सवाईमाधोपुर. चार महीने की चुप्पी के बाद अब फिर से शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी। देवउठनी एकादशी के साथ ही जिले में वैवाहिक समारोहों का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। एक नवंबर को अबूझ सावे के चलते शहर और गांवों में करीब दो हजार से ज्यादा शादियां होंगी। वहीं जिला मुख्यालय पर भी तीन सौ से अधिक शादियां होगी। ऐसे में बैंड-बाजा, मैरिज होम,कैटरिंग से लेकर फूलों तक की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। बाजारों में रौनक लौट आई है और खरीदारी जोरों पर है। सजावट में दिखेगा नया थीम
उधर, शादी सीजन को देखते हुए बैंड संचालकों ने अपने वाद्य यंत्रों और परिधानों को नया लुक दिया है। कलाकारों ने रिहर्सल शुरू कर दी है ताकि बारातियों के स्वागत में कोई कमी नहीं रहे। देवउठनी के सावे के लिए जिले के दो सौ से अधिक मैरिज होम, होटल, धर्मशालाएं और सामुदायिक भवन पहले ही आरक्षित हो चुके हैं। आयोजकों ने सजावट के लिए नई थीम अपनाई है। इससे हर समारोह खास नजर आए। एकादशी का व्रत 2 नवंबर को
पं. ताराचंद शास्त्री ने बताया कि देव प्रबोधिनी एकादशी एक नवंबर को सुबह 9.12 बजे से शुरू होकर 2 नवंबर को सुबह 7.32 बजे तक रहेगी। उदयकालीन तिथि के अनुसार व्रत, पूजन और मांगलिक कार्य 2 नवंबर को करना श्रेष्ठ रहेगा। ऐसे में इसी दिन व्रत रहेगा। इस दिन त्रिपुष्कर राज और सर्वार्थ सिद्धि योग का विशेष संयोग रहेगा। इससे व्रत और विवाह दोनों ही अत्यंत शुभ फलदायी होंगे। तुलसी-शालिग्राम विवाह से घर-घर में उत्सव का माहौल
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने के साथ ही तुलसी-शालिग्राम विवाह का आयोजन होगा। मंदिरों से लेकर घरों तक में यह मांगलिक आयोजन किया जाएगा। मान्यता है कि इसी दिन से सृष्टि संचालन पुन: प्रारंभ होता है और विवाह जैसे शुभ कार्यों की रोक हट जाती है। नवंबर-दिसंबर में रहेंगे ये सावे
नवंबर: 2, 3, 5, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29 व 30 को। इसी प्रकार दिसंबर में 4, 5 व 8 को विवाह के सावे रहेंगे। 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास
15 दिसंबर से मलमास प्रारंभ हो जाएगा, जो 14 जनवरी तक रहेगा। इस दौरान विवाह जैसे शुभ कार्य वर्जित रहेंगे। वही 8 दिसंबर को शुक्र अस्त होने से भी विवाह पर अस्थायी विराम लगेगा। शुक्र के 4 फरवरी को उदय होने के बाद फिर से शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। ....................
इनका कहना है... इस बार नवम्बर व दिसम्बर माह में 21 से अधिक सावे रहेंगे। देवउठनी एकादशी से ही विवाह सहित सहित अन्य कार्य शुरू हो जाएंगे। इसी दिन व्रत भी रहेगा। इसके बाद 15 दिसमम्बर से मलमास शुरू होंगे।
पं.ताराचंद शास्त्री, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, गुर्जर गौड ब्राह्मण महासभा सवाईमाधोपुर
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