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Tulsi Vidai Kaise Kare: पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि 2 नवंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 33 मिनट से प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन 3 नवंबर को सुबह 2 बजकर 7 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष 2 नवंबर 2025 को तुलसी विवाह मनाया जाएगा.Tulsi Vidai Kaise Kare: Tulsi Vivah Ke Bad Tulsi Ka Kya Kare ?

According to the calendar, the Shukla Paksha Dwadashi Tithi of the Kartik month begins at 7:33 am on November 2, 2025. This Tithi will end at 2:07 am on November 3. According to the Udaya Tithi, Tulsi Vivah will be celebrated on November 2, 2025.

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00:00आज कार्टिक माज के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथी को तुलसी विवा का आयोजन घर-घर में किया जा रहा है।
00:09अगर आप भी अपने घर पर तुलसी विवा कर रहे हैं, तो आये सवर्जम में बता दे कि तुलसी विवा के बाद माता तुलसी का क्या करना है।
00:16साथ ही उनकी विदाई कैसे होती है।
00:19ध्यान रही पूजा के अगले दिन, यानि कि सूर्य उदय के बाद दोपहड तक अब किसी भी समय तुलसी जी की विदाई कर सकते हैं।
00:27इसके लिए सबसे पहले माता तुलसी को जल चड़ाएं, उन्हें धूप दीप दिखाएं, चूनरी उड़ाएं और मंगल गीत गाएं।
00:35उन्हें हलका सा सिंदूर लगाएं, उन पर चावल, फूल और हल्दी भी अर्पित करें। एक छोटी लकड़ी की थाली या टोकरी को दुलहन से सजाएं।
00:44उसमें तुलसी का गमला रखकर कपड़ा, काजल, चूड़ी, बिंदी, महनी जैसे सुहाग की सामगरी रखें। इसके बाद तुलसी माता को दर्वाजे तक भाव से विदा दिखाएं। दर्वाजे पर हलका सा गंगाजल चिड़कर दीपक जलाएं।
00:56अब आप उन्हें घर पर वापस लेकर आ सकती हैं और अपने बैलकनी या पुर घर के आंगन में उन्हें स्थापित कर सकती हैं।
01:04विदाई के दोरान आप ये जाब भी करते रहें ससुराल जैयो तुलसी मैया नारायन जीसन जैयो सदा हम पर आशरवाद बनाए रखियो।
01:14अगर आपने घर पर शालिग्राम लाकर माता तुलसी की पूजा की है तो शालिग्राम को भी माता तुलसी के गमले पर ही सिंधासन लगा कर स्थापित कर दें और दोनों की विदिवत रोजाना पूजा करें।
01:26वही माता तुलसी को चड़ाई हुई सुहाक की सामगरी को आप स्वैम भी इस्तमाल कर सकती है या पर किसी गरीब ब्रामणी को दान कर सकती है।
01:35आपको बताते चलें कि तुलसी पूजा के बाद आप अगले दिन सुर्योदे के परशाद भी अपने वरत का पारण कर सकते हैं।
01:43वही कुछ लोग तुलसी विदाई के बाद ही पारण करते हैं। या आप अपनी श्रद्धा और शमता अनुसार कर सकते हैं।
01:50पारण के दौरां सात्विक भोजन ही ग्रहन करें। लेकिन सबसे पहले माता तुलसी को चड़ाय हो प्रसाद को परिवार और बाहरी लोगों में बाट कर ही इसे ग्रहन कर अपने वरत को खोलें।
02:03ध्यान रहे तुलसी पूजा के बाद सामान को अगली सुबह भी उठाया जा सकता है। वैसे आमतोर पर इसे 24 घंटे बाद ही हटाना चाहिए।
02:13फिलहाल अस वीडियो में इतना ही वीडियो को लाइक और शेयर करें। साती चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूलें।
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