"Nand" is a powerful family drama that explores the deep-rooted tensions, love, and rivalries within a traditional household. At the center of the story is the nand — a sister-in-law whose presence brings emotional storms and unspoken truths to light.
With unexpected twists, powerful performances, and realistic storytelling, "Nand" reflects the drama that unfolds behind closed doors in many families.
✨ Featuring: [Main Cast Names] 🎥 Directed by: [Director Name] 📺 A Must-Watch Serial for Drama Lovers!
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00:00इस तरहां जिन्दगी कैसे गुजरेगी राभी आज अगर समझदारी का फैसला नहीं करोगी तो सारी जिन्दगी तुम इसी तरह गुजारने पड़ेगी
00:10मैं सब बातों से निकल के अपनी जिन्दगी स्कून से शुरू करो देखो आज ही जांगीर से बात करके अपना अपार्टमेंट अरेंज कराओ और आज के बाद में तुम मुझे तभी फोन करना जब तुम अपने अलग घर में सुकून से रहना शुरू करो
00:40कर दो आज और जो आज़ा है यहले बाजी आपके दो के लालू और बाकी अब कह रहे गया है
01:09एक फाव लीमू दे दे और थोड़ा सहरा मसारा देज़ा।
01:12जी भाडी, अभी देज़ा।
01:13भाई, किलो टमाटा रो तोल दो या, बिल्दी गड़ो फटाफट।
01:16क्या कर रहे हो?
01:17क्या हुआ बाजी?
01:18क्या हुआ क्या मतलब नजर नहीं है ना हम लोग खड़े वे
01:21मुझे जल्दी है
01:22जल्दी है तो क्या मतलब हम के यहां फरागत से खड़े वे
01:24बाजी मेरे गर मेरे मेमान आये हैं इसलिए
01:26बाज सुनो
01:27तुम्हारे घर में महमान आये मैं इससे हमारा कोई कंसर्न नी है
01:30हम लोग खड़े वे न रुक जाओ थोड़ी दे
01:32ठीक है बाजी आप ही ले ले ले
01:33हाँ ले रही हूँ
01:34आइंदा कभी कोई खड़ावाओ न ते इस तरह आने की जरूरत भी एक्सियूस कर दिया करो
01:38गुस्सा क्यों कर रही है बाजी वो कोई सा बच्ची को उठाने आया था
01:41तुम खजूल बाते मत करो मेरे साथ
01:42मेरी बच्ची को उठा के जाए हाथ न तोड़ दू
01:45रखो अपना समान अपने पास
01:47चलो
01:47यह क्या बात ही भाई
01:49कहीं को खुसा कहीं निकाल देते हैं यह लोग
01:51जाओ भाई
01:53हाँ ठीक है
01:54हाँ मैं बस अभी
01:56हाँ अभी मेसेज कर रहा हूं
01:58ओके
01:58तुम को यकीन नहीं था ना नो बात पे
02:13खुद सुख
02:19बोलो सागि जो बात सच है आज कह दो अमी के सामने
02:25यह बात सच है के
02:30राभी को तलाक देने के बाद मैं बहुत गिल्ट में था
02:35बहुत पच्छावा था मुझे
02:38राभी से दोबारा रिष्टा दो चोड़ना चाहता था
02:45अर राभी
02:55जी राभी बेर से चाहते दो
02:58लड लॉूु
03:11रम्शा।
03:16रम्शा बर हट उनकर रम्शा।
03:22एक जब तेख ने कुछ बागने को इसने करने से में जिम पर रह पाऊंगी
03:40अचिक हो गुनेगार हूं तुम गुनेगार नहीं हो एक तुम एक तुम आपके हो जाएगा
03:50मेरी बज़ाते, अंकल इस दुनिया से चले गए, असन ने फर्मा को छोड़ दिया, मैं गुने का रहा हूँ
04:02हम इनके सब ठीक कर लेंगे
04:05मैं कभी उसका सामदा नहीं कर सकती
04:10मैं कैसे बज़र में लोग की तर्माती
04:13फर्वार तुम्हारी दोस्त है, दोस्तों में तो ऐसे बाते हो जाते हैं
04:18तुम प्यार महबद से सब खतम कर देंगे
04:21इज़रा इज़र बश्राइब
04:24सुनिया
04:41साकब ने अपना पूरा पूरा प्लैन साफ साफ बता दिया
04:45अब भी कुछ कहना चाहते हो
04:47इतने मर्थे इस दुनिया में
05:00प्राभी को एक मेरा इशोहर मिला था अपने मनसूबे को अमली जामा पहनाने के लिए
05:04जोड़ो मेटा
05:11मुझे और जांगीर को हमेशा उस राभी से हम देदी रही
05:25इहुने तो मुझे से जादा हमेशा उसे यहनियत दी
05:32और मैंने भी अपना दिल बढ़ा करके अपना घर बचाने के खातर अपनी जगा छोड़के हमेशा उसे दी
05:40अगर मैं बुरी थी तो मेरे साथ बुरा कर लेती राभी उसका मेरे शोहर का मान और लिहाज ही रख लेती
05:52दूए अपना गया उसे एनका जहरा होगे है
06:08मुझे बहुत अफसोस है मुझे
06:22राभी को पहचानने में मुझसे बहुत बड़ी गलती होगी
06:26क्या करें अम्मी
06:28जब सत सामने राजा तो ऐसे ही होता है
06:31एक के बड़ी से वियुटी हो एकुट हाँ
06:39से अजाँ अजा मुझसे होता है
06:41सबस्क्राइश करें गलता है
06:45पार सै राजाँ
06:51सबस्क्राइश करें वे सबस्क्राइश
06:57राजाश या राजाएश
07:00पीर साम्तों कि एटाने और संगाइज तो आपार्या गजिए, और मिले के लिए भीर।
07:12पानी पिले शबश
07:14इंसानों के जंदगे में बहुत मसलिम हो जाते हैं
07:32इसका क्या मतलबा इस थरह किया जाते हैं
07:36मुझे तुमसे इस बेवोपी क्यों मेड नहीं ते
07:40मुझे नहीं लगता क्या भसल्ण और पाग कि धर्जवा सब्याने ए सकती हैं
07:44जब तुम्हारे हो शायजव क दम्यान सब कुछ चीत हो सकते हैं
07:47तोन दोले के दम्यान क्यो नहीं हो सकते हैं
07:54महाना दोल्ण मेरा तोलेजाचीत हो साल
08:01अच्छ ठीक है
08:04मैं भी तो मुझे रोता हैं भाउ नेकसिती है
08:09यह तो मुझे से इक बाजा करे लिए
08:11अजी कोभी यह सी अजिसकत नही गरे
08:14तुम आ मेरी कसा
08:15ठीक है
08:16मेरी करूगी लेकिन
08:18तुम मुझे से वादा करो के तो मुझे दोनों की दर्मियां साभ कुछ चीक करतो गी
08:22श्रम शर्ण, मुझा नहां कुछ नहां करें गुया है
08:28सबसे ची बात तो यह है कि हम तो सरसाथ के भी हमारे साथ है
08:33I'm sorry, मुझे भात करें लोगा
08:35भी जी जी
08:52यह क्या किया तुमने साथ है
09:02क्या किया तुमने
09:04मैं क्या कहूंगी अब
09:07तुम्हे कैसे खलब थाबित करूगी
09:22अ-पड़त करूप
09:48कि बगनुवा नम्बेशी जवामा
10:18कि बगनुवाटारीच था ओरे अचाल
10:26कि बगनुवार्ण साथ
10:37कि बगनुवाटारीच रगना
10:40कि बगनारीचियल
10:44झाल झाल
11:14हेलो
11:16साकिब
11:18इतनी देर से फोन मिला रही हूँ फोन क्यों उठा रहे रहे तूं
11:21क्या हो रहा है वहाँ
11:23आप बोलें क्या कहना है
11:25अच्छा सुनो
11:26जहांगीर की माने उसे सब कुछ बता दिया है जो तुमने कहा दिया
11:30तो क्या करूँ मैं
11:33जहांगीर बहुत गुसे में और परिशान होका घर से निकला है
11:37मुझे लगना वो तुम्हारे पास आएगा
11:39मैं उसका कोई सामना नहीं करना चाहता है
11:43और आप
11:45आप अपने घर के मामलात अपने आप तक रखें
11:48साकिब
11:50आप अपने अच्छा बुरा समझती है आपी
11:57तो दिल चाहे करें
11:59आपका मसला है
12:01तुदी संबाले है
12:03साकिब
12:05साकिब बस बस आखरी बार आखरी बार जहांगीर को कह दो कि
12:11जो कुछ तुमने कहा ता वही सच है
12:13अभी मेरा दिमाग मत खराब करो आपी
12:16मैं पहली बहुत पलेशान है
12:34यह क्या कह जा है साकिब
12:37मेरी सारी मेहनत पर पानी तेंदेगा
12:39मेरा सारा खेल बगार देगा
12:41इस वक्त तो सिर्फ जहांगीर को यकिन दिलाना जूरूरी है
12:45तो सिर्फ निग जांगीर किया
12:46मामा आज अप यह क्या किया आए
12:51मामा, आज आपने ही क्या किया है?
13:15कुछ नहीं किया
13:16मामा, आपने कभी भी किसी के साथ लड़ाई ने कि और आहीं आपने किसी के साथ घुषा किया
13:24तो फिर आज की?
13:27देखो बेटा, मुझे भी अच्छा नी लगता जा कि इस तरह बाहर जाके किसी पर घुषा करो
13:35या किसी से लढू
13:38बपनी मेमा हाज आपने क्यों किया?
13:46मामा वे जंदी में प्रेला उन्टे से में महमान आले थे
13:51क्या है मामा
13:57देखो बेटा मैं बस यह चाहती हूं कि ना आपसे जो भी कहों आपको जो भी समझाओ आप बिल्कुल वैसे ही करों शीक है
14:12आपसे कोई बलती नहीं हूए बस हम जब भी कहीं बाहर जाते हैं किसी भी शौक पर जाते हैं तो कोई भी स्ट्रेंजर आपके इस तरह करीब आके खड़ा नहीं हो सकता चीक है
14:32आपके इतना करीब सिर्फ आपकी ममा सकते हैं सही है जब भी हम बाहर जाएंगे हमें दूसरों से इस्टेंस मेंटेंग करना होगा चीक है याद रखोंगी मेरी बार
14:50याद राना शेक्टिय और याद भी आपने दो नहीं बना कर नाटी को आंटी कुछ खा लीचे अच्छ ने कहाना अच्छ
15:12जबनाग करें पिर उसके बाद अबको मेडिसन भी लेने हैं जआना कुछ ने कहाना एसे करेंगी तो कुछ ने कहना एसे इसे एकर तो
15:20तो आपकी तबे ठीक होने के बज़ाए खराब हो जाएगी
15:23कुछ नहीं होगा मज़े
15:26मरने ही जाओंगे मैं
15:28अगर फ़र्बा ऐसी बाते करने लगे तो आपके दिल पर क्या घुज़ेगी
15:31अल्ला ना करे
15:33मैं मेरी बेटी को लंबी इसे लगे
15:35ठीरो खुशियत
15:36उसकी तक्नीफ कर सुनके आपके दिल पर क्या घुज़ेगी
15:39आप यह क्यों नहीं सोचती कि आपकी हालत दे कि उसके दिल पर क्या घुज़ेगी
15:42उसे सभादो अफशा
15:46आपकी मुझ से जादर उससे आपकी जिरुगत है
15:49उससे आपके साथ की जिरुगत है
15:52आप यहां पर तकलीक में हैं जो वहां पर है अच्छा आप रुखे मैं उसको ले किया थे हैं लेकिन आपको एकमित सर्फ पामस करना पहेगी आप उसके सामने बिल्कुल भी नहीं रोएंगे असबूत रहेंगे
16:06मैंने डोके जिक्छा मेरे किया थे हैं
16:22हाँ
16:38सोया है नसीबा रवा ऐसी है जिदाई वे
16:57आग सुलगती ही रहती है मैं अंदर
17:15खाली अक्षियां क्या देखें जाल बुज़कर
17:39वा क्या है राभी तुम रोग क्यों रही हो
17:42भावी आज वो हुआ है जो मैं और आप कभी नहीं सोच सकते हैं
17:49को बहुत बड़ी चाल चल गए ना गोहर
17:53बहुत बड़ी भावी मैं तो आपको बता भी नहीं सकती है
17:59जहांगीर का है जहांगीर तो बहुत घुस्ते में घर से निकर कर गए
18:07और मुझे अब कुछ समझ नहीं हा रहा
18:09राभी, देखो, पहले तु मुझे बताओ, पूरी बात हुआ क्या है
18:17मेरा इस करभी रहना बहुत मुश्किल है, मेरा दम को ट्राइ बाभी
18:22मैं यहां एक मिनट भी नहीं रह सकती
18:25मैं बस आपके पास आ रही हूँ
18:27एक सिकंड राभी
18:28देखो, खुछ समझ के फैसला करो
18:33ऐसा नहीं हो कि घर से निकलना तु मैं फैसला तुम्हारे खनद साबित हो राभी
18:42यहां रहूंगी तो हमेशा शमिन्दा रहूंगी भाभी
18:45खुद को कभी सही थाबित नहीं कर सकती मैं
18:49मुझे अपनी दामिन पर लगे दाख को धूना है
18:53मैं न देख्यू फले बादा उम्रादा रोणा
19:02किसमत मेरी फल्पों में है आसो पिरोणा
19:12में सुद हो गई जिंद्री अपनी दरदा दिवारे
19:22एक ही जैसा लागे अब तो होना न होना
19:32हल में अकेली हो गई दुखादी सगली हो गई
19:45तुम ही आउंती के जीने की वज़ा हो तुम हिम्मत हाओ जोगी तो वे खुद को पिस तरह से संभालेंगे
19:55मैं जानती हुआ तुम हो बहुत ज्यादा दुख है लेकिन मैं ये भी जानती हुआ तुम बहुत मस्बेट है
20:05शायदी थे लिए भी नहीं दुखिया है
20:09तुखिया है आउंती हो तुम्हारी बाते सुनी तो वे तुम से पहले तूट जाएंगी
20:17उनकी खातर खुद को संभाए उन्हें तुम्हारी ज़रूरत है
20:22जाकर भी खुशिश करके भी एक बार में बुट पारी
20:32क्या नहीं कह पारी
20:34आउंती है
20:41जिल्दगी और मौत अगला के हाथ मुट
20:44अल्दधाला के फैसलों में हम कोई दखल अंदाजी नहीं कर सकते
20:50चा बस
20:52कोई गलत बात सोच के अपना आपको क्यों अजोड दे रही है
20:58मुट तुम्हारी फितन रहती है
21:05मुट मेरी फितन रहती है
21:09मुट यह कुछ
21:12मुट को भी संगाल लुए और मौं को
21:18मुट तुम्साइस ही मुट
21:22kadlu
21:36अपने मेरा बाच आपके
21:39तो मोझ एध растाब
21:42आपके मेरा बाच थी
21:48कि दुम्हारी प्रишक के रहता है
21:50हेलो जहांगीर जहांगीर राभी कहीं जा रही है
22:00बन गया कहा हूं
22:20मैं जाने कि असने बहुत गलत किया यह जिस बारे में कुई बात ने कुई बात ने कुई
22:41चैसे तुम्हारी मरसुप
22:47मुझे उसके साथ कभी मत खड़ा करना अपने घर के दवासे कभी मरे लिए मत बन करना है
23:00चैसे मेरे जोगत हैं मैं हासर है अपना वांटी का बहुत ख्याल दो
23:09अपना वांटी का यह जोगत हैं
23:14बहुत खंपना हैं
23:19आपना आपना वांटी का वांटी का बात वांटी का लिए
23:22मैं अपना मैं हैं
23:27कर दो कर दो कर दो
23:57कर दो कर दो कर दो कर दो
24:27कर दो कर दो
24:41पाट चाकर भी हमारे साथ है, यह नहीं है, उनकी बात हैं, उनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगे,
25:06हम उनकी यादों के साहरे जीएंगे, बिठा, अस्सलाम अलेकुम, अलेकुम, सबसे पहले तो मुझे बता है, आप लोगने कुछ खाने खाया है, नहीं है, यह तो बहुत अची बात है, मैंने भी नहीं खाया, तो हम कुछ खाये, सुबा से प्रेट में चुए दवरणे हैं,
25:36सही, तुमने खाना खाया, नहीं मैंने नहीं खाया, मैं अप लोगों के साथ खाऊंगे, वाव, यह तो काफी वफादार है भाई, सही, जाओ जाके आराम से खाना खाऊ, जे, चले माँ, हम भी खाने खाने के, चले,
26:06जांगीरा, प्लीज मेरी बात के यकीन करें, मैंने आपका भरोसा नहीं तोड़ा, लेकिन ये तो नहीं कर सकता, मैं तुमने मेरा, लेकिन ये सब कुछ जूत है, पहरे जब भी तुमारे खिलाफ कोई बात करता, हम एक एदा ता छूत है,
26:36अपनी मा की बात पर यकीन नहीं किया है, तुम्हारे लिए इनके खिलाफ खड़ा हुआ है, और आज तुमने मुझे इनके सामने ही जूटा कर दिया, अम्मी, आज मैं खुद तुम्हें अम्मी कहने की जास्त नहीं दूए, लेकिन मैंने तो हमेशा अपको अपनी अम्मी स
27:06तुम्हें के संजो मा का रूप होता क्या है? अरे मा अपने बच्चे की जिद्गी खातिर अपने आपको मार देती है, सारी अजियात है, घुझ जिरती है, बच्चे पराशनी आने देती, जैसे गहर है, गहर यह सब कुछ आपकी वज़ा से हो रहा है, गहर, यह सारे कुछ
27:36अगर गौर्डिंग एहम नहीं है जो बात कही गई है वो एहम है अगर गौर मुझे थबूत ना देती तो मैं तो यही समझता है यह जूट बोल रही है तुम्हारे साथ कड़ा रहता है तो आखरी बार मेना साथ दे देना है पूछें साकिब से क्या सचा है यह आपको बताए
28:06थो मुझे जाने दें मैं खूच जा कर पूश्टी हैं पाकिब से यहां लेकर आउँगी आपनेों के सामने सच कहेंगे वो ताहिने जाओ में जाओ तरहीन जाओं
28:25चलो मैरे साथ जो
28:36जांगी, जांगे छोड़े कि रहा हूँ!
28:38जालो मेरे साथ!
28:39जांगे छोड़े कि रहा हूँ!
28:59यहार होगी तुम अप
29:01सोया है नसीबा रवा
29:06ऐसी है जुदाई वे
29:15सांसे भी पराई बोला
29:19जिन्द भी पराई वे
29:24खल में अकेली हो गई
29:32दुपनी सलेली हो गई
29:38अपके मक्लूबा नंबर से जवाब मौथूल नहीं हो रहा
29:48वराई महरबानी कुछ देर बाद कोशिश की
29:51कर मौबा
30:06कर दो
30:09कर दो
30:11कर दो
30:16कर दो
30:19कर दो
30:20ममा तो पुझान अभी तक नहीं आई है कब आएंगी वो
30:25आजाएंगी थोड़ी दिर में बिटा अब कब से बोल रही है अब आजाएंगी अब आजाएंगी वो अभी तक नहीं आई है
30:31उन्हें फोन करें उन्हें बोलें जल्दी से घर पर आएं
30:34रख किया है मैंने फून हूँ
30:37क्या हूँ ममा
30:41स्विश्ट आफ है
30:44अब परिशान में तो भी थोड़ दिर में आजेगे
30:50नहीं मैं अब जहांगीर की तरफ से परिशान नहीं
31:02वो अब कमजोर नहीं रहा उसको सचाईयों का मकाबला करना
31:07और उनके सामने डेटकर खड़ा होना आ गया है
31:09यह सरी मौका है
31:16प्राश अमीर हसन भी मजबूत हो जाए
31:21इस पदर अजियत में मुब्तिला है वो अपनी बेवी की वज़ा से
31:25आस अल्ला करें कि जो सचाई हो वो खुलकर हसन के सामने आ जाए
31:29दोनों में दोस्ती भी तो बहुत है साथ पढ़ते थे दोनों
31:36मैंने देखा तो था कि वो फर्वा का हाथ पकड़कर तसलियां दे रहा था उसे
31:40अब जो भी सचाई है उसको क्लेर करने में तुम हसन की मदद करना
31:50जी अमीर मेरी तो पूरी पोश्चिश है कि सारी सचाई हसन के सामने है
31:57मैंने देख़ आते हैं कि चाई रही कि भी पतानी क्या हो गया है आज के लिए क्यों
32:13परसल्ला ने एक हिदायत दे उने है
32:27देख़ो असन निया बीवी के दर्मियान अकसर खलत है मिया पैदा हो जाए
32:48लेकिन मिल बैट कर बात को क्लेर किया जा सकता है
32:52हमारे रिष्टे में वे इस चीज़ की कोई गुझाईश नहीं रही
32:58बागलपन वाली बाते मत पर रहा से
33:02आपको मेरी बाते मेरा बागलपन क्यों लग रही है
33:06क्योंकि तुम सच्चाई जानने की कोशिश नहीं कर रहा
33:09और मैं जान चुका हूँ
33:16शाजेब और फर्वा के दर्मियान उसी कोई पाता है
33:25यकिनन आपको यह बात फर्वा ने कही होगी
33:31शाजेब
33:37और आपने उसका यकीन कर लिया
33:42उसका नहीं
33:45उसके चेहरे की मस्पूती और
33:49उसके आँखों की सच्चाई का यकीन की
33:53मैं नहीं मानता
33:59एक बार मेरे कहने पर तुम शाजेब से मिल लो
34:03अगर उसकी आँखों में तुम्हे वो सच्चाई ना नज़र आए
34:08तुम अप यकिन कर लो
34:10मुझे उससे मिलकर अपना टाइम वेस्ट नहीं करना है
34:18तुम में लो में एक ब लुम युम्हे इाएम
34:28इससे उड़र कि लो
34:29इससाई प्रोर्भ यहीं कर दो
34:31उसक्षिए इस शवार यहीं कर दो
34:34यहीं कर दो
34:37हम जो कर दो
34:47हसन, मुझे तुमसे बहुत जरूरी बात करने है
34:57जी आपी, बोलिए
34:59हद हो गई है तुम्हारी बीवी की बिगहरती की
35:02बात क्या है वो बताएं
35:04जहांगीर और उसकी माँ फर्वा के घर ताजियत करने गए थे
35:08जब मुझे फर्वा से कोई तालुक रखना ही नहीं है तो जहांगीर भई वहां क्या करने गए थे
35:13अरे मेरी कौन सुनता है, सब अपने अपनी मर्जी करते है
35:17पहराल, तुम मेरी बात गोर से सुनो
35:20मुझे लगता है कि फर्वा बेगम को अपने बात के मर्ने का जरा भी अफसोस नहीं
35:25असन, तुम शायद मालूम नहीं है
35:29शाहजेब 24 घंटे फर्वा के या रह रहा है
35:33जहांगीर, जहांगीर की मौ और रावी
35:38सब के सामने फर्वा का हाथ पकड़के उसे जुलासे दे रहा था
35:42और तुमारी बीवी, उसे इतना भी ख्याल नहीं है
35:46कि नंद के सुस्राल वालों के सामने कुछ ख्याल कर ले
35:49बड़ी धीट और बहया लड़के
35:54इस मौकर पर भी उसे दुनिया वालों की कोई फिकर नहीं है
35:57अल्ला करें हसना अब छोड़ी देश को ह्याल लड़के
36:24हासन
36:26� Χासन
36:28मुझा पर शारी बातों से परदा खुद उट जाएगा
36:55सच यह है कि
36:57साकिप के तलाग देने के बावजूद भी रावी और साकिप अभी एक दूसरे से बिलते है
37:03यह बात सच है कि रावी से दुबारा रिश्टा दें क्यों ना चाहता था
37:17और रावी जी रावी भी ऐसा ही चाहते थे
37:24इतने मर्टे इस दुनिया में रावी को एक बेड़ा ही शोहर मिला था अपने मनसूबे को अमली जामा पहनाने के लिए
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