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Kojagiri Purnima 2025: कोजागिरी पूजा जिसे शरद पूर्णिमा या कोजागरी लक्ष्मी पूजा भी कहा जाता है, हर साल आश्विन महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन मां लक्ष्मी की आराधना और समृद्धि, धन और सौभाग्य प्राप्त करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है।ऐसे में चलिए जानते हैं कि कि कोजागिरी क्यों मनाई जाती है और कोजागिरी का अर्थ क्या है. Kojagiri Purnima 2025: Why is Kojagiri celebrated, what does Kojagiri mean |

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~PR.114~HT.408~ED.118~

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00:006 अक्टूबर को अश्विनमा की पुणिमा दिथी है जिसे शरत पुणिमा कहा जाता है
00:05हिंदु धर में शरत पुणिमा का विशेश महत्म बताये गया है और इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है
00:12कहते हैं कि शरत पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होती है
00:18और ऐसे में चंद्रमा की रोष्णी में अम्रित की बरसात होती है
00:22इसलिए इस रोष्णी में खीर रखने की परंपरा है
00:25जिसका सेवन करने से कई रोगों से मुक्ती मिलती है
00:29महिंदेश के कुछ हिस्सों में शरत पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा ये कोजागरी पूजा के नाम से भी जाना जाता है इस दिनमा लक्षमी का पूजन किया जाता है ऐसे में चलिए बताते हैं आपको कोजागरी पूजा क्यों की जाती है और इसका अर्थ क्या है दर
00:59कोजागरी की अर्थ की बात करें तो कोजागरी शब्द संस्कृत के कोजागरित से बना है जिसका अर्थ है कौन जाग रहा है कहते हैं इस दिन मालक्ष्मी धर्ती पर आती हैं और देखती हैं कि कौन जाकर उनकी पूजा कर रहा है जो जाकता है मालक्ष्मी उस पर अपनी कृ
01:29रात्री जागरन भजन कीर्थन और लक्षमी पूजा का आयोजन किया जाता है
01:33मानेता है कि जो वेक्ति इस रात जागरन करता है उसे साल भर लक्षमी की कृपा मिलती है
01:39फिलाल अमारे इस वीडियो में इतना ही वीडियो को लाइक, शेर और चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूले
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