00:00हम देखते हैं कि जो भी मार्केट में जो भी कुछ नया प्रेड़क्ट कुछ भी आया तो लोग सोचे बगर कुछ भी किये बगर उसके पीछे भागने लगते हैं
00:08अपनी बात करो ना दुनिया जाती है तो जाती है तुम क्यों भागते हैं तुम क्यों भागते हैं तुम भागते हैं सावन होगा
00:35जैसे नए नवेले किसी 30 किलो के पहलवान को हेवी वेट खड़ा कर दिया गया हो
00:40बॉक्सिंग रिंग में टाइसन के सामने नौक आउट देड़ सेकेंड में नौक आउट यही हालत होती है ना विशाय के सामने
00:48तुमने अभ्यास कर रखा है 35 किलो के बने रहने का तो जब विशाय सामने आते हैं तो तुमको उड़ा ले जाते हैं
01:01प्रणा माचर्रीजी मेरा नाम सोमय है मैं भुगनिश रोडिस्ता से सो मेरा आज से हमको तरह जला कि आसे सकता है कि जो भी अनित्य अबजेक्ट्स वो हमेसा हमको धोका देती है
01:19अग्यान से हम जब उसको देखते हैं तो हमको नित्य अनित्य में भेद बदा सकता है बट फिर भी हम देखते हैं कि जो भी मार्केट में के बजार में जो भी कुछ नया प्रड़क्ट कुछ भी आया तो लोग कुछ सोचे बगर कुछ भी किये बगर उसके पीछे भागने �
01:49पीछे भी जाते हैं उसके लिए उनको मतलब बहुत ही जैसे कि साइबर फ्रॉड हो गया उनको फेस करना पड़ता है बड़ स्टिल वो उसके पीछे बाग गए और वो हम दिखते हैं कि धर्म के ख्यत्रे में जो बाबाजी लोग है वो भी बोलते हैं कि तुम एव इसको करो �
02:19अपनी बात करो ना दुनिया जाती है तो जाती है तुम क्यों जाते हो
02:31कि मुस्कान अपनी बात आते हैं सब क्यूट हो जाते हैं
02:49जिल मिल से तारों सा आंगन हो
02:58देखा देखा चीखता हुआ मौन
03:07और कितनी इन्होंने बात पटुता से वो दूसरे लोग ऐसे करते हैं ऐसे भागते मैं का तुम क्यों भागते हैं
03:21कि जैसे बिटा तुमको अपने अंगना में शावन बरसाना है वैसा ही पूरी दुनिया को बरसाना है
03:37जेच जवाब है, दुनिया को समझना है न तो स्वयम को समझ लो परयाप्त होता है, स्वयम को समझे बिना दुनिया को ले करके प्रश्न करना क्या लाब है?
03:56भागे हो कि नहीं भागे हो, अच्छे से मुंडी हिला तो, गर्दन को कुछ भी आयाम भी मिलेगा,
04:07भागे हो ना? अब तो ऐसे ही, जैसे एक जीव है, वही मूल वृत्ति सब जीवों में हैं,
04:21महा माया सब में बैठी हुई है,
04:30क्या हो जाता है जब सामने विशय कोई आता है?
04:37एक दम धोबी पार्ट है न? जैसे नए नवेले किसी 35 किलो के पहलवान को हेवी वेट खड़ा कर दिया गया हो,
04:49बॉक्सिंग रिंग में टाइसन के सामने है,
04:57क्यों?
05:01तोचो,
05:03सोचने में ही फूल खिल जा रहे हैं,
05:08बॉक्सिंग वाला लंबा कच्छा पहन कर,
05:10नॉकाउट,
05:15डेढ़ सेकेंड में नॉक आउट यही हालत होती है न विशाय के सामने
05:21डेढ़ सेकेंड में नॉक आउट तो बस
05:28तैसन के भी गलती नहीं है तैसन को हराया भी बहुत होने था
05:31होली फीड्ल ने अच्छे से हराया था हराया था हराया था न होली फीड्ल ने हाँ
05:38मेरे खिल दो बार राया था।
05:40टैसन ने कुरे था।
05:42बात यह नहीं कि विशह टैसन है।
05:50बात यह है कि तुमने अभ्यास कर रखा है 35 किलो के बने रहने का।
05:55तो जब विशह सामने आते हैं तो तुमको उड़ा ले जाते हैं।
06:04ठीक बोल रहा हूं।
06:08और दोश हम फिर विशह को दे देते हैं कि मैं क्या करूं।
06:13यह कास्टर स्पेल।
06:17अवस्चांट।
06:19अवस्ट।
06:22कुछ भी बात नहीं है।
06:24कि उस प्षण में नहीं हुआ तुम डेड़ जो सेकेंड का वह अंतराल था उसको क्यों तुम दोश दे रहे हो कि उस डेड़ सेकेंड में मुझे इतनी जोर का पड़ा कि मेरा नौक आउट हो गया।
06:35तुमने जीवन भर बिलकुल फैदर वेट रहने का अभ्यास करा है।
06:41तो इसलिए विशया करके तुमको ले जाते हैं।
06:46और वह अभ्यास प्रतिपल होता है।
06:55ग्यानियों के हाँ जाओ।
06:58क्या कहते हैं कबीर साब। कहते हैं कि यह जो माया है
07:03इसको मैंने अपने यहां पर खाना बनाने काम पर लगाया है।
07:06और यह आती है और कपड़ा बरतन करती है।
07:11चूला चौका करती है जाडू पोचा करती है खाना बनाती है।
07:16इसको मैंने इस काम पर लगा लिया है।
07:18कहते हैं कि हाट में बैठी थी बहुत बड़ा फंदा ले करके पूरी दुनिया को फसा रही थी फिर वहां कभीर गया फंदा ही काट दिया गया कभीरा काट
07:48माया तो पापिन बड़ी फंदले बैठी हाट सब जगजा में फसिया गया कभीरा काट माया अगी बात नहीं है तुम काटने वाले क्यों नहीं हो
08:09और जैसे तुम काटने वाले नहीं हो वैसे दुनिया नहीं काटती
08:18दुनिया को देखो दुनिया की मुर्खताओं को तो अपना स्मराड आ जाना चाहिए ना
08:24मैं भी वैसा ही तो हूँ
08:27थोड़ा उपर थोड़ा नीचे उननीस बीस का मामला है आरे ये बात है तुम बड़ी लड़ाईया कोई एक जख नहीं हार जाते हो
08:47नेवर एट वन्स तुमने पल पल छोटी छोटी लड़ाईया हार करके बड़ा गहन अभ्यास करा होता है बड़ी लड़ाई हारने का
09:03पर जब छोटी लड़ाई तुम हारते हो या घुठने टेकते हो तब तुम्हें जरा बुरा नहीं लगता तब तुम्हें लगता ही तो चीजी छोटी सी तो थी
09:15जिम गए वो ट्रेनर बोल रहा है कि अभी रुकिये वेट्स नीचे नहीं रखने हैं 15 रेप्स करिये अभी आपके 12 ही हुए हैं तो वो बोल रहा होगा
09:36अब नहीं हो रहा है यह तुमने अभ्यास कर लिया ना हारने का और तुमको लगता है तो छोटी सी बात है तो कुछ है
09:46नहीं नहीं मर जाते तीन और कर लेते तो पर तुमने अभ्यास कर लिया हारने का छोटे छोटे छोटे छोटे अभ्यास करके तुम्हारे सामने जब कोई विज्यापन दाता कोई कोई व्यापारी कोई विक्रेता कोई लुभावना विश्य लेकर आता है तो तुम बह निकलते
10:16कि इतने बज़ेक बाद मत खाना कि लिवर आते कुछ खराब है कि अब रात में भूंख लगी जाकर है है है है थोड़ा साही तो खाना है कि फ्रिज में रोटी रखी थी निकालके खा लिए
10:34अच्छा लगता है कि पापी पेट लिए या से सब्सक्राइब
10:41हुँ चोरी थोड़ी करिये डाका थोड़ी डाला है खून थोड़ी कर रहा है एक रोटी तो खाई अबनी फ्रिज से
10:53कि तुमने हारने का अभ्यास कर लिया
10:59कोई ऐसा व्यक्ति है जिसने करिया नालाइकी और उसे कर्मफल मिलना चाहिए
11:05हम और तुम भी जानते हो नालाइकी तुम्हें दिख रहा है कि उसको अब यदि यहीं पर फल नहीं मिलता है तो और नालाइक
11:14बनेगा पर फिर वो सारी नालाइकी करके तुम्हारे सामने लाल गुलाब लेकर आ जाता है
11:19उच्छार करके दो-चार चुम्बन फेकता है और तुम माफ कर देते हो गुटने टेक देते हो यह तुमने हारने का अभ्यास कर लिया
11:32और दुनिया का हर वियापारी हर विक्रेता जानता है कि तुम हारे हुए लोग हो
11:43उसको तुम्हें बस कुछ चीजें ऐसे गाजर की तरह लटकानी है
11:49और तुम हाँ चले जाओगे दोश उसको मत देना दोश अपनी दिन प्रतिदिन की हारों को देना
12:00हर छोटी छोटी चीज में हारने का अभ्यास और क्या बोलकर हार को सुईकार करना अरे छोटी सी तो चीज है
12:06तो एक बात बताओ लाला छोटी सी चीज है तो तुम हार गए
12:11और दलील दे रहे हो कि छोटी सी ही तो चीज है इसलिए हार गए
12:16तो जब तुम छोटी सी चीज में भी हार रहे हो
12:20तो बड़ी चीज में तो हार होगे ही
12:23क्या कुतर कर रहे हो कि छोटी सी चीज अगर हार भी गए
12:27तो इसमें इतना क्या आड़ना
12:29जब तुम छोटी सी चीज में भी निए पारे तुम बड़ी चीज में क्याड़ोगे
12:32पर तुम्हारा तरक उल्टा चलता है क्या तो नहीं छोटी सी चीज है इसमें
12:39भाई सच्चाई की बात है न नहीं वो आकर के घर में ताऊ और फुफी कर रहे थे
12:47बखवास
12:53मोह नहीं फो ॉवाले जलील बाते करें बिलकुल तुम्हारे पर पर नहीं है
12:59है कि और उनके लिए भी तुम कुछ अच्छाही करोगे अगर तुम उनकी बातों को काट दोगे
13:04उनके अंधेरे पर थोड़ी रौश्णी डाल दोगे उनका भी भला होगा पर तुम कहते हो नी छोटी सी बात है हमने बहस में पढ़ना सही नहीं समझा बहस में पढ़ना चाहिए
13:15नहीं वो फलाना हमारा वाट्सेप पर उस पर नलाइकी चलती रहती है
13:22हमने गुरुफी छोड़ दिया क्यों छोड़ दिया क्यों छोड़ दिया जिन्हें सफाई करनी हो उन्हें तो गंदी जगहें ढूंड ढूंड कर प्रवेश करना चाहिए
13:36करना चाहिए न
13:41तुम छोड़के आ गए
13:42क्यों छोड़कर आ गए रुको
13:44अंगत की तरह पाओं
13:46जमाओ
13:47और गर्जना करो
13:50पर यही तुम
13:53आदट डाल लेते हो
13:56पीछे हटने की
13:57देखो
14:05बैटल ट्रिवियल वही है
14:09वन इट इस बैटल
14:11फॉर दा ट्रिवियल
14:12छोटी लड़ाई का
14:17मतलब यह नहीं है
14:18कि थोड़ी इसी बहस
14:21छोटी लड़ाई का मतलब है
14:22छोटी बात के लिए लड़ाई
14:24जहां
14:26सत्यमुद्दा हो
14:28महां कोई लड़ाई छोटी नहीं होती
14:30मैंने तुम्हें छोटी लड़ाईयों से
14:33पीछे हटने को कहा है
14:34और छोटी लड़ाई से मेरा आशा है
14:36battle for the trivial
14:37छोटे मुद्दे के लिए
14:40जहां कहीं भी रसा कसी चल रही हो
14:42वहां पीछे हट जाओ
14:42हमें नहीं पढ़ना इसमें
14:49हम
14:51दुकान में ख़ड़े हो
14:53नहीं भाया पहले हमेरा माल दो अब तो लओ आ लिजिये पहले
14:56यह इतनी बड़ी बात नहीं कि इसके लिए मापसे
14:58बहस करें ले लिज़े आप इन पता है कि आप पीछे से दबर दस्ति
15:03आए हैं पर आप ले लीजिए हमें इसमें नहीं क्योंकि दिस्वन इस बैटल फॉर्ड ट्रिवियल पर जहां कहीं भी मुद्दा सत्य होगा वहां पर लड़ाई छोटी नहीं हो सकती क्योंकि सत्य बहुत बड़ा है
15:18वहां पीछे मत अड़ जाना ये कहके कि ये तो छोटी सी बात है इसमें हम क्यों उल्जें उल्जो उलजना सीखो
15:25बड़ी चीज के लिए लड़ी जा रही लड़ाई कभी छोटी नहीं हो सकती
15:33कुछ आ रही है बात समुझो है
15:37जल्दी से रिवर्स गेर मत लगा दिया करो
15:41अड़ना सीखो और बढ़ना भी सीखो
15:44जहां कहीं कुछ सामने आया
15:48किसी ने थोड़ी दबंगाई देखाई
15:51वहां तुरंद क्या करा? रिट्रीट
15:53नहीं
15:56हां कोई विक्तिकत स्वार्थ की बात हो
16:01भट जाओ पीज़े
16:01इसमें कोई अगर कुछ हमारा कर भी गया तो
16:11विक्तिकत बात थी जहल लेंगे
16:13इसमें सत्य नहीं लगा था दाओं पर
16:16कोई बात
16:21तुमारा डोसा रखा था
16:23कोई आकर आधा उड़ा ले गया
16:25या पूरा भी ले गया तुम्हें भूखा रहना पड़ेगा
16:27ठीक है
16:28दोस अई ता है
16:33छोटे मुद्दे के लिए
16:40बड़ी लड़ाई भी छोटी है
16:42उसको छोड़ देना
16:44भले उसके लिए विश्युद्ध हो रहा हो
16:46छोटे मुद्दे के लिए लड़ी गई
16:49भी बड़ी लड़ाई को भी छोटा जानकर छोड़ देना
16:52भले ही वो विश्युद्ध हो
16:53और बड़े मुद्दे के लिए अगर छोटी सी भी लड़ाई हो रही हो
16:58तो तुमने सत्ते द्रोह करा है
17:00कदम अपना जरा सा भी पीछे खींच कर
17:03और कुछ एकदम तुमने रेल गाड़ी की तरह शुरुआत करी थी धर धर धर धर धर दुनिया ऐसी है लोग जलील है यह करते हैं वो करते हैं
17:19और तब से ऐसा लग रहा है कि तुम्हें बत्ती ही नहीं मिल रही आगे बढ़ने की एकदम वहीं रुखी गए
17:27तुम बताओ ना जिम और शुगर दोनों का संबन तुमारी देह से है तुमारी देह अगर किसी ट्रिवियल काम के लिए ही है
17:51तुमारी जिन्दगी अगर ट्रिविया को समर्पित है तो क्या जरूरत है इस देह का ख्याल रखने की परजों मरेगी कल मर जाए
18:01निर्भर करता है क्योंकि शुगर और जिम दोनों का रिष्टा किस से है देह से है तो तुमने अपनी देह किसको समर्पित कर रखी है
18:11तुमारी देह है इसलिए कि दुनिया को भोगूँगा जानवर मारूँगा जंगल काटूँगा बच्चे पैदा करूँगा ये वो आग लगाऊँगा ये है
18:18साधारण मुझे जुन्नों की दिन्दगी जीनी है अगर इसलिए तुम्हारी देह है तो फिर तो कोई बात नहीं शक्कर का पूरा बुरा खा जाओ
18:28धर्ती का बोज हलका करो जल्दी ते जल्दी विदा हो जाओ
18:35पर अगर तुम्हारी देह किसी सार्थक उद्यम के लिए है तुम्हारी जिन्दगी का कोई आचित्त है असली
18:46तो फिर देह की लड़ाई लड़ना बनता है
18:53फिर अपने आप से पूछा करो कि ये जो देह है मेरी ये क्या मेरे लिए है नहीं
18:58ये देह तो इस दुनिया के लिए है ना इस देह पर न जाने क्या क्या आश्रित है
19:03तो इस देह को अगर मैं बरबाद कर रहा हूँ
19:06तो फिर तो मैंने नजाने कितनों को बरबाद कर दिया
19:08लाख जानवर हैं जो मेरी इस देह के भरोसे जी रहे हैं
19:15जिनकी जिन्दगी ये देह बचा सकती है
19:16लाख लोग हैं जिनको रोशनी ये देह दिखा सकती है
19:19तो ये देह मेरी निजी तो हुई नहीं
19:23कि देह तो अब सारजनिक है
19:26बहुतों की है ये देह
19:27तो मुझे इस देह को थोड़ा बचा लेना चाहिए
19:29फिर इस देह के लिए अड़ना सीखो
19:32तो निर्भर करता है कि तुम्हारी देह किसके लिए है
19:35जातर लोगों की दें बस उन्हीं के लिए होती है
19:40तो उनको तो मैं कहूंगा जिम के पैसे बचाओ
19:44क्या कर रहे हो तुम ये तुम
19:48हजार दो हजार रुपया जिम में देते हो बचाओ बचाओ
19:51उससे शक्कर खरीदो
19:54खूब खाओ
20:05और साल खत्म होने से पहले खुश्खबरी सुना और और कुछ
20:19कि माधिस्थ
20:26कि नहीं समझ में आगे लोग कितने कितने सभागेशाली होते उन्हें
20:35इतनी जल्दी समझ में आ जाता है मुझे तो आज तक नहीं समझ में आया यात्रा पर रहना
20:44समझ कोई मकाम नहीं होती कि समझ आ गया जैसे ट्रेन में कहते हो कि अब कानपूर आ गया
20:56समझ आ गया जैसा कुछ नहीं होता है समझते रहना होता है एक सतत प्रक्रिया है ठीक है समझते रहो
21:05कितना प्यारा आशिर्वात भी है न यह थोड़ी की आयुशमान रहो कि जीते रहो कि फलते पूलते रहो इतना प्यारा आशिर्वात है समझते रहो
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