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Cough Syrup Deaths: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में छिंदवाड़ा (Chindwara)के कफ सिरप कांड (cough syrup case) में डॉक्टर प्रवीण सोनी (Doctor Praveen Soni) के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। वहीं इस पर भोपाल (Bhopal)के डॉक्टरों (Doctors) और आम लोगों ने कड़ी नाराजगी जताई है। इनका कहना है कि सिरप बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई होनी चाहिए ना कि डॉक्टरों पर एक्शन। इनका कहना है कि डॉक्टर पर FIR दर्ज करना गलत है। वनइंडिया ने भोपाल (Bhopal) के कुछ डॉक्टरों से बात की..इसी मुद्दे पर देखिए वनइंडिया की ये ग्राउंड रिपोर्ट।

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~CO.360~HT.408~ED.276~GR.124~

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00:00नमस्कार देख रहा है One India Hindi और इस वक्त में जो है राजानी भोपाल में डॉक्टर से इस बात पर चर्चा कर रहा हूं कि आखिरकार जो सिरब कांड हुआ उसमें दोशी कौन है क्योंकि जिस प्रकार से डॉक्टर पर एफायर दरिश की गई लेकिन ये मामला सिस्टम की लाप
00:30जो लेकि ये चर्चा सामने आया है इसका मतलब ये है कि इसमें डॉक्टरों की गलती नहीं है क्योंकि यहां पर कमपनी की गलती है जिसमें 48% डाई एथलीन का किया गया है इसमें लेकिन इसमें जो ये रहता है अपना सामने लिखते हैं लेकर उसमें वो चीज नहीं है उस
01:00बताया गया है कि डॉक्टर गलत है तो डॉक्टर को तो मैं इसलिए गलत हैं बोलूँगी कि मेडिसन बहुत सारी कमपनी से आती है हम लोग रेगुलर कमपनी में मेडिसन यूज करते हैं तो हम कैसे मानने की डॉक्टर की गलती है और यहां पे बात यह है कि जो अपना कमपनी
01:30तो आप क्या सोच रहे हैं उनके प्रती दुख है हमें भी इस चीज का कि और सबसे बड़ा यहां पर यह समस्या है कि अगर समाज को या मलब लोगों को ऐसा लगता है कि इस मेडिसन की वज़े से ऐसा हो रहा है तो उस मेडिसन को वहीं पर होल्ड कर देना चाहिए और उसकी �
02:00चाहिए कि क्या करना चाहिए और यह सरकार के उपर भी होता है सरकार के वल एक डॉक्टर को ब्लेम नहीं लगा सकती है इस जगह पर आप एक्षा सरकार से मैं तो यही कहूंगी कि जिस कंपनी से मेडिसन बनके आई है वहां पर जाच करवाई जाए और जो डॉक्टर के प्
02:30चेक करवाया जाए तो उसके बाद बच्चों का पोस्मार्टम भी नहीं किया गया तो आपको क्या लगता है पोस्मार्टम होना चाहिए था उसमें पता चल जाता ना कि बॉड़ी के अंदर कितनी मातरा में क्या चीज है उससे क्लिरेंस हो जाती इस चीज की तो ब्लेम ल�
03:00हाँ बच्चों की समस्य बढ़ती जा रही है कि वो दिन पे दिन डेत हो रही है तो इसमें जो मेडिसन है उसी पे ज़्यादा फोकस किया जाएगा अच्छा बतौर डॉक्टर आप जो पैरेंस अभी जिस परकार से बजार से बिना डॉक्टर को दिखाए कर लिए कब से आप �
03:30करेगा और ले लेते हैं जाके और अपनी मर्जी से खा लेते हैं यह सबसे बहुत ही गंदी आदत है हमेसा डॉक्टर के पास जाओ डॉक्टर से दवा लो उनको पूछो है फिर वो अपनी हिसाब से दवा देते हैं उसके बाद दवा लेनी चाहिए क्योंकि यह जो सरीर है �
04:00पहले मदपरजिश के सौस पंतरी वो कह रहे थे कब सिरफ से मोट नहीं हुए जाच के लिए बेजा फिर बाद में सामने आगा जिसके पास नहीं चनकायरी तो वहीं बतायागा तो आप यह कब सिरफ को लेकर जो बनाने वाली कमपनी उसको दोस्तिकों है इसमें डॉक्टर
04:30बल पाएंगे पर जहां तक है जो बनाने वाले हैं उनको कमिलेशन देख के बनाना चीज़ से इस से दुवार लापरवाही ना हो
04:38मेरा नाम सोनम पारक है यह जो सिरफ बाला शिंबाडा का कांट हूए जिसमें नो बच्चों की जाएंगई अब इसके मामले लगातार बढ़ते जा रहे हो तो इस पर क्या सोचना है
04:47मेरे इस मामले में ये सोच है, मैंने इसको बहुत विस्तार से सोचा और समझा कि ये मामला डॉक्टरों के उपर नहीं जाता है, ये मामला जिसने दवाईयां बनाई है, जहां मैनुफेक्चरिंग हुई है, उस मैनुफेक्चरिंग में कोई ऐसी प्रॉब्लम आई है लोगों
05:17के लिए हम सब प्रयास करें, कोई आसान उधारन तो ऐसी अगर मैं घर में सबजी बनाती हूं और उस सबजी में अगर मैं मिर्ची या मसाला या तेल जादा डाल देती हूं, तो सोभाविक बात है कि मेरे बच्चों को उल्टी दस्त हो गई, बच्चे हॉस्पिटल जाएं
05:47कि इतने सारे बच्चे अभी खतम हो गई, और यह बहुती दुखद है, मेरी बहुत सानुभूती है उन पेरंट्स के साथ, और सच में मुझे यह नहीं समझ में आ रहा है कि इसमें डॉक्टर्स को किस तरह इन्वाल्ट किया जा रहा है, यह सिरफ जब इतने दिनों से मार्
06:17तो यही सवाल में बेपक्ष्पी सरकार से पूच रहा है कि इस तरह की दवाई हैं व्हाइएं क्यों विकरी तो आसली दोशी आप किसे मानती हैं?
06:23मैं तो असले दोशी उसी को मानती हूँ जो कमपनीज इस जो लैब जो कमपनीज इस सिरफ को बना रहे हैं जो लैब इसके कौलिटी को टेस्ट कर रहे हैं कैसे उन्होंने सिरफ को कौलिटी टेस्ट करके और मार्केट में आने दिया उसको पास किया कि वो सेफ है बच्चों के
06:53जो दवाईया मार्केट में अवलेबल हैं, हम यह मान के चलते हैं कि वो FDA approved है, वो सारे labs के test होके approved होके हमारे पास आई हैं, डॉक्टर्स तो उसको ले के test करनी रहे हैं, तो इसमें सरकार क्या कर रही है, मैं खुद उनसे यह गूजना चाहती हूँ.
07:06सरकार का तरक है कि जो रुविण सोनी डॉक्टर जिन पर FIR दर्च की गई इस पूरे मामले में, सरकार का तरक है कि वो लगातार उनके पास जो मरी जा रहे थे बच्चे, उनमें यह सिंटम सो रहे थे, दवा देने के बार, लेकिन उनने ध्यान ने दिया और बहुत देरी कर �
07:36कि जाने में थोड़ा टाइम लगता है और अनालाइज करने भी टाइम लगता है बट कोई भी मेडिसिन अगर मार्केट में आ रही है तो उसका क्लिनिकल ट्रायल होता है, बहुत सारे पेशिंस पे लॉग ग्रूप होता है, हजार दो हजार, तीन हजार का गूप होता है, ज
08:06जो लैब और जो कंपनी सिरफ को बरा रही है, उनके खिलाफ सकत कदम उठाना चाहिए, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने चाहिए, ना कि डॉक्टर्स को सॉफ्ट टार्गेट बनाना चाहिए.
08:14आप भी डॉक्टर हैं, आपके पास मरी जाते हैं, तो आप क्या साथधानी बरती जब दवा लिखते हैं? अभी तक तो हम यही सोचते थे कि जो भी मेडिसीन अब लेबल है, जो भी हमारे पास उनके पास सर्टिफिकेशन्स रहते हैं, उनके पास अपूरब रहता है, लैब क
08:44पेशेंस पर-ट्राइल कर रहे हैं हम तो यही मानते हैं कि वह पेशेंस पर-ट्राइल
08:47कर दुछ के जबलीं मारी आइवी मैंना वह मानती कि ड्रक्स कंट्रोलर की पूरी दी में-ड भूरिगत-धि-जस system
08:54विलिकुल दॉकुल अगर रोको आप ट्राइल कर्यां तो यह मरीजों को अपेटरस को ट्रीट करने के लिए ना यह है।
09:08मैं सरकार से पेक्षा करती हूं कि पहले बात तो इस जो भी एक कफ सिरप वाला कांड है इसमें जो भी में कल्परिट है उनको पकड़े उने कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और जो भी ये बच्चे जो इनकी लाइफ इसमें गई है उनके परिवार वालों को कंपंसेशन दिय
09:38मैं दॉक्तर मिनाक्षी सिंग इस्तरी रोप्रिय विशेश अगी हूं आडी मेमोरियल से
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