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🙏 जय माँ लक्ष्मी जी की आरती 🙏

लक्ष्मी माता जी की आरती | Lakshmi Mata Ji Ki Aarti ---- https://youtu.be/Er1iYTPLPHY


धन, सौभाग्य और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी जी की यह आरती श्रद्धा और भक्ति से गाई गई है।
धनतेरस, दिवाली या किसी भी शुभ अवसर पर लक्ष्मी माता की पूजा के समय यह आरती गाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

🌼 आरती के बोल:
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता,
तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता...
महत्व:
जो भक्त सच्चे मन से माँ लक्ष्मी की आरती करते हैं, उनके घर में कभी धन की कमी नहीं रहती। माँ कृपा से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

💫 सुनें, गायें और साझा करें —
माँ लक्ष्मी जी की कृपा आप सभी पर बनी रहे।
जय माँ लक्ष्मी देवी 🙏

This Aarti is dedicated to Goddess Lakshmi, the goddess of wealth, good fortune, and prosperity, and is sung with devotion and faith.
Singing this Aarti during the worship of Goddess Lakshmi on Dhanteras, Diwali, or any auspicious occasion is considered highly auspicious.

🌼 Aarti Lyrics:
Om Jai Lakshmi Mata, Mother, Jai Lakshmi Mata,
Every day, Lord Vishnu worships you...
Significance:
Devotees who sincerely perform the Aarti of Goddess Lakshmi will never face a shortage of money in their homes. By the Goddess's grace, happiness, peace, and prosperity reside in their homes.

💫 Listen, sing, and share—
May the blessings of Goddess Lakshmi be upon you all.
Jai Maa Lakshmi Devi 🙏

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Lyrics:
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥

पद्मालये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,
वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

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