Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को करने का विधान है। इस दिन चार महीने के शयन के बाद भगवान विष्णु योग निद्रा से जगते हैं। इसलिए इस एकादशी को प्रबोधिनी और देवउठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पुराण में ऐसा भी कहा गया है कि प्रबोधिनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु ने अपने शालिग्राम रूप में देवी तुलसी से विवाह किया था। तुलसी शालिग्राम का विवाह करने वाले व्यक्ति का पाप क्षय हो जाता है और वह मुक्ति पा जाता है। लेकिन बहुत से लोगों के घर में शालिग्राम भगवान नहीं होते हैं। तो कैसे करें तुलसी विवाह चलिए बताते हैं.. Tulsi Vivah 2025: How to perform Tulsi Vivah if Lord Shaligram is not present at home, complete procedure |
00:00तुलसी विवा हर साल कार्थिक मास के शुकल पक्ष की एकादशी तिथी को करने का विधान है।
00:30भगवान विष्णू के शाली ग्राम रूप का विवा संपन किया जाता है।
00:33इस दिन तुलसी और भगवान विष्णू का विवा संपन करवाने से विवाहिक जीवन में प्रेम और सुक की प्राप्ति होती है।
00:39ऐसे में चलिए आपको बताते हैं इस विडियो में कि अगर आपके घर शाली ग्राम ना हो तो तुलसी विवाह कैसे संपन कराए।
00:46दरसर बहुत से लोगों के घर में शाली ग्राम भगवान नहीं होते। ऐसे में तुलसी शाली ग्राम का विवाह कराना सभी के लिए कठीन होता है।
01:16तुलसी के पास ले जाए और लाल चुनरी भगवान के पीले वस्त्र को साथ लेकर गाड़ बान दे इसके बाद भगवान का भजन कीर्दन करें और तुलसी से लेकर पूजा घर तक चरण चिंड बनाएं ऐसी मानिता है कि ऐसा करने से घर में धंधाने से बरकत होती हैं देव
01:46प्रशाद में तुलसी देने के साथ ही भगवान श्री किष्ण और भगवान विष्णु को तुलसी का पत्ता अर्पित करें भगवान की पूजा के बाद देवी तुलसी और भगवान श्री किष्ण की साथ प्रेकर्मा करें इस तरह तुलसी विवाह घर पर संपन करवाकर
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