राजस्थान के भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान इस शहर के लिए ग्रीन लंग्स का काम कर रहा है.एक तरफ जहां दिल्ली-NCR के लोग साफ हवा के लिए तरस रहे हैं. वहीं भरतपुर के लोग इस नेशनल पार्क की बदौलत साफ हवा ले पा रहे हैं. आगरा, दिल्ली, गुरुग्राम जैसे शहरों की तुलना में भरतपुर का AQI बेहतर है. यहां करीब 400 किस्म के पेड़ पौधे मौजूद हैं जो कार्रबन डाई ऑक्साइड को अब्जॉर्व कर आस पास के तापमान को कम रखने में मदद करते है. इतना ही नहीं ये केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान जल संरक्षण में भी मदद कर रह है, जिसकी बदौलत आसपास के इलाके का भूजल स्तर मेंटेन रहता है.
00:00राजिस्थान के भरतपूर का केवलादेव राश्य उद्ध्यान इस शहर के लिए ग्रीन लंक्स का काम कर रहा है एक तरफ जहां दिल्ली आगरा गुरुग्राम की हवा बिगरी हुई है वहीं दूसरी तरफ यहां के लगों को नाशनल पार्ट की बदालत साफ हवा मिल रही ह
00:30इस राश्य उद्यान में 400 से जादा किस्म के पेड़ पौधे हैं जो CO2 यानि कारवन डायॉकसाइट को एब्जॉर्ब कर डूबल वार्मिंग एफेक्ट को कम कर रहे हैं और अन्य जगहों के तुल्ला में यहां तापमान को कम रखने में भी मदद कर रहे हैं
01:00केवला देव सिर्फ हवा को ही साफ नहीं करता जलसंग रक्षन का भी बड़ा किंडर है जो भरतपूर शहर सहिद आसपास के 20 से 25 गाओं के भूजल अस्तर को मेंटेन रखता है
01:23इसे 1981 में राश्रे उद्यान घोशित क्या गया था और आज ये युनिस्को की विश्व धरोहर लिस्ट में शामिल है
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