योगी सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए जाति आधारित रैलियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया आदेश के अनुसार राज्य के मुख्य सचिव ने सार्वजनिक जगहों, कानूनी दस्तावेजों और पुलिस रिकॉर्ड्स में जाति का उल्लेख किए जाने पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है। जिसके बाद योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने योगी सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार करने का सुझाव दिया है।
00:00ुपी सरकार ने एक एहम निर्णाय लेते हुए जाती आधारत रैलियों पर पूरी तरह से रोख लगा दी है।
00:30लेकिन योगी सरकार की मंत्री संजे निशाद ने सरकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।
00:34संजे निशाद ने कहा है कि एक बार सरकार को इस पैसले पर पूरर विचार करना चाहिए।
00:39यह सामाजिक निया की बात करना उसके इसले पर पूरर विचार होना चाहिए।
00:44सरकार से कहूंगा इस पर पूरर विचार में चाहिए।
00:46कि यह सामाजिक निया समित का रिपोर्ट कहती है कि मिल्क में 27 का खा गया लेदर में 23 का खा गया।
01:14संजय निशाद जी तै करें कि उन्हें कैबिनेट में रहना है या नहीं रहना है।
01:34क्योंकि आदेश के खिलाब अपील करने की तो बात छोड़ दीजे।
01:38आदेश के उपर गॉर्मेंट ने जीओ निकाल दिया है संजय निशाद जी कि रेलियों पर प्रतिबंद, भाईचारी की चीजों पर प्रतिबंद, चीजें सिरफ खुली रहेंगी, जातियों पर नहीं खुली रहेंगी।
01:52धर्म के नाम पर गाएं के नाम पर हत्याएं खुली रहेंगी लेकिन जातिय संमेलनों के नाम पर संमेलन जातियता बंद रहेंगी।
02:01अब यह आपको तै करना है कि नल, नील, कूल, भील, पिशड़े, दलित, आदिवासियों के लिए आप करते हैं तो करते क्या हैं, सामाजिक समरस्ता कैसे लाते हैं? हाँ, यह सरकार धर्म के नाम पर संपरदाइक्ता और संपरदाइक्ता का जहर बोना जारी रखेगी और ज
02:31इसे समाज को विभाजित करने वाला कदम बताते हुए इसे तुरंत रोकने के निर्देश दिये थे
Be the first to comment