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दीपावली पर माता लक्ष्मी के पूजन को लेकर लोगों के मन में संशय है। संशय यह है कि लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर को होगा या 21 अक्टूबर को। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दीपावली का पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। कार्तिक अमावस्या ​की तिथि का प्रारंभ 20 अक्टूबर, सोमवार को दोपहर में 03:44 मिनट से होगा जो 21 अक्टूबर, मंगलवार को शाम 5:54 मिनट तक रहेगी। हालांकि पूजन 20 अक्टूबर को ही करना ज्यादा शुभ रहेगा।
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Transcript
00:00लोग इन दिनों बेसबरी के साथ दीपावाली के पर्व का इंतिजार कर रहे हैं
00:15हलाकि 2024 की तरह इस साल भी कार्थिक मास की अमवस्याति थी दो दिन रहेगी
00:21जिससे दीपावाली की सहीतिति को लेकर संसय बना हुआ है
00:25हलाकि वरिष्ट जोतिसाचार्जों के द्वारा इसको लेकर जानकारी साझा की गई
00:31उने इस पस्ट किया कि दीपावाली 20 अक्टूबर सोमवार को ही मनाई चाहेगी
00:37पुजैन इस्थित महाकाल मंदिर में भी दीपावाली 20 अक्टूबर को ही मनाई चाहेगी
00:4420 तारीक को अमावश्या प्रदोष और निशीत काल होने के कारण इसी दिन लक्षमी पूजन करना शुब होगा
00:5221 अक्टूबर को अमावश्या सूर्यास्त से पहले समाप्त हो जाएगी
00:57इसलिए इस दिन दीपावली मराने का कोई आउचित ही नहीं है
01:02अमावश्या प्रदोष और निशीत काल में होता है
01:32इस बार अमावश्याति थी 20 अक्टूबर को दोपहर 3.44 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 5.43 मिनट पर रहेगी
01:4220 अक्टूबर को ही अमावश्याति थी प्रदोष और रात्रिकाल में रहेगी
01:49इसलिए इस दिन दीपावली मनाना सास्त्र सम्मत है
01:53प्रदोषवा निशीत काल क्या है सूर्यास से लगभग डेड़ से दो घंटे पहले और बाद का सुप समय प्रदोष काल कहलाता है
02:05वही निशीत काल आधी रात का समय है लगभग रात बारा बजे से डेड़ बजे तक लक्षमी पूजन के लिए विशेश और शुभ माना जाता है
02:1521 अक्टूबर को अमावश्याति थी रहते हुए भी दीपावली मनाना क्यों शुभ नहीं
02:24आपको बता दें कि इसका जवाब है कि 21 अक्टूबर को अमावश्या सुर्यात से पहले ही समापत हो जाएगी शाम तक प्रतिप्रदाति थी शुरू हो जाएगी
02:3421 अक्टूबर को अमवस्या ना तो प्रदोशकाल में रहेगी ना रात्री में, दीपावली पूजन अमश्य की रात को होता है, इसलिए 21 अक्टूबर को दीपावली नहीं मनाई जाएगी.
02:47क्या है सुभयोग? 20 अक्टूबर को दीपावली पर हस्तन चत्र, रवी और सरवार सिध्योग का संयोग भी रहेगा.
03:17क्या है क्या है?
03:47झाल झाल
04:17झाल झाल
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