इस बार की दीपावली झारखंड के रांची के गोबर की दीयों वाली, आपको सुनकर अजीब लगा, लेकिन सच हैं. यहां की महिलाएं गोबर से पर्यावरण के अनुकूल गोबर के दीये बना रही हैं. ये दीये अपके घरों को रौशन तो करेंगे ही, इन महिलाओं के जीवन में भी उजाला फैलाएंगे.ये महिलाएं सुबह से शाम तक इन खूबसूरत दीयों को तैयार करने में जुटी रहती हैं. जिसके लिए सूखे गोबर को बारीक पाउडर में पीसा जाता है. इसमें ताजा गोबर और प्री-मिक्स पाउडर मिलाया जाता है. फिर सांचों में डाल कर दीयों का आकार दिया जाता है. 3 दिन सूखन के बाद इन्हें रंगा जाता है और फिर ये दीये आपके घर में उजाला फैलाने के लिए तैयार हो जाते हैं.इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल गो-वर क्राफ्ट ने की है. जिसकी शुरूआत सोनाली मेहता और रौशन सिंह ने की. सोनाली कहती है कि इन महिलाओं के लिए दीये बनाना सिर्फ काम नहीं हैं, बल्कि आत्मसम्मान का प्रतीक है.तो इस बार की दीपावली में जब ये गोबर के दीये आपके घरों में जलेंगे...आपके घर में तो उजाला होगा ही....साथ ही इनकी मेहनत भी साकार होगी...
00:00इस बार की दीपावली जारकन के राची के गोबर की दियों वाली आपको सुनकर अजीब लगा लेकिन सच है ये महिलाएं गोबर से पर्यावरण के अनुकूल गोबर के दिये बना रही है और ये दिये आपके घरों को रौशन तो करेंगे ही इन महिलाओं के जीवन में भी उ
00:30इसमें ताजा गोबर और प्री मिक्स पाउडर मिलाए जाता है
00:59फिर सांचों में डाल कर दियों को आकार दिया जाता है तीन दिन सुखने के बाद इन्हें रंगा जाता है और फिर ये दिये आखके घर में उजाला पहलाने के लिए तैयार है
01:10इन महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने की पहल गोबर क्राफ्ट ने की है जिसकी शुरुआत सुनाली महता और रोशन सिंग ने की
01:36सुनाली कहती है कि इन महिलाओं के लिए दिये बनाना सिर्फ काम नहीं है बलकि आत्म सम्मान का प्रतीक है
01:43तो इस बार की दीपावली में जब ये गोबर के दिये आपके घरों में जलेंगे
02:01आपके घर में तो उजाला होगा ही साथी इनकी महनत भी साकार होगी
02:06ETV भारत के लिए राची से चंदन भजाचारे के रपोर्ट
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