सर्वपितृ अमावस्या पर लगा Solar Eclipse, क्या करें और क्या ना करें? | जानिए राशि अनुसार पूजा विधि और दान के नियम! वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल की सर्वपितृ अमावस्या बेहद खास होने वाली है क्योंकि इसी दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगेगा। 21 सितंबर को पड़ने वाली यह अमावस्या पितृपक्ष का समापन करती है, जब हमारे पूर्वज पितृलोक को लौटते हैं। यह तिथि उन सभी मृतक परिजनों के श्राद्ध के लिए महत्वपूर्ण है जिनकी मृत्यु अमावस्या, पूर्णिमा या चतुर्दशी को हुई हो, या जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात न हो। हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, फिर भी इस दिन पूजा-पाठ और दान का विशेष महत्व है।
About the Story: This video explains the significance of Sarvapitri Amavasya 2025, which coincides with the last solar eclipse of the year on September 21. It details the rituals for ancestral offerings (shradh) on this day, especially for those whose death dates are unknown or fall on specific lunar days. The video also provides specific donation guidelines based on zodiac signs (rashifal) to appease ancestors and receive their blessings for prosperity and happiness.
00:00वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार सर्व पित्री अमवस्या 21 सितंबर को मनाई जाएगी
00:10अस दिन साल का आखरी सूर्य ग्रेहन भी लगेगा
00:13यह ग्रेहन भारत में तो नहीं दिखाई देगा लेकिन यह जानना जरूरी है कि इस दिन पूजा कैसे करनी है
00:18कि ध्यान रखना होगा, किन चीजों पर जादा फोकस करना है, किस राशी को कैसे पूजा करना है
00:24नमस्कार मेरि चापर आशर और आप देख रहे हैं बन इंडिया हिंदी
00:27सर्व पित्री अमवस्या के साथ है पित्री पक्ष का समापन होता है
00:32सर्वपित्री अमवस्या वेती थी है जब धरती लोग पर आये हमारे पूरवज पित्री लोग को वापस लोड जाते हैं
00:40इस तिथी पर उन मृतक परिजनों का श्राद किया जाता है जिनके मृत्यू अमवस्या पूर्णिमा या चतुरदशी को हुई हो या फिर जिनके मृत्यू तिथी हमें पता नहीं हो
00:49इस बार 21 सितंबर यानि रविवार को सर्व पित्री अमवस्या पढ़ रही है इस बार सर्व पित्री अमवस्या कई माईनों में खास है तरसले 20 सितंबर को ही साल का दूसरा और आखरी सूर्य ग्रहन भी होगा
01:02हलाकि या सूर्य ग्रहन भारत में दिखाई नहीं देगा किन हिंदू शास्त्रों के अनुसार अमवस्या पर किया गया अश्राद कुल के सभी पीतरों को तृप्त करता है और वे खुश होकर अपने लोग को वापस जाते हैं
01:14इसके साथ ही सर्वपित्रिय मवस्या पर दान करने का भी विशेश महत्व है जिससे पूरवज प्रसन होते हैं और अपने कुटम को सुख समर्धि का अश्रवाद देका जाते हैं
01:25जोतिश की माने तो राशी के अनुसार इस दिन चीजों का दान करना चाहिए तो चलिए जानते हैं कि कैसे अपने पूरवज़ों की क्रिपा हम राप्त कर सकते हैं इसमें सबसे पहले हम मेश राशी की बात करने वाले हैं
01:36मेश राशी जोतिश की माने तो सर्व पित्रिय मवस्या के दिन मेश राशी के जातकों को गेहूं, मुम्फली और शहद का दान करना चाहिए
01:46प्रिशब राशी इस राशी के जातक अपने पित्रों का आशिरवाद पाना चाहते हैं तो उन्हें श्राद पक्ष के आखरी दिन जरूरतमन्द लोगों को हरे रंग के कपड़े, हरी सबजियां और मूंग दान करना चाहिए
01:57करक राशी के लोगों के लिए सर्व पित्रिया मवस्या के दिन नमक, घी, शकर, दूद, दही, धोती, साड़ी, आधी का दान करना उत्तम है
02:07सिंग राशी, इस राशी में जन्वे जातकों को श्राद पक्ष के आकरे दिन गुड, चना और शहद का दान करना सुब फल देता है
02:14कन्या राशी, कन्या राशी के जातकों के लिए घी से बनी मिठाई और फलों का दान करना अच्छा माना जाता है
02:21तुला राशी, तुला राशी में जातकों को इस दिन चावल, मोर्धन और नारियल का दान करना चाहिए
02:28विश्चिक राशी, तिल, गुड, शहद और सेब का दान करना चाहिए
02:32विर्षिक राशी के जातकों के लिए शुब माना गया है वो भी कुछ फल दान कर सकते हैं
02:37धनू राशी पीले रंग के वस्त्र, केला और अन्य पीले फलों का दान करना चाहिए इन राशी के जातकों को अच्छा फल देगा
02:44मकर राशी, इस राशी के जातकों के लिए काली उड़द, काले तिल, कंबल, चादर और जूते चपलों का दान करना लाबकारी बताया गया है
02:53कुम्भ राशी, इस राशी के लोग अनाज, पैसा, मच्छरदानी और जूते चपल का दान कर सकते हैं
02:59राशी, अनुसार, पूजा पाठ करें, पितरों से आशिरवाद लें और पितरे पक्ष के पावन माह को इसी के साथ अलविदा करें
03:06और पितरों को सुख सांती से रहने और हमें सुख सांती से रहने का आशिरवाद पितरों से लेना चाहिए
03:12अब इस खबर में इतना ही लेकिन देश दुनिया की बाकी खबरों के लिए देख तरी ये One India Hindi
Be the first to comment