Khooni Darwaza – Delhi’s Blood-Stained Past & Haunted Present | खूनी दरवाज़ा – दिल्ली का शापित इतिहास
In the heart of Delhi stands a gate that has witnessed centuries of bloodshed, betrayal, and restless souls — Khooni Darwaza. From the Mughal princes’ execution during 1857’s revolt to countless mysterious deaths, this red sandstone monument hides untold horrors. Even today, people hear screams, feel unseen touches, and see shadows vanish into thin air. Is Khooni Darwaza just a historic site… or a cursed portal where the dead still seek justice?
दिल्ली के बीचोंबीच खड़ा है एक दरवाज़ा, जिसने सदियों तक खून, धोखा और आत्माओं की चीखें देखी हैं — खूनी दरवाज़ा। 1857 की क्रांति में मुग़ल राजकुमारों की हत्या से लेकर रहस्यमयी हादसों तक, इसकी दीवारें आज भी डर और दर्द की गवाह हैं। रात के अंधेरे में यहाँ से गुजरने वाले लोग आज भी कहते हैं — कोई है जो उन्हें देख रहा है। क्या खूनी दरवाज़ा सिर्फ़ एक ऐतिहासिक स्मारक है, या एक शापित जगह जहाँ आत्माएँ अब भी इंसाफ़ चाहती हैं?
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00:00दिल्ली की भीरभार के बीच एक ऐसा दर्वाजा खड़ा है जो आज भी मौत की चीखे दोहराता है एक दर्वाजा जिसने राजकुमारों का खून देखा, सैनिकों की चीखे सुनी और निर्दोश लोगों का कतल होते देखा
00:21लाल पत्थरों से बना ये दर्वाजा आज भी अपने भीतर एक काली कहानी चुपाए हैं इसे कहते हैं खूनी दर्वाजा क्या आप हिम्मत करेंगे रात के अंधेरे में इसके पास जाने की
00:34खूनी दर्वाजा दिल्ली के पुराने हिस्से में खड़ा है इसे सोलवी शताबदी में शेर्शा सूरी ने बनवाया था
00:42असल में इसका नाम लाल दर्वाजा था क्योंकि ये लाल बलुआ पत्थर से बना है उस समय ये शेहर के चार बड़े दर्वाजों में से एक था
01:04यहां हुई कि इसका नाम ही खूनी दर्वाजा पड़ गया 1857 की क्रांती के दौरान जब अंग्रेजों और भारतियों में लड़ाई हुई बहादूर शाह जफर दिल्ली के आखरी मुगल बादशा थे
01:18अंग्रेज जणरल हटसन ने बहादूर शाह जफर के तीन बेटों मिर्जा मुगल, मिर्जा खिजर सुल्तान और मिर्जा अबू बकर और एक पोते को पकड़ लिया
01:29जणरल ने उन्हें निहत्था कर दिया और वादा किया कि उनकी जान बख्ष देगा
01:35लेकिन उसी शाम इस दर्वाजे पर सब को गोली मार दी गई
01:40लोगों ने कहा कि उस दिन पूरा दर्वाजा खून से लाल हो गया था
01:45दिल्ली के आम लोग सदमे में थे
01:48मुगल राजकुमारों की आत्माओं का दर्द इतना गहरा था कि आज भी कहा जाता है
01:55उनकी परचाईया यहां दिखाई देती है
01:581857 की लड़ाई सिर्फ आजादी का संघर्ष नहीं थी
02:02ये लाखों की मौत का गवा भी बनी
02:05अंग्रेजों ने सैंक्रो सिपाहियों और आम लोगों को इसी दर्वाजे पर मार डाला
02:11कहते हैं यहां की दिवारे अब भी उन चीखों को संजोए बैठी है
02:16कुछ इतिहासकार लिखते हैं कि अंग्रेज सैनिकों ने दिल्ली वालों से बदला लेने के लिए
02:22यहां सार्वजनिक फांसिया दी
02:24दिन्दाडे लोगों को गोली मार दी जाती थी
02:28लोग डर के मारे इस रास्ते से गुजरना भी बंद कर चुके थे
02:33आज भी यहां जाने वाले लोग अजीब घटनाओं का जिक्र करते हैं
02:38कई लोगों ने अचानक ठंडी हवा महसूस की है
02:41जैसे कोई पास खड़ा हो
02:43रात के सन्नाटे में बच्चों के रोने और और औरतों के चीखनी की आवाजे सुनाई देती है
02:49कुछ लोगों ने सफेद कपड़ों में तीन साइच चलते देखे
02:52जो अचानक हवा में गायब हो गए
02:55कई ड्राइवरों ने कहा कि रात को यहां से गुजरते समय उन्हें लगा
02:59कि कोई उनके सामने खड़ा है और इसी कारण उनका एक्सिडेंट हो गया
03:04कहा जाता है ये वही आत्माएं हैं जिने धोखे से मार दिया गया था
03:10दिल्ली के लोग मानते हैं कि ये दर्वाजा शापित है
03:13अगर कोई इसे अपमानित करता है तो उसे किसी न किसी मुसीबत का सामना करना पड़ता है
03:19कभी बिमारी, कभी हादसा, कभी डरावना सपना
03:24स्थानिय लोग मानते हैं कि मुगल राज कुमारों की आत्माएं अब भी इंसाफ चाहती है
03:29और जब तक उन्हें शान्ती नहीं मिलेगी, ये जगे हमेशा डरावनी बनी रहेगी
03:35दिन में यहां परियटक आते हैं, लोग फोटो खींचते हैं, लेकिन कुछ अजीब अनुभव बताते हैं
03:43कैमरे की फोटो अचानक धुंदली हो जाती है, मोबाईल का नेटवर्क बंद हो जाता है, अचानक शरीर भारी महसूस होता है
03:50कई लोग कहते हैं, उन्हें ऐसा लगता है कि कोई अद्रिश्य हात उनके कंधे पर रखा है, ऐसा दबाव जैसे कोई पीछे से पकड़ रहा हो, रात के समय ये दर्वाजा वीरान हो जाता है
04:04स्थानिय लोग कहते हैं कि अगर कोई आधी रात को यहां खड़ा हो, तो उसे दीवारों से खून टपकता दिखाई देता है
04:12कभी कभी जमीन पर लाल धब्बे दिखाई देते हैं, जो सुबह तक गायब हो जाते हैं
04:18कुछ रहागीरों ने कहा कि उन्होंने एक बूढे आदमी को देखा, जो मुगल पोशाग पहने बैठा था
04:24जैसे ही उन्होंने नजदीक जाने की कोशिश की, वो हवा में उड़कर गायब हो गया
04:30आज ये जगे पुरातत्व सर्वेक्षन विभाग के अधीन है, दिन में ये एतिहासिक धरोहर है
04:37लेकिन रात में ये दिल्ली का सबसे डरावना कोना बन जाती है, पुलिस भी सला देती है कि रात में यहाँ न जाए
04:45फिर भी कुछ रोमांज प्रिया लोग यहाँ आकर चैलेंज लेते हैं, रात गुजारने का
04:52लेकिन अब तक कोई भी पूरा भरोसे से नहीं कह पाया कि उसने रात शान्ती से गुजारी
04:59खुनी दर्वाजा इतिहास और हॉरर दोनों का संगम है
05:03यह हमें याद दिलाता है कि दिल्ली सिर्फ किलों और महलों का शहर नहीं
05:08बल्कि ये खून और बलिदान की धर्ती भी है
05:12हर पत्थर, हर दीवार एक कहानी कहता है
05:16डरावनी, दर्दनाख और रहस्यम्मी
05:20दिल्ली का खुनी दर्वाजा
05:22जहां इतिहास ने इंसाफ छीना
05:25और आत्माओं ने चैन खो दिया
05:28आज भी जो लोग यहां जाते हैं
05:31कहते हैं कि कोई उनकी निगाहों पर नजर रख रहा है
05:34तो सोचिए, अगर आप रात के अंधेरे में यहां अकेले खड़े हों
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