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00:00मैं अभी दो महीने पहले नैनिताल में था चार दिन के लिए वहां का AQI ऐसा नहीं है कि दिल्ली के AQI से एकदम अलग था
00:11पचास से नीचे होना चाहिए पचास से नीचे तो भिमाले पे भी नहीं मिलता पर आप जाएंगे तो जितने भी परुती स्थले में विशेश कर जो परेटन वाले उनमें नहीं मिलता है
00:22सौसे भी उपर मिल जाता है
00:24रिशिकेश में तो सौसे उपर रहता है
00:26एकसर रहता है
00:26जरने ब्लॉक कर रखे हैं
00:29जिन जरनों से पानी नदी में पहुंचता था
00:31वो जरने ब्लॉक कर दिये हैं
00:33वहाँ पर ये जो राफ्टिंग वाली गाडियां होती हैं
00:36बोलैरो वो खडी हो रही है
00:37पूरी की पूरी छोटी-छोटी नदियां सुखा दी है
00:41और वो जो रिवर बेट्ड़ हैं
00:43उन पर वेहिकल्स की पार्किंग बना दी है
00:45यहाँ पर जो टूरिस्ट साइएँगे
00:48यहाँ गाड़ियां पार्क कर लेंगे
00:49और ध्यान दीजेगा कि जैसे आप प्रदूशन की बात कर रहे हो, प्रदूशन बाहर होता है न, अवामे, वैसे ही जो भीतर का प्रदूशन होता है, ये भी पहाडों पर बहुत है, अंधविश्वास, बहुत ही वेर्थ तरीके की मानिताएं और परमपराएं, भूत प्रेत
01:19कि उसी तरीके से पहाडों में भी जब तक शिक्षा और विद्या दोनों नहीं पहुंचेंगे, तब तक पहाडों का बचना बहुत मुश्किल है, कर रहे हैं कोशिश, कभी-कभी लगता है शायद बहुत देर हो गई अब, पचास साल पहले शुरू करना चाहिए था, ठीक
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