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00:00तो being a single mother I just wanna ask you these questions because I have responsibility of two kids I'm raising
00:05एसी चीज़े जब होती है हमारे घर में तो next generation के लिए या बच्चेों के लिए हमारा क्या दुष्टिक होना चीए
00:12छोटे बच्चे होते मैंने देखा है उनको चलो ऐसा करो ऐसा करना होता है करो
00:17तुमने डर बठा दिया उसके भीतर वो लड़की का कान छेदवाने से उसकी कामवासना कम हो जाती है नहीं तो वो न वेभिचारनी बन जाएगी पराय मर्द के पास चली जाएगी
00:28फुले पिक्चर देख करके आए उसमें आपने देखा कि वहाँ पर जो दलित वर्ग था उनका विवाह महात्मा फुले बोले मैं ही करा देता हूं तो उनको खुद ही करा लिया तो जो पुरो ही तवर्ग था उसने मुकदमा करा और मुकदमे में क्या बोला मुकदमे में ब
00:58नमस्कार आचारे जी पहली बार आपको off the screen देखा है पहली बार और पहली बारी मेरा सव भाग्या है कि मुझे प्रश्ण पूछने का मौका मिला प्रश्ण मतलब अपने जिग्यासा आपके समाक्ष रखने का तो मेरा ये प्रश्ण मेरी जिग्यासा है जैसे जैसे हम अध्य
01:28बच्पन से परोशा गया है उसमें कितना जूट है और कितनी कालपनिक चीजे हैं तो जैसे हमने देखा है हम हर कोई किसी धर्म या संस्कृति से आता है तो उसके घर में जनम के समय मृत्तियू के समय पर्टिकुलर्ली कुछ ऐसे रिच्वल्स होते हैं otherwise भी घर में भी होते
01:58हो रखते हुई तो वहां पे जैसे की होता है कि सब्भाय भूलाकर सबको दूसरे दूनिया की कहानिया सुना तो अलब ल cookie सिरुदए तो ऐसी कहानिया नहीं चलती है तो एसी चीज़chyज़ों होती हैag क्या दुन होना चाहिए क्या हमां यहां घर में या हमारे समाज में जो
02:28अपने जीवन में फेस करते हैं सबका त्याग कर देना चाहिए विकिस वी आरवेर अवेर अफट हाव डू वी मेक आर चिल्टर ऑफ दाट क्या उनको बोलते कि सब त्याग दें हमें खुद भी तो फिर बतलब जिसमानों कि क्या दृष्टिकोन होना चाहिए हमारा उनके प्
02:58परिणाम होते हैं बहुत खतरनाग होते हैं अच्छा करा सवाल पूछा है अपने जो जरूरी हो करो न तो फिर मुझे यह नहीं समझ भी आता कि इसमें जरूरी क्या क्योंकि कहीं ना कहीं जरूरी है कि शादी कर रहे हो तो जाके रिजिस्टर करा लो पर उसमें बागी ता
03:28बागी जो कर रहे हो क्या करोगे उसका उसे क्या होता है यह भारी बंधन रहता है
03:48मैं गया था अभी सेस्टी क्लब दिल्ली उनियूरस्टी के एक कॉलेज का
03:59तो उसके बाद वहां बात होने लगी वहां के लोग थे
04:07हम ऐसे गाउं से भी आते हैं हम ऐसे कुछ लोग जहां पर भारी जातिगत दुर्वे वहार है भारी
04:16जो अभी भी इस स्थिती है कि गाउं है ऐसे और गाउं के साथ एक सेटिलाइट जैसा एरिया जो है वो बाहर है गाउं के
04:27जो कहने को गाउं का हिस्सा है पर वो गाउं से बाहर है
04:31यह शेहरों के सबर्ब्स होते हैं न तो ऐसी गाउं के बाहर एक अलग बसती है
04:37हम अभी भी उसमें रहते हैं वो अच्छूत बसती होती है
04:40लेकिन हम हर गाउं के साथ होते जरूर हैं क्योंकि बहुत सारे काम है गाउं के जो हम ही लोग करते हैं
04:47तो हर गाओं के साथ ऐसी एक बस्ती जुड़ी होती है
04:50हर गाओं के साथ नहीं होती होगी
04:51वो जिन पिछले गाओं की बात कर रहे हैं
04:53वहाँ होती होगी
04:53हर गाओं के साथ ऐसे जुड़ी होती है
04:57अच्छूत बस्ती और वहाँ हम लोग रहते हैं
04:59और वो हमें छोड़ भी नहीं सकते गाउवाले क्योंकि कुछ काम है जो सिर्फ हम ही करते हैं तो ऐसी बस्ती होती है
05:05हम बहुत कोशिश करते हैं पहले तो समझाने सुधारने की बात करी क्योंकि हमारे यहां से कुछ बच्चे हैं उपढ़ लिख भी गए हैं
05:13समझना सुधारना नहीं इनको हमने यह तक करा हम बहुत हो जाएं हम में से कुछ लोग बहुत हुए भी पर फिर वह वापस आ जाते हैं इसी नरक में सर्णे के लिए मैंने पूछा क्यों बताईए विस्तार में बहुत है रिचूवल्स
05:31हम गरीब गाओं छोटा सा बौध मंदिरी नहीं है असपास तो बच्चा पैदा हो रहा है तो जनम के संसकार कहां कराएं शादी बया कहां कराएं मौत हो रही है तो किसी साब से उसको जलाएं तो रिचूवल्स करने होला कोई नहीं है तो रिचूवल्स करने होला कोई नही
06:01अभी भी क्या कहा जाता है लड़का नहीं पैदा होगा तो लाश को आग कौन देगा
06:18समझ में आ रहा है इस भारत में जो करोडों भुरून हत्याएं हुई है भारत की आबादी में से चार करोड महिलाएं गाया भई चार करोड मारी गई है यह चार करोड इस रिचूल के मारे मारी गई है यह जो कपाल क्रिया होती है वो पुत्र ही करता है और मुह में आग भी प
06:48भटकेगी और तुम्हें बताए जाता है कि तुम बुरे तरीके से मरने के बाद तडपोगे तो बाप कहता है बाप रे बाप ये बेटा चाहिए बेटा नहीं तो मैं अनंत समय तक तडपता रहूँगा
06:58अब बेटा चाहिए तो इसमारे चार करोड लड़कियां कम से कम मार दी गई है क्योंकि ये रिचूल है कि पुत्र ही करेगा ये काम
07:07मेरे तो ना पुत्र ना पुत्री मैं तो अब अनंत समय तक अंतरिक्ष में भूत बन के भटकने वाला हूँ
07:16खुफिया खटना ही हूँगी आपके हरो में मेरे मरने के बाद वो जान ले ना मैं ही हूँ
07:24मतलब देख रहे हो बात कितनी दूर तक जाती है
07:34गीता की पूरी शुरुआत ही किस से है अरजुन क्या कह रहे हैं
07:38अरजुन कह रहे हैं यह सब खट्री अगर मर गए तो यह जो हमारी महिलाएं है
07:43यह जा करके निचले वर्णों से विवाह कर लेंगी संबंध बना लेंगी उनसे वर्ण संकर पैदा हो जाएंगे
07:52प्रतिलोम विवाह हो जाएगा
07:55विचेशकर अगर शुद्रों से जा करके
07:57इन्होंने संबंध कर लिया तो
07:58और उनसे जो अलादे पैदा होंगी
08:00वो जब जा करके
08:03श्राद्ध हो गएरा में
08:04और तरपन देंगे
08:07तो जो हमारे पितरों की जीवात्माएं हैं
08:11वो स्विकार नहीं करेंगी तो भूखी रजाएंगी तो कुरुद्ध हो जाएंगी तो श्राब देंगी
08:16एक रिचुवल के मारे
08:22माभारत का युद्ध हारने की नौबत आ गई थी
08:27युद्ध करते ही नहीं और अर्जुन
08:32यह पूरा कर्मकांड होता है न कर्मकांड
08:38बड़ी खतरनाक चीज होता है समझिएगा इसको
08:42यह वास्तविक धर्म से कोसों दूर की बात है
08:47यह आपको सांतुना दे देता है कि आप धार्मिक आदमी हो जबकि आप धार्मिक हो नहीं सच में
08:53पर आप कुछ क्रियाओं का प्रथाओं का पालन कर रहे हो तो आपको लगता है आपको भर्म हो जाता है कि मैं धार्मिक हूँ
09:00जबकि वास्तविक धार्मिक ता बिलकुल दूसरी बात है
09:02वास्तविक धार्मिकता गीता के दूसरे अध्याय से 18 अध्याय तक है
09:08और आप हो गीता के पहले अध्याय वाले अर्जुन
09:13पर आपको ये भ्रम हो जाता है कि आप भी धार्मिक हो
09:16गीता के पहले अध्याय में जो अर्जुन है
09:22वो कहां कृष्ण की सुन रहे हैं
09:25वो तो कृष्ण को बोल चुके हैं कि मैं युद्ध नहीं करूँगा, ये स्पष्ट शब्ध है, मैं युद्ध नहीं करूँगा, ये कहके अर्जोन धडाम से रत पर बैठ गए, आप गीता के पहले अध्याय वाले हो, आप रिचूलिस्तिक आदमी हो, लेकिन फिर भी आपन
09:55मज़े की बात लगती है कि गीता में जिस अध्याय का सबसे कम उल्लेक होता है, वो पहला अध्याय है, जबकि पहला अध्याय ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, पहले अध्याय में ही आपको आईना दिखाया जाता है कि ये तुम हो, देखो अर्जोन की दशा, ये त�
10:25आपने क्या माना कि आपकी अर्जुन की दशा है, आपने वो तो माना ही नहीं, तो ग्यान भी आपके काम नहीं आएगा,
10:40और रिचूल्स चली किस हिसाब से हैं, अभी आप लोग फुले पिक्चर देख करके आए, उसमें आपने देखा कि वहाँ पर जो दलित वर्ग था, उनका विवाह, महात्मा फुले, बुले मैं ही करा देता हूँ,
11:07तो उनका खुदी करा लिया, तो जो पुरोहित वर्ग था, उसने मुकदमा करा, और मुकदमे में क्या बोला,
11:18मुगदमें बोला ये तो हमारा एकाधिकार है
11:23हमारी मोनोपोली है
11:24ये तो हम कराते है
11:26तो उनका ये कोई बात है
11:29ये तो उसका व्यक्तिकत मामला है
11:31दाड़ी बनाने जाएसा उन्होंने खुद कर लिया
11:32तो कर लिया तुम कहे को बीच में आ रहे हो
11:34तो आगे जो बात बोलते हो
11:36कितनी रोचक है
11:37वो बोलते है ये हमारी रोजी रोटी है
11:38तो मैं खुद शादी करनी है तो कर लो
11:40लेकिन देख्षडा हमें भिजवा देना
11:42ये है रिचूल
11:44बिना कुछ कामधाम करे आयका स्रोत
11:49तो इसमें आ रहा है
11:53क्यों इतना जरूरी माना जाता है
11:54लोग धर्म में कि तुम रिचूल का पालन करो
11:56क्योंकि पता नहीं कितने लोगों की
11:58आमधनी उससे जुड़ी हुई है
11:59और उन्हें बिना कुछ करे धरे
12:02पैसा मिलता रहा है सदियों से
12:03तो जो अंग्रेज जज था
12:06वो क्या बोलता है उस पिक्चर में
12:08नो वर्क
12:09नो मनी
12:12ये बात लेकिन हमें नहीं कभी समझ में आती
12:15क्यों उसने करा क्या है जिस बात का
12:16में इतना मोटा पैसा उसको दे रहा हूं
12:18उसने रिचूल करिये
12:19और ये करके हमने उस पैसा पाने
12:26वाले को भी बर्बाद कर दिया
12:27क्योंकि अगर वो यूहीं बैठे बैठे
12:30जंतर मंतर करके पैसा कमा रहा है
12:33तो अपनी जिंदगी भी तो बर्बाद कर रहा है
12:34कि नहीं कर रहा है
12:35उसकी जिंदगी में भी उसे कहां
12:38संगर्ष का आनंद चखने को मिलेगा
12:40उसे अभी स्वयम भी कहा आप वास्तविक धर्म या वास्तविक सत्य मिलेगा नहीं मिलेगा न तो आपने दोनों को बरबाद किया खुद को भी और उसको भी जिसको आप बुलाते हो कि आओ रिचूल करा दो पर रिचूल तो हर धर्म में चलती है
12:54माना जाता है कि संस्कारों के बिना धर्म होई नहीं सकता
12:58और सब धर्म के अलग-अलग संस्कार होते है
13:00और इन्ही खूब लड़ाईयां भी होती है
13:05दूसरे पर हसते भी हैं
13:08देखो ये लोग ऐसा करते हैं
13:09वाता है इनके यां शादी में क्या करते हैं
13:11पता है पार्सी लोग कैसे होते हैं इंकर नहीं होता हैं टावर्स अफ साइलेंस यह न मुर्दे को जलाते भी नहीं गाणते भी नहीं मुर्दे को जाकर वहाँ छोड़ाते हैं चिछी एक दूसरे का मजाग भी बना लेते हैं
13:23समझ में आ रही है बात ही है
13:33और आत्मी बहुत डरता है इस बात से
13:37कि अगर मेरी फलानी रिचूल नहीं हुई
13:39तो मेरा क्या होगा
13:41और ऐसी बारीक रिचूल बनाई गई है
13:46कोई भरोसाँ
13:46अब यह होता है आपका यग्योपवीत संसकार
13:49पता है जो
13:51जो धागा ब्रामण का होता है
13:53वो धागा च्छत्रिय का नहीं हो सकता
13:56उनके अलग होते है
13:57वो वैशे का अलग होगा बिलकुल
14:04और यह सब बारीकिया किसको पता होती है
14:08वो कराने वाले को
14:09इसी बात का फिर आप उसको
14:11और इन बारीकियों में कुछ रखा है
14:13ये कोई ग्यान है जो पता होना भी चाहिए
14:15पर आप इसी बात का उसको दे रहे हो
14:18और आपको जब वो सब
14:19नहीं होता आपकी जिंदगी में तो आप ही सहम जाते हो
14:22कहते ओ माई गॉड
14:23मेरे बच्चे की तो फलानी चीज हुई ही नहीं
14:28जरूर अब इस पर
14:30कोई बुरी आत्मा का साया पढ़ने वाला है
14:33हमें धार्मिक होना है
14:41अंधविश्वासी नहीं
14:44हम सत्य को पूझते हैं माननेता को नहीं
14:58हमें कृष्ण पसंद हैं
15:00साकार कृष्ण है
15:05गीटा के रूप में हमारे सामने
15:07कृष्ण के नाम पर कलपनाएं थोड़ी चाहिए हमें
15:10कोई पूछे कि सगुण कृष्ण
15:14देखे हैं कभी हाँ हमने देखें
15:15अमरोज देखते हैं भगवद गीता है न
15:17भगवद गीता है
15:19सुनाई देती है न भगवद गीता
15:21और जो चीज सुनाई देती है और सगुण हो गई न
15:23तो बस हो गया
15:25थारी मुझे से भी उनको
15:31समस्य यह यह यह तुम बताओ
15:33तुमारी दीक्षा हुई है
15:36अब मैंने कैसे बताओं कि कैसे हुई है
15:41और किसने कराई थी तुमारी समझ में ही नहीं आएगा
15:43तुमारे बूते से आगए कि बात है मेरी दीक्षा
15:46यह बताओ वो वाली अंगूठियां कहां है
15:50धागा बांदे तुम्हें कभी देखा नहीं
15:53यह कलाई ही धागा है
15:57अच्छी है
15:58कोई समस्य आए
16:00प्रक्रति मा की दी हुई कलाई है
16:04कोई समस्य आए इसमें
16:05यही धागा है इससे बड़ा क्या धागा चाहिए मुझे
16:08और वो कहां है सब
16:12और वो कहां है और वो कहां है
16:14मुझे मेरे शरीर को लेके कोई समस्या नहीं है
16:21महा मा का दिया हुआ शरीर है
16:23मैं इसको अपर्याप्त नहीं मानता
16:26कपड़े पहन लेता हूँ
16:30ठंड गर्मी और असे बचने के लिए
16:32पर मुझे नहीं लगता कि मुझे
16:33इसकी शुद्ध के लिए बाहर प्रतीक धारन करने की जरूरत है
16:38या कि किसी को कुछ इंगित करने के लिए
16:45किसी को जटाने के लिए
16:46मुझे किसी रिचुवल की या प्रतीक की जरूरत है
16:50आर ये बात समझे
17:03आदमी को जड़ बना देता है
17:10कर्मकांड के प्रते अंधा अनुशासन
17:14छोटे बच्चे होते मैंने देखा है उनको
17:17चलो ऐसा करो ऐसा करना होता है करो
17:20तुमने डर बैठा दिया उसके भीतर
17:23चलो बिटल जे जे बोलो जे जे बोलो
17:27मैंने उन्हें सही मैं जे जे बोलते सुना है
17:33उन्हें तुम डाल तो रहे हो
17:34इंटरनेश्नल मीडियं में
17:36हिंदी तुमने उनको सिखा यह नहीं
17:39वो सचमो जे जे बोल रहे होते हैं
17:41उनसे कुछ पूचो कर तुम
17:44गॉड माइने क्या तु लिखेंगे जे जे
17:47न वो जय जानते न पराजय जानते तुम क्या करवा रहे हैं उनसे
17:53तुमने बचपन से ही उनकी चितना पर प्रहार कर दिया उन्हें लकवा मार जाएगा भीतर से
18:01समझाना एक बात होती है और प्रथा का अंधा अनुकरण बिल्कुल दूसरी बात होती है
18:17फिर आप अगर हिंदू हो तो आप शुरुति के धर्म से हो बताओ शुरुति में कहा लिखाए ये सब
18:31ये सब प्रथाय तो किसी समय पर किसी जगह पर शुरू हुई और इसलिए प्रथाय जगह जगह पर इतनी बदलती रहती है
18:39कहीं कुछ चलता है
18:44बोलते हैं हमारे हाँ ऐसा करते हैं
18:46हमारे हाँ ऐसा
18:47सब के हैं शादी भ्याँ एक तरीके से होते हैं
18:49सब जगह अलग अलग तरीके से हो सकते
18:51तो इसमें क्या सनातन है
18:53जो चीज हर
18:54चार को उस पर बदल रही है उसमें सनातन क्या है
18:57बहुत सारे तो अब तेरहवी भी तीसरे दिन कर देते हैं
19:06क्या सनातन है पंडित ही आगी करा जाता है
19:10तीसरे दिन तेरहवी
19:14मैंने का यह देखो यह असली आध्यात्मिक आदमी है
19:19इन्होंने समय की गतिव बदल दी
19:23तीन का तेरा
19:24अब फिर जब पाते हो कि तुम्हारी इन प्रथाओं में कुछ रखा नहीं है
19:39तो तुम उनके लिए जूटे व्यग्यानिक आधार गढ़ते हो
19:43बिल्कुल जूटे
19:45ताकि किसी तरीके से यह जो भी पुराना प्रवाह है इसको तुम कायम रख सको
19:50वो लड़की का कान छेदवाने से उसकी काम वासना कम हो जाती है
19:55नहीं तो वो न वेभिचारनी बन जाएगी पराए मर्द के पास चली जाएगी
19:58यह तुक है
20:02लड़की के दोनों कान छेदवाने से उसकी काम वासना नियंतरण में रहती है
20:07तो काम वासना ज्यादा पुरुश में होती है
20:12बला चाकारी तो वही घूम रहे होते हैं
20:15इन सब का पकड़ के सब छेदी दो
20:16अगर इसी से काम वासना नियंतरण में आती है तो
20:37कोई भी कर्म तब सही है जब सत्य से उठता हो
20:42ज्यानी के मामले में या सत्य की और ले जाता हो
20:49अग्यानी के मामले में
20:50प्रथा भी अच्छी हो सकती है अगर वो सत्य की और ले जाती हो
20:56समझदारी की और ज्यान की और ले जाती हो तो वो प्रथा अच्छी है
20:59पर जिस प्रथा के साथ कोई समझ जुड़ी ही नहीं है, उस प्रथा में क्या रखा है?
21:29मैं यहां जॉब पे भी आने के लिए बहुत कुछ हुआ घर पे लगभग एक दो महिने से ऐसी चीजे चल रही थी और इसके वज़े से मैं बहुत अंदर से डरी रहती हूं और एक भीतर हीन भावना रहती है हमेशे कि मैं कुछ करनी पाऊंगी या जो भी है तो एंड में तो
21:59मुझे हीन भावना जो रहती है कि मैं बहुत कुछ करनी सकती वो खातम नहीं होती है उसको प्रमानित कर दीजे भावना को कि आप कुछ कर सकती है वो भावना कालपनिक है और कुछ और कलपना करके आप पुरानी कलपना को नहीं हटा पाएंगी क्योंकि पुरानी कलपना ज
22:29तुझसे कुछ नहीं होगा, करके दिखा दीजिये
22:32आप यहاں नौकरी के लिए आईए नौकरी करिए
22:35जम के करिए, अच्छी नौकरी करिए
22:38पहली नौकरी ठीक नहीं है तो उससे बहतर नौकरी करिए
22:41सार्थक काम करिए, पैसा कमाईए
22:43खुद को भी � THाबित हो जाएगा
22:46दुनिया को भी साबित हो जाएगा
22:48कि हाँ मैं कर सकती हूं कौन कहता है नहीं कर सकती
22:50और फालतू के विचार
22:52तबी तक दिमाग में आते हैं जब जीवन
22:54खाली होता है जीवन को
22:56सारथक काम से भर दीजिए
22:57तो आगे पीछे के पुराने आगे के
23:00ना तो स्मृतियां आएंगी
23:02ना आगे की आशाएं आएंगी
23:04काम रहेगा
23:05उसी में डूब जाईए
23:06वो जब काम रहता है तो उससे अपने आप प्रगते हो जाती है
23:10खाली बैठेंगी
23:16तो यही सब
23:18अनुभव हैं पुराने यादें वही कचोटती रहेंगी
23:21जान लगा करके जो आज संघर्ष है
23:26उसको स्विकारिये
23:29भिड़ जाईए
23:31यह कि युद्धा जो जूजरा हो
23:34उसको समय मिलेगा क्या पुरानी बाते सोचने का
23:37अरजुन बान चला रहे हैं और याद कर रहे हैं कि
23:41भीम ने कैसे एक बार
23:42पटकी मारी थी
23:44याद आएगा और भीम तो रही होंगे ऐसे
23:48तो होई नहीं सकता
23:48तो चो ऐसे तीर लगा रखा सामने वाले की
23:53और अधर देखा तो वहां भीम खड़े हैं
23:56याने बच्पन में न ये
23:57बहुत मारता था
24:01आगा पीछा कुछ नहीं आदाता
24:07जॉब मिल गई है ना
24:17और अभी जिस भी तरह के मिली हो
24:21और बहतर जॉब खोजी है
24:22ऐसी ऐसी नौकरी करिए कि
24:27कृष्ण भी जिस पर कहें कि
24:29हाँ ये काम ठीक कर रहे हो
24:31ठीक है
24:33अचार जी एक छोटा से
24:37क्वेशन और था कि अभी अपने खाने
24:39को ले करके बात करी थी तो मैं
24:41अपने आपको अब्सर्व करती हूँ तो मैं देखती हूँ
24:43दिमाग खाने को लेकर करें पाइड रहता है अगर मैं की और खुम
24:51कि में मिखाने एक में आपिस्टेंज तो शाम में मुझे क्या खाना और यह जरु आह सा होता है कि
24:59यह ज्यादा तब होता है जब मेरा मूड ओफ रहता है या फिर मतलब किसी चीज़ से इसकेप करने की कोशिच में रहती हूं अगर सब कुछ सही चल रहा है तो फिर ऐसा माइड नहीं मतलब वो करता इतना ज्यादा खालिया करो कि बद्दुआएं दो खाने को कोई खाना लेक
25:29सरजरी हो रही है इतना खालिया क्या बोलो है चोटे-चोटे मील्स लेके चलो और क्या ज्यादा लग रहा है अभी लंच में एक घंटा है कुछ निकाल के खालो उसमें से अपने साथ खेल खेलने पड़ते हैं जहांसा दो खुद को एक डबा ले लीजिए उसमें तीन चार
25:59पैकेट्स बना लीजिए कि हर एक को दो-दो घंटे बाद उठाती जाओंगी चार पैकेट है हर दो घंटे में एक उठाके खालोंगी और क्या करोगा यही सब होता है मैंने कभी नहीं करा मैं ऐसी बोल रहा हूं
26:10कि यह नहीं पाता है सब क्या पता है इसे पता नियुक्त करने की कोशिस करें मतलब कुछ आशा है तो वहीं है और क्या है मुझे तो नहीं लग रहा है को देखके कि बहूत खाते हो पर जो असली काम है जो सामने उससे बचने के लिए सोचरों एक घंटे बाद लंच होगा �
26:40यह यह और थोड़ी कुछ
26:41आगे नीप पता मुझे इसमें यह इसका साव मेरे बाद कोई जवाब नहीं है
26:48तेंक यू सरु
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