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  • 3 months ago
बिहार CM की कुर्सी तक कैसे पहुंचे नीतीश कुमार? पाटलिपुत्र में देखें

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00:00पाठली पुत्र में अब तक आपने देखा लालू प्रसाद यादव के घटते जनाधार के बावजूद नीतीश कुमार को बिहार को विश्वास दिलाते वक्त लग गया
00:18नीतीश की तीन चुनावी कोशिशों के बाद आखिरकार साल 2005 में लालू राबणी शासन का अन्थुआ और बीजेपी जेडियो गठबंधन की सरकार बिहार में बनी
00:30मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार ने बहुत जल्दी सुशासन कुमार की उपाधी हासिल करी विहार विकास की गुन-गुनी गर्माहट महसूस करने लगा था अब आगे
00:42नवसकार प्रणाम मैं हूँ श्वेता सिंग
00:481995 में नीतीश कुमार ने पहली दफा लालु यादव की सत्ता को चुनोती दी थी
00:55तब उन्होंने CPI ML का साथ लिया था
00:58उस वक्त ऐसी करारी हार मिली कि उन्हें जैसे राजनीती से ही विरक्ती हो गई थी
01:04लगभग उसी वक्त नीतीश को BJP की ओर से गट जोड की पेशकश की गई
01:10किसी भी समाजवादी के लिए BJP के साथ जाना आसान फैसला नहीं था
01:15लेकिन दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है और लालू प्रसाद यादव नीतीश कुमार के सबसे बड़े दुश्मन थे
01:23जब 2002 में गुजरात में दंगे हुए तब नीतीश कुमार केंद्र की NDA सरकार में मंत्री थे
01:37नीतीश को उस वक्त अपनी सामाजिक विचार थारा के नाते गुजरात दंगों पर कठोर सवालों का सामना करना पड़ता था
01:44नीतीश की दलील थी कि मैं मोदी सरकार का नहीं वाजपेई मंत्री मंदल का हिस्सा हूँ
01:51लेकिन जब एक दफाद 2003 में उन्हें गुजरात में नरेंद्र मोदी के साथ मंच साज़ा करना पड़ा तो उन्होंने तारीफों के पुल बांदी
02:02पुले के देगत की एकी देगर पड़ीट है एकले थे वाई काम कर रहा है तो पाइक से लिए जी नरजबाई की देगी कोई पर इसे कुछ को पूरी उम्मीत रहा है और बिल कुछ आख के दाये में सुबटका नरजबाई नहीं है कि बेस को इकी से वाय किलेगे
02:29वास्तव में नीतीश मोदी के कायल नहीं थे पर लालू को उखाड फेकनी की जरूरत कुछ ऐसी थी कि बीजेपी में नरेंद्र मोदी में उस वक्त उन्हें कुछ भी बुरा नहीं दिख रहा था
02:44हम उनके साथ थे तो जो मुद्दे हैं विबादास्कद तो 307 कामंस बिलकोंड और मंदिर मजजद के तीनों परे किये थे अडवानी जी अटल जी के साथ जो बात ही थे जब वो रोज ही धर्म के आदार पर कोई ना कोई मुद्दा बनाते हैं
03:06श्री लालो यादव जी के नेत्रित में बिहार में जो जनता दल चल रहा था उसको व्यक्तिगत कारणों के चलते कई हिस्सों में बठना पड़ा
03:15और भारत जनता पार्टी भी उस समय आइसोलेट हो चुगी थी बाबरी के डिमोरिशन के बाद भाजपा को भी मित्रों की जरूत थी अपनी आइस परस्ता समाप्त करने के लिए
03:26और जॉर्ज फननाटीज और नितीश कुमार की समता पार्टी को भी आफसक्ता थी किसी पॉलिटिकल आउटफिट की
03:33खेर ये साज़ेदारी चलती रही फलती फूलती रही कई राजनीतिक विशलेशक्तों इसे नैसरगे गटबंधन मानते थी
03:42बीजेपी ने भी नीतीश से अच्छी दोस्ती निभाई जब 2005 में गटबंधन का सीम उमीदवार भोशत करनी की बारी आई तो नीतीश को अटल बिहारी बाजबेई अरूर जेटली प्रमोध महाजन सब का समर्थन मिला जबकि जेडियू ने ही उनके नाम पर आपत्ती कर �
04:12तो दूसरों कैसे लेके चलेगा इसलिए जब अपनी पार्टी को नहीं लेजे सकते हैं उसको आप दोनों दलों का नेता कैसे चुन सकते हो जोड़ फरने इसके उपर अड़ हुए से तो अरूर जेटी महां के बिहार के इंचार थे उस पर मोध महाजन पार्लिमेंटी बू
04:42यह पार्टी ने किया है
04:43जेतली ने फरनांडिस से मुलाकात की उन्हें समझा बुझा कर राजी किया और अगले दिन जॉज ने प्रेस कॉन्फरेंस में नीतीश के नाम पर जेडियू की भी मुहर लगा दिया
04:56हालकि इस घटना के बाद से नीतीश और जॉज फरनांडिस के बीच दरार गहरानी शुरू हो गई थी
05:03नीतीश के जीवन पर एक पुस्तक अकेला आदमी में लेखक लिखते हैं कि नीतीश ने छात्र रहते हुए नेता बनने की अपनी इच्छा पर कहा था
05:13सत्ता प्राप्त करूँगा चाहे जैसे भी हो लेकिन सत्ता लेकर अच्छा काम करूँगा
05:18बीजेपी को साथ लेकर ये अभिलाशा 2005 में पूर्ण हो चुकी थी अब अच्छा काम करने की बारी थी
05:26सक्षर्टा से लेकर विकास तक नीतीश ने ऐसा काम किया कि प्रशंसा और पुरुसकारों की जड़ी लग गए
05:35सत्ता के दूसरे साल में ही ये अवार्ड्स नीतीश की मेज पर सच गए
05:48नितीश कुमार जब सुरुवाती दिनों में वर्ष 2005 में जब सरकार में आये उसके बाद इन्होंने विकास की गती के साथ-साथ प्रशासन के नटों को कसना सुरू किया
06:01खास तोर पर फास्ट्रैक कोट जो बनाये इन्होंने स्पीडी ट्राइल का जो प्रॉसेस सुरू किया उससे अपराधियों पर नकेल कसने में मजबूती मिली
06:13सुसासन बाबू की छवी बनाने में लोग कल्यानकारी योजनाओं ने भी भारी मदद की
06:18मसलन शिच्छा के छेत्र में जो लोग कल्यानकारी योजनाओं लेकरके साइकल योजना शिच्छा के छेत्र में लड़कियों के लिए
06:28स्वास्त केंद्रों, जो प्रात्मिक स्वास्त केंद्र हैं, उनको दुरुस्ट करने का कारिय जो हुआ
06:33नितीश कुमार की 2005 के बाद वाली सरकार में, 2005 से 10 के दौरान, उस से नितीश कुमार की छवी सुसासन बाबु के तौर पर बेहद मस्बूत हुई
06:43इसी बीच दो हजार साथ में बिहार में भयंकर पाढ़ाई
06:54बागमती, बुढ़ी गंड़क और कमला बलान ने अपने अपने तटबंध तोड़ दिये
07:01ये खी रात में लगभग दो तिहाई उत्तरी बिहार जलमगन हो गया
07:07नितीश तब मौरिशस यात्रा पर थे और UPS सरकार में तदकालीन रेल मंद्री लालू यादव ने इसका फायदा उठाने की भरपूर कोशिश की थी
07:18लेकिन नितीश जितनी जल्दी लोट सकते थे लोटे राहत बचाओ कार्य खुद समहाला
07:25नितीश जी मौरिशस में थे तब तक लालू जी एक कैबिनेट मिनिस्टर के नाते भारत सरकार के उन्हों ने इसका मुएना कर लिया
07:34बहुत सारी लापरवाहियां भी मीडिया में आई कि उसमें जो दोशी अधिकारी हैं
07:40मुझे जहां तक याद है शायद कुछ जो सम्बंधित इंजीनियर थे और भी अधिकारी थे उन पे कारेवाही भी की गई थी
07:46और मीडिया में ये बात भारती खुल की आई कि जब आपको पता था कि बिहार-बार से ग्रसित है और इतने बरेस्तर पे लोग उससे प्रभावित हुए विस्थापित हुए
07:56तो मीडिया में इस बात की अलोचना हुई थी, हाला कि बात ये भी है कि उसके उस दिन बाद ही वो आए और उन्होंने मुआयना किया था
08:04लेकिन चुकि जिस समय ये घटना अचानक से बहुत जादा हो गई थी
08:08रातो रात जब बाढ़ आ गई थी, पानी बढ़ गया था और 19 जिले प्रभावित हो गये थे
08:13उस समय उनका मौरिशस में होना और ओनलाइन मुआयना करना और लालू जी का पहले से मुआयना कर लेना इसको मीडिया ने काफी तुल दी थी
08:202007 के बार से निपढ़ते हुए प्रशासन ने आपदा प्रबंधन का कम से कम एक बुनियादी धाचा तयार कर लिया था
08:28लेकिन अगले साल अगस्त में जब उसी नदी में बाढ़ आई तो कोई तयारी काम नहीं आई
08:34रात के अंधेरे में नदी ने विक्राल वूप धारन कर लिया जब तक राजधानी तक सूचना पहुच पाती जिले के जिले इसकी चपेट में आ गए दिल्ली और पटना के बीच दोश मढने की राजनीती शुरू हो गए लेकिन नीतीश ने राहत कार्य का मोर्चा समालने
09:04विकास के आकड़े जो इतना रहे थे लेकिन बिहार के युवा अभी भी अलग अलग राज्यों में काम की खातिर पलायन को मजबूर थे
09:34और इसी तौरान शुरू हुआ एक ऐसा दौर जब देश के कई राज्यों में बिहारियों पर कहर तूटने लगा
09:41यू तो छिटपुट घटाय लबे समय से चल रही थी लेकिन 2008 के आसपास इनमें तेजी आई
09:48लोग कम कीमत पर काम करने को तयार थे चुकि बिहार में उनके काम की कीमत ही नहीं मल रहे थी
09:54तो बाहर जाकर के कुछ पैसों में भी काम करने को तयार थे
09:58इससे बाहर के राजियों को लगा कि बिहार वासी हमारे यहां आते हैं
10:02कम कीमत पर काम करते हैं इससे हमारा रोजगार छिन रहा है
10:06उस समय एंडिये के एक मजबूत घटक शिव सेना के सुप्रीमो बाल ठाकरे ने
10:12लेख लिखकर बिहार विरोधी भावनाओं को और भड़काया था
10:17नितीश विरोध तो करते लेकिन गठबंध न तोड़ने की परिपक्वता के साथ
10:24वो केवल बिहारी मजदूरों पे नहीं थी हिंदी भाशी लोगों पे थी
10:29नितीश जी ने कहा था कि मुंबई उजर जाएगा उन्होंने कहा था और इस पर बरी प्रतिकिरिया उधर से पर उन्होंने कहा कि यह आप जिन पर हमले करें वो कौन है
10:41जो वहाँ पे टैक्सी चला रहे है जो वहाँ की जो अर्थ विवस्ता है उसकी पिरामिट को संभाल रहे है अगर वो चले जाए तो यह वन लाइनर जो नितीश जी कह था कि मुंबई उजर जाएगा कामकाज ठप पर जाएगा
10:59यह बहुत ही एक स्ट्रॉंग एक बिहार के चीफ मिनिस्टर का स्टेट्मेंट था
11:04बड़ी बात यह है कि बदलते बिहार में धीमे धीमे पलायन भी घटने लगा
11:13लेकिन अब नितीश एक एक्सक्लूसिव वोट बैंक के समिकरण को तलाश चुके थे
11:20कुर्मी कोईरी पहले से उनके साथ थे बीजेपी का अगड़ा वोट बैंक भी था साथ ही अब मुसल्मानों में पिछड़े पसमांदा को वो अपने पक्ष में सवार चुके थे
11:31ऐसे में अपनी धर्म निर्पेक्ष चवी को लेकर अब वो बहुत सम्वेद अंशील हो गए थे
11:37यही कारण था कि बीजेपी के साथ रहने के बावजूद वो गुजरात के ततकालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोधी से दूरी बनाये रखना चाहते थे
11:46दरेंद्र मोधी ने गुजरात में लगातार दो चुनाव जीते थे
12:14गुजरात को चमका कर उनकी लोग प्रियता आस्मान चू रही थी
12:18बीजेपी में पीएम उमीदवार के तौर पर उनके नाम की सुगबुगाहट थी
12:24लेकिन मुख्यमंत्री के तौर पर अगर नरेंद्र मोधी विकास पुरुष का खिताब हासिल कर चुके थे
12:30तो नीदीश की छवी भी सुशासन और विकास से ही जुड़ी थी
12:34हालेकि इसके बावजूद गटबंधन की मजबूरियों में वो पंधे हुए थे
12:40बिहार में मद्दाताओं के सामने भले ही वो मोधी के साथ नहीं दिखे
12:452009 में लुधियाना में हुई NDA की रैली में उन्होंने नरिंद्र मूधी के साथ मंच साजह किया
12:53उस समय यह कहीं सवाल नहीं था
12:59वहाँ उस में रैली में भी था
13:02यहने मैं कनमिनेट था NDA का
13:07तो हम तो हमारे में बादास्पत मुद्दिर उनके बादास्पत मुद्दिर परे किये थी तब हमारा मेल था
13:15मैं उस रैली में स्री नितीज कुमार जी के साथ उपस्तित था
13:19वो रैली ना भार्च जंता पार्टी की थी ना जंता दल्यों की थी
13:23हम दोनों के संयुक्त मित्र पार्टी अकारी दल की रेली थी
13:27उसमें नितीश कुमार जी पहले आकर के बैठ गए थी
13:32उसके बाद मोधी जी आए नितीश जी के पास गए
13:35उसके किलिप आप के पास मोजूद हैं
13:38उनका हाथ उठाया और जन्ता के सामने खड़े हो गए
13:53बिहार के उपमुख्य मंत्री सुशील मोधी की गुजारिश पर
13:57नितीश ने मोधी समेथ बीजेपी के सभी नेताओं के लिए भोज का आयूजन किया था
14:02सबको निमंत्रण भी भीजा जा चुका था
14:05नितीश उस वक्त पटना में नहीं थे
14:10वो आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आयूजित विकास स्यात्रा पर उत्तर बिहार के दोरे पर थे
14:17शायद इसलिए सडकों पर लगे पोस्टरों से अन्जान थे
14:24लेकिन 13 जून की सुबए जब उन्होंने अफ़ार खुला तो घुस्से से आग बबूला हो गए
14:31उस समय भेंकर बाड बिहार में आई भी थी
14:39और कई सो करोड रुपे की मदद देश से भी और विधेश से भी
14:44कोशी की बाड के नियंतरन के लिए लोगों के पुररवास के लिए मिली थी
14:49अकेले बिहार के मुखमंतरी की जो मदद थी उसके फोटो उस समय पूरे बिहार में लगे
14:56कि इस संकट की घड़ी में गुजरात आपका साथ देता है राशी थी पांच करोड
15:02किसने की आई ए मैं इसकी इनकॉरी कराऊंगा कि मेरी फोटो चाप या मुखमंतरी की फोटो उसके बिना कोई अजब की अड़िटाइजिंग नहीं चाप सकता मैं आखबार वालों से को इनकॉरी कराऊंगा उन्हें पुलिस से इनकॉरी गराई पिर जो मैंने पढ़ा उसक
15:32इस इश्तिहार में 2009 की लुदियाना रैली की वो तस्वीर थी जिसमें नीतीश और मोदी एक मंच पर हाथ पकड़े खड़े थे
16:02बिहार की जंता के सामने पंजाब की भूमी की वो मित्रता जाहिर होने का खयाल ही चुबने वाला था
16:10लेकिन उससे बढ़कर चुब रही थी वो बात जो इश्तिहार में लिखी थी
16:18इसमें जिक्र था मोदी की ओर से कोसी राहत के लिए पांच करोड के महादान का
16:25उससे में ये बात मन में थी कि ये प्रोजेक्शन कहीं
16:33प्राइमिस्ट प्रदानमंत्री के लिए किया जा रहा है हमारा कहना था कि चुनाओं के बाद होना चाहिए
16:41चुनाओं के बाद ही ते होना चाहिए कौन बड़ेगा
16:45नीतीश इतना तम तम आय कि पूरी रकम लोटा दे फिर फोन घुमाया और आदेश दिया कि जिस भोज का उन्होंने आयोजन किया था उसे रद किया जाए
17:00तब सुशील मोदी ने कई कोशिशें की कि नीतीश को समझाया जाए चुनाओं सर पर थे और गटबंधन के लिहास संकेत सही नहीं होते लेकिन नीतीश को तो उस संदेश पर एतराज था जो बीजेपी के उस इस्टहार से बिहार की जनता के बीच पहुँच चुका था
17:20कभी वो गुसा हो गए इस पांच करोड पे कभी वो गुजरात रायट पे भी दर्द कराने लगे तो अब नितीश कुमार जी की वास्तवीक भावना क्या है वो दो कारॉनों से नहीं जाना जा सकता है कि वास्तवीक भावना हों की जो भी रही है वो तखता पलट करके और �
17:50जो भी होना था पिछले सनीवार को हो गया अब इस सनीवार को क्यों खराब करने आपको नीटीश ने कोसी राहत का वो चेक भी लोटा दिए
18:032009 के आम चुनावों में बीज़ेपी को केंद्र में हार के रूप में एक जटका मिल चुका था
18:10बीज़ेपी के वरिष्ट नेता नहीं चाहते थे कि इश्तिहार के नाम पर एंडिये शासित एक राज्य उनके हाथ से निकल जाए
18:18लेकिन न तो नीटीश जुगने को तैयार थे नहीं मोदी ये मान रहे थे कि पोस्टरों में कुछ गलत था
18:26अगले दिन रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने गुजरात के विकास और बिहार के बिछड़े पन पर टिपने कर दी
18:35मैं तो हरार हूँ एक बार मैं पटना आया था हमारी पारिटी की कारिशमिती की बिटिंग थी
18:43और यहां के मुझ्यमंत्री ने अब को खाने पर बुलाया था
18:50अब हमारी थाली उन्होंने चिन ली भोजन पे बुला करके कभी कोई थाली चिन लेता है क्या कोई थाली चिन लेता है क्या
19:07उस समय भारतिये जनता पाटी ने पूरी तरीके से सायम बर्तने का काम किया था
19:13भारतिये जनता पाटी चाहती तो उस समय एग्रेसिब हो सकते थी लेकिन एग्रेसिब होने के बाज़ाय सैमित रहे
19:19हाँ गुजरात इकाई और नरिंद्र मोदी के जो समर्थित नेता थे उन लोगों ने जरूर विरोध किया
19:28नितीश कुमार की चुकी महत्तोकांचा सिर्फ भोजरद करने तक सिमित नहीं थे
19:32वे भोजरद करने के बाद नितीश कुमार चाहते थे कि भारतिय जनता पाटी नरिंद्र मोदी को किसी भी कीमत पर प्रधान मंतरी का उमिद्वार घोशित नहीं करे
19:43नितीश कुमार का मानना था कि 2004 में एंडिये की हार की सबसे बड़ी वज़े थी गुजरात के दंगे यानी नरिंद्र मोदी
19:502009 की हार ने उस विश्वास को पक्का कर दिया
19:53उन्हें न तो मोदी के राजनीती पसंद थी नहीं बीजेपी के भीतर मोदी का समर्थन
19:58नितीश ने लाल कृष्ण आटबानी की अगवाई की विफलता को देखने से परहेज किया
20:04एंडिये की हर असफलता को वो मोदी से ही जोडते रहे
20:07वैसे 2010 की जीत के बाद बिहार की राजनीती में मोदी की राजनीतिक भूमिका न के बराबर रही
20:19यहां तक की एक दफा जब नितीश से पुछा गया कि आम चुनाओं के प्रचार के लिए क्या वो मोदी को बुलाएंगे
20:26दोनों ने कहा बिहार में एक ही मोदी काफी है उनका इशारा सुशील मोदी की तरफ था
20:32नितीश कुमार को तब यह लग रहा था कि वे प्रधान मंतरी का चेहरा हो सकते हैं
20:422010 बिहार विधान सभा में जिस तरीके से जनता दल उनाइटेट को पूरे एंडिये को सफलता मिली थी लेकिन जनता दल उनाइटेट को कुछ ज्यादा ही सफलता मिली थी उससे अति उत्साहित थे
20:52नितीश को एहसास था कि वो अकेले नहीं जो मोदी को पी एम उमीदवार के तौर पर नहीं देखना चाहते
21:01बीजेपी के भीतर की कस्मसाहट से वो वाकिफ थे
21:05आम चुनावूं के तैयारी के तौर पर 2011 में लालकृष्न आडवाणी प्रष्टाचार विरोधी जन चेतना यात्रा शुरू करने वाले थे
21:16और शुरुआत के लिए उन्होंने गुजरात के सोमनात की जगे बिहार के सीताब दियारा को चुना
21:23नीतीश ने रत को हरी जंडी दिखाई
21:26आडवाणी दो चुनावूं की हार के बावजूद एक बार फिर एंडिये में पीएम पद की उमीदवारी की उमीद लगाए थे
21:37पर बीजेपी के भीतर अब मोदी के लिए समर्थन बढ़ रहा था
21:43नीतीश को भी ये आभास होने लगा था
21:46यहां तक कि उनके अपने मंत्री मंडल में बीजेपी के मंत्रियों का मोदी जाप शुरू हो चुका था
21:53जब नवंबर 2012 में बीजेपी के वरिष्ट नेता कैलाश पती मिश्र के निधन पर शोग जताने मोदी पटना पहुँचे
22:01तो बीजेपी कारेकरताओं ने उनके पक्ष में खूब नारेबाजी की
22:06नीतिश कुमार ने ये तै कर लिया था कि किसी भी कीमत पर वो ऐसे गटवंधन का हिस्सा नहीं रहेंगे जिसका चहरा नरींद्र मोदी
22:25उन्होंने बीजेपी नित्रत्व से इस बाबट टोह लेनी शुरू कर दी
22:29नितिन गटकरी से लेका राजनाथ सिंग ने उन्हें भरूसा दिलाया कि किसी भी फैसले से पहले गटवंधन के सभी सहयोगियों से परामर्श किया जाएगा
22:38नीतिश ने बीजेपी को पी-एम उमीदवार के ऐलान के लिए दिसंबर 2013 तक का वक्त दिया
22:45लेकिन शायद बीजेपी का ततकालीन शीर्ष नेत्रत्व भी नहीं जानता था
23:10कि कारेकरताओं के मोदी जाप के बीज किसी भी तरह के संतुलन और सहमती की गुणजाईश खत्म होती जा रही थी
23:18इस वक्त तक भी नीतिश कुमार को भरोसा था कि सहयोगी पार्टियों के दबाव में बीजेपी मोदी के नाम का एलान नहीं करेगी
23:27लेकिन बीजेपी को जो मोदी लहर नजर आ रही थी वो नीतिश देख नहीं पा रहे थी
23:34नौ जून 2013 को बीजेपी ने गोवा में मोदी को आम चुनाओ के लिए बीजेपी की प्रचार समिती का अध्यक्ष घोशित कर दिया
24:01ये फैसला बैठक से पहले ही तै था
24:04नाराजगी में लालकृष्ण आडवाणी उस मैठक में हिस्सा लेने नहीं गए थे
24:09यहां तक की एलान के बाद पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया
24:13उधर नीतिश कुमार ने भी अपनी नाराजगी जाहिर कर दी
24:16लेकिन पार्टी मन बना चुकी थी
24:18आडवाणी को भी चन दिनों में इस फैसले को कुबूल करना पड़ा
24:22जब पार्टी के पितामा की रजामंदी जरूरी नहीं थी
24:26फिर नीतिश की क्या बिसात
24:28गोवा अधिवेशन की उस घोषणा के 13 दिन बाद
24:3216 जून 2013 को
24:34नीतिश कुमार ने 17 साल पुराने रिष्टे को तोड़ दिया
24:39आज कल जो पार्टी है जैसे अटल अडवाने जी के जबाने में
24:44एक विश्वाज के साथ सब चलता था
24:47आज हमको लगता है कि ये कठिन हो गया और कठिन हो गया तो गडवंदन यारी से चलता
24:59दोस्ति से चलता वो इस्थिती नहीं है
25:03नीतिश सीथे राजभवन पहुंचे और राजजपाल को बता दिया कि वो 19 जून को नया विश्वास मत हासिल करेंगे
25:11क्योंकि सभी बीजेपी मंत्रियों को वो बरखास्त कर रहे थे और बीजेपी अब सरकार का हिस्सान नहीं थे
25:18जो कुछ भी हमें करना पड़ा है वो सिध्धांत के खातिर करना पड़ा है रोगतंत्र की मजबूती के लिए
25:27और समाज सबको लेकर चलेगा इस आवधारना के में विश्वास रखने के कारण हम लोगों को यह निर्या लेना पड़ा है
25:42बीजेपी और जेड्यू दो ऐसे साथ ही थे जो बिहार के विकास के साज़ेदार थे
25:48अब उस विकास के श्रे का बंटवारा शुरू हो गया
25:53किसने किसे धोखा दिया, किसने किया विश्वास घात, ये आरोप लगने शुरू हो गये
25:58अब जो साथ साल में गवर्नेंस के मामले में बीजेपी ने कभी कोई बाधा उत्पन नहीं की, कभी कोई क्रासिस पैदा नहीं किया, और जो
26:09common minimum program बना था, उस पर हम लोग चलते रहे, और आज ऐसी क्या स्थिती आ गई और क्या मुद्दा आ गया, जिस देकर आपने गड़बंदन को तोड़ दिया, बिहार की जनता बहुत दुखी है, बिहार की जनता को लगता है कि जस्वास घात किसे ने बिट्रे कर दिया, किसे �
26:39नितीश मुस्कुराए, पर इस मुस्कुराहट में अपने नए विरोधी का आकलन छिपा था, चुनोती छिपी थी, जेडियू के 117 विधायकों के अलावा, नितीश को समर्थन मिला 4 निर्दलिये, 4 कॉंग्रेस और 1 CPI विधायक का, कुल 126 के साथ नितीश ने अपनी शक्
27:09के खिलाफ वोट किया।
27:39क्या मिलना चाहिए, वो ज्यादा थी, लेकिन जहां तक चुनावी दाव पेच का मामला था, उसमें लालू पटक देते थे इन लोगों को, तो इस से नितीश की और जोर्ज फर्रांडिस की एक एक सेस उनकी बनी एक साथ, और लॉंग टर्म कभी भी बहुत कमफोटेबल इ
28:09बैंडेट की दुहाई दे रहे थे, तो बैंडेट क्या यही नारा लगाने के लिए मिला था, 2010 में, जिनका नारा लगा रहे थे, उनको पुलाया क्यों नहीं था चुनाव प्रचर्ण।
28:20केंद्र में लड़ खडाती कॉंग्रस को तो आम चुनावूं से पहले नीतीश के रूप में एक दमदार साथ ही दिख रहा था, लेकिन समाजवादी नीतीश के लिए कॉंग्रस का साथ लेना इतना भी सरल नहीं था, पर अब नीतीश कुमार खुल कर नरेंद्र मोधी पर �
28:50लोगों को लग सकता है।
29:20जो जेपी को छोड़ देता है, वो बीजेपी को क्यों नहीं छोड़ देगा।
29:50इशारा साफ था, दौर बदल चुका था, दुश्मन बदल चुका था, 15 साल पहले किसी से भी हाथ मिलाने की कीमत पर लालू को उखाड फेकने के इच्चुक नीतीश के निशाने पर अब नरेंद्र मोधी थे।
30:06नीतीश की लाख कोशिशों के बावजूद मोधी पी-म बन गए।
30:22जिस तरह कभी लालू से पहली बार चुनाओं हारने के बाद नीतीश राजनीती से ही कटने लगे थे, इस हार के बाद उनकी प्रतिक्रिया कमुवेश वैसी ही रही।
30:36नरेंद्र मोधी अपनी विजय यात्रा के तौर पर वारानसी के दशाशमेद खाट पर भगवान विश्मनाद की पूजा अर्चना कर रहे थे।
30:44जब मीतीश ने मुख्यमंत्री पद से ही स्तीफा दे दिया।
30:48नीतीश ने बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे।
31:18वो नीतीश के विश्वस थे, उनके मंत्री मंडल का हिस्सा थे, लेकिन अचानक सीम की कुर्सी मिलेगी ये विश्वास से परे था।
31:29जब आपने इस्तीफा दिया मुख्यमंत्री पद से, तब मेरे मन में एक सवाल उठा कि विचारधारा के लिए हमारे विश्वास से विश्वास घात क्यों।
31:38या आप मुख्यमंत्री बनेंगे दोबारा चुनाओं होगा तो, दूसरा क्या जेडियू या नीतिश कुमार का जो सुशासन था वो आरजेडी के उस दौर से परहावी रहेगा।
31:50निश्चित तोर पर और फर्मली यह आस्वस्त करना चाहते हैं कि अगर जनता मैंडेट देगी तो यह जो गुड़ गवर्नेंस है, शुसासन है, कानून का राज है, इसके साथ किसी भी प्रकार का कोई कंप्रमाइज नहीं होगा और आप जैसे आज चल रहे हैं।
32:09रही बात, एक बात, इस्तीफा क्यों दिया, अब यह भी विचितर बात है, छोड़ना तो कोई गुना है नहीं, छोड़ना तो कोई गुना नहीं, मुख्यमंत्री आप बनेगा, भई हमने मज़ूरी मांगी थी लोगों से, वो वोट नितिश कुमार के लिए था, आपको व
32:39इस बीच अपने नए दुश्मन नंबर वन को हराने के लिए, नितिश अपनी पुरानी रंजिशों को भूल चुके था, 20 साल पहले जिन लालू यादव से बेहत कड़वाहट के साथ उन्होंने संबंध तोड़े थे, आज उनहीं से रिष्टा दुबारा कायम कर चुके थ
33:09जिस विश्वास के साथ नितिश कुमार ने जीतन मांजी को सीम के लिए चुना था, बुद्ध रखने लगा।
33:39नितिश अब अपनी मुख्यबंदरी की कुरसी वापस चाहते थे, लेकिन मुश्किल ये थी कि न केवल मांजी के सुर्ब अगावती थे, बलकि उनके समर्थन में भी कई विधाये खड़े हो जुके थे, मांजी पार्टी का महा दलिच चहरा थे, इसलिए उन्हें हटाना �
34:09चाहते हैं कि वो मुख्यमंतरी रहें और ठीक से बिहार के विकराश के कारेकर्म को अंजाम दें
34:19आखरी दाओं के तौर पर मांजी ने बिहार विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव दे दिया
34:25हालकि केवल साथ मंतरियों ने इसका समर्थन किया और बाकी 21 ने नीतीश को दोबारा सीम बनाने की सिफारिश कर दी
34:33इस साल साथ परवरी को नीतीश एक बार फिर बिहार के मुख्यमंतरी बन गए
34:40इस तफ़ा अपनी कुर्सी पनाए रखने की उमीद के साथ
34:44चुनाव से पहले नीतीश वो सारी योजनाएं दुरुस्त कर लेना चाहते थे जिनके दम पर वो वोट मानते
34:56तो नरेंद्र बूदी भी खुद को बिहार का सबसे बड़ा हितैशी साबित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते थे
35:03चुनाव की खोशना से पहले ही पाटले पुत्र की जंक तेज हो चुकी थी
35:21राजनीती के दिगत एक सबढ़कर एक वक्ता इन शक्सियतों के सामने तो कई दफा मुद्दे भी गौण हो जाते हैं
35:33नरेंद्र मोधी ने नीतीश के डिने पर सवाल उठाए तो नीतीश ने इसे बिहार का अपमान बताते हुए उनके पास डिने सेंपल भीजवाने शुरू करते हैं
35:43पाटली पुत्र के राजनीती दिल्चस पड़ाव पर आ चुकी थी
36:05लालू और नीतीश जिनका सियासी अस्तित्वी एक दूसरे का धुर विरोत था
36:11वो एक रथ के सार्थी बन चुके थी
36:14राजनीतिक निश्ठाएं बदल चुके नीतीश को जनता के बीच अपनी विश्वस्नियता साबित करनी थी
36:22आरजेडी को फिर से जनता के बीच खुद को स्थापित करने का ये संजीवनी अवसर था
36:28कॉंग्रेस अस्तित्व की लड़ाई में अपनी जगे बनानी के लिए अलग छट पटा रही थी
36:34और सबसे बड़ा इंतिहान बीजेपी का होना था
36:38साल भर पहले देश और बिहार से प्रचंड जन्मत हासिल कर चुके पीएम मोधी
36:44बीजेपी की कमान समभाले थे और बीजेपी को इस बार नीतीश से अलग अपनी जमीन तलाश नी भी
36:52पर पाटली पुत्र की राजनीती में बनते बिगड़ते रिष्टों की कई किष्ट अभी बाकी थी
37:04दिखाएंगे अपने अगले एपिसोड में तब तक देश और दुनिया की बाकी खबरों के लिए आप देखते रहिए आज तक
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