सीता स्वयंवर और लक्ष्मण परशुराम संवाद Uttrakhand Ram leela भगवान राम ने शिव धनुष उठाकर सीता से विवाह किया था। विवाह के बाद, परशुराम ने शिव धनुष टूटने के क्रोध में श्रीराम से युद्ध किया था। लक्ष्मण ने स्वयंवर में सीता को माला पहनाने के बाद अपने बड़े भाई राम के साथ वनवास बिताया था राजा जनक ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार, शिव धनुष उठाने वाले व्यक्ति से ही अपनी बेटी सीता का विवाह कराने का निश्चय किया था। जब कोई भी राजा शिव धनुष नहीं उठा सका, तब विश्वामित्र की आज्ञा पर राम ने उस धनुष को उठाकर प्रतिज्ञा पूरी की, जिससे सीता का विवाह उनके साथ हुआ। परशुराम शिव के धनुष को भंग किए जाने पर क्रोधित हुए और उन्होंने इस घटना के बाद सभा में उपस्थित राजाओं और श्रीराम को चेतावनी दी। के स्वयंवर के बाद, जब भगवान शिव का धनुष तोड़ा ग
00:00देर्गGHर थी नोंभे मैन благ दत्जाने अपनी दिते अपनी दिते।
00:09चाद भून है, अपनी दिते।
00:16पज चाद भून है, अप्नी दिते।
00:22यह चाद मेन को है अपनी दिते।
00:30जबेलिया क्या जड़ा दे बाचा ये जिस है राजा बचा दे
00:43जबेलिया क्या जड़ा भी पादे ये इंडर बाचा बचा दे
00:55जबेलिया क्या जड़ा भी ये जड़ा दे बाचा दे बाचा दे बाचा दे
01:25जड़ा दे बाचा दे बाचा दे बाचा दे
01:32जड़ा बचाते खरे हमारा भुभ बचादे बाचा दे
01:41एकाल मुस्तों रजुदार से
01:45हरे खमाना हुलकुब बजाते
01:52ये क्या दर मुझे है
02:11और मुझे है
02:41उबारी इसको नतोड़ सकते, उबारी इसको नतोड़, ये साथ यानों के दावाँ
02:59उबारी इसको नतोड़ इसको नतोड़ सकते, ये साथ यानों के दावाँ
03:09नतोड़ों कर आवाँ न गुरोर विश्न करेदा तुम से नतोड़ सकते, शेड़ों के दावाँ
03:29जीता है कुम्से, जाहां तो बेश, जीता है कुम्से, तुम्से.
03:59पुटा समुली के तके है नादी
04:19अब इस वो तुछ भी तार हम है
04:25पुटा समुली के तके है वपिस वो तुछ भी तार
04:36ये बेज चारा है कांच मेरे
04:43ये बेज चारा है कांच मेरे
04:48वो ताल के भी महाताल हम है
04:54ये बेज चारा है कांच मेरे
04:59वो ताल के भी महाताल हम है
05:05पुल्ला वो तैजी स्वीके तके
05:10तु हमें जांजनी अभी तु हमें जांजनी
05:19अभी मैं तोरू ये तू इठानू तो अभी मैं तोरू तु हमें
05:30तोरू ये तूछ धनू तो अभी मैं तोरू है, के लांक के लौनी हाल हम है, अभी मैं तोरू ये तूछ, के लांक के लौनी हाल हम है, अभी मैं तोरू ये तूछ, के लांक के लौनी हाल हम है, अभी मैं तोरू ये तूछ, के लांक के लौनी हाल हम है, अभी मैं तोरू ये त
06:00माले!
06:17माले!
06:21माले!
06:23माले!
06:26नहीं!
06:30ये गड़ाव पिस नहीं हो जटा!
06:33गड़ाव नहीं!
06:39सितम है!
06:41सितम है!
06:42अफसोत!
06:43अफसोत है!
06:46मेरी इन भुजाओं ने!
06:49मेरी भुजाओं से मेरे!
06:52अपने आराज के संकर से!
06:55कहलाज को उठाया था!
06:58और वही बल इस चोटे जे धंस पर लगाया!
07:04और ये हिस्ता तक नहीं!
07:08अजमभाओ!
07:11अजमभाओ!
07:15अजमभाओं ने!
07:17अजमभाओं ने!
07:19जमभाओं ने!
07:21अजमभाओं ने!
07:23अजमभाओं ने!
07:25मैं भी मू नवोडूँगा!
07:30अब्गी बाओ!
07:32अब्गी बाओ!
07:34इस पुरूच को अब्गी दोगूँगा!
07:37अजमभाओं ने!
07:38ओख फाँ यहाँ thor
08:07तेली तहनको, एका मौहाले दाराई, हुषे बचार।
08:37Dash
08:50बच्पटर का कि देली, थेली, उनका पुषेटे निया पूले मिन देली, तो सेक़्रेस्ट�ें इस लिए नेश्म।
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