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00:00मैं नेपाल से हूँ, जो भी आंदूलन हुए, 2009 की आंदूलन, इससे बड़ी आंदूलन थी, और उस आंदूलन में भी मैं किसी तरह से बाट से बढ़ था, मेरा भी हाट ब्रेक हो गया, तब तक लगता था कि कुछ होगा, कुछ नए चीजे होगी, क्रांती हो रही है, तो क�
00:30तो दम था, थोड़ी तो चफलता मिली, कहां मिली, क्या हुआ, वहाँ पर सोशल मीडिया बैन के बाद ये देखा जा रहा है कि युवाओं में बहुत आक्रोश है, और उस आक्रोश के वज़ा से वहाँ पर पार्लियमेंट में आग लगा दी गई है, जो प्राइम मिनिस्�
01:00भी है मुझे, कि खून बहा है, तो फिर अब तुम्हारी कुर्वानी सार्थक भी तो होनी चाहिए
01:05अचर जी नवस्क, मैं नेपल से हूँ, और करीब मैं 7-8 सल से यहां पर काम कर रहा हूँ, मैं जो भी आंदुलन हुए, इससे बड़ी आंदुलन थी, उससे पहले मैं
01:28क्लास 10 में पढ़ ला था उस टाइम, और मैंने जो भी वहां पर गिरे युद्ध हुआ, वह भी बहुती सामने से देखा हुआ है, और उस अंदुलन में भी मैं किसी तरह से पाट से बिट था, 2009 असपास, और उसके बाद, उस टाइम जो भी मौस्ट, वहां की लीडिंग प
01:58फिर मेरा भी हार्ट ब्रेक हो गया, तब तक लगता था कि कुछ होगा, कुछ नए चीज़े होगी, क्रांती हो रही है, तो कुछ चेंजे जोंगे, तो वह कुछ दिखाने, तो वहां से मेरा हार्ट ब्रेक हो गया कि ये चीज़ कुछ नहीं हो सकता है, अपना केरियर देख
02:28इसमें दो चीजे दिख रही है एक तो सफ्रेशन दिख रहा है प्रस्टाचार एजुकेशन नहीं है सारे लोग बाहर है जाना पड़ता है जो भी युवा बर्ग है आईदर गॉल्फ कंट्री जाते हैं वो लोग वहां पे कोई स्केल वर्क होता नहीं है या उनको इंडिया म
02:58उनके बच्चे बहुत ही मलब अच्छे पोजिशन में हैं विद्रोव की सुरुवात कहीं कहीं सोसल मेडिया ऐसे भी हो रही थी टिक टॉक या इंस्टाग्राम में टेक करो उनको और वहां पे अब क्या होगा बहुत ही जादा अस्तिरता है कोई भी प्रेडिक्शन नहीं क
03:28एंटी मोनार्की ऐसे रिवोलेशन करने की कोईसिस की गई तो मेरा कोईशन यह है कि ये सुरुवात रिवोलेशन की सुरुवात हमने बहुत देखी नेपाल में बहुत सारे हुई मगर कोई भी एक नया सुरुवात कहीं पे भी नहीं आ पारी है उसमें युवावर्ग को कै
03:58एंड अफ हमें यही होता है कि हम बाहर चले जाए या कहीं चले जाए और खुद का देख ले फिर हम जाकर कुछ करें
04:05यह तो वही है हार्ट ब्रेक ही है आप एक जवान आदमी की सारी उम्मीदें और सपने ले करके सड़क पर उतरते हो
04:29आप दिल से चाहते हो कि बदलाओ हो देश बहतर बने खुशाली आए लोग पढ़ें लिखें संपन्नता भी आए
04:40यो भी सब अच्छी चीज़ें होती है आए आप ये सब चाहते हो फिर आप एक दिन देखते हो कि आसमान गूज़रा एक रांती के नारों से
04:48आपको लगता हो दिन आ गया आपको लगता है कि अब कुछ सचमच बदलेगा कुछ नया होगा
04:58और आपकी उम्मीदें उस दिन पूरी तरह से ढह जाती है जिस दिन कोई आपको याद दिलाता है कि कि किसी ने कहा था दा, the more things change, the more they remain the same
05:12अब आप क्या करोगे
05:15जब तक हालात खराब थे
05:19तब तक आपको एक आशा थी कि किसी दिन करांती होगी
05:22और उस दिन कुछ अच्छा हो जाएगा
05:24अब तो करांती भी हो गई
05:25आप किसके भरोसे जी होगे
05:28फिर तो यही बचता है कि
05:30चलो कहीं और चलो
05:34या अगर यहां भी रहना है
05:37तो निस्तेज नाउमीद हो करके रहो
05:39और कोई बहुत योद्धा बन भी रहा हो
05:43क्रांतीवीर बन रहा हो
05:44तो उसको यही बोलो कि बेटा सबसे कुछ होना नहीं है
05:46चुपचाव अपनी जिंदगी और अपने केरियर पे ध्यान दो
05:50हमने भी बहुत करांतीयां देखी है कुछ होता नहीं है
05:52यह नेपाल नहीं हर देश की कहानी है
05:57भारत में भी करांतीयां हुई है
05:58संपून करांती
06:00जैप्रकाश नाराण को याद कर लीजिए
06:03और यह आजादी के बाद की बात है
06:06अभी 75
06:08और आजादी के पहले
06:11तो अंगिनत करांतीयां
06:13छोटे छोटे इस तर पर कुछ बहुत बड़ी वाली भी
06:181931, 1942 आप कहोगे बड़ी वाली है
06:221921
06:23और बीच बीच में न जाने कितनी छोटी छोटी छोटी
06:29कुछ उनसे आते हैं बदलाओ
06:32आप दुनिया भर में अगर देखेंगे
06:35आपको रिवॉलूशन पर रिवॉलूशन दिखाई देंगे
06:37इंगलेश, फ्रेंच, स्पेनिश, जिर्मन, अमेरिकन
06:41कुछ तो बदलाओ आते ही हैं
06:45ग्रहिद्ध आपने कहा
06:46अमरीकी ग्रहिद्ध हुआ
06:47तो उससे कुछ तो बदलाओ आया ही
06:49लिकिन कितना
06:53कितना
06:56उतने से अगर
06:57एक आदमी राजी हो जाए
06:59खासकर एक जवान आदमी राजी हो जाए
07:01तो फिर बात ही क्या है उतने से नहीं आपका
07:03पेड भरेगा
07:04सचमुच जितना
07:07बदलाओ आप चाह रहे हो
07:09उसका शतान्श भी
07:11नहीं ला पाती एक सफल क्रांती भी
07:13अभी अरब स्प्रिंग होई थी
07:16वूँ अरब देशों में थी
07:17कितना बदलाओ आ गया
07:20और
07:26राजनिता मुस्कुराते हैं
07:29तानाशाह मुस्कुराते हैं
07:32वो गहते कर लो क्रांती
07:34हम तुम्हारी मांगे
07:36कभी पूरी, कभी आंशिक
07:38मान भी लेंगे, पूरी तरह सफल
07:40करांतिया कम होती है
07:41सब करांतियों, मैं कुछ मांगे
07:44तो मानी ली जाती है, प्रत्यक्षपरोग शुरूप से
07:46तो, और यही तो
07:48करांतियों की सबसे बड़ी तो सदी है
07:50कि उपर उपर से देखो
07:52तो यही लगता है कि करांती में कुछ तो दम था, थोड़ी तो सफलता मिली, कहां मिली, क्या हुआ, क्यों नहीं मिलती, क्योंकि आप बाहरी परिवरतन पर आशाटिकाये बैठे थे, इसलिए नहीं मिलती है, आपने सोच रखा था कि आपकी बुरी हालत की जिम्मेदार ये व
08:22ना, बड़ा लुभावना लगता है कि मैं तो बढ़ी आदमी हूँ, आज मैं दुर्दशा में हूँ, तो इस सड़ी हुई ववस्था के कारण, बदल देंगे, बदल देंगे, ढहा देंगे, गिरा देंगे,
08:34वाज करो चलता है न क्या सिस्टम, सिस्टम फार देंगे, बड़ा अच्छा लगता है, उसमें एक अहंकार है, क्या मैं तो ठीक हूँ, मैं ठीक हूँ, सिस्टम खराब है, अगर आप ठीक हो,
08:54तो सिस्टम इतना खराब कैसे हो सकता था, क्या सिर्फ दोश दूसरों का है, क्या सिर्फ दोश जो कुरसी पर बैठे हैं, उनका है, बहुत सारी करांतियां, तो लोग तंत्रों में हो रही हैं, डिमोकरिसीज में हो रही है, जिनके खिलाफ करांति करने की नौबत आ रही ह�
09:24हो जिसने उन्हें चुना था
09:26तो आपकी
09:28क्रांती की गुणवत्ता भी वही होगी
09:30जो आपके वोट की थी
09:31कि नहीं
09:35बाहरी बदलाव
09:38सदा आकरशक लगता है
09:40लेकिन उसके परिणाम
09:42या तो शूनने होंगे या आन्शिक
09:44क्रांती शुरू
09:50सदा यहा होनी चाहिए
09:52सदा यहा होनी चाहिए
09:54और
09:56जितने भी
09:57सत्ता सीन लोग हैं
09:59वो यहां क्रांती शुरू नहीं होने देंगे
10:02शिक्षा वयवस्था से
10:05अध्यात्म को हटाए
10:12रख कर
10:12क्योंकि पहली मूलभूत
10:16और मौलिक क्रांती तो यही
10:17होती है खुद को जानना अपने भीतरी बंधनों को पहचानना जो आपको गुलाम
10:24बनागे रखना चाहता है वो एक काम निश्चित करेगा वो आपको कभी आपके
10:29बारे में जानने नहीं देगा न तो आपचारिक शिक्षा में स्कूल कॉलेज में और नहीं
10:38कि जो परिवार और समाज से आपको अनापचारिक शिक्षा मिलती है उसमें वहां सब बातों के लिए जगह होगी
10:46के अदि एजूकेशन ऑफ अफ � the सेथ आत्म ग्यान के लिए कोई जगह नहीं होगी
10:53क्योंकि वह पहली करांति होती है और वह करांति हो गई तो बाकी करांति यह अपने आप हो जाती है और सफाल हो जाती यह
10:58नहीं तो फिर क्रांतियां बहुत छोटे मुद्दों पर हो जाती हैं बहुत छोटे मुद्दे पिर सुलट जाते हैं
11:06उससे क्या होता है
11:11बांगलादेश अभी फिर असहज हो रहा है
11:15वहाँ भी युवाउने खूब जान दी, खूब खूब खूण बहाँ सडकों पर
11:20उनको लगा कि हमने ततकालीन प्रधान मंतरी को हटा दिया, शेक भसीना भाग गई, हम हो गया
11:26अब समय बीद गया है, साल से उपर हो गया है, वहाँ भी अब यही प्रशनचन खड़ा हो गया है, मिला क्या
11:33मिला क्या
11:35जहाँ पर क्रांतियां दबा दी जाती है, चीन ने
11:45जिन्जियांग में दबा दी, होंग कॉंग में दबा दी
11:51त्यानानमेन स्कुएर आप जानते ही हो, वहाँ हमें लगता अगर हो गई होती क्रांतिय तो कुछ हो जाता
11:57जहां क्रांतिय हो गई, वहाँ फिर हम पूछते हैं कि हो भी गई, तो क्या हो गया
12:02क्योंकि ये क्रांतियां, चाहे वो सफल हो, क्या सफल हो, सब बाहरी है
12:07इतनी बड़ी क्रांती थी रूसी क्रांती वहां फिर तानाश आया है
12:18जहार कहीं चला गया जहार कहीं चला गया वह 97 पतिशत वोट लेकर वापस आया है
12:30और जो दुनिया की सबसे अपने आपको सशक्त डिमोक्राशी कहते हैं देखो वहां पर कौन है
12:50जब भीतर बंधन हो तब बाहर आपको आजादी मिल भी जाए तो आप ऐसे लोगों को चुनोगे
13:00और आप बोलते रही है भले ही क्या रहे नहीं नहीं नहीं ये तो गलत आदमी को चुन लिया अमेरिका ने देखो भारत के साथ भी बुरा कर रहा है
13:11अप्रूवल रेटिंग्स पता है न कितनी है आँ खोश हैं लोग बड़ा सही बंधा एकदम सही वोट दिया है
13:22जब आप भीतरी तोर पर सुल्जे हुए नहीं होते गुलाम ही होते हो तो बाहरी आजादी तो बलकि भाहरी पड़ जाती है
13:36और नजाने कितने उधारण है जहां दुनिया में जहां करांतियों के बाद इस्थितियां और खराब हो गई
13:45जो करांतियों के महानायक थे वो और जबर्दस्त अत्याचारी तानाशाह निकले
13:54आप दिती विशिद्ध के बारे में पढ़िएगा
14:01वहाँ पर कई तानाशाहों का नाम आता है जर्मनी की ओर से इटली की ओर से इधर तो रूस में भी बैटे थे उधर जपान में भी उनको आप कोई लोगतांतरिक तो नहीं मानोगे
14:14आप पढ़िए आप हैरान रह जाएंगे सबको जनता का समर्थन प्राप्त था भई
14:21जब भीत्री आजादी नहीं होती तो बाहर भी आजादी का दरुपयोगी होता है
14:34लेकिन हमें ये बात सुईकारन अच्छा नहीं लगता खास कर जवानी में तो बिलकुल नहीं लगता
14:38वहीं लगता है बस सिस्टम फाड़ दो रेल जला दो
14:44ट्रेन जला दो, बस जला दो, चका जाम कर दो, मैं इस जजबे दाद देता हूँ, चलो अच्छा है किसी में ये दम तो है कि सड़क पर निकल रहा है, कुछ कर रहा है, सामने आ रहा है, बहुत अच्छी बात है, लेकि मुझे ये भी पता है कि ये सा बसफल जाना है,
15:03हमारे यूपी बिहार में तो पचास प्रतिशत से ज्यादा च्छात्र होंगे, जिन्होंने कभी न कभी किसी न किसी तरीके के जन आंदोलन में भाग लिया होगा, उसका यही मतलब होता है, हाईवे जाम कर दो, ट्रेन के सामने बैठ जाओ, कहीं किसी सरकारी दफतर में घु�
15:33नहीरा बंदी कर दो, यही सब, धरना प्रदर्शन, जंडियां ले करके, दुकानों के शटर गिरा दो, बहुतों ने किया होगा, क्या, क्या मिल गया, हसते हैं, यह सब हसते हैं, बहुत हसते हैं, जो यह सब हमारे हैं, नेता, पॉलिटीशियन, बहुत हसते हैं, कहते हैं, �
16:03कोई नया युवानेता उभरा है, कुछ भीड इसने कठा कर लिये, बहुत जजबा है, नारे लगवा रहा है, अच्छा है, अच्छा है, करने दो.
16:18क्या ते अगर ये सफल हो गया, तो धूल हो जाएगा, और अगर ये सफल हो गया, तो हमारे जैसा हो जाएगा, करने दो.
16:33कि इसकी सबसे बड़ी हार ये ओगी कि ये सफल हो जाए क्योंकि अगर ये सफल हो गया तो बिलकुल हमारी जैसा हो जाएगा करने दो
16:45कि सबसे बड़ी क्रांते होता है एक जगा हुआ आदमी
16:51क्रांते की इकाई व्यक्त है
16:57समझ रहे हैं आप ये समाज क्या चीज़ होता है समाज तो एक सिध्धान्त है
17:05समाज तो सिध्धान्त है शैतन ने एकाई तो व्यक्ति है न तो क्रांती भी व्यक्ति के इस तरपर ही संभव है
17:15व्यक्ति सब सोये हुए हैं बुझे हुए हैं और भीड कह रही है क्रांती क्रांती तो मजाख है बस और गया है
17:25मशाल की आगबाद में चाहिए पहले इधर चाहिए
17:36वास्तविक क्रांती होती है स्कूलों में कॉलेजों में
17:48कॉलेज बंद करा के नहीं नारे लगवा के नहीं कॉलेज खुलवा के
17:52क्लासरूम चलवा के वो है क्रांती जब एक योग ये शिक्षक बैठा होता है न अपने छात्रों के सामने
18:00वहाँ हो रही है क्रांती
18:02फिर चाहे वो समाथ शास्त्र पढ़ा रहा हो
18:05और चाहे विज्ञान पढ़ा रहा हो
18:07वहाँ हो रही है क्रांती
18:10इसी लिए ताना शाहों को युनिवर्स्टीज पसंद नहीं आती
18:15देखी अमेरिका में हारवर्ड का क्या चल रहा है भी
18:18क्योंकि वास्तविक क्रांति तो
18:27शिक्षा ही है
18:28दुनिया भर की शिक्षा ही नहीं
18:31बाहरी शिक्षा भी
18:32भीतरी शिक्षा भी
18:34वो है क्रांति
18:35पर उ लगती नहीं है क्रांति जैसे
18:37वहाँ तो लेगा कि हाँ तो सब बड़े
18:39अनुशासन से विवस्था से बैठे हैं
18:41और शान्त और मौन होकर सुन रहे हैं
18:44तो यह करांती थोड़ी है
18:45वही असली करांती है
18:46आत्मा का मौन उद्गोश
18:52लाखों की भीड के नारों से ज्यादा प्रबल होता है
18:57लोग कहते हैं न भारत में ज़्यादा करांतीयां क्यों नहीं हुई
19:03क्योंकि भारत उन जगहों में से है
19:08बहुत दुख की बात है
19:10बड़े अफसोस से कहना पड़ता है
19:12जहां पिछली शताब्दियों में
19:14मन को सबसे ज्यादा जकड कर रखा गया
19:17और करांती की शुरुवात तो असलिए यहां से ही होनी है
19:20जब मन को इतना बांध दोगे
19:23रूढ में माननेता में
19:25तो कौन सी करांती
19:26उसके बाद अगर कुछ तरीके के अंदोलन होंगे भी
19:33तो छोटे छोटे उद्देश्यों के लिए हो जाएंगे
19:35कोई वर्ग अंदोलन कर देगा आरक्षन होना चाहिए
19:49दूसरा वर्ग अंदोलन कर देगा आरक्षन नहीं होना चाहिए
19:52एक राज में अंदोलन होगा कि फलानी नदी का पानी रोक कर रखो
19:57दूसरे राज में अंदोलन होगा कि हमें पानी चाहिए
19:59टैक्स बढ़ा देगी सरकार तो उसके खिलाफ कुछ लोग सड़कों पर उतर आएंगे इस किस्म के अंदोलन हो जाएंगे इनसे कोई
20:11कि आम उल्चूल परियुर्टन नहीं आजाना
20:13प्रणाम आचारे जी वहां पर सोशल मीडिया बैन के बाद ये देखा जा रहा है कि युवाओं में बहुत आक्रोश है और उस आक्रोश के वजह से वहां पर पार्लियमेंट में आग लगा दी गई है जो प्राइम मिनिस्टर की वाइफ हैं उनको जिन्दा जला दिया गया औ
20:43इम्रित्यू हो गई है सुबह अभी आँख पूरी तरह खुली नहीं होती है आप सूरज की रौशनी नहीं देखते हो आप स्क्रीन की रौशनी देखते हो ठीक क्या रहा हूं किस-किस की आँख खुलती है स्क्रीन की रौशनी देखकर
20:59पक्षियों का कलर अफ पड़ता है सुबह सुबह कान में
21:07चिडियां चह चाहती है सुबह उठते हो तो
21:10या क्या आवाज आती है पहली
21:12बीप बीप बीप नोटिफिकेशन
21:17यह आता है न
21:20यह है
21:23निपाल भर की बात नहीं है
21:28यह चीज तो हर जगे की है भारत की है पूरी दुनिया की है
21:31मैं क्रांतियों
21:35का बड़ा पक्षधर हूँ मैं तो चाहता हूँ कि
21:39जबरदस्त क्रांति हो और इसके लिए मैं युवाओं का मुझ तकता हूँ कि
21:43हो क्रांति
21:44जवान लोग थे
21:48गोलियां चली है
21:52मोटर कैनन रहा है
21:54और कितनी तरीकों के काम पुलिस ने करेंगे
21:57आमतोर पर जनतंत्र में होता नहीं है
22:00कि पुलिस नागरिकों पर ही गोली चलाए
22:02इस सब हुआ है
22:05काटवांडू जलाए धुदू करके
22:09मैं बहुत अच्छे से जानता हूँ
22:13कि जो लोग सडकों पर उतर रहे हैं
22:15और जान दे रहे हैं
22:16उन्होंने उर्जा भी दिखाई है
22:17साहस भी दिखाया है
22:18लेकिन मैं चाहता हूँ कि
22:21तुम्हारा साहस और तुम्हारी जिन्दगी वेर्थन जाए
22:25खून अगर बहे तो फिर रंग भी लाए
22:32बहुत अच्छी बात है
22:36बहुत ताकत की जोश की बात है
22:39कि जवान आदमी एक सडकों पर खून बहाने को राजी है
22:43बहुत अच्छी बात है
22:44लेकिन अफसोस मुझे तब होता है
22:48जब मैं ये सारी चीज वेर्थ जाते देखता हूँ
22:50बिल्कुल सही बात है
22:55सरकार में भष्टाचार है
22:57और युवा सोशल मीडिया का उपियोग उस भष्टाचार को उजागर करने के लिए भी कर रहे थे
23:02और बिल्कुल हो सकता है कि सरकार ने जो पाबंदियां लगाई थी
23:08उनमें एक सरकार का उद्देश ये ये भी हो
23:13कि सोशल मीडिया पर जो एंटी करप्शन बातें हो रही थी
23:17उन पर बंदिश लगाई जा सके बिल्कुल हो सकता ये सब कुछ
23:22मैं ये सब बातें जानता हूँ
23:23रोज पढ़ रहा हूँ कई दिनों से ये सब चल रहा है
23:26लेकिन फिर भी मैं समझना चाहता हूँ
23:28भीतरी आजादी कहाँ है
23:32जिन राजनेताओं के खिलाफ इतना गुस्वा फूटा
23:36उनको वोट किस ने दिया था
23:39भीतरी आजादी अगर हो
23:44तो क्या हम ऐसे राजनेता चुनेंगे पहले
23:48बोलो
23:50हमारी आजादी की तो ये हालत है कि
23:56इनसान भी नहीं चाहिए हमें बंधक बनाने के लिए
24:00अल्गॉरिदम काफी होता है
24:01हमें बेडियां अब अल्गॉरिदम पहनाता है
24:08इनसान की जरूरत भी नहीं रही
24:09और AI के आने के साथ
24:14अल्गॉरिदम और ज्यादा और ज्यादा पहने होते जा रहे हैं
24:17जितना आप अपने आपको नहीं जानते उस स्यादा अल्गॉर्दम आपको जानता है
24:20वो तक तो ग्यानी हो चुका है
24:25आपको आत्मग्यान होना हो उसको आपके जहन का आपके मन का पूरा ग्यान है
24:31वो ये तक जानता है कि आप अगर दिन में लॉग इन करो
24:38तो आपकी फीड में क्या आना चाहिए? और अगर आप रात में दो बजे देखो तब क्या दिखाना है? आप देख लीजिएगा. जो सामगरी वो आपको रात में दिखाता हो दिन में नहीं दिखाएगा. जो सामगरी वो आपको किसी खास दिन पर दिखाता हो दूसरे दिनों
25:08उतरना चाहिए पर अधूरी क्रांतियां कुचल दी जाती है और खत्रा यह रहता है कि कई अधूरी क्रांतियां सफल मान ली जाती है उन्होंने जो वहाँ पर बलिदान दिया है खून बहाया है
25:26मैं सम्मान कर रहा हूं उसका पर चूं कि उन्होंने खून बहाया है इसी लिए दुख भी है मुझे कि खून बहा है तो फिर अब तुम्हारी कुर्बानी सार्थक भी तो होनी चाहिए
25:38बिलकुल हो जबरदस्त क्रांतियां हो जैसी हुई है वैसी हो उससे और ज्यादा सघन हो तेज हो प्रज्यलित हो
25:51मैं कहूं हर देश में हो बिलकुल होनी चाहिए
25:55लेकिन और ठोस आधार पर और उंचे लक्षेओं के लिए
26:12कहां है युवा जो प्रत्वी की ही आसन अकाल मृत्य को रोकने के लिए विद्रोह करने को तयार हो बताओ
26:22बोलो अमेरिका में इस समय क्लाइमेट के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा अपराद चल रहा है
26:35ओइल गैस इनके खनन के इनकी इनके रिफाइनमेंट के और फिर इनके निर्यात के लाइसेंसेज
26:53को फास्ट्रेक किया जा रहा है मने तेज गति से फॉसिल फ्यूल निकाला भी जाएगा प्रसेस भी किया जाएगा एक्सपोर्ट भी किया जाएगा और ये सब सूचना पब्लिक डोमेन में ना पहुँचे इसके लिए जितने भी इनफॉर्मेशन डिसमिनेटिंग प्रोग
27:23कर रहे हैं कोई क्रांति नहीं दिखाई दे रही क्रांतियां चाहिए पर सही मुद्दों के लिए चाहिए गहरे मुद्दों के लिए चाहिए
27:32अभी कल रात किया परसो रात की बात है वो जो फ्लाइ ओवर है
27:50नोईडा में जो सेक्टर अठारा से फोर्टिस की तरफ जाता है उस पर एक गाड़ी जल रही थी किसी ने देखा था रात के
28:02ग्यारा बजे के आसपास के समय होगा और जल रही थी भयानक जल रही थी इस कदर चल रही थी कि गाड़ी का मेक मॉडल कुछ पता नहीं चल रहा था इतना वो आग की लप्टों में घिरी हुई थी कुछ नहीं पता चल रहा था कौन सी गाड़ी दूर से और ट्रफिक जैम
28:32इसे देखने रहे थे गाडियों ओपर खड़े हो करके बना रहे कि डिवाइडर है डिवाइडर के उस पार गाड़ी जल रहे है और इस पार
28:42गाडियों के उपर
28:45खड़े हो हो करके कोई बोनट पर ऐसे
28:47चड़ा हुआ है एक तो गाड़ी के उपर ही खड़ा हुआ था
28:49चट पर वहां से बना रहे थे कि
28:50यहां से बढ़िया सीन आएगा कोई
28:52obstruction नहीं है
28:54और उसके पीछे लगाओ
29:01संसनी
29:02केज music
29:03और उसको चड़ा दो
29:06views बटोरो, likes बटोरो
29:12जो भी उससे फिर मिलता हो
29:13उन्नीस जवान मोते
29:23उनको उची से उची शद्धानजली
29:30यही हो सकती है कि संपूर्ण करांती हो
29:33वो क्रांती करने ही निकले थे
29:38क्रांती होनी चाहिए
29:39वो जब आ रही है बात
29:46गुस्सा अच्छी बात है
29:50हमें चाहिए जवानी का जुनून
29:55हमें चाहिए तमतमाय तेवर
29:59सही उद्धेशे के लिए
30:03नहीं तो जो हमें बंधन में रखते हैं वो जीट जाएंगे
30:17जीट जाएंगे एकदम जीट जाएंगे छोटा सा लक्ष दो गया अगर क्रांती को तो आग ठंडी पड़ जाएगी वो लक्ष मिल जाएगा अगर लक्ष बस यह सरकार गिरा नहीं तो सरकार गिर जाएगी
30:31सरकारें तो इतनी आती हैं चली जाती हैं अगर लक्ष बस इतना सा है कि कोई नियम बन गया है वो नियम वापस होना चाहिए तो वो नियम वापस हो जाएगा
30:43इस्थितियां लेकिन बदलेंगे नहीं पूरी तरीके से
30:47अंदरूनी आजादी चाहिए उसका मतलब यह होता है कि मुझे पता हो मेरे मन पर कबजा किसने कर रखा है
30:58मुझे पता हो कि मैं अपने ऊपर किसी को हावी नहीं होने दूँगा यहां पर
31:02यहां जो आप पर हावी होता है वो जरूरी नहीं है कि ताकत दिखाकर और डराकर ही हावी हो
31:09वो लुभाकर भी हावी होता है
31:11वो बरगला कर भी भ्रमित करके भी हावी होता है
31:16यह होती है अंदरूनी अजादी
31:18गौर से देखना कि कौन भीतरी तौर पर मुझ पर हावी है
31:23कौन चड़ा बैठा है मेरे विचारों पर मेरी माननेताओं पर
31:30कहां से आ रही है मेरी धारणाए मेरे संसकार
31:34उसको गौर से देखना और गौर से देखने मातर से ही बेडियां पिखलने लगती है
31:41हमारी नजरों में आग होती है
31:43ये होती है संपूर्ण करांते
31:50हाँ उसके बाद फिर
31:51दिखाई दे कि बाहर कोई है
31:54जो अभी भी
31:57जंजीरे ले करके खड़ा है
31:59फिर बाहर भी भिढ़ जाओ उससे
32:01पर भीतरी तोर पर अभी गुलाम हो
32:05और
32:07बाहर
32:08बंदूके तलवारे मशालें
32:11तो बात बनेगी नहीं
32:25है कि नहीं है
32:26हम
32:27छोटी चीज के लिए शोर मचाओगे
32:38तो छोटी चीज तुमको दे दी जाएगी
32:41शोर खत्म
32:42हम बुलिए
32:46मेरा नाम विशाल है
32:51मैं पेशे से पीडियाट्रिशन हूं
32:55मैं अचारी जी से करीब एक साल छे महने पहले जुड़ा हूं
32:59अचारी जी के गीता सत्रों से जुड़ने के बाद मेरे जीवन में कई सारे बदलावा हैं
33:05उन सारे बदलाव को बिस्तरे तूप से तो मैं नहीं बता सकता
33:09लेकिन हम कई बार अपना जीवन बिताते जाते हैं
33:14हमें लगता है कि हमें हमें हमारी जो परिशानिया हैं हमें हमारे जो भीतर जो चल रहा होता है
33:22जो भी सवाल उठ रहोते हैं उनके कोई सही जवाब मिलते नहीं है
33:26हमें बस कोई राज चलता है कि हां ऐस ही होता है ऐसी चलता रहा है यही तरीका है और हम उन सब बातों के बहकावे में आके अपना पूरा जीवन बिता देते हैं और फिर जब अचानक खुलती है तो हमें आछ खुलती है हमने आञ जीवन में के बहुत सारे समय ग्मा दिये और
33:56सवालों का जवाब हमें मिलता है और हमारे जीवन में थोरी स्पस्ट था आती है इस जो हमारी जो भी समस्या है जो भी बेचाइनी है उसका समाधान हमें यहीं मिलना है
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