00:00बिजनेस में सफलता केमल, प्रोडक्ट या दाम पर नहीं, बलकि इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप अपने ग्रहक से कैसे बात करती है, कभी-कभी एक मीठा सब्द ग्रहक को आपका हमेशा का ग्रहक बना देता, आज हम बात करेंगे ग्रहक से प्रेम से बात करने की कला
00:30तो दुबार आपकी दुकान या सर्विस के पास नहीं आएगा, अपनी दुकान पे, अपने गल्ले पे एकदम प्रेम भाव से बैठना है, सारे टेंसन को भूल करके बहुत ही प्रेम भाव से बैठना है, जो कस्टमर आ रहा है उसको भगवान की तरह उसकी सिवाग करनी है, �
01:00लेकिन अगर आप गह दें, आपको पसंद नहीं तो मत लीजें, तो एक पल में सालों की मिहनत का भरोसा तूट जाता है, याद रखिए प्रेम भरी भासा विश्वास का भीगीज बोती है, और विश्वास ही हर बिजनेस की जड़ बोती है, अब आई आपको बताती है कि प
01:30तो दोस्तों, अगली बार जब कोई ग्रहक आपसे बात करें, तो याद रखिए वाडी में फ्रेम रखिए और मन में सेवा भाव रखिए, यही आपका सबसे बड़ा मार्केटिंग टूल है, चलिए, बोलिए एक बार, ऐसी वाडी बोलिए, मन का आप आपको होए, आउरन
02:00अजिए बोलिए वाडsche भाव रखिए, प्रेADE जाए, इस बार दूल होंया खिए, आपको होए, तो यही आपको होए, तो यही आपको होए, यही आपको होएग वाड़ा करेंगत किन भाव 1 वाड़ा करें यही झादार्य है。
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