धमतरी: छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा पंडित रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध धमतरी जिले में स्थित है. मंगलवार की शाम जलाशय की सुरक्षा और तकनीकी दृष्टि को परखने के लिए सभी 14 गेट खोले गए. इसका भव्य नजारा था. हालांकि 5 मिनट बाद ही 2 गेट को छोड़कर 12 गेट बंद भी कर दिए गए.गंगरेल डैम लबालब: भारी बारिश और कैचमेंट एरिया से आ रहे पानी से गंगरेल बांध लबालब भर गया है. 32 टीएमसी वाले बांध में 91 फीसदी पानी भर गया है. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि, इसी के चलते सभी गेट 5 मिनट के लिए खोले गए थे. हालांकि अभी भी 2 गेटों से नियंत्रित रूप से पानी रुद्री बैराज की ओर छोड़ा जा रहा है.'सेफ्टी ड्रिल' के रूप में है ये प्रक्रिया: अधिकारियों ने बताया कि यह प्रक्रिया जलाशय की आपातकालीन स्थिति में तत्परता सुनिश्चित करने के लिए की जाती है. परीक्षण के दौरान गेट संचालन की पूरी तकनीक की जांच की जाती है. देखा जाता है कि सभी उपकरण सही से काम कर रहे हैं या नहीं.समय-समय पर इस प्रकार की जांच आवश्यक है, ताकि बांध की सुरक्षा, जल प्रबंधन और निचले क्षेत्रों में पानी के वितरण की व्यवस्था सही से बनी रहे- अधिकारीगौरतलब है कि गंगरेल बांध न केवल सिंचाई और पेयजल की प्रमुख व्यवस्था से जुड़ा है, बल्कि बिजली उत्पादन और मत्स्य पालन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. विभागीय अधिकारियों ने कहा यह नियमित परीक्षण प्रक्रिया थी और जलाशय की स्थिति पूरी तरह सुरक्षित है.गंगरेल डैम के बारे में जानिए: गंगरेल बांध का एक और नाम रविशंकर बांध है. ये धमतरी जिले में स्थित है जो पर्यटकों के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. इस बांध का निर्माण महानदी पर किया गया है. एक परियोजना के तहत आसपास के क्षेत्र के लिए विद्युत का उत्पादन भी होता है. गंगरेल बांध में जल धारण क्षमता 15,000 क्यूसेक है.लबालब होकर छलका तांदुला जलाशय, सैलानियों की जुटी भीड़, जानिए क्यों है डैम खास ?सोंढूर डैम ईको पार्क बनेगा आकर्षण का केंद्र, ग्रामीणों की भागीदारी से संवरेगा पर्यटन स्थलछत्तीसगढ़ के बांधों पर मानसून मेहरबान, 11 डैम में 39 फीसदी भरा पानी, 2024 के मुकाबले बेहतर स्थिति; जानिए पूरे आंकड़े
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