Taliban and Deoband Connection: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के विदेश मंत्री मुत्ताकी के यूपी के सहारनपुर जिले में स्थित दारुल उलूम देवबंद के दौरे की चर्चा भारत, अफगानिस्तान से लेकर पाकिस्तान तक है. नई दिल्ली पहुंचे मुत्तकी से जब देवबंद दौरे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि देवबंद जब कोई जाता है तो क्या करता है, नमाज पढ़ता है, इस्लामिक नेताओं से मिलता है, तालिबान (छात्र) से मिलता है. देवबंद इस्लाम का एक तारीख मरकज है. इसका इतिहास है.
00:00अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में विदेश मंतरी अमीर खान मुत्तकी गुरुवार से भारत के दोरे पर हैं
00:08वो साथ दिनों के दोरे पर भारत आई हुए हैं
00:11इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फरेंस की है
00:13लेकिन इस प्रेस कांफरेंस में महीला पत्रकारों की एंट्री पर बैन था
00:17जिसको लेकर सोशल मीडिया पर तमाम चर्चाएं चल रही है
00:20इसके लावा आज अमीर खान मुत्त की देवबंद पहुंचे हैं
00:24आखिर लोगों का कहना है कि देवबंद से क्या कनेक्शन है तालिबान का
00:29और आखिर अमीर खान मुत्त की देवबंद क्यों गए
00:32चलिए हम आपको इस वीडियो में सब कुछ बताते हैं
00:35दरसल तालिबान की विदेश मंतरी की प्रेस कानफरेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैंट होने पर पत्रकारों के साथ साथ सोशल मीडिया यूजर्स ने भी गुस्सा जाहिर किया है
00:43और इस सिरे से नकारा है
00:44एक यूजर ने लिखा ये सब भारत में हो रहा था और इस बात से किसी को कोया पत्ती नहीं थी और सबसे ज़्यादा काबिल तारीफ वो अकल के होशियार पुरुष पत्रकार हैं जिन्होंने बेशरमे की हदे पार कर इस बात पर कोया पत्ती व्यक्त नहीं की
00:57मेरे विचार में उन्हें भी इस प्रेस कॉन्फरेंस का परित्याग कर दिना था
01:01मेरे जिनलिका जी हाँ हजरत ये वही तालिबान है जिसे कल तक गोदी मीडिया और कुछ लोग तालिबान को अतंगवादी और देशतगर्द कहते थे और आज वही तालिबान आनबान और शान से भारत में मौझूद है
01:11मेरे कर Follow रिजनले का मीडिया महीलाओं की entry बैंट पे नंगा नाच नहीं कर रहा है
01:15मेरे कर रिजनले का अफगा secularist lawn की दोस्ती कि इतनी महत्रपून है कि महिला पत्रकारों को बैंट कर दिया गया
01:20जैसे अफगारिस्तान अपने देश में हर सेक्ट में महिलाओं को बैन किया हुआ है
01:24दरसल तालिबान ने अपने ही देश में 12 साल से जादा की उम्र की लड़कियों के लिए
01:29सिक्स किलास से उपर और यूनिवर्स्टी में पढ़ाई पर पूरी तरह से प्रतिबंद लगा दिया है
01:34इसकलाब आपको बता दें कि आज देवबंद दारुलूम में करीब 11 बजे पहुँच चुके हैं
01:40दारुलूम के चात्रों ने आमिर खान का स्वागत किया है
01:44दारुलूम में इस वक्त आफगानिस्तान के 15 चातर भी पढ़ते हैं
01:47सन 2000 के बाद बनाएगा इस सक्त वीजा नियमों की वज़ा से अफगानिस्तान के चात्रों की तादात कम हो गई थी
01:53आपको बदा देंगे तालिबान मदर्सों और इसलामी विचार के लिहास से दारुलूम को अपना आदर्श मानता है
02:23यह चाहता है कि वहाँ पर असातिजाव और तुलबा के साथ मलाकात हो जाए और जो देरेना तालुकात है वो पिर थाजा हो जाए और आना जाना शुरू हो जाए
02:37दारुलूम से पढ़ने वाले चातरों को मौझूदा आफगानिस्तान सरकार की नौकरियों में भी तरजी दी जाती है
02:43इससे पहले 1958 में अफगानिस्तान के बादशारहे मुहमद जाहिर शाह दारुलूम आये थे
02:48जाहिर शाह के नाम से दारुलूम में एक गेड भी बनवाया हुआ है जिसका नाम है बाबाई जाहिर
02:54दरसल देवबन का नाम सिर्फ एक मदर्से के लिए नहीं बलकि एक विचार धारा के जन्मिस्थान के रूप में भी जाना जाता है
02:591666 में अंग्रेजों के शाहसन के दोरान इस्थापित दारुलूम देवबन का उदेश्य था
03:04इसलामी शिक्षा को बाहरी पर भावों से सुरक्षित रखना और कुरान हदीस को उनके असली सवरूप में पढ़ाना
03:09यहीं से देवबन आंदोलन की शुरुआत हुई जो दीरे दीरे भारत से निकल कर पाकिस्तान अफ़गानिस्तान और बांगला देश तक फैल गई
03:15इस तरह देवबन गलोबली इसलामी शिक्षा के केंदर के रूप में उभरा
03:19पलाल इस वीडियो में इतना ही आप क्या कहेंगे कॉमेंट सेक्षन में में लेकर जरूर बताएं वीडियो को लाइक करें शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिलकुल न भूलें
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