सिर्फ दिल देखती है।
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