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  • 2 hours ago
17 साल बाद बांग्लादेश लौटे तारिक रहमान भारत के लिए अच्छे होंगे या बुरे? देखें

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00:00आज अटल जी की 101 वी जैनती है और हमें उनका वो कथन याद आ रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि आप दोस्तों को बदल सकते हैं लेकिन पडोसियों को नहीं
00:10जिस बांगलदेश को भारत ने साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान से आजादी दिलाई थी
00:17उस बांगलदेश के साथ आज भारत के रिष्टे नाजुक मोड पर हैं बांगलदेश में अल्प संख्यक हिंदूओं पर बढ़ते अत्याचार और भारत विरोधी भावनाओं के बीच बड़ा सवाल यही है कि बांगलदेश अब किस ओर जाएगा
00:32यह सवाल आज और महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है क्योंकि आज ही सत्रा वर्षों के बाद तारिक रह्मान की बांगलदेश में घर वापसी हुई है
00:42साथ साल के तारिक रह्मान पूर्पधानमंतरी खालिदा जिया के बेटे हैं
00:46सत्रा साल पहले 2008 में जब तारिक रह्मान बांगलदेश छोड़ कर लंदन गए थे
00:53तब उन पर भ्रष्टाचार, रिश्वत खोरी और मनी लॉंडरिंग के गंभीर आरोग थे
00:58ये भी कहा जाता है कि उस वक्त तारिक रह्मान ने बांगलदेश से बाहर निकलने के लिए सेना की मदद ली थी
01:04उन्होंने उस वक्त की कार्यवाहक सरकार को एक शपत पत्र सौपा जिसमें ये ग्यारिंटी दी गई
01:10कि वो बांगलदेश की राजनीती में वापस कभी नहीं लोटेंगे
01:14इस शपत पत्र को बांगलदेश ने आज तक संभाल कर रखा है
01:18लेकिन सोचिए अब इसका क्या फाइदा तारिक रह्मान ने अपनी कसम को तोड़ दिया है
01:23वोना सिर्फ 17 साल बाद अपने परिवार के साथ लंदन से बांगलदेश वापस लोटाए है
01:28बलकि अब उन्हें प्रधान मंत्री पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है
01:32अगर बांगलदेश में सब कुछ सही रहता है और 12 फरवरी 2026 को संसदिय चुनाव कराए जाते हैं
01:38तो इन चुनावों में बांगलदेश नाशनलिस्ट पार्टी की तरफ से प्रधान मंत्री पद के उमीदवार तारिक रह्मान ही होंगे
01:46आज भी जब तारिक रह्मान अपने परिवार के साथ बांगलदेश की राजधानी धाका लोटे तब एक लाक से ज्यादा लोगों ने उनका स्वागत किया
01:56तारिक रह्मान ने अपनी वतन बापसी को पिक्चर परफिक्ट दिखाने के लिए बांगलदेश की जमीन को छू कर नमन किया
02:04अपने देश की मिट्टी को अपनी मुठी में बंद करके अपने समर्तकूं का जोश बढ़ाया
02:09आप इन तस्वीरों को जरा गोर से देखिए
02:39आप इसे समय का ही चक्र कहेंगे कि आज जिस जगे तारिक रह्मान खड़े हैं
03:07उस जगे 17 साल पहले पूर प्रधान मंतरी शेख हसीना खड़ी थी
03:11साल 2008 में जब तारिक रह्मान ने बंगलदेश चोड़ा
03:14तब शेख हसीना को बंगलदेश की सेना और कार्यवाहक सरकार दोनों का समर्थन मिला था
03:19इसी समर्थन से शेख हसीना 2009 से 2024 तक लगातार 15 साल बंगलदेश की प्रधान मंतरी रही
03:28लेकिन अब ये स्थिती पूरी तरह बदल गई है
03:31अब शेख हसीना बंगलदेश में नहीं है
03:33तारिक रह्मान 17 वर्षों के बाद लंदन से बंगलदेश लोटाए है
03:37ऐसा इसलिए भी मुम्किन हो पाया क्योंकि मुहमद यूनस की अंतरिम सरकार ने
03:41तारिक रह्मान पर दर्ज कई मुकदमों को वापस ले लिया
03:44और उन्हें एक नया राजनीतिक जीवन दान दिया
03:47ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि बंगलदेश की राजनीती अब तक दो परिवारों के हवाले रही है
03:53इनमें शेख हसीना का परिवार मुजीब वाद पर चला और खालिदा जिया का परिवार जियावाद पर चला है
04:00यहां मुजीब वाद का मतलब बंगलदेश के संस्थापक शेख मुजीब रह्मान से है
04:06और जियावाद का मतलब जेनरल जियावर रह्मान से है
04:0926 मार्च 1971 को जब शेख मुझीब ने बांगलदेश की आजादी का एलान किया था
04:16तब इसकी घोशना जिया उर्रह्मान नहीं की थी
04:19ये वो दौर था जब बांगलदेश की राजनीती में जियावाद का प्रवेश नहीं हुआ था
04:23इसकी पहली जहलक 1975 के बाद देखी गई
04:27जब सेना के कुछ अधिकारियों ने शेख मुझीब उर्रह्मान और उनके परिवार की हत्या करवा दी
04:33उस वक्ट शेख हसीना योरोप में थी इसलिए उनकी जान बच गई
04:38लेकिन यहां से बांगलदेश की राजनीती में एक नया टर्निंग पॉइंट आया
04:43जियावर रह्मान बांगलदेश की सत्ता का केंदर बन गए
04:47और बाद में उन्होंने सेना से अलग होकर BNP नाम की पार्टी बना ले
04:521991 में जियावर रह्मान की पतनी खालिदा जिया पहली बार बांगलदेश की प्रधान मंतरी बनी
04:58और कहते हैं कि इस सरकार में जिस नेता का सबसे ज्यादा दखल था
05:03वो नेता खालिदा जिया के बेटे तारिक रह्मान ही थे
05:06उस जमाने में तारिक रह्मान को बांगलदेश की राजनीती का क्राउन प्रिंस कहा जाता था
05:13जिन्हें खालिदा जिया के बाद बांगलदेश की सत्ता मिलनी थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया
05:18आप ये भी कह सकते हैं कि तारिक रह्मान ने तीन दशिकों तक बांगलदेश का प्रधान मंत्री बनने का सपना देखा है
05:25और आज जब वो बांगलदेश वापस लोटे हैं तब उन्हें सिर्फ और सिर्फ प्रधान मंत्री की कुरसी दिख रही है
05:31आज भी तारिक रह्मान ने अपने 17 मिनिट के भाशन में यही कहा
05:36कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर की तरे उनके पास भी बांगलदेश के भविश्य के लिए एक सपना है
05:43एक योजना है और वो इसे सब के साथ कूरा करना चाहते है
06:01आलोग आचे I have a dream
06:04आज एए बंगलादेशेर माठी दारिये आपनादेश शकोलेश शमने आमी बोलते चाही
06:12पांगलादेश जाती होता बादी दॉलेर एक जन स्वड़ शोही शबे आपनादेश शमने आमी बोलते चाही
06:19I have a plan
06:22for the people of my country
06:26for my country
06:29आज एए परिकल पुना देशेर मानुशे शक्ते
06:34देशेर उन्नोय ने जुन्नो देशेर मानुशे भगेर परिबार्तों ने जुन्नो
06:40जोदी शेई plan शेई कार्जो कम शेई परिकल पुना के बस तो बायोन कुरत होई
06:47तारिक रह्मान के तो यही रहे हैं कि वो सभी धर्मों को साथ लेकर चलेंगे और वो बांगलदेश का भला करना चाहते हैं
06:54लेकिन हकीकत में ये सारे शब्द हर नेता के शब्द कोश में होते हैं
06:58और इन शब्दों से किसी भी नेता की मंशा और मानसिक्ता को सही रूप में नहीं समझा जा सकता।
07:04तारिक रह्मान को समझना है तो हमें ये देखना होगा कि उन्होंने पहले किस तरह की राजनीती की है।
07:102001 से 2006 के बीच जब बांगलेदेश की प्रधान मंतरी खालिदा जिया थी तब इस सरकार में तारिक रह्मान को असली पावर सेंटर माना जाता था।
07:40पाकिस्तान का साथ दिया था उस जमाते इसलामी को तारिक रह्मान से पूरी मदद मिली।
07:45खालिदा जिया की सरकार में तारिक रह्मान के दखल के कारण जमाते इसलामी की हिंदू विरोधी गतिविधियों को नजर अंदाज किया गया और BNP के राज में बांगलिदेश के अलप संख्यक हिंदू ओपर सबसे ज्यादा अत्याचार हुए
08:001992 में जब योधिया में बाबरी मस्जिद का विद्वन सुआ तब बांगलिदेश में खालिदा जिया की सरकार थी और तारिक रह्मान का इस सरकार पर अच्छा खासा प्रभाव था उस दौर में भी बांगलिदेश में अलप संख्यक हिंदू ओपर 4000 से ज्यादा हमले हुए औ
08:30इसलामी जैसे संगठनों को खुली चूट दी गई ताकि वे हिंदूओं को निशाना बना सके दोजार एक से दोजार च्छे के बीच भी हिंदूओं के खिलाफ कई हिंसक घटनाय हुई जिन पर अमेरिका से लेकर सयुक्त राश्र ने चिंता जताई लेकिन बांगलिदेश
09:00सबसे बड़ी हिंसा तब भड़की जब 17 अगस 2005 को 63 जिलू में 300 से ज्यादा जगहों पर आधे घंटे के भीतर करीब 500 बंधमाके किये गए इसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन जमातुल मुझाहिद्दीन ने ली थी
09:16लेकिन तब भी खालिदा जिया की सरकार ने कोई आक्षिन नहीं लिया या यूं कहिए कि तारिक रह्मान पर आरोप था कि वो हिंसा पहलाने वाली ताकतों का समर्थन कर रहे थे
09:28तारिक रह्मान पर ये भी आरोप लगता है कि उन्होंने उस दौर में भारत विरोधी भावनाओं को काफी भड़काया था
09:36और इस दौरान भारत और बांगलेश की सेना के बीच कुछ सैन्य संगहर्ष भी हुए थे
09:42इनमें अप्रेल 2001 में मेघाले और असम की सीमा पर भारत और बांगलेश की सेना के बीच जढ़पे हुई थी
09:49जिनमें भारत के 16 जवान शहीद हो गए थे
09:52इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात काफी तनावपून बने रहे
09:56अगर बहुत दूर नवी जाएं तो पिछले साल जब जनवरी 2024 में मांगलेश में इंडिया आउट अभियान चलाया गया था
10:04तब तारिक रह्मान पर यह आरोप लगे थे
10:06यह वो खुद इसका समर्थन कर रहा है
10:08इसके अलावा अगस्ट 2024 में जब शेख हसीना की सरकार का तखता पलट हुआ
10:15तब 11 अगस्ट को ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स आई थी
10:19कि तारिक रह्मान पाकिस्तान की खूफिया एजनसी आईएसाई के अधिकारियों से मुलाकात कर रहा है
10:25और इसके लिए वो लंदन से मिडल इस्ट के किसी देश में भी गए थे
10:30ये बात सही है कि तारिक रह्मान आजकल अपने भाशनों में ये कहते हैं
10:35कि उन्हें दिल्ली और रावल पिंडी से पहले बंगलदेश का खयाल है
10:38लेकिन सिर्फ इस बयान के आधार पर ये नहीं माना जा सकता
10:42कि वो भारत के लिए अच्छे साबित होंगे
10:44यहां असल में सवाल तो ये होना चाहिए कि
10:47मुहम्मद यूनुस और तारिक रह्मान में भारत के लिए जाधा बुरा कौन है
10:51और भारत कैसे बांगलदेश के साथ अपने रिष्टों में तनाओ कम कर सकता है
10:55वैसे तारिक रह्मान के लिए घर वापसी की तरह सत्ता वापसी भी आसान नहीं होगी
11:00बांगलदेश में इस वक्त हालात इदने खराब हैं कि वहाँ हिंसा का दौर थमता नहीं दिख रहा
11:05एक दिन पहले बांगलदेश की राजधानी धाका में अग्यात लोगों ने पेट्रोल बंब से हमला किया
11:11जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई
11:12और आज धाका युनिवरसिटी की मधूर कैंटीन में तोड़ पोड की गई
11:16इसका संबंद 1971 के लिबरेशन वार से माना जाता है
11:20आप तस्वीरें देखिए
11:42हुजेबने कस पोले तो शेह घने चाखावार जूनिवरस चीलो पाशाही के तो धोकांदार्शोव औन्नानो अनेक लोग जून चीलो
11:50एक गेटा जेए तो शारासरी तार माता हीट कोड़ेशे माथाई पोड़से
11:54माथाई परार करने तोगर तात्खनी भाई के तो माथाई पास्ट्रोई जाए
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