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  • 2 days ago
Paw Patrol is a famous kids' cartoon perfect for toddlers and preschoolers.

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Transcript
00:00वैसे आजकल देखा जाए तो औरते किसी पर निर्वन नहीं है, चाहे उन्हें घर का काम करना हो या बाहर का, वो हार जगा पुरुशों से कदम से कदम मिला कर चल रही है, लेकिन इस बात को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है कि सारे काम करने के चक्कर में औरतों का द
00:30सामान कैसे हो गया आज, मा जी सब्जिया घर में बिल्कुल खतम हो गई थी, तो आलू, प्यास, टमाटर सब कुछ लाना पड़ा, और बच्चों के स्कूल की किताबी भी तो लानी थी, तो वो भी रोशनी लेकर आई है, अरे ऑनलाइन ओर कर दिया करो सामान, रोज रोज �
01:00अब घर में एक न एक चीज़ तो लगी रहती है, उपर से दो दो बच्चे स्कूल जाते है, तो उनका भी सब कुछ देखना पड़ता है, पहले तो पापा जी थी तो वो सब कुछ लेकर आया करते थे, लेकिन उनके जाने के बाद दोनों भाई दुकान को संभाले में लग
01:30कि किस चीज़ की जरुवत होती है, कौन सी चीज रस्वे में नहीं है, कोई बात नहीं, चलो अब हम ये सारी सब्जियां और राशन रस्वे में रख देते हैं, बच्चे भी आते हों के स्कूल से, हाँ भावी चलिए, शर्मा परिवार में आशा के पती के जाने की बाद से
02:00ज्यादा देर बैठना, मुझे अच प्रोजेक्ट भी बनाना है, रेनी आज रस्वे में ज्यादा काम है बिटा, सुबह ही सारा काम आया है न, अभी तक रस्वे में बना कर भी नहीं रखा, लेकिन मुम्मे मेरो प्रोजेक्ट को क्या होगा फिर, एक काम करते हैं, मैं ये �
02:30प्रोजेक्ट भी गया, हाँ, अभी अभी दोनों मा बिटी प्रोजेक्ट खतम करके उठे, दिगा दादी पाल का प्रोजेक्ट भी गया, और मेरा अभी तक शूरू भी नहीं हुआ, मेरा, इसका भी करवाद है प्रोजेक्ट बटा, बाजी मैं करवा तो दू, लेकिन मु�
03:00बाहर कहा काम होता है, मैंने अपने बेटों से कहा दिया है, कि आफिस से लोटते बग लेते आया करें, तभी पाहल की मम्मी उसे अच्छी से पढ़ा पाती है, और मेरा, हमिशे कुछ न कुछ छूट जाता है दादी, बिचारी बहुएं क्या क्या करेंगी अकीली, हम वैसी
03:30बाट ले, ये होई ना बाट, अपनी पड़ोसर जानकी की बात सुनकर आशा को भी लगा कि उसकी बहुएं के पास कुछ ज्यादा ये काम का भार हो गया है, इसलिए आज खाने के वक्त उसने बेटों से इस बारे में बात की,
03:41हम लेकर आएं सबजियां, हम मतलब तुम लग सबजियां नहीं खा रहे हो क्या, खाना नहीं खा रहे हो, कपड़े नहीं दुल रहे तुमारे, अगर ऑफिस से आते वक्त तुम दो-चार चीज़ें लेकर आओगे तो क्या हो जाएगा, लेकिन अभी तक तो सब ठीक चल रह
04:11करते थे, तुम लोगों को तो फिर भी सबजियां और छोटा मुटा सामन लाने कोई क्या रहे है, ठीक है मा, आप कलसे लिस्ट दे दे ना, हम समान लेते हुए आएंगे, अब लोग सेच में मान गए, अरे कैसे नहीं मानेंगे, हाँ तु कल सुबही मैं आपको लिस्ट दे
04:41ठीक है तो पहले ये तीन चीज़ ही कहते हैं लाने के लिए, मुझे भी देखना है ये लोग सच में सबजियां लाते हैं कि नहीं, हाँ भाबी, कहीं ऐसा ना हो कि ये लोग सबजियां लाएं नी, पहले हम इन्हें तीन सबजियां कहते हैं, दीपक और मोहित ने हाँ तो कर
05:11आज खाने में पकोड़े बनाया है वाह पकोड़े सुनकर ही मज़ा गया जल्दी से लगा दीजे भई पकोड़े प्याज और चत्नी हाँ लाओ धनिया देदो तो जल्दी से चत्नी बना दे हम लाओ लाओ
05:33दनिया मैं कहां से लाओ दनिया इसका मतलब आप तो नो कुछ भी नहीं लाए ना टमाटर ना आलू ना धनिया अरे हाँ आज हमें लाना था ना टमाटर आलू दनिया पर हम तो भूल गए
05:47मैंने कल ही तुम दोनों से कहा था कि आज से तुम दोनों को छोटे मुटे कामों में बहूं के मदद करनी है
05:52हाँ मा लेकिन हम लाना भूल गए याद नहीं रहा
05:56याद नहीं रहा, तुम लोग खाना भूलते हो क्या, दोस्तों से मिलना भूलते हो, ये सब तो याद रहता है, सारी मां कर से याद रखेंगे, मुझे लगा ही था कि आप दोनों को कुछ याद नहीं रहेगा, इसलिए धन्या और आलू तो खुद ही जाकर बाजार से लेकर आ
06:26मा लेकिन बिना चटनी के स्वादी नहीं आएगा, हम आमने का ना, हम याद रखेंगे को जिपक का, नए, नए, नए, तुम लोगों को सजा नहीं दी, तो तुम लोग कल फिर से भूल जाओगे, इसलिए आज इनको पकड़े बिना चटनी के ही दे दो, अगर आप रोज र
06:56लिस्ट की सारी चीजे लेकर आए, जिसमें खिचडी के चावल, चना दाल और चीनी लिखी हुई थी, आज अकर सामान लेकर नहीं गया, तो मा तो सबजी बिना रोटी के ही दे दीगी, आज गलती नहीं होगी, आज तो याद कर लिया, मैंने सामान, खिचडी के चावल, च
07:26से चीजें मिल जाएगी तीनो, भया, आज ना मेरी नए क्लाइंट के साथ मिटिंग है, आप ही लेकर आजाएए ना प्लीज, अरे भया, मुझे चना और तूर दाल में क्या फरक होता, यहीं नहीं पता, मैं क्या लेकर आँगा, तो भया, मुझे का पता है यह सब, अरे त�
07:56अफरी तो हूँ, बताएए क्या करना है, अब के लिए कॉफी ला दो भया, नहीं नहीं कॉफी नहीं चीए, मुझे बस यतीन चीज़े लेकर आना राशन से, वा, काम चोरो तो तेरे जासा, जगाड़े भया, सामान भी आ जाएगा, और हमें गई जाना भी नहीं पड़े�
08:26नहीं किया, आँ, वो तो सब कुछ सजा का कमाल है, बच्चो, आज तो चावल, चीनी, दाल, सब कुछ आ गया है, जल्दे से गर्मा गर्म, खिचडी और दाल लगा दो, आपको खिचडी वाले चावल कहे थे, ये कौन से चावल लेकर आ गया आप, अब देखो, ज्यादा �
08:56और उपर से तुम दोनों चावल के उपर नख रहे हो, नहीं मा जी, हम तो ये कह रहे थे कि ये चावल कुछ अलग है, इससे खिचडी अच्छी नहीं बन रही है, ऐसा कुछ नहीं होता, चावल चावल होते हैं, और जैसी भी खिचडी बने हम खा लेंगे, जा लेकर आओ,
09:26इतने खिले-खिले चावल है, तुम दोनों को सच में पतियों की कदर नहीं है, इतनी मैनत से चुन-चुन कर चावल लेकर आएं और अरे इनको छोड़िये भईया, हम दोनों खाते हैं, मा जी, ये लिजी पूरी आपके लिए, खिचडी का पहला चमच खाती ही, दीपक और
09:56दाल तो दाल कम पत्तर ज़्यादा लग रही है, हमने तुईने ऐसे ही डाट दिया, अब क्या बोले, खिचडी को थोड़ा नरम बनाना चीए तुम लोगों को, पानी बहुत कम डाला, कल से चावल मनाओ तो पानी ज्यादा डालना, जिससे चावल नरम हो जाए, अच्छा,
10:26नए खानी ऐसे चावल की खिचडी, कोई बात नी बिटा, पापा खा लेंगे, उनको बहुत पसंद है, हम ही हैं, जिने नख रहे हैं, अरे इनकी छोड़ो, तुम दोनों खाओ,
10:37जी मा, दीपक और मोहिट जो अपनी पत्नियों को इतना सब कह रहे थे, वो खुदी इन मोटे चावल के जाल में फस गये थे, भईया, अब क्या करें, चावल तो सच में इतने मोटे थे कि गले से नीचे ही नहीं उतर रहे थे, अरे छोड़ ना, आज क्या कहा है, लाने को,
11:07अरे मुझे क्या पता कौन से सब्जिया होती है, ए छोड़ो, जो तुझे पसंद होना, लेकराना, हाँ, ठीक है भईया, दीपक और मोहित का आलेस का फाइदा छूटू उठा रहा था, उसे जो पैसे मिलते वो उससे हलकी क्वालिटी की चीज़ लेकरा था, और बाकी के प
11:37चोटू परवर तोड़ कर दोनों भाईयों को दे देता है, और वो भी बिना कुछ दे के सब्जियां लाकर बीवियों के हाथ में देते हैं, हमारी बेवकोफी थी जो हमने सुचा कि ये दोनों कुछ काम कर देंगे हमारा, ये देखो परवर लाए, आज तक परवर कभी खा
12:07सब्जी, तब ही अकल आएगी कि कंजूसी क्या होती है, सही कहा आपने, भावी माजी को भी पता चले, इनके लाडले बेटे आखिर क्या-क्या कांड कर रहे हैं, जिठानी और देवरानी खुद के लिए और बच्चों के लिए पास्ता बना दीती है, और अपनी सास और पत
12:37परवल की सब्जी, छोटू के बचे तुरुक जा, तुझे तो कल सबग सिखाता हूँ, तुने चेक नहीं किया था क्या, वो क्या लाए है, अरे चेक किया होता तो अभी परवल होती क्या भाईया मेरी प्लेट में, तुम दोनों ने कभी ये सब्जी खाई है, हाँ, जो आ�
13:07आपने कहा था न, थोड़ी पतली कर देना, वो और सब्जी, लीजिये, लीजिये, खाईये, खाईये, इससे तो अच्छा खाना अस्पतार में मिल जाता है भीया, और देना छोटू को काम, भुगत ओ, सच-सच बताओ तुम दोनों, क्यों लाए हो ये परवल, एक काम कहा �
13:37समान लाने को, उस पर भी इन दोनों को उसने बहुत ठगा है माजी, हलकी क्वालिटी के चावल, पत्थर वाली दाल, फी कीचीनी, यही सब कुछ ले कर आए, बाकी पैसे अपनी जिब में डाल दियोंगे, और इन दोनों ने तो देखा भी नहीं होगा, मैंने सुचा था कि
14:07जो कोई बहस नहीं चाहिए, माजी, हम अपना समान खुदी ले आया करेंगे, इनके भरों से बैठे रहे, तो मोटे चावल की यह पतली खिचडी रोज ही खानी पड़ जाएगी, अच्छा, यह मोटे चावल कितने लाया है, पूरे साल खतब नहीं होंगे माजी, इतने हैं
14:37इस छोटे को मैं छोड़ोंगा नहीं, यही खिचडी उसके मुँमें डालने वाला हूँ मैं, अब आपस में क्या बात कर रहे हो, तुम दोनों की सजा यही है, परवल और मोटे चावल की पतली सी खिचडी खाओ अब, माजी, आप यह लीजिए, पास्ता, थोड़े पास्त
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