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तारिक रहमान की बांग्लादेश वापसी भारत के लिए शुभ है या नहीं? देखें ब्लैक एंड व्हाइट
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00:00नमस्कार मैं हूँ श्वेता सिंग और ब्लाक इन वाइट में आपका स्वागत है
00:03नमस्कार मैं हूँ अंजना 2.0 और मेरी तरफ से भी खबरों के इस विशलेशन में आपका स्वागत है
00:09और श्वेता आपका भी स्वागत है
00:11आज सबसे पहले हम आपको बांगलदेश लेकर चलेंगे
00:15जहां 17 साल बाद पूर प्रधान मंतरी खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान अपने परिवार के साथ लंदन से ठाका लोटे
00:24माना जा रहा है कि वो बांगलदेश नाशनलिस्ट पार्टी की तरफ से 12 फरवरी को होने वाले संसिधिय चुनावों में प्रधान मंतरी पद्गे उमीदवार हो सकते हैं
00:34यह समय का चक्र ही है कि जब तारिक रहमान 17 साल पहले बांगलदेश से निर्वासित हुए थे
00:42तब शेख हसीना को प्रधान मंतरी की कुरसी मिली थी और आज जब शेख हसीना बांगलदेश छोड़ चुकी हैं तब तारिक रहमान प्रधान मंतरी बनने के लिए धाका वापस लोटाएं
00:54आज हम आपको ये बताएंगे कि जब खालिदा जिया की सरकार में तारिक रहमान असली पावर सेंटर हुआ करते थे
01:03तब बांगलदेश में हिंदूओं के साथ क्या हुआ था और तारिक रहमान ने भारत को लेकर क्या मीती अपनाई थी
01:11हमें लगता है कि कई विशलेशकों ने इस खबर में थोड़ी जल्दबाजी दिखाई और तारिक रहमान के हालिया बयानों से उन्हें भारत के लिए अच्छा माना है
01:21लेकिन हम ये चल्दबाजी नहीं करेंगे हम ब्लाक और वाइट में तारिक रहमान का पूरा कच्छा चिठा आपके सामने रखेंगे
01:30और इसके बाद आप खुद तैक हीजिएगा कि तारिक रहमान की बांगलदेश वापसी भारत के लिए शुब है या नहीं
01:38फिरम भारत रत्न अटल विहारी वाजपई की 101 वी जैनती पर देश बदलने वाले अटल सूत्र को समझने की कोशिश करेंगे
01:48अटल जी कहा करते थे कि व्यक्ति से बड़ा दल होता है दल से बड़ा देश होता है
01:53वो ये भी कहते थे कि भारत भूमी का एक टुकड़ा नहीं जीता जागता राश्र पुरुष है
02:00हिमाले मस्तक है कश्मीर किरीट है पंजाब और बंगाल दो विशाल कंदे हैं
02:05अटल जी की राजनीती ऐसे राश्रवाद पर केंद्रत थी जिसमें भारत एक बड़े स्कूल अफॉट में नजर आता था
02:11हमें लगता है कि आज हमारे देश में जिस तरह की राजनीती हो रही है उस राजनीती में अटल चाप्टर के अटल सूत्र पूरे देश के लिए जानना जरूरी हो गया है
02:22इसके बाद हम आपको ये बताएंगे कि क्रिस्मस के मौके पर प्रधान मंतरी नरेंद्र मोदी के चर्च जाने की इतनी चर्चा क्यों हो रही है
02:30इसी के साथ हम आपको ये भी बताएंगे कि जब पूरी दुनिया युद्ध, हिंसा, संघर्ष और आतंकवाद से जूज रही है
02:38तब 1914 के पहले विश्व युद्ध में हुए क्रिस्मस टूस से दुनिया क्या सीख सकती है
02:45और अंजिनाट 2.0 आपके पास कौन सी खबर है
02:50आज मैं थाइलेंड और कमबोडिया में चल रही सेन जड़प से जुड़ी खबर दिखाऊंगी
02:59जिसका खामियाजा हिंदु धर्म से जुड़ी प्रतिमा को भुगतना पड़ा है
03:03थाइलेंड की सेना ने कमबोडिया में घुस कर भगवान विश्णू की एक विशाल प्रतिमा को बुल्डोजर से गिरा दिया
03:09और उनकी इस हरकत पर भारत भड़क गया है
03:12लेकिन आज हम अपने विश्लेशन की शुरुआत भारत रतन अटल बिहारी वाजपेई के एक विचार से करना चाहते हैं
03:19आज अटल जी की 101वी जैनती है और हमें उनका वो कथन याद आ रहा है जिसमें उन्होंने कहा था
03:26कि आप दोस्तों को बदल सकते हैं लेकिन पडोसियों को नहीं
03:29जिस बांगलदेश को भारत ने साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान से आजादी दिलाई थी
03:36उस बांगलदेश के साथ आज भारत के रिष्टे नाजुक मोड पर है
03:40बांगलदेश में अल्प संख्यक हिंदूओं पर बढ़ते अत्याचार और भारत विरोधी भावनाओं के बीच
03:47बड़ा सवाल यही है कि बांगलदेश अब किस ओर जाएगा
03:51यह सवाल आज और महत्वपूर इसलिए हो जाता है क्योंकि आज ही सत्रा वर्षों के बाद तारिक रह्मान की बांगलदेश में घर वापसी हुई है
04:01साथ साल के तारिक रह्मान पूर्पधान मंतरी खालिदा जिया के बेटे हैं
04:06सत्रा साल पहले 2008 में जब तारिक रह्मान बांगलदेश छोड़ कर लंदन गए थे
04:12तब उन पर भ्रष्टाचार, रिश्वत खोरी और मनी लॉंडरिंग के गंभीर आरोग थे
04:17ये भी कहा जाता है कि उस वक्त तारिक रह्मान ने बांगलदेश से बाहर निकलने के लिए सेना की मदद ली थी
04:23उन्होंने उस वक्त की कार्यवाहक सरकार को एक शपत पत्र सौपा जिसमें ये गारिंटी दी गई
04:30कि वो बांगलदेश की राजनीती में वापस कभी नहीं लोटेंगे
04:33इस शपत पत्र को बांगलदेश ने आज तक संभाल कर रखा है
04:37लेकिन सोचिए अब इसका क्या फाइदा तारिक रह्मान ने अपनी कसम को तोड़ दिया है
04:43उन्ह सिर्फ 17 साल बाद अपने परिवार के साथ लंदन से बांगलदेश वापस लोटाए है
04:47बलकि अब उन्हें प्रिधान मंत्री पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है
04:51अगर बांगलदेश में सब कुछ सही रहता है और 12 फरवरी 2026 को संसदिय चुनाव कराए जाते हैं
04:58तो इन चुनावों में बांगलदेश नाशनलिस्ट पार्टी की तरफ से प्रधान मंत्री पद के उमीदवार तारिक रह्मान ही होंगे
05:06आज भी जब तारिक रह्मान अपने परिवार के साथ बांगलदेश की राजधानी धाका लोटे तब एक लाक से ज्यादा लोगों ने उनका स्वागत किया
05:15तारिक रह्मान ने अपनी वतन बापसी को पिक्चर परफिक्ट दिखाने के लिए बांगलदेश की जमीन को छूकर नमन किया
05:24अपने देश की मिट्टी को अपनी मुठी में बंद करके अपने समर्तकूं का जोश बढ़ाया
05:29आप इन तस्वीरों को जरा गोर से देखिए
05:59आप इसे समय का ही चक्र कहेंगे
06:24कि आज जिस जगे तारिक रह्मान खड़े हैं
06:27उस जगे 17 साल पहले पूर प्रधान मंतरी शेख हसीना खड़ी थी
06:30साल 2008 में जब तारिक रह्मान ने बंगलदेश छोड़ा
06:34तब शेख हसीना को बंगलदेश की सेना और कार्यवाहक सरकार दोनों का समर्थन मिला था
06:38इसी समर्थन से शेख हसीना 2009 से 2024 तक लगातार 15 साल पंगलदेश की प्रधान मंतरी रही
06:47लेकिन अब ये स्थिती पूरी तरह बदल गई है
06:50अब शेख हसीना बंगलदेश में नहीं है
06:52तारिक रह्मान 17 वर्षों के बाद लंदन से बंगलदेश लोटाए है
06:56ऐसा इसलिए भी मुम्किन हो पाया क्योंकि मुहमद यूनस की अंतरिम सरकार ने
07:01तारिक रह्मान पर दर्ज कई मुकदमों को वापस ले लिया
07:04और उन्हें एक नया राजनीतिक जीवन दान दिया
07:06ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि बंगलदेश की राजनीती अब तक दो परिवारों के हवाले रही है
07:13इनमें शेख असीना का परिवार मुझीब वाद पर चला और खालिदा जिया का परिवार जियावाद पर चला है
07:19यहां मुझीब वाद का मतलब बंगलदेश के संस्थापक शेख मुझीब रह्मान से है
07:25और जियावाद का मतलब जेनरल जियावर रह्मान से है
07:2926 मार्च 1971 को जब शेख मुझीब ने बांगलदेश की आजादी का एलान किया था
07:35तब इसकी घोशना जिया उर्रह्मान नहीं की थी
07:38ये वो दौर था जब बांगलदेश की राजनीती में जियावाद का प्रवेश नहीं हुआ था
07:43इसकी पहली जहलक 1975 के बाद देखी गई
07:47जब सेना के कुछ अधिकारियों ने शेख मुझीब उर्रह्मान और उनके परिवार की हत्या करवा दी
07:52उस वक्ट शेख हसीना योरोप में थी इसलिए उनकी जान बच गई
07:57लेकिन यहां से बांगलदेश की राजनीती में एक नया टर्निंग पॉइंट आया
08:03जियावर रह्मान बांगलदेश की सत्ता का केंदर बन गए
08:06और बाद में उन्होंने सेना से अलग होकर BNP नाम की पार्टी बना ले
08:111991 में जियावर रह्मान की पतनी खालिदा जिया पहली बार बांगलदेश की प्रधान मंतरी बनी
08:18और कहते हैं कि इस सरकार में जिस नेता का सबसे ज्यादा दखल था
08:22वो नेता खालिदा जिया के बेटे तारिक रह्मान ही थे
08:25उस जमाने में तारिक रह्मान को बांगलदेश की राजनीती का Crown Prince कहा जाता था
08:32जिन्हें खालिदा जिया के बाद बांगलदेश की सत्ता मिलनी थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया
08:37आप ये भी कह सकते हैं कि तारिक रह्मान ने तीन दशिकों तक बांगल देश का प्रधान मंत्री बनने का सपना देखा है
08:44और आज जब वो बांगल देश वापस लोटे हैं तब उन्हें सिर्फ और सिर्फ प्रधान मंत्री की कुरसी दिख रही है
08:50आज भी तारिक रह्मान ने अपने 17 मिनिट के भाशन में यही कहा
08:55कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर की तरे उनके पास भी बांगलेश के भविश्य के लिए एक सपना है
09:02एक योजना है और वो इसे सब के साथ कूरा करना चाहते है
09:20आलोग आचे I have a dream
09:24आज ए बंगलादेशे माठी दे दारिये आपनादेश शकलेश शमने आमी बोलते चाई
09:32बंगलादेश जाती होता बादी दॉलेर एक जन शदोश्य शबे आपनादेश शमने आमी बोलते चाई
09:39I have a plan
09:41for the people of my country
09:45for my country
09:48तारिक रह्मान के तो यही रहें कि वो सभी धर्मों को साथ लेकर चलेंगे
10:11और वो बंगलादेश का भला करना चाहते हैं लेकिन हकीकत में यह सारे शब्द हर नेता के शब्द कोश में होते है
10:17और इन शब्दों से किसी भी नेता की मंशा और मानसिक्ता को सही रूप में नहीं समझा जा सकता
10:23तारिक रह्मान को समझना है तो हमें यह देखना होगा कि उन्होंने पहले किस तरह की राजनीती की है
10:282001 से 2006 के बीच जब बांगलेदेश की प्रधान मंतरी खालिदा जिया थी तब इस सरकार में तारिक रह्मान को असली पावर सेंटर माना जाता था
10:39यह भी आरोप लगते ही कि उस सरकार में तारिक रह्मान ने पाकिस्तान की खूफिया एजिंसी आईएसाई के साथ संपर्क रखा जिससे बांगलेदेश ने अपने लिए खत्रा माना था
10:49उसी सरकार में तारिक रह्मान ने कट्टर पंथी ताकतों और आतंकवादी समूहों को बढ़ावा दिया
10:55जिस जमाते इसलामी ने 1971 की युद में पाकिस्तान का साथ दिया था उस जमाते इसलामी को तारिक रह्मान से पूरी मदद मिली
11:04खालिदा जिया की सरकार में तारिक रह्मान के दखल के कारण जमाते इसलामी की हिंदू विरोधी गतिविधियों को नजर अंदाज किया गया
11:13और BNP के राज में बांगलदेश के अलप संख्यक हिंदूओ पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुए
11:191992 में जब आयोधिया में बाबरी मस्जिद का विधवन्स हुआ तब
11:24बांगलदेश में खालिदा जिया की सरकार थी और तारिक रह्मान का इस सरकार पर अच्छा खासा प्रभाव था
11:30उस दौर में भी बांगलदेश में अलप संख्यक हिंदूओ पर चार हजार से ज्यादा हमले हुए
11:34और कई हिंदू मंदिरों को आग लगा दी गई
11:37कई हिंदू मुहलों को रातो रात खाली करा लिया गया
11:39उस वक्त खालिदा जिया और उनके बेटे तारिक रह्मान पर या रूप लगा
11:44कि उन्होंने जान भूज कर हिंदूओं के खिलाफ इस नफरती हिंसा को रोका नहीं
11:48और जमाते इसलामी जैसे संगठनों को खुली छूट दी गई
11:51ताकि वे हिंदूओं को निशाना बना सके
11:532001 से 2006 के बीच भी हिंदूओं के खिलाफ कई हिंसक घटनाए हुई
11:59जिन पर अमेरिका से लेकर सयुक्त राश्र ने चिंता जताई
12:02लेकिन बांगलेश में हिंदूओं के कतले आम को बंद नहीं किया गया
12:062001 के संसिदिये चुनावों में जिन हिंदूओं ने शेख हसीना की आवामी लीग को अपना वोट दिया था
12:12उन हिंदूओं के घरों को तबाग लगा दी गई थी और कई हिंदू महिलाओं के साथ बलातकार हुआ था
12:17इसके बाद सबसे बड़ी हिंसा तम भड़की जब 17 अगस 2005 को 63 जिलू में 300 से ज्यादा जगहों पर आधे घंटे के भीतर करीब 500 बंधमाके किये गए
12:30इसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठान जमातुल मुझाहिद्दीन ने ली थी
12:35लेकिन तब भी खालिदा जिया की सरकार ने कोई आक्षिन नहीं लिया
12:40या यूं कहिए कि तारिक रह्मान पर आरोप था कि वो हिंसा पहलाने वाली ताकतों का समर्थन कर रहे थे
12:47तारिक रह्मान पर ये भी आरोप लगता है कि उन्होंने उस दौर में भारत विरोधी भावनाओं को काफी भड़काया था
12:56और इस दौरान भारत और बांगलेश की सेना के बीच कुछ सैन्य संगहर्ष भी हुए थे
13:01इनमें अप्रेल 2001 में मेघाले और असम की सीमा पर भारत और बांगलेश की सेना के बीच जढ़पे हुई थी
13:08जिनमें भारत के 16 जवान शहीद हो गए थे
13:12इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात काफी तनावपून बने रहे
13:15अगर बहुत दूर नवी जाएं तो पिछले साल जब जनवरी 2024 में मांगलेश में इंडिया आउट अभियान चलाया गया था
13:23तब तारिक रह्मान पर यह आरोप लगे थे
13:25यह वो खुद इसका समर्थन कर रहा है
13:28इसके अलावा अगस्ट 2024 में जब शेख हसीना की सरकार का तखता पलट हुआ
13:34तब 11 अगस्ट को ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स आई थी
13:38कि तारिक रह्मान पाकिस्तान की खुफिया एजनसी आईएसाई के अधिकारियों से मुलाकात कर रहा है
13:45और इसके लिए वो लंदन से मिडल इस्ट के किसी देश में भी गए थे
13:49ये बात सही है कि तारिक रह्मान आजकल अपने भाशनों में ये कहते हैं
13:54कि उन्हें दिल्ली और रावल पिंडी से पहले बांगलदेश का खयाल है
13:58लेकिन सिर्फ इस बयान के आधार पर ये नहीं माना जा सकता
14:01कि वो भारत के लिए अच्छे साबित होंगे
14:03यहां असल में सवाल तो ये होना चाहिए कि
14:06मुहम्मद यूनुस और तारिक रह्मान में भारत के लिए जाधा बुरा कौन है
14:10और भारत कैसे बांगलदेश के साथ अपने रिष्टों में तनाओ कम कर सकता है
14:14वैसे तारिक रह्मान के लिए घर वापसी की तरह सत्ता वापसी भी आसान नहीं होगी
14:20बांगलदेश में इस वक्त हालात इदने खराब हैं कि वहाँ हिंसा का दौर थमता नहीं दिख रहा
14:24एक दिन पहले बांगलदेश की राजधानी धाका में अग्यात लोगों ने पेट्रोल बंब से हमला किया
14:30जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई
14:32और आज धाका युनिवरसिटी की मधूर कैंटीन में तोड़ फोड की गई
14:36इसका संबन्द 1971 के लिबरेशन वार से माना जाता है
14:39आप तस्वीरें देखिए
15:02इस खबर से आगे बढ़ते हैं और आपको ये बताते हैं
15:30कि जब बांगलदेश में अल्पसंख्यक हिंदूओं पर जुल्म हो रहे हैं
15:34तब पचास से ज्यादा देशों में सैन्य संघर्ष चल रहा है
15:37जब अकेले इस साल 66 देशों में आतंकवादी हमले हुए हैं
15:41जब यूकरेन और रूस के बीच युद्ध लगातार चल रहा है
15:45जब घाजा में अब तक 70,679 लोग मारे जा चुके हैं
15:49और जब पूरी दुनिया एक अजीब तरह के डर, देशत और स्थिरता के महौल से गुजर रही है
15:54तब आज क्रिस्मस के मौके पर हम आपको 1914 के क्रिस्मस ट्रूस के बारे में बताना चाहते हैं
16:02ये 111 साल पुरानी वो घटना है जो आज भी युद्ध, हिंसा, आतंकवाद, जुल्म, संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ने वाली इस दुनिया को इंसानियत का असली मतलब समझाती है
16:17साल 1914 में जब पहले विश्म युद्ध की शुरुवात हुई तब हर कोई यहीं उमीद कर रहा था कि ये युद्ध क्रिस्मस से पहले खत्म हो जाएगा
16:25यह उमीद शुरुवाती महीनों में बरकरार रही लेकिन जब भीशन सर्दियां आई और जब पश्रिमी मोचे की खाईयां कीचर खून और मौत से भरने लगी
16:34तब इतिहास का एक अद्भुत और लगभग अविश्वसनिय पल सामने आया
16:39इसी क्षण को क्रिस्मस टूस कहा गया जिसका मतलब था क्रिस्मस के वक्त हुआ ऐस थाई संघर्ष विराव
16:48इस युद में ब्रिटन और जर्मनी की सिनाए आमने सामने थी और ये युद ट्रेंचेज में लड़ा जा रहा था
16:54ट्रेंचेज का मतलब जमीन को खोद कर बनाई गई ऐसी जगे ऐसे गड़े से होता है जिन में छिप कर दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे पर हमला और अपना बचाव करते हैं
17:05इस दोरान हर सैनिक को पता होता था कि अगर वो अपने ट्रेंच से अपने गड़े से बाहर निकला तो सामने के गड़े से दुश्मक देश की गोलियां उसे चलनी कर देगी
17:15इस डर से दोनों देशों के सैनिक अपनी अपनी ट्रेंच में छिप कर युद्ध लड़ने को मजबूर थे और उन्हें ऐसा लगता था कि वो वहाँ पस कर रह गए हैं
17:25लेकिन क्रिस्मस से एक दिन पहले 24 दिसमबर की रात को कुछ अलग हुआ
17:30उस रात जर्मन सैनिकों की ट्रेंचेज से गानों की आवाज चारों ओर गूंजने लगी
17:37और ये सैनिक इन ट्रेंचेज में क्रिस्मस का जश्न मनाने लगे
17:42इस उत्सव का शोर सुनकर ब्रिटिश सैनिकों ने भी तालियां बजाएं
17:46और जवाब में उन्होंने भी फर्स नोल गाना गाया
17:49ये वो पल था जब पहली बार युद्ध को भूल कर जर्मनी और ब्रिटिन के सैनिक बिना किसी आदेश
17:55बिना किसी समझोते अपने ट्रेंचेज से बाहर निकले
17:59उन्होंने एक दूसरे से हाथ मिलाया, खाना बाटा, अपने मृत साथियों को सम्मान पूर्वक दफनाया
18:05और यहां तक की नो मैंस लैंड में फुटबॉल का मैच भी खेला
18:09ये अगोशित संघर्श विराम अगले दिन तक लागू रहा
18:14और इस दोरान पूरी दुनिया ने ये समझा कि कोई भी इंसान युद्ध और संघर्श को कभी नहीं चाहता
18:20लेकिन कुछ लोग और ताकते इस युद्ध को पूरी दुनिया पर थोपती है
18:26उस वक्त भी 1914 का पहला विश्वयुद्ध क्रिस्मस के त्योहार के साथ हत्म हो सकता था
18:34लेकिन तब ब्रिटन और जर्मनी में बैठे प्रभाव शाली लोगों ने ये सोचा
18:39कि अगर ये तमाम सैनिक दुश्मन को इंसान समझने लगे तो वो लड़ेंगे कैसे
18:43इसी के बाद इंसैनिकों पर सकती हुई और ये पहला विश्वयुद्ध 1918 तक लड़ा गया
18:50और ये पूरी कहानी हमने आपको इसलिए बताई ताकि युद्ध, हिंसा और संघर्ष से जूझती दुनिया
18:55आज क्रिस्मस के मौके पर इस क्रिस्मस टूस से कुछ सीख ले
19:13और इसलिए नहीं चाहता क्योंकि शान्ती में व्यापार और पैसा नहीं है
19:17आज दुनिया में जितने संघर्ष होंगे, जितनी हिंसा होगी, उतने हतियार विकेंगे
19:22और आंकडे कहते हैं कि हर युद्ध और हर संघर्ष पैसा चापने की एक मशीन होता
19:27आज पूरी दुनिया में शान्ती को लेकर बड़ी-बड़ी बाते होती है
19:31लेकिन सच यह है कि इसी दुनिया में आज हतियारों उपर हर साल
19:35243 लाग करोड रुपए खर्च हो रहे हैं
19:39यहां हम आपसे एक और बात ये कहना चाहते हैं कि
19:44दुनिया में आधे से ज्यादा संघर्षों का कारण धर्म और उससे जुड़ी कटरता है
19:49इंसानों ने धर्म को जिस तरीके से समझा
19:52उसे ही अपने लिए एक लकीर मान लिया
19:56जबकि कोई भी धर्म लकीर में रहने वाली नहीं होता है
19:59सभी धर्म लकीरों से परे इतने लचीले होते हैं
20:02कि वक्त उन्हें एक नया नजर्या और इतिहास देता है
20:05और ये सभी धर्मों में है
20:06उदारण के लिए आज के दिन 25 दिसंबर को इसी लिए पूरी दुनिया क्रिस्मस मनाती है
20:11क्योंकि मानेता है कि इसी दिन जीजस ट्राइस्ट का जन्म हुआ था
20:14लेकिन हकीकत यह है कि बाइबल में इसका कहीं कोई उलेख नहीं है
20:17न तो बाइबल में इसा मसी के जन्म को लेकर किसी निश्चित तारीख का जिक्र है
20:22और नहीं इसमें कहीं भी संकेत मिलता है कि इसा मसी का जन दिसंबर महीने में हुआ या 25 दिसंबर को हुआ
20:28ज्यादतर पुस्तकों, लेखों और रिसर्च पेपर्स में यही बताया गया है कि 25 दिसंबर की तारीक का संबंध रोमन सामराजी और पेगन त्योहारों से था
20:38ये वो त्योहार थे जिनमें प्रकृती, सूर्य, चंद्रमा, मौसम या कई अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा की जाती थी
20:45उस समय रोमन सामराज में 25 दिसंबर के आसपास कई पेगन त्योहार मनाय जाते थे
20:51और इनमें भी 25 दिसंबर को सूर्य देवता के जन्म का उत्सव मनाया जाता था
20:56उस दौर में सूर्य पूजा बहुत प्रचलित थी
20:59और कुछ विद्वानों का मानना है कि ईसा मसी के अनुयाईयों ने जानबूच कर 25 दिसंबर को उनके जन्म की तारीख माना
21:08ताकि दुनिया में लोगों को पेगन उत्सवों से दूर करके इसा मसी की ओर लाया जा सके
21:13कई पुस्तकों में और भी अलग-अलग तर्क दिये गए हैं लेकिन मुख्य रूप से इतिहास ने यही माना है
21:19कि 25 दिसंबर की तिथी का इसा मसी के जन्म से कोई सीधा संबंद नहीं है
21:24लेकिन सोचिए क्या आज बहुत सारे लोगों को ये बात पता होगी या वो इस बात पर विश्वास भी करेंगे
21:30इसी तरह क्रिस्मस पर आप सांटा क्लॉस के बारे में काफी सुनते होंगे
21:34हमारे देश के अलग-अलग शेहरों में आजकल सांटा क्लॉस को लेकर विवाद भी हो रहा है
21:38लेकिन क्या आप जानते हैं कि सांटा क्लॉस का इसाई धर्म और इसा मसी से सीधा कोई संबंद नहीं है
21:44उक्सफर्ड युनिवर्सिटी के अरुसार सांटा क्लॉस का संबंद आजके तुर्किये से था
21:48जो चौती सदी में मायरा क्शेतर के बिशप हुआ करते थे
21:52उस वक्त उन्हें सेंट निकलस कहा जाता था और मानेता है कि सेंट निकलस का जन काफी धनी परिवार में हुआ था
22:00लेकिन जब एक महामारी में उनके पिता और माता की मृत्यू हो गई
22:05तब सेंट निकलिस ने अपनी धन दौलत से गरीब और जरूरत मन लोगों की मदद की
22:10ये भी माना जाता है कि एक बार एक पिता गरीबी के कारण अपनी तीन बेटियों को बेचने वाला था
22:16और ये बात जब सेंट निकलिस को पता चली तो उन्होंने बोरियों में सोने के सिक्के भर कर उस गरीब पिता के घर पर छोड़ दिया
22:22इसी दयालू भाव के कारण उनकी कहानिया दूसरे देशों में फैली और डच लोगों के खास उचारण के कारण सेंट निकलिस को सैंटा क्लॉस कहा जाने लगा
22:36इसके अलावा सान्टा क्लॉस को क्रिस्मस से जोरने की परंपरा
22:40डेर सो से दो सो साल पहले अमेरिका से चुरू हुई
22:42अमेरिका में सान्टा क्लॉस को लेकर एक रचना लिखी गई
22:45जिसका शीर्शक था The Night Before Christmas
22:48इसी कविता ने लोगों के दमाग में सांटा क्लॉस की एक छवी बनाई
22:51हाले कि आज जिस लाल कपड़े, सफेद दाड़ी और हस्मुक चहरे वाले सांटा क्लॉस को पूरी दुनिया जानती है
22:57उसकी आधुनिक छवी को लोगप्रिय बनाने में कोका कोला कंपनी की बड़ी भूमिका है
23:021930 के दशक से पहले सांटा क्लॉस को अलग-अलग रंगों और रूपों में दिखाया जाता था
23:09लेकिन 1931 में कोका कोला ने अपने विज्यापनों के लिए कलाकार हाडन संब्लॉम के लिए से एक नया सांटा क्लॉस बनाया
23:18जो लाल कोट, सफेद फर, मोटे शरीर और दोस्ताना मुसकान के साथ दिखाये गए
23:24धीरे-धीरे यही रूप, पूरी दुनिया में सांटा क्लॉस की स्टैंडर्ड पहचान बन गया
23:30और आज जब हम सांटा क्लॉस के बारे में सोचते हैं
23:33तो अंजाने में ही कोका कोला गवारा गढ़ी गई वही लाल पोशाक वाली छवी मन में आती है
23:38और हम चारू और इसी रूप में सांटा क्लॉस को देखते हैं
23:43लेकिन सोचिए जो लोग इन बातों के बारे में जानते नहीं हैं
23:46वो इसे विवाद का विशय बना लेते हैं
23:48और आज भी हमारे देश में क्रिस्मस के मौके पर सांटा क्लॉस को लेकर विवाद हुआ है और हम मानते हैं कि इसकी कोई जरूरत नहीं है
23:55जब अंग्रेजूं के 200 सालूं के शासन के बाद भी भारत की संस्कृती मिटी नहीं
24:01तब अगर कुछ लोग ये सोचते हैं कि भारत में क्रिस्मस का त्योहार मनाने से हिंदू धर्म खत्रे में आ जाएगा तो ये सोच पूरी तरह गलत है
24:31प्रीस दीव लोग आपने घर में मना जो बनाना जाएगे अपने घरो आजो यहां जो अपने घरो जो जो जो इस तो प्यों तुटारंगे है क्या ड्रामों तो मासे जाओ
24:42अरे ये हिंदूरास्त के इधर ख्रिश्टियान का चलेगा नहीं उटालेक्ष।
24:56अरवेक्ष।
24:58अर्या जो उटेएगे, हड़ा गए!
25:05दुनिया में त्योहारों की सॉफ्ट पावर को क्रिस्मस से बहतर कोई नहीं बता सकता
25:32आज दुनिया के 160 देशों में क्रिस्मस का त्योहार मनाया जाता है और इनमें कई देश ऐसे हैं जहां इसाइउं की आबादी 10 पृतिशत से भी कम हैं
25:40लेकिन क्रिस्मस का प्रभाव ऐसा है कि हर देश खुद को इस पर्व के साथ जोड़ता है
25:45हर साल क्रिस्मस पर 225 लाख करोड रुपए खर्च किये जाते हैं जो पाकिस्तान जैसे 9 देशों की खुल GDP के बराबर है
25:53अकेले अमेरिका में हर साल क्रिस्मस पर 90 लाख करोड रुपए खर्च होते हैं जो 70 देशों की GDP से ज्यादा है
26:01आज दुनिया के सौ से ज्यादा देशों में क्रिस्मस के मौके पर साधजनिक अवगाश होता है
26:06और दुनिया में सबसे ज्यादा 230 करोड लोग इसाई धर्म का पालन करते हैं
26:12आप इन तस्वीरों को देखिए कि कैसे पूरी दुनिया में इस बार क्रिस्मस का त्योहार मनाये गया
26:15और इन तस्वीरों से आपको क्रिस्मस की सौफ्ट पावर का पता चलेगा
26:42इन दुनिया में ज्यादा आपको पालन से नआपको बहुता है
27:03पत視 भी दा अकी की सίν के प्ते हैं
27:12गचार।
27:42आगे बढ़ते हुए अब उन तस्वीरों की चर्चा करते हैं जो राजनीती से परे भारत की धर्म निर्पेक्षता को सही रूप में परिभाशत करती है
27:49आज क्रिस्मस के मौके पर प्रधान मंतरी नरेंद्र मोदी दिल्ली के कथीड्रल चर्च ओफ दे रिडेंप्षन की मौनिंग प्रेयर और क्यारल्स में शामिल हुए
27:57यहां क्यारल्स का मतलब उन भक्ती गीतों से होता है जो क्रिस्मस के अफसर पर ईसा मसी को लेकर गाये जाते हैं
28:04दिल्ली के बिशप डॉक्टर पॉल स्वरूप ने खुद इस मौनिंग सर्विस की अध्यक्षता की और उन्होंने प्रधान मंतरी मोदी के लिए भी विशेश रूप से प्रातना की
28:11आप सबसे पहले इन तस्वीरों को देखिए
28:34आप यह फौर कि रख अफ जगिती ख्रॉक्टर देखिए
28:40और हम आप के लिए आसकार सोर से कुछ कृस्मस कैरल्स लाए हैं
28:54देखो आई है रात किसमस की
29:24पिछले कुछ सालों से प्रधान मंत्री नरेंदर मोदी नियमित रूप से इसाई समुदाय से जुड़े कारिक्रमों में हिस्सा ले रहे है
29:302023 में जब इस्टर के मौके पर दिल्ली के सेक्रेड हाथ कथीडरल चर्च में एक विशेश कारिक्रम का आयोजन हुआ
29:38तब भी प्रधान मंत्री मोदी इसका हिस्सा बने थे
29:40इसके अलावा 2023 में ही क्रिस्मस के मौके पर उन्होंने प्रधान मंत्री आवास पर एक विशेश कारिक्रम का आयोजन किया था
29:472024 में उन्होंने केंद्रे राज्यमंत्री जॉज कूरियन के घर पर डिनर और साथी कैथलिक बिशिप्स कॉन्फरेंस ओफ इंडिया द्वारा आयोजन कारिक्रम में भाग लिया था
29:58और इस बार भी वो क्रिस्मस के मौके पर डिली के एक चर्च की मौनिंग सर्विस में शामिल हुए
30:03इससे ये पता चलता है कि प्रधान मंत्री मोदी का भारत के इसाई समुदाय के साथ नियमित संपर्क और एक अलग सहभागेता लगातार बनी हुई है
30:11आलग कि ये तस्वीरें इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि हमारे देश में कई नेता हिंदू कारिक्रमों में प्रधान मंत्री मोदी के शामिल होने पर आपत्ती जदाते है
30:19राम मंदिर की प्राण पुतिष्ठा के कारिप्रम में जब प्रधान मंत्री मोदी ने हिस्सा लिया
30:24जब विपक्षी दलों ने उनकी आलोच ना की
30:26हमारे ही देश में एक वर्ग ऐसा भी है जो प्रधान मंत्री मोदी को हिंदूओं का प्रधान मंत्री बताता है
30:32लेकिन हकीकत में ये सब राजनीती के लिए होता है। भारत के स्वभाव में सभी धर्मों का विश्वास शामिल है। और जब प्रधानमंत्री मोदी मंदर जाते हैं, क्रिस्मस पर चर्च जाते हैं, इद पर मुसल्मान भाईयों को बधाई देते हैं और सिखों के त्योहारो
31:02ही पार्टियों को परिशान कर जाता है। वैसे ये वही राजनीती है जिसमें अल्प संख्यकों की बात आने पर सबसे ज्यादा हल्ला केवल मुसलिम समद्राय को लेकर होता है। लेकिन हकीकत तो ये है कि इस देश में इसाई भी इसी अल्प संख्यक वर्ग में आते हैं।
31:32जो 2011 में 14.2 प्रतिशत हो गए। लेकिन इसी समय अवधी में इसाईयों की आबादी 2.3 प्रतिशत से 2.3 प्रतिशत ही रही। और इसमें कोई बदलाव नहीं आया।
32:0225.1 प्रतिशत केरल में 18.4 प्रतिशत तमिलनाड में 6.1 प्रतिशत जारखंड में 4.3 प्रतिशत ओडिशा में 2.8 प्रतिशत और 36 गड़ और करनाटक में लगभग 2.2 प्रतिशत लोग इसाई धर्म से है।
32:3225.1 प्रतिशत और कोई नेता मस्जिद जाए या इफ्तार पार्टी में मुस्लिम टोपी लगाए उस पर खूब विवाद होता है।
32:37और इसी तरह प्रधान मंत्री मोदी भी किसी मंदर जाएं तो इसे भी हिंदू आउट्रीच के चश्मे से देखा जाता है।
32:44लेकिन जब प्रधान मंत्री मोदी चर्च जाते हैं या गुर्द्वारे जाते हैं या किसी जैन मंदर, किसी बौध मठ की यात्रा करते हैं तो उस पर उतनी चर्चा नहीं होती।
32:54और कोई से क्रिस्टिन आउट्रीच के तौर पर नहीं देखता।
33:24इस वज़े से नहीं है।
33:25हम इसलिए आज आपको अटल सूत्र समझाने जा रहे हैं जो वास्तव में भारत को समझने का सूत्र है।
33:31लेकिन उसके पहले बता दें कि अटल जी की 101 जन जैनती पर दिल्ली में उनकी समाधी स्थल सदैव अटल पर आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
33:43प्रधान मंत्री ने आज ही लखनव में राश्ट्र प्रेरणा स्थल का भी उदगाटन किया।
34:13जिस जगे पर ये राश्ट्र प्रेरणा स्थल बना है वहां कभी कूड़े का पहाड हुआ करता था लेकिन बीजेपी की विचारधारा को गढ़ने वाले तीन सबसे बड़े नायकों को याद कराने वाला ये राश्ट्र प्रेरणा स्थल अब वजूद में आया है और इसक
34:43जैसा उदाहरण कोई दूसरा नहीं लेकिन सवाल है कि अटल कैसे बने किन परिस्थितियों ने उन्हें गढ़ा और फिर उन्होंने किस तरह परिस्थितियों को गढ़ा ये सब खुली किताब की तरह है
35:13पर ही खत्म हो जाती थी लेकिन ये अटल जी के विचारूं की द्रड़ता थी कि वो विपरीत धारा को चीरती हुई नौका की मानिंद बहते रहे न डिगे न रुके विचारूं की ये सपश्टता उनकी कवता में फूटी है उनके भाशणों में गुंजी है
35:29मैं शंकर का वह क्रोधा नलकर सकता जगती ख्षार ख्षार डमरू की वह प्रलेध्वनी हूँ जिसमें नचता भीशन स्वहार रणचंडी की अत्रप्यास
35:41मैं दुर्गा का उनमत हास मैं यम की प्रल्यंकर पुकार जलते मर खटका धुआधार फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती में आग लगा दू मैं यज धदक उठे जलतल अंबर जडचेतन तो कैसा विसमें हिंदू तन मन हिंदू जीवन रगर वें हिंदू मेरा पर
36:01सावर कर माने तेज, सावर कर माने त्यार, सावर कर माने तप, सावर कर माने तत्व, सावर कर माने तर्क, सावर कर माने तारुन्य, सावर कर माने तीर, सावर कर माने तल्वार,
36:31सावर कर्मा ने तिल मिला हट, सागरा प्राण तल मडला, तल मलाती हुई आत्मा, सावर कर्मा ने तितीक्छा, सावर कर्मा ने तीका पन,
37:01सावर कर्मा ने तिकट, कैसा बहुरंगी व्यक्तित्व, अटल जी के द्रिड़ विचारों ने उनका तत्व तयार किया, लेकिन व्यक्तित्व सिर्फ विचारों से नहीं बनती, लेकिन उनमें जब संघर्षों की चोट पड़ती है, तो एक आकार का निर्मान होता है,
37:25तो दूसरा अटल सूत्र है संघर्ष, अटल का संघर्ष कितना तेज पूर्ण है, इसे आपात काल में लिखी गई, उनकी इस कविता से समझा जा सकता है,
37:36अंसासन के नाम पर अंसासन का खूँ, भंग कर दिया संघ को कैसा चढ़ा जनून, कैसा चढ़ा जनून, मत पूजा पति बंदित, उचिल कर रहे केशव कुल की कीर्ति कनंकित, कह कह दी कविरा एक तोर कानूनी कारा, उन जैगा भारत माता की जैगाना,
38:01अटल जी में विचार था, संघर्ष की शक्ति थी, लेकिन कोई अटल बनता है शुद्धता से, तीसरा अटल सूत्र है शुद्ध राजनीती, अटल जी ने शुद्ध राजनीती पर न सिर्फ भाशन दिये, बलकि उसे जीवन में उतारा, इसका सबसे बड़ा प्रमान तो �
38:31अगर सक्ता हाथ में आती है, तो मैं ऐसी सक्ता को चीमटे से भी छूना पसंदे रहे हैं, सक्ता का खेल तो चलेगा, सरकारे आएंगी, जाएंगी, पाटियां बनेगी, भिकडेंगी, मगर ये देश रहना चाहिए, इस देश का लोग संत्रा मर रहना चाहिए, जाएंगा
39:01जी तीन बार प्रधान मंतरी बने और एक बार विदेश मंतरी बने, जीवन के अधिकतर समय विपक्ष की राजनीती करने वाले अटल बिहारी वाजपेई जब सत्ता में थे, तो उन्होंने दिखाया कि सुशासन क्या होता है, इसलिए चोथा अटल सूत्र है, जन सरोकार से
39:31लेकिन सोचिए, 1998 में गटबंधन सरकार चला रहे अटल जी ने कैसे पोकरण परमानु विस्फोट कर दुनिया को हैरान किया था, परमानु विस्फोट का परणाम अटल जी को मालूम था, जो उन्होंने प्रतिबंधों के तोर पर जेला भी, लेकिन राश्ट्र हिट से कैस
40:01जब पाकिस्तान ने करगिल के धोखे से दिया, तो उसका जवाब भी अटल के पास था, करगिल संघर्ष में पाकिस्तान को मू की खानी पड़े, अगर अटल जी की योजनाओं की बात करें तो उनकी सरकार ने स्वर्णिम चतुर्भुज सडक पर योजना से, हाईवे निर
40:31शिक्षा अभियान गेम-चेंजर साबित हुआ, घर-घर संचार क्रांती अटल सरकार की देन है, क्योंकि टेलिकॉम क्षेत्र में उन्होंने अभूत पूर्व सुधार लागू किये
40:41आज अटल जी की जैन्ति का ये दिन, सुषासन के उत्षव का भी दिन है, लंबे समय तक देश में, गरीबी हटाओ जैसे नारों को ही, गवर्णनेंस मान लिया गया था,
41:02लेकिन अटल जी ने सही माइने में, सुषासन को जमीन पर उतारा, आज राश्ट्र प्रेरिना स्थल के उद्गाटन के मौके पर प्रधान मंत्री ने अटल जी के सुषासन को याद किया,
41:19और उसकी तस्वीरें हमने आपको दिखाई, अटल जी को सिर्फ उनकी राजनीती से नहीं समझा जा सकता, अटल का कवी उनकी कहानी कहता है, अटल अपनी कविताओं की तरह अपने जीवन के दर्शन को गढ़ते हैं, इसलिए पांचमा अटल सूत्र है, रप्टीली राहों
41:49जूजने का मिरा कोई रादा न था, मोड़ पर मिलेंगे, इसका वादा न था, रास्ता रोक कर खड़ी हो गई, ये लगा जिन्दगी से बड़ी हो गई, मौत जिन्दगी से बड़ी कैसे हो सकती है,
42:05कोटी कोटी आप लखड़ियों में सुलग उठी है जो चिनगारी हमराग है, हमराग है, ये हमाले के वर्णन से शुरू होती है, उत्तर दिश में अजित दुर्गसा, जागर मूंक प्रहरीयों के युगका, मुटिमन पस्थे यथीरता की प्रतिमासा, अटल रड़िग न�
42:35अटल बिहारी वाजपई जैसे व्यक्तित वो दुरूवतारे जैसे होते हैं, उनका स्थान सबसे उंचा, सबसे चमकीला सदय वाडिग है, लखनौ के राश्र प्रेणा स्थल के म्यूजियम में अटल पर क्या है, देखी आज तक समवादाता की ये रिपोर्ट
42:59अब हम आपको लेकर चल रहे हैं जलक दिखाने उस म्यूजियम की जहां पर देखें तो अटल बिहारी वाजपई के आपको एक तस्वीर दिखाई पड़ेगी, ये तस्वीर देखें क्या खुबसूर्ती से से पिरोया गया है, कदम मिला कर चलना होगा, जो बाते अटल बि
43:29का अर्ग भी दिया है, किन्तु अपनी धे यात्रा में हम कभी रुके नहीं है, किसी चुनोती के सम्मुख कभी जुके नहीं है, एक कभी के तोर पर भी अटल बिहारी वाजपई का जीवन दर्शन रहा, और उसके पश्शात इस तरह की जो चीजें हैं, पंक्तियां हैं, व
43:59सड़क यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जितने भी प्रयास हुए हैं, वो नाकाफी लगते हैं, देर रात करनाटक और तमिलनाडू में दो बड़ी सड़क दुरगटनाएं हुई, जिसमें खरीब 18 लोग मारे गए और इन दोनों हाथसों की बज़े थी लापरवाही
44:29कर डिवाइडर तोड कर आ रहे एक ट्रक से हो गई थी, टक्कर के तुरंत बाद बस में आग लग गई थी, हादसे के वक्त बस में 32 लोग सवार थे, जिन में से कुछ लोग बाहर निकलने में कामयाब हो गए, लेकिन कुछ बदकिस्मत इस जलती हुई बस में फसे रह गए
44:59हाईवे पर कडलोर में हुआ, राज्य परिवहन की बस का टायर फट गया, जिसकी वजह से वो अनियंतरित होकर दूसरी तरफ से आ रही दो कारों से टकरा गई, इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 3 महिलाएं और 2 बच्चे भी शामिल हैं, अगर नियमों का प
45:29पता नहीं थी कि वो सही हालत में है या नहीं, अगर ये लापरवाहियां ना बरती गई होती, तो शायद ये हादसे नहीं होते, अरावली की पहाड़ियों को बचाने के लिए पहली बार जेन जी युवाओं ने कोर्ट ओर्डर के खिलाप विरोध प्रदर्शन किया है, ज
45:59जैपुर में अरावली को बचाने के लिए एक बड़ा अंदोलन शुरू हुआ है, बड़ी संख्या में युवाओं ने जैपुर की सडकों पर मशाल जुलूस निकाला और नकली नोट उडा, राजस्थान के ये जैन जी युवा लड़के लड़कियों ने जैपुर के रा
46:29के बाद इन युवाओं ने कोर्ट ओंडर की कॉपी जलाकर अपना विरोध जताया, अपने इस विरोध प्रदर्शन में इन युवाओं ने प्रतिकात्मक रूप से नकली नोट जलाकर लालच के लिए अरावली की बली देने का विरोध किया, ताइवान में कल शाम आये भ
46:59अधानी ताइपे में भी महसूस किये गए थे, पिछले साल भी ताइवान में जबरदस्त भूकंप आया था और उस भूकंप की तीवरता 7.1 थी, जिसमें जानमाल का काफी नुगसान हुआ था
47:106.1 एक तीवरता के भूकंप ने ताइवान के कई शेहरों को हिला दिया, अलग-अलग सुपरमार्केट की CCTV तस्वीरों से इस भूकंप का असर दिखा, ताइटूंग शेहर में भूकंप के जटके इतने तेज थे कि वहां के एक सुपरमार्केट में शेल्फ में रखा सामा
47:40किलोमीटर जमीन के नीचे था, इसलिए भूकंप का सबसे बड़ा असर ताइटूंग में ही दिखा, पिछले साल ताइवान में 7.2 तीवरता का भूकंप आया था, और वो पिछले 25 वर्षों में आया सबसे ताकतवर भूकंप था, पिछली बार आये भूकंप ने बड़ा
48:10भूकंप आते हैं
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