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  • 1 week ago

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00:00बिर्बल ये नीम का पेड़ हमारे इस बागीची की खुबसूरती को खराब कर रहा है
00:08हम इसे कटवाने की सोच रहे है
00:10दुनिया में नीम का होना आशिरवाद है जहापना
00:14आशिरवाद? वो कैसे? ये तो बहुत कड़वा होता है बिर्बल
00:19मीठे से पैदा हुई बिमारियों का हिलाज ये कड़वा नीम बखुबी करता है जहापना
00:24हम तो तुम चाहते हो के हम इस पेड़ को ना कटवाएं
00:29जी जहापना आपने सही कहा
00:31ठीक है बिर्बल हमने तुम्हारी बात मानी हम इस पेड़ को नहीं कटवाएंगे
00:49जहापना की जै हो
00:54आईए आईए सुखदेव जी
00:56कहिए कैसा रहा आपका इरान का सफर
00:59सफर बहुत अच्छा रहा जहापना
01:02हमें शाहे इरान के बारे में कुछ बताईए सुखदेव जी
01:05वो और उनकी सल्तनत के लोग कैसे हैं
01:08जहापना, शाहे एराण बहुत ही अच्छे शासक हैं और वहां की लोग भी उन से बहुत खुश है.
01:17क्या शाहे एराण हमसे भी ज्यादा अच्छे शासक है सुकदेव जी?
01:22जहापना आप एक न्याए प्रिये शासक हैं
01:27आपके राज से अच्छा राज किसी और का हो ही नहीं सकता
01:31आपके राज में संत्री से लेकर मंत्री सभी बहुत खुश है जहापना
01:36और सबके खुश होने का एक ही अर्थ है जहापना
01:39कि आप बहुत ही अच्छे शासक है
01:52सबसे बहतर शासक हैं.
01:54लेकिन हाँ, शाहे इरान के जैसे आप भी एक समझदार शासक हैं.
01:59ऐसा बोलकर आप बादशा अकबर का अपमान कर रहे है बिर्वल जी.
02:02मंतरी नवाजुद्दीन ऐसा बिलकुल भी नहीं है.
02:05तो बताइए कैसा है बिर्वल?
02:07मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूँ जहापना, कि आप एक समझदार और अच्छे शासक हैं, परन्तु सबसे बैतर हैं, ये मैं नहीं कह सकता.
02:17क्योंकि शासक भी आखिरकार इनसान ही होता है, और हर इनसान में बहुत सी खामिया होती हैं, जिने ठीक करने के गुणजाईश हमेशा बनी रहती है.
02:28तो आप ये कहना चाहते हैं बिर्वल, कि हमारे अंदर बहुत सी खामिया हैं?
02:32जी जहाँ बना, करवा बोलने की भी हद होती है बिर्वल, मैंने करवा नहीं, बलकि सत्य कहा है सुकदेव जी.
02:39सत्य नहीं, असत्य कहा है आपने विर्बल, हम आज के समय के सबसे बेहतरीन शासक हैं, और इस बात को ना मान कर आपने हमारा अपमान किया है, जो हमारे बरताश्ट के बाहर है, आज से आप हमारे दर्बार का हिस्सा नहीं है, चले जाएए यहां से
02:57आप हमें इस तरह दुखी करेंगे, हमने कभी सोचा भी नहीं था बिर्बल
03:10और वशी, जल्दी से अपना सामान बांद लो, हमें यह शहर आज ही छोड़ना है
03:40इन पेटियों में क्या है व्यापारी? जहापना, यह चौसा आम है, जिसे खास आपके लिए मैं मुल्तान से लाया हूँ
03:49इस आम को चारों तरफ से दबा कर चूसा जाता है जहापना, यह कजब का मीठा होता है
03:56क्या हम इसे खा कर देख सकते हैं? बिल्कुल जहापना
04:00बहुत खूब व्यापारी, इन्हें इनकी कीमत अदा की जाए
04:17जी जहापना, शुक्रिया जहापना
04:30जहापना, यह बिमारी ज़रूरत से ज़्यादा मीठे आम खाने के वज़े से हुई है
04:39अब इसका इलाज आपके बगीचे का नीम ही करेगा
04:44वो कड़वा नीम
04:45जी जहापना, मीठे का इलाज अब उसी से होगा
04:50यह तो बहुत कड़वा होता है बिर्बन
04:53मीठे से पैदा हुई बिमारियों का इलाज यह कड़वा नीम बखुबी करता है जहापना
04:59हम, तो तुम चाहते हो के हम इस पेड़ को ना कटवाए
05:03जी जहापना
05:04बिर्बल, देर से ही सही
05:08लेकिन हमें आपकी कही बात समझ में आ गई
05:12अगर हम यूही चापलोसों से खुश होते रहें
05:16तो एक न एक दिन अपने ही हाथों अपना राजपाट गवा देगे
05:31नीम के इस रस को पी लीजे जहापना
05:33कुछ दिन लगातार नीम के पत्तियों का रस पीने से
05:41आप पहले जैसे तंदुरुस्त हो जाएंगे
05:44कुछ दिनों बाद
05:46बादशाहों के बादशाह जिल्ले लाही अकबर पधार रहे है
05:52अब पूरी तरह ठीक करने के लिए
06:02आपका शुक्रिया राजवैज जी
06:04सुखदेव जी
06:06हम अभी क्या भी बिर्बल से मिलना चाहते है
06:09अरे यह जल्दी हो सके
06:11उन्हें हमारे पास लियाए
06:13जी जहापना
06:14सुखदेव जी
06:17जनाब बिर्बल ये शहर छोड़ कर जा चुके है
06:20क्या?
06:20लेकिन वो कहा गए है
06:22ये हमें नहीं पता
06:24क्या कहा? बिर्बल शहर छोड़ कर चले गए
06:27ये सब हमारी वज़े से ही हुआ है
06:30हमने अपने प्रियम मित्र का दिल
06:33बहुत ज्यादा दुखाया है
06:35उदास मत हो ये जहापना
06:37हम जल्दी उन्हें ढून लेंगे
06:38वो ऐसे नहीं मिलेंगे सुक्तेव जी
06:41हमारे देश की सरहत के पार भी
06:43उनके बहुत से मित्र शासक है
06:45वो जरूर उन्हीं में से किसी एक के पास गये होंगे
06:49तो ठीक है जहापना
06:50हम आसपास के
06:52सभी देशों के राजाओं के आँ
06:55बीरबल जी को वापस भीजने का संदेशा भिजवा देते हैं
06:58वो जहां होंगे वापस आ जाएंगे
07:00हमने बीरबल जी के आत्मसम्मान को ठेस पहुचाई है सुक्तेव जी
07:04जब तक हम खोद उन्हें वापस लेने नहीं जाएंगे
07:08वो नहीं आएंगे
07:09इसलिए पहले हमें ये पता करना होगा
07:12कि वो इस समय किस देश में है
07:14मगर हमें ये कैसे पता चलेगा जहांपना
07:17कि बीरबल जी किस देश में है
07:19ये जानने का तरियवबा हमारे पास है सुक्तेव जी
07:23जो देश हमारे भेजे खास पैगाम का सही जवाब दे देगा
07:28बिर्बल हमें वही मिलेंगे
07:30और वो खास संदेश क्या होगा जहाँ बना?
07:53शाह इरान किशान में बादशा अकबर के दूद का सलाम
07:58कहो दूद, क्या संदेशा लेकर आये हो?
08:04हमारी सल्तनत में तो सिर्फ एक ही आदमी है
08:07जो इस संदेश को समझने की काबलियत रखता है
08:11दूद, आप आज शाम को अपना जवाब ले जाईएगा
08:15क्या लिखा है सुखदेव जी?
08:32जहाँ पना, शाह इरान ने हमारे संदेश के नीचे अपना जवाब लिख कर भेजा है
08:38आपने जो खास संदेश भेजा था, वो ये है
08:42जब मीठे ने पकड़ लिया जोर, तो पकड़ा गया मन का चोर
08:48तो उनका जवाब क्या है?
08:51अंत भला, तो सब भला
08:53ये जवाब शाहे इरान ने नहीं, बलकि बिर्बल ने भेजा है सुखदेव जी
08:59हम उन्हें लेने अभी, इसी वक्त इरान रवाना होंगे
09:02हिंदुस्तान के बार्शा अक्बर, शाहे इरान के दर्बार में पेश हो रहे है
09:22हमें पता था बिर्बल, उस संदेश का जवाब सिर्फ आप ही दे सकते हैं
09:37आपके नीम के पेड़ने हमें हमारी खलती का आहसास करवाती है
09:41हमें माफ कर दीजिए बिर्बल जी
09:44मुझे शर्मिंदा न करे जहाँ पना
09:46हमारे दर्बार के रतन को हिफाज़त से रखने के लिए आपका शुक्रिया शाहे इरान
09:52हम इन्हें वापस अपने देश ले जाना चाहते हैं
09:56क्या इजाजत है? इजाजत है
09:58शाय इरान जिन्दाबाद, बादशाह अखबर जिन्दाबाद, बिर्मल जी जिन्दाबाद
10:05तो आपका कहना है कि बादशाह अखबर के दर्बार की शान, मंतरी बिर्बल इस सदी के सबसे बुधिमान व्यक्तियों में से एक है
10:22आपने सही फरमाया शाय इतुर्क, बुध्धी और इंसानियत का बेजोड करिश्मा है मंतरी बीर्बल
10:29आपकी तरह हम भी उनकी बुध्धी की तारीफ करना चाहते हैं आलिम साहब, लेकिन उनकी बुध्धी का इम्तिहान लेने के बाद
10:40इम्तिहान? कैसा इम्तिहान शेहन शाह?
10:43हम खल शाम हिंदुस्तान के लिए रवाना होंगे चलने की तैयारी करें
10:50शेहन शाह तुर्क हिंदुस्तान के बादशाह अक्पर के दरबार में पधार रहे हैं
11:05आदाब बादशाह अक्पर
11:25आदाब शाह तुर्क
11:27हम तुफा कुबूल कीजिये बादशाह
11:32शुक्रिया
11:33इंदुस्तान आने की क्या कोई खास वज़ा
11:37ऐसा ही कुछ समझ लीजिये बादशाह
11:40हम यहां आपके पास एक पखेली सुलजाने के लिए आए हैं
11:45पहेली? कैसी पहेली?
11:47अगर आप पहेली के बारे में जानना चाहते हैं बादशाह अक्पर
11:52तो आपको उसे सुलजाने का वदा करना होगा
11:56लेकिन वदा करने से पहले आपको पहेली के साथ जुड़ी सभी शर्तें जानने का पूरा हक है
12:07अगर आप शर्तों से सहमत ना हो तो पहेली सुलजाने से मना भी कर सकते हैं
12:16शर्तें सुनाईए शाहे तुर्क
12:18इस पहेली को सुलजाने के लिए आपको सिर्फ तीन मौके दिये जाएंगे
12:24जिसमें आप अपने सबसे बुद्धिमान तीन रतनों का इस्तिमाल कर सकते हैं
12:32हर व्यक्ति को सिर्फ एक मौका मिलेगा
12:36लेकिन अगर कोई भी पहली सुलजाने में नाकाम रहा
12:42तो…
12:44तो क्या शाहे तुर्क?
12:46तो आपको हमारे सामने सर जुकाना होगा
12:52आपकी हिम्मत कैसे होई शाहे तुर्क?
12:57महमान के साथ खुसा नहीं करते सुख देव जी
13:00बैठ जाएए
13:01आप भी बैठ जाएए दिलिर जी
13:05हमें आपकी शर्त मन्जूर है शाहे तुर्क
13:10पहली बताएए
13:12परदा हटाया जाए
13:22ये रही हमारी पहली बादशा अखबर
13:27इस शेर को पिंजरे से बाहर निकालना ही
13:30पहली है बादशा अखबर
13:33ये तो बहुत आसान है
13:35आसान तो है बादशा अखबर
13:38लेकिन शर्त की अनुसार
13:41इस पिंजरे को छूने की मना ही है
13:45बिरबल आप क्या कहते हैं
13:49हमें कल तक का समय दीजे जहां बना
13:51कल तक हम इस शेर के बुद को
13:53पिंजरे को छूए बिना ही
13:55बाहर निकालने का कोई उपाई सोच लेंगे
13:58दिया समय
13:59पिंजरे को ढख दिया जाए
14:03बिरबल आपने एक दिन का वक्त मांगा है
14:14क्या आपके दिमाग में
14:17पिंजरे को छूए बिना ही
14:19शेर को बाहर निकालने की कोई योजना है
14:22सच कहूं जहां पना तो
14:24मेरे पास अभी तक कोई योजना नहीं
14:26मगर
14:28गुस्ताखी माफो हुजूर
14:29आप हर मुश्कल को हल करने का जिमा
14:32सबसे पहले बिरबल जी को ही क्यों सौपते हैं
14:35हम चाहते हैं कि इस बार ये मौका हमें दिया जाए
14:37अगर आप ऐसा सोचते हैं दिलिर जी
14:39तो ठीक है
14:40पहले दो मौके आपके और सुखदेव जी के हो
14:44अगर आप दोनों में से कोई भी पहली को सुलजाने में सफल नहीं हुआ
14:48तो ही बिरबल जी सामने आएंगे
14:50लेकिन याद रहे
14:52अमारी इस्जत का सवाल है
14:54आप चिंता न करें बादशाक पर
14:56हम आपका सर जुकने नहीं देंगे
14:58शाहे तुर्क की पहली को
15:06हल करने का पहला मौका
15:08हमने सुखदेव जी को दिया है
15:09सुखदेव जी
15:11जहाँ पना
15:12मैंने दरबार में हमारे देश के सबसे बहतरीन जादुगर
15:16अगदम बगदम को बुलाया है
15:18जो चुटकी बजाते ही
15:20इस शेर को बिना पिंजरे को छुए
15:22बाहर निकाल देंगे
15:24जादुगर को बुलाया जाए
15:26जादुगर अगदम बगदम
15:28दरबार में पेश हो
15:31ओहो
15:33जादुगर अगदम बगदम का प्रणाम सुकार करें जहाँ पना
15:39प्रणाम जादुगर जी
15:40क्या आप इस शेर को बिना पिंजरा छुए
15:44बाहर निकाल सकते हैं
15:45ये तो बहुत ही आसान है जापना
15:48अब ही निकाल देता हूँ
15:49अग्दम बग्दम ढिश
15:52अग्दम बग्दम अक्सा मक्सा
16:05चल दी आए लकडी का बक्सा
16:08अग्दम बग्दम धूम धड़ाका
16:27शेर बहर अंदर खर्गोश जाता
16:30मक्सा खोला जाए
16:37लगता है हमसे कोई गलती हो गई है
16:57हम इसको अभी ठीक कर देते हैं
16:59रोक जाओ जादूगर
17:01शर्त के अनुसार एक व्यक्ति को सिर्फ एक मौका मिलेगा
17:07आप अपने मौके में नाकामयाब हुए
17:12अब बचे सिर्फ तो मौके
17:15दिलेर जी, दूसरी कोशिश आपकी है
17:23जी जहापना
17:24बाबा घोरी को बुलाया जाए
17:26बाबा घोरी दर्बार में पेश हो
17:30महमान शाहे तुर्क और बाजशाहे हिंदुस्तान को
17:37अघोरी का प्रणा
17:39बाबा अघोरी, आपको उस पिंजरे में से शेर को बाहर निकालना है
17:45लेकिन शर्त के अनुसार आप पिंजरे को छू नहीं सकते
17:49ये तो मेरे बाएं हाथ का खेल है दिलेर जी
17:53निकाला निकाला, कुटा शेर, शेर कुटा, पिंजरे से जच से निकला
18:07पर्दा हटा
18:15जहाँ पना, मुझे एक और मौका दीजिये
18:29माफ कीजिएगा गोरी बाबा, हमें आपकी शक्तियों पर रखती भर भी शक्त नहीं
18:35पर दूसरा मौका हम नहीं दे सकते, ये शर्ट के खिलाफ है, आप जा सकते हैं
18:43हमें पूरा भरोसा है बादशाख बर की तिसरे और आखरी मौके पर आप जरूर बिर्बल को ही बुलाएंगे
18:54आपने सही फरमाया शाहे तो, आपकी पहली को सुलजाने अब बिर्बल ही आएंगे, बिर्बल
19:02आपकी बुद्धी का जलवा देखने ही तो हम तुर्किस्तान से आया हैं बिर्बल
19:10देखें तो सही आपकी तारीफों में कितना दम है
19:15जहापना, हम कुछ देर तक शेर को देखना चाहते हैं
19:19आप जो चाहे करें बिर्बल, मज ध्यान रहें कि आपको पिंजरे को छूना नहीं है
19:25अगर छू लिया तो…
19:28आप चिंता न करें बादशा अकबर, मेरे रहते शाने हिंदुस्तान का सर जुकने ना पाएगा
19:49सैनिको, आग की दिवस्था कीजिए
20:19कि व सना चाहे है
20:22हंँ
20:49लीजिये शाहे तुर्क, आपका शेर पिंजरे से बाहर निकल गया
21:03लेकिन बिर्बल, शेर गया कहाँ?
21:06शाहे तुर्क का शेर मूम की मूरत था जहाँ बना, जो आग की गर्मी से पिघल कर बह गया
21:13लेकिन आपको पता कैसे चला बिर्बल जी, कि शेर का बुद्ध मूम का है?
21:20जहाँ पना, जब मैंने पास जाकर शेर को जाचा, तो मैंने पाया कि गर्मी की वज़े से उसकी धारियां और रूप रेखा थोड़ी बदली हुई सी थी
21:30वो बदलाव ठीक वैसा था, जैसे मूम पिघलने पर होता है
21:35बाकी सब आपके सामने है
21:38मान गए आपकी बुद्धी को बिर्बल, जैसा सुना था, वैसा ही पाया
21:45तुर्किस्तान से हम आपकी बुद्धी का इमतिहान लेने ही आए थे
21:50जिसमें आप अववल आए है
21:54बिर्बल, आप सच में बादशा अखबर के सबसे बेहतरीन रतनों में से एक है
22:02बाचा कर जिसमावाद, विर्बल जी जिसमावाद

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