आरएसएस यानि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हिंदू राष्ट्र का अर्थ बताया है...मोहन भागवत के मुताबिक, हिंदू राष्ट्र का सत्ता से कोई मतलब नहीं. उसमें पंथ, संप्रदाय, भाषा कुछ भी नहीं, प्रजा में कोई भेद नहीं और न्याय सबके लिए समान हैं। भागवत ने आजादी से पहले के वक्त को याद करते हुए ये भी कहा कि तब क्रांतिकारियों की एक और लहर आई थी। सावरकर उस लहर के एक रत्न थे...पर वो लहर अब मौजूद नहीं है। मोहन भागवत के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
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