00:00ओम शांती आईए सुनते हैं 12 अक्टूबर 2025 दिन रविवार की अव्यक्त मुरली रिवाइस डेट 17 मार्च 2007 मुरली का सार
00:13श्रेष्ट वृत्ती से शक्तिशाली वाइब्रेशन और वायू मंडल बनाने का तीवर पुर्शार्थ करो दुआ दो और दुआ लो
00:21वर्दान विशाल बुद्धी द्वारा संगठन की शक्ति को बढ़ाने वाले सफलता स्वरूब भव
00:28संगठन की शक्ति को बढ़ाना ये ब्रामण जीवन का पहला श्रेष्ट कारे है
00:33इसके लिए जब कोई भी बाद मेज़ॉरिटी वेरिफाई करते हैं तो जहां मेज़ॉरिटी वहां में यही है संगठन की शक्ति को बढ़ाना
00:42इसमें ये बढ़ाई नहीं दिखाओ कि मेरा विचार तो बहुत अच्छा है भल कितना भी अच्छा हो लेकिन जहां संगठन तूटता है वो अच्छा भी साधरन हो जाएगा
00:52उस समय अपने विचार त्यागने भी पड़े तो त्याग में ही भाग्य है इससे ही सफलता स्वरूप बनेंगे समीप संबंध में आएंगे
01:01स्लोगन सर्व सिध्या प्राप्त करने के लिए मन की एकागरता को बढ़ाओ
01:07अव्यक्त इशारे स्वयम और सर्व के प्रती मनसा द्वारा योग की शक्तियों का प्रयोग करो
01:13समय प्रमान अब मनसा और वाचा की इकठी सेवा करो
01:17लेकिन वाचा सेवा सहज है मनसा में अटेंचन देने की बात है
01:22इसलिए सर्वात्माओं के प्रती मंसा में शुब भावना, शुब कामना के संकल्प हो। बोल में मधुरता, संतुष्टता, सरलता की नवीनता हो तो सेवा में सहथ सफलता मिलती रहेगी।
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