Shardiya Navratri 2025: माता रानी पर नाग केसर का फूल नहीं चढ़ाया जाता है। इसे चढ़ाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। मां दुर्गा पर केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता है। बता दें कि भगवान शिव ने केतकी के फूल को अस्वीकार किया था। इसलिए माता दुर्गा पर भी केतकी का फूल नहीं चढ़ता है। माता दुर्गा पर तुलसी के पत्ते भूलकर भी नहीं चढ़ाने चाहिए। कहते हैं कि ये पत्ते श्री विष्णु को समर्पित किए जाते हैं। माता रानी पर भूल कर भी कनेर का फूल नहीं चढ़ाया जाता है। कहते हैं कि ऐसा करना बेहद अशुभ मानते हैं।Shardiya Navratri 2025: Durga Ji Ko Kaun sa Phool Pasand,Kya Chadhana Chahiye Kya Nahi ?
00:01शार्दी नवरात्री की तो शुरुवात हो चुकी है और ऐसे में मा के भक्तों की उन्हें खुश करने के लिए तरह तरह की कोशशे भी शुरू हो चुकी है
00:09वही मादुर्गा के भक्तों के मन में एक सवाल जरूर है कि मादुर्गा को पूजा में कौन सा फूल चड़ाना चाहिए और कौन सा नहीं इसके पीछे क्या कारण है आईए ऐसे विडियो में आपको बताते हैं
00:20मादुर्गा का सबसे प्रिय फूल है गुड़हल का क्योंकि इसका लाल रंग शक्ति तेज और बल का प्रतीक है वही कमल भी पवत्रता और लक्ष्मी का ही प्रतीक है जससे डेवी दुर्गा को सौभाग और समरधी का आवाहन होता है
00:34गेंद का फूल भी मादुर्गा को चड़ाया जाता है क्योंकि पिला नारंगी रंग उर्जावान और शुव संकेत देता है
00:41वही कनेर का फूल भी शक्ति और साहस का ही प्रतीक माना गया है
00:46चमपा, चमेली या पारिजाद के फूल भी मादुर्गा को आनन्दित और शांति का भाव देते हैं
00:53वही कुछ जरूरी फूल और पत्ते मा की पूजा में बिल्कुल ना चड़ाएं
00:57जैसे कि तुलसी दल
00:58तुलसी श्रीहरी विश्नु की अतिप्रियमानी गई है
01:02शास्त्रों में लिखा है कि तुलसी को देवी दुर्गा या भैरवादी को अरपत नहीं करना है
01:06मदार के फूल
01:07ये फूल श्रीब जी को तो चड़ाते हैं लेकिन मादुर्गा को नहीं
01:11क्योंकि ये उगरता और तामसिक्ता का प्रतीक माना गया है
01:14कुश या धूप
01:16ये गडेश और विश्णो जी की पूजा में अत्तिधिक जरूरी है
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